यूपी में फलों-सब्जियों की खेती से खुशहाल होंगे किसान, योगी सरकार ने बनाया है ये खास प्लान

यूपी में फलों-सब्जियों की खेती से खुशहाल होंगे किसान, योगी सरकार ने बनाया है ये खास प्लान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को फायदेमंद बनाने के लिए योगी सरकार ने बागवानी फसलों की खेती को विस्तार देने का बड़ा खाका तैयार किया है. सरकार का उद्देश्य है कि किसान फलों और सब्जियों की खेती से खुशहाल हों और परंपरागत फसलों पर निर्भरता कम हो. इसके लिए सरकार न केवल रकबा और उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, बल्कि गुणवत्ता, प्रोसेसिंग और संरक्षित खेती के जरिए फसलों को मूल्य संवर्धन भी दे रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने 2022 से 2027 के बीच बागवानी फसलों के क्षेत्रफल को 11.6% से बढ़ाकर 16% तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. इसी तरह, प्रोसेसिंग की क्षमता को 6% से बढ़ाकर 20% करने की योजना है. इसके लिए 11,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है, जिससे मेगा प्रोसेसिंग यूनिटों को बढ़ावा मिलेगा.<br />&nbsp;<br /><strong>हर जिले में बनेंगे दो-दो सेंटर फॉर एक्सीलेंस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फलों और सब्जियों की उन्नत खेती के लिए योगी सरकार हर जिले में दो-दो &lsquo;सेंटर फॉर एक्सीलेंस&rsquo; स्थापित कर रही है. इन केंद्रों में इजराइल और नीदरलैंड की तकनीक से किसानों को उन्नत पौधे और वैज्ञानिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन केंद्रों से किसानों को बीमारियों से मुक्त, उच्च उत्पादकता वाली पौध सामग्री मिलेगी. साथ ही, बेहतर सिंचाई के लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कम पानी में अधिक उपज संभव हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संरक्षित खेती पर विशेष जोर, पॉलीहाउस/शेडनेट को प्रोत्साहन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार संरक्षित खेती जैसे पॉलीहाउस और शेडनेट को भी तेजी से बढ़ावा दे रही है, जिससे बेमौसम फसलों की भी खेती हो सके. नियंत्रित तापमान और नमी में खेती करने से उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है और किसानों को बेहतर दाम भी मिलते हैं. सरकार ने 500 हेक्टेयर में संरक्षित खेती के विस्तार का लक्ष्य रखा है, जिस पर किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कृषि विविधीकरण के लिए प्रशिक्षण, दो लाख किसानों को मिलेगा लाभ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>धान और गेहूं की एकल फसल से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए योगी सरकार कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है. किसानों को मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, फल-सब्जी उत्पादन जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक दो लाख दस हजार किसानों को ट्रेनिंग दी जाए.<br />&nbsp;<br /><strong>देश में सबसे आगे है यूपी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश पहले से ही आम, अमरूद, आंवला, आलू, मटर और गोभी वर्ग की सब्जियों के उत्पादन में देश में नंबर वन है. अब सरकार की योजना है कि तकनीक, सिंचाई और संरक्षित खेती के जरिए बाकी फसलों की उत्पादकता भी बढ़ाई जाए. इस पूरी योजना के केंद्र में किसान हैं, ताकि उन्हें अधिक मुनाफा, बेहतर बाजार और स्थायी आमदनी मिल सके.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को फायदेमंद बनाने के लिए योगी सरकार ने बागवानी फसलों की खेती को विस्तार देने का बड़ा खाका तैयार किया है. सरकार का उद्देश्य है कि किसान फलों और सब्जियों की खेती से खुशहाल हों और परंपरागत फसलों पर निर्भरता कम हो. इसके लिए सरकार न केवल रकबा और उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, बल्कि गुणवत्ता, प्रोसेसिंग और संरक्षित खेती के जरिए फसलों को मूल्य संवर्धन भी दे रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने 2022 से 2027 के बीच बागवानी फसलों के क्षेत्रफल को 11.6% से बढ़ाकर 16% तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. इसी तरह, प्रोसेसिंग की क्षमता को 6% से बढ़ाकर 20% करने की योजना है. इसके लिए 11,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है, जिससे मेगा प्रोसेसिंग यूनिटों को बढ़ावा मिलेगा.<br />&nbsp;<br /><strong>हर जिले में बनेंगे दो-दो सेंटर फॉर एक्सीलेंस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फलों और सब्जियों की उन्नत खेती के लिए योगी सरकार हर जिले में दो-दो &lsquo;सेंटर फॉर एक्सीलेंस&rsquo; स्थापित कर रही है. इन केंद्रों में इजराइल और नीदरलैंड की तकनीक से किसानों को उन्नत पौधे और वैज्ञानिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन केंद्रों से किसानों को बीमारियों से मुक्त, उच्च उत्पादकता वाली पौध सामग्री मिलेगी. साथ ही, बेहतर सिंचाई के लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कम पानी में अधिक उपज संभव हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संरक्षित खेती पर विशेष जोर, पॉलीहाउस/शेडनेट को प्रोत्साहन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार संरक्षित खेती जैसे पॉलीहाउस और शेडनेट को भी तेजी से बढ़ावा दे रही है, जिससे बेमौसम फसलों की भी खेती हो सके. नियंत्रित तापमान और नमी में खेती करने से उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है और किसानों को बेहतर दाम भी मिलते हैं. सरकार ने 500 हेक्टेयर में संरक्षित खेती के विस्तार का लक्ष्य रखा है, जिस पर किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कृषि विविधीकरण के लिए प्रशिक्षण, दो लाख किसानों को मिलेगा लाभ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>धान और गेहूं की एकल फसल से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए योगी सरकार कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है. किसानों को मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, फल-सब्जी उत्पादन जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक दो लाख दस हजार किसानों को ट्रेनिंग दी जाए.<br />&nbsp;<br /><strong>देश में सबसे आगे है यूपी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश पहले से ही आम, अमरूद, आंवला, आलू, मटर और गोभी वर्ग की सब्जियों के उत्पादन में देश में नंबर वन है. अब सरकार की योजना है कि तकनीक, सिंचाई और संरक्षित खेती के जरिए बाकी फसलों की उत्पादकता भी बढ़ाई जाए. इस पूरी योजना के केंद्र में किसान हैं, ताकि उन्हें अधिक मुनाफा, बेहतर बाजार और स्थायी आमदनी मिल सके.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ‘मेरे पति की दूसरी शादी रुकवा दीजिए, मुझे इंसाफ दिलाएं’, कराची की महिला ने PM Modi से लगाई गुहार