<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश में अब पहले की तुलना में माँ और नवजात शिशुओं की जिंदगियां ज्याद सुरक्षित हो रही हैं. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जो लगातार काम किया है, उसका असर अब साफ नजर आने लगा है. हाल ही में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (SRS) 2019-21 की रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर (MMR) में पहले के मुकाबले अच्छी गिरावट दर्ज की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट के मुताबिक, पहले जहां 1 लाख डिलीवरी पर 167 माताओं की मौत होती थी, अब यह संख्या घटकर 151 रह गई है. नवजात मृत्यु दर (NNMR) में भी सुधार हुआ है, यह 28 से घटकर 26 हो गई है. शिशु मृत्यु दर (IMR) भी 38 से घटकर 37 हो गई है. इसके साथ ही लिंगानुपात भी बढ़ा है – 2020 में 908 था, जो अब 912 हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोई माँ न मरे, यही है सरकार की कोशिश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि सरकार की कोशिश यही है कि कोई भी माँ बच्चे को जन्म देते वक्त अपनी जान न गंवाए. इसके लिए गर्भवती महिलाओं की समय से जांच, इलाज और अस्पताल में सुरक्षित डिलीवरी को बढ़ावा दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम, आशा बहुएं, एएनएम और डॉक्टरों ने गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गर्भवती महिलाओं की समय से जांच और इलाज का असर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने तय किया है कि हर गर्भवती महिला का समय से रजिस्ट्रेशन हो, कम से कम 4 बार उसकी जांच हो और अगर कोई खतरा हो तो उसे पहले ही पहचानकर इलाज दिया जाए. ज़रूरत पड़ने पर महिला को फौरन बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता है. इसके लिए 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाएं भी पूरी तरह सक्रिय हैं.<br /> <br /><strong>अस्पतालों में सुधार और नई सुविधाएं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश के जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में अब चौबीसों घंटे प्रसव की सुविधा, प्रशिक्षित डॉक्टर, ब्लड स्टोरेज यूनिट और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके अलावा लक्ष्य और मुस्कान जैसी योजनाओं के तहत अस्पतालों को अच्छे काम के लिए सर्टिफिकेट भी मिल रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बच्चों के लिए खास यूनिट, गांव तक पहुंची सेवाएं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने नवजात बच्चों के इलाज के लिए CHC और जिला अस्पतालों में स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट (SNCU) बनाई हैं. इन यूनिटों में गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जाता है. इससे अब ज्यादा बच्चों की जान बच रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार की प्राथमिकता है माँ और बच्चे की सुरक्षा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार लगातार यह कहती रही है कि माँ और बच्चे की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है. गाँव से लेकर शहर तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है. यही वजह है कि अब यूपी में माताओं और बच्चों की सेहत में बड़ा सुधार देखा जा रहा है, जो एक सकारात्मक संकेत है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश में अब पहले की तुलना में माँ और नवजात शिशुओं की जिंदगियां ज्याद सुरक्षित हो रही हैं. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जो लगातार काम किया है, उसका असर अब साफ नजर आने लगा है. हाल ही में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (SRS) 2019-21 की रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर (MMR) में पहले के मुकाबले अच्छी गिरावट दर्ज की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट के मुताबिक, पहले जहां 1 लाख डिलीवरी पर 167 माताओं की मौत होती थी, अब यह संख्या घटकर 151 रह गई है. नवजात मृत्यु दर (NNMR) में भी सुधार हुआ है, यह 28 से घटकर 26 हो गई है. शिशु मृत्यु दर (IMR) भी 38 से घटकर 37 हो गई है. इसके साथ ही लिंगानुपात भी बढ़ा है – 2020 में 908 था, जो अब 912 हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोई माँ न मरे, यही है सरकार की कोशिश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि सरकार की कोशिश यही है कि कोई भी माँ बच्चे को जन्म देते वक्त अपनी जान न गंवाए. इसके लिए गर्भवती महिलाओं की समय से जांच, इलाज और अस्पताल में सुरक्षित डिलीवरी को बढ़ावा दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम, आशा बहुएं, एएनएम और डॉक्टरों ने गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गर्भवती महिलाओं की समय से जांच और इलाज का असर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने तय किया है कि हर गर्भवती महिला का समय से रजिस्ट्रेशन हो, कम से कम 4 बार उसकी जांच हो और अगर कोई खतरा हो तो उसे पहले ही पहचानकर इलाज दिया जाए. ज़रूरत पड़ने पर महिला को फौरन बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता है. इसके लिए 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाएं भी पूरी तरह सक्रिय हैं.<br /> <br /><strong>अस्पतालों में सुधार और नई सुविधाएं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश के जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में अब चौबीसों घंटे प्रसव की सुविधा, प्रशिक्षित डॉक्टर, ब्लड स्टोरेज यूनिट और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके अलावा लक्ष्य और मुस्कान जैसी योजनाओं के तहत अस्पतालों को अच्छे काम के लिए सर्टिफिकेट भी मिल रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बच्चों के लिए खास यूनिट, गांव तक पहुंची सेवाएं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने नवजात बच्चों के इलाज के लिए CHC और जिला अस्पतालों में स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट (SNCU) बनाई हैं. इन यूनिटों में गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जाता है. इससे अब ज्यादा बच्चों की जान बच रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार की प्राथमिकता है माँ और बच्चे की सुरक्षा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार लगातार यह कहती रही है कि माँ और बच्चे की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है. गाँव से लेकर शहर तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है. यही वजह है कि अब यूपी में माताओं और बच्चों की सेहत में बड़ा सुधार देखा जा रहा है, जो एक सकारात्मक संकेत है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति बताने पर रामगोपाल यादव पर कैलाश विजयवर्गीय बोले, ‘कुछ लोग…’
यूपी में योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई गिरावट, शिशु स्वास्थ्य में भी दिखा सुधार
