यूपी में सियासी विवाद की वजह बन सकता है कांग्रेस का यह फैसला! इसलिए उठ रहे सवाल

यूपी में सियासी विवाद की वजह बन सकता है कांग्रेस का यह फैसला! इसलिए उठ रहे सवाल

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को यूपी में जिला और शहर अध्यक्षों की नई सूची जारी कर दी है. पार्टी ने नेहरू गांधी परिवार के पैतृक जिले प्रयागराज में तीन अध्यक्ष बनाए हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन सांसद प्रियंका वाड्रा के पूर्वजों की नगरी प्रयागराज में पार्टी ने महानगर के अलावा गंगापार और यमुनापार के लिए अलग-अलग जिला अध्यक्ष नियुक्त किए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>गुरुवार रात जारी हुई सूची में प्रयागराज महानगर कांग्रेस कमेटी की जिम्मेदारी पार्टी के पुराने नेता फ़ुजैल हाशमी को सौंपी गई है. उन्हें प्रदीप मिश्र अंशुमन की जगह अध्यक्ष बनाया गया है. फ़ुजैल हाशमी को राज्यसभा में विपक्ष के डेप्युटी लीडर प्रमोद तिवारी का करीबी माना जाता है.गंगापार में अशफाक अहमद जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. अशफाक अहमद का नाम चौंकाने वाला है. चार महीने पहले तक गंगापार के अध्यक्ष रहे सुरेश यादव को फूलपुर उपचुनाव में बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के बाद पहले पद से हटाया गया था, फिर पार्टी से ही निकाल दिया गया था. AICC सदस्य अशफाक अहमद पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह के खेमे के हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-congress-handed-over-command-to-raghavendra-and-rajeshwar-for-2027-election-in-varanasi-ann-2908651″><strong>UP Politics: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ने 2027 के लिए इनको सौंपी कमान, फिर भी सफर नहीं आसान!</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने इसके साथ ही यमुनापार में अशोक पटेल को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है. अशोक पटेल इलाहाबाद सीट से पार्टी के सांसद उज्जवल रमण सिंह के बेहद नजदीकी माने जाते हैं. उज्जवल रमण ने सियासी समीकरण साधने के नजरिए से अशोक पटेल को अध्यक्ष बनवाया है. अशोक पटेल को अरुण तिवारी की जगह अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से</strong><br />कांग्रेस पार्टी ने इस तरह राहुल और प्रियंका के पूर्वजों की नगरी में तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से दिए हैं, जबकि एक अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से बनाया है. पार्टी ने सवर्ण वर्ग से एक भी अध्यक्ष नहीं बनाया है, जबकि वर्तमान कमेटी में तीन में से दो अध्यक्ष ब्राह्मण समुदाय के थे. मुस्लिम समुदाय से एक भी अध्यक्ष नहीं था. महाकुंभ की नगरी में तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से घोषित कर कांग्रेस पार्टी ने अपना सियासी संदेश जारी कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने जिला और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की है. सूची में एक खास बात यह भी है कि पार्टी ने प्रयागराज की जगह उसका पुराना नाम इलाहाबाद ही लिखा है. यूपी की योगी सरकार ने साल 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था. केंद्र सरकार भी इलाहाबाद रेलवे स्टेशन को प्रयागराज घोषित कर चुकी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी सूची में सभी जगहों पर प्रयागराज की जगह इलाहाबाद लिखा जाना कई सवाल खड़े करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कहा जा सकता है कि प्रयागराज में तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय का होना, ब्राह्मण वर्ग को पूरी तरह नजरअंदाज करना और प्रयागराज की जगह लिस्ट में इलाहाबाद लिखना आने वाले दिनों में विवाद का सबब बन सकता है. राहुल गांधी और उनके परिवार का कोई भी सदस्य <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में संगम स्नान के लिए नहीं आया था.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को यूपी में जिला और शहर अध्यक्षों की नई सूची जारी कर दी है. पार्टी ने नेहरू गांधी परिवार के पैतृक जिले प्रयागराज में तीन अध्यक्ष बनाए हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन सांसद प्रियंका वाड्रा के पूर्वजों की नगरी प्रयागराज में पार्टी ने महानगर के अलावा गंगापार और यमुनापार के लिए अलग-अलग जिला अध्यक्ष नियुक्त किए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>गुरुवार रात जारी हुई सूची में प्रयागराज महानगर कांग्रेस कमेटी की जिम्मेदारी पार्टी के पुराने नेता फ़ुजैल हाशमी को सौंपी गई है. उन्हें प्रदीप मिश्र अंशुमन की जगह अध्यक्ष बनाया गया है. फ़ुजैल हाशमी को राज्यसभा में विपक्ष के डेप्युटी लीडर प्रमोद तिवारी का करीबी माना जाता है.गंगापार में अशफाक अहमद जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. अशफाक अहमद का नाम चौंकाने वाला है. चार महीने पहले तक गंगापार के अध्यक्ष रहे सुरेश यादव को फूलपुर उपचुनाव में बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के बाद पहले पद से हटाया गया था, फिर पार्टी से ही निकाल दिया गया था. AICC सदस्य अशफाक अहमद पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह के खेमे के हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-congress-handed-over-command-to-raghavendra-and-rajeshwar-for-2027-election-in-varanasi-ann-2908651″><strong>UP Politics: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ने 2027 के लिए इनको सौंपी कमान, फिर भी सफर नहीं आसान!</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने इसके साथ ही यमुनापार में अशोक पटेल को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है. अशोक पटेल इलाहाबाद सीट से पार्टी के सांसद उज्जवल रमण सिंह के बेहद नजदीकी माने जाते हैं. उज्जवल रमण ने सियासी समीकरण साधने के नजरिए से अशोक पटेल को अध्यक्ष बनवाया है. अशोक पटेल को अरुण तिवारी की जगह अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से</strong><br />कांग्रेस पार्टी ने इस तरह राहुल और प्रियंका के पूर्वजों की नगरी में तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से दिए हैं, जबकि एक अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से बनाया है. पार्टी ने सवर्ण वर्ग से एक भी अध्यक्ष नहीं बनाया है, जबकि वर्तमान कमेटी में तीन में से दो अध्यक्ष ब्राह्मण समुदाय के थे. मुस्लिम समुदाय से एक भी अध्यक्ष नहीं था. महाकुंभ की नगरी में तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से घोषित कर कांग्रेस पार्टी ने अपना सियासी संदेश जारी कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने जिला और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की है. सूची में एक खास बात यह भी है कि पार्टी ने प्रयागराज की जगह उसका पुराना नाम इलाहाबाद ही लिखा है. यूपी की योगी सरकार ने साल 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था. केंद्र सरकार भी इलाहाबाद रेलवे स्टेशन को प्रयागराज घोषित कर चुकी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी सूची में सभी जगहों पर प्रयागराज की जगह इलाहाबाद लिखा जाना कई सवाल खड़े करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कहा जा सकता है कि प्रयागराज में तीन में से दो अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय का होना, ब्राह्मण वर्ग को पूरी तरह नजरअंदाज करना और प्रयागराज की जगह लिस्ट में इलाहाबाद लिखना आने वाले दिनों में विवाद का सबब बन सकता है. राहुल गांधी और उनके परिवार का कोई भी सदस्य <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में संगम स्नान के लिए नहीं आया था.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Aurangzeb Tomb: कारसेवा की चेतावनी के बाद ASI ने पहले औरंगजेब की कब्र पर टिन शेड लगाया, अब उठाया बड़ा कदम