यूपी में पारा 45 डिग्री सेल्सियस पहुंचने वाला है। इसी के साथ गर्मी और उमस से हाल बेहाल होने लगा है। मौसम विभाग ने 22 अप्रैल को राज्य के 16 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। यूपी में यह इस सीजन का पहला हीटवेव अलर्ट है। मौस वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रदेश में अगले 5 दिनों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इससे अधिकतम तापमान 47 डिग्री पहुंचने का अनुमान जताया गया है। यह तापमान हीट स्ट्रोक को बुलावा देने वाला होता है। हीट-वेव की स्थिति में सेहत के प्रति थोड़ी लापरवाही भी हीट स्ट्रोक की वजह बन जाती है। हीट स्ट्रोक शरीर पर कैसे प्रभाव डालता है? हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? इसके क्या लक्षण हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए- सवाल 1- हीट स्ट्रोक क्या होता है? जवाब- हीट स्ट्रोक उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारे आसपास के वातावरण का तापमान ज्यादा बढ़ जाता है। जिससे हमारा शरीर इसके अनुपात में खुद को ठंडा नहीं कर पाता है। तब शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। इस स्थिति को ही हीट स्ट्रोक कहा जाता है। इसमें शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने वाला सिस्टम पूरी तरह फेल हो जाता है। शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर चला जाता है। ऐसे में शरीर खुद को ठंडा बनाए रखने के लिए पसीना नहीं बहा पाता। सवाल 2- हीट स्ट्रोक के क्या लक्षण हैं? जवाब- हीट स्ट्रोक होने के बाद शरीर में बहुत गर्मी महसूस होती है। ऐसा लगता है, जैसे शरीर तप रहा है। इसके साथ मिचली और उल्टी की समस्या भी हो सकती है। चक्कर और कमजोरी इतनी ज्यादा हो सकती है कि खड़े रहना भी मुश्किल हो जाता है। मानसिक स्थिति में भी बदलाव आ सकता है। जैसे- भ्रम और उलझन महसूस होने लगता है। बहुत घबराहट और बेचैनी महसूस हो सकती है। आंखों के सामने चीजें ठीक से दिखाई नहीं देतीं। सवाल 3- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें? जवाब- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं, जिन्हें अपनाकर इस खतरनाक कंडीशन से बचा जा सकता है। ये कुछ आसान और प्रभावी तरीके हैं- 1. घर को ठंडा रखें
गर्मियों में अपने घर को ठंडा बनाए रखना बहुत जरूरी है। पंखे और AC का इस्तेमाल करें। अगर बाहर का टेम्प्रेचर 37.2°C यानी 99°F से ज्यादा हो, तो केवल पंखे का इस्तेमाल पर्याप्त नहीं होता। ऐसे में एसी या कूलर की जरूरत पड़ सकती है। कमरे में ठंडा एन्वायर्नमेंट (वातावरण) बनाना जरूरी है। 2. बहुत गर्म दिनों में ठंडी जगह जाने का प्लान बनाएं अगर आपका घर ठंडा नहीं है, तो ठंडी जगहों पर जाने का प्लान बनाएं। जैसे कि कम्युनिटी सेंटर, शॉपिंग मॉल्स, सिनेमा थिएटर या रिश्तेदारों के घर। इन जगहों पर आप राहत पा सकते हैं। 3. हमेशा हाइड्रेटेड रहें गर्मी में फिजिकल एक्टिविटी करने से पहले, उस दौरान और बाद में खूब पानी पीएं। साथ ही, इलेक्ट्रोलाइट्स यानी ओआरएस आदि का घोल मिलाकर पीएं। इससे शरीर में जरूरी मिनरल्स और पानी का बैलेंस बना रहे। आराम करते समय भी हाइड्रेटेड रहना उतना ही जरूरी है। 4. गर्मी से बचने के लिए समय का ध्यान रखें गर्मी में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज करने से बचें या सुबह के ठंडे मौसम में करें। अगर आपको काम के लिए बाहर गर्मी में जाना पड़े, तो ब्रेक लें और बीच-बीच में कुछ ठंडी जगहों पर जाएं। 5. शरीर को गर्मी के लिए अनुकूलित करें अगर आपको नियमित रूप से गर्मी में काम करना होता है, तो धीरे-धीरे अपने शरीर को गर्मी के लिए अनुकूलित करें। इसका मतलब है कि पहले हल्की एक्टिविटीज से शुरुआत करें। धीरे-धीरे समय और तीव्रता बढ़ाएं, ताकि आपका शरीर गर्मी के साथ तालमेल बैठा सके। सवाल 4- हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए खान-पान में क्या सावधानी बरतें? जवाब- डायटीशियन नेहा जैन के मुताबिक, गर्मी का सबसे पहला असर शरीर की नमी पर पड़ता है। बढ़ते तापमान से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इससे डिहाइड्रेशन के मामले सामने आते हैं। गर्मी में अपने शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए आपको पानी की मात्रा बढ़ानी होगी। 20 किलो वजन के लिए 1 लीटर पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से अपने वजन के अनुसार आप गर्मी में पानी की मात्रा का ध्यान रख सकते हैं। अपने शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए डाइट में देसी ड्रिंक जैसे छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी, ताजे फलों का रस, बेल का शरबत, केरी का पना (कच्चे आम का पना) जरूर लें। सवाल 5- हीट स्ट्रोक होने पर शरीर में किन-किन अंगों को खतरा होता है? जवाब- हीट स्ट्रोक होने पर अगर समय से इलाज न किया जाए तो कई खतरनाक कॉम्पलिकेशन हो सकते हैं। 1- ऑर्गन डैमेज: हीट स्ट्रोक से शरीर के महत्वपूर्ण ऑर्गन जैसे- हार्ट, किडनी और लिवर प्रभावित हो सकते हैं। अगर ये ऑर्गन ठीक से काम नहीं करते, तो लाइफ थ्रेट हो सकता है। 2- हार्ट अटैक और ब्लड फ्लो में समस्या: हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर हो सकता है। ब्लड प्रेशर लो होने से दिल की धड़कन तेज हो सकती है। 3- ब्रेन डैमेज: लंबे समय तक टेम्प्रेचर ज्यादा रहने के कारण ब्रेन को नुकसान हो सकता है। इससे ब्रेन में स्वेलिंग और कॉग्निटिव समस्याएं हो सकती हैं। यह मेमोरी में कमी और भ्रम की वजह बन सकता है। 4- स्ट्रोक: हीट स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क पर अधिक दबाव पड़ने से स्ट्रोक भी हो सकता है। इससे ब्रेन के कुछ हिस्सों को स्थायी नुकसान हो सकता है। 5- किडनी फेल्योर: शरीर का टेम्प्रेचर ज्यादा रहने पर किडनी भी प्रभावित हो सकती है, जिससे किडनी फेल्योर हो सकता है। 6- लिवर डैमेज: ज्यादा गर्मी से लिवर का काम प्रभावित हो सकता है, जिससे लिवर फेल्योर हो सकता है। 7- सांस लेने में मुश्किल: हीट स्ट्रोक से सांस की नली और फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। सवाल 6- हीट स्ट्रोक की स्थिति में कैसे पहचाने कि कब मेडिकल इमरजेंसी है जवाब- हीट स्ट्रोक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है। यह तब होता है, जब शरीर खुद को ठंडा रखने में असमर्थ होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर शरीर 30 मिनट के अंदर खुद को ठंडा कर लेता है तो कोई समस्या नहीं। अगर ऐसा नहीं होता है और शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर बना रहता है, बेहोशी की हालत होती है, सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। पल्स बहुत तेज हो जाता है तो यह इमरजेंसी की स्थिति होती है। ———————————- यह खबर भी पढ़ें भाई बोला-पुलिस एक्शन लेती तो बहन जिंदा होती, बिजनौर में शादी से पहले BEd छात्रा की हत्या, पिता ने सुनाए धमकी वाले ऑडियो बेटी की 10 दिन बाद बारात आने वाली थी। हलवाई, डीजे, टेंट की बुकिंग हो गई थी। गिफ्ट में देने के लिए कार भी आ गई थी, लेकिन अब बेटी ही नहीं रही। यह सीन है यूपी के बिजनौर जिले के करौंदा चौधर गांव में रहने वाले वेदप्रकाश शर्मा के घर का। इनकी बड़ी बेटी भावना शर्मा की 1 मई को शादी थी। शॉपिंग के लिए जाते समय एकतरफा प्यार में गांव के शिवांग त्यागी ने भावना शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट यूपी में पारा 45 डिग्री सेल्सियस पहुंचने वाला है। इसी के साथ गर्मी और उमस से हाल बेहाल होने लगा है। मौसम विभाग ने 22 अप्रैल को राज्य के 16 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। यूपी में यह इस सीजन का पहला हीटवेव अलर्ट है। मौस वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रदेश में अगले 5 दिनों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इससे अधिकतम तापमान 47 डिग्री पहुंचने का अनुमान जताया गया है। यह तापमान हीट स्ट्रोक को बुलावा देने वाला होता है। हीट-वेव की स्थिति में सेहत के प्रति थोड़ी लापरवाही भी हीट स्ट्रोक की वजह बन जाती है। हीट स्ट्रोक शरीर पर कैसे प्रभाव डालता है? हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? इसके क्या लक्षण हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए- सवाल 1- हीट स्ट्रोक क्या होता है? जवाब- हीट स्ट्रोक उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारे आसपास के वातावरण का तापमान ज्यादा बढ़ जाता है। जिससे हमारा शरीर इसके अनुपात में खुद को ठंडा नहीं कर पाता है। तब शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। इस स्थिति को ही हीट स्ट्रोक कहा जाता है। इसमें शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने वाला सिस्टम पूरी तरह फेल हो जाता है। शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर चला जाता है। ऐसे में शरीर खुद को ठंडा बनाए रखने के लिए पसीना नहीं बहा पाता। सवाल 2- हीट स्ट्रोक के क्या लक्षण हैं? जवाब- हीट स्ट्रोक होने के बाद शरीर में बहुत गर्मी महसूस होती है। ऐसा लगता है, जैसे शरीर तप रहा है। इसके साथ मिचली और उल्टी की समस्या भी हो सकती है। चक्कर और कमजोरी इतनी ज्यादा हो सकती है कि खड़े रहना भी मुश्किल हो जाता है। मानसिक स्थिति में भी बदलाव आ सकता है। जैसे- भ्रम और उलझन महसूस होने लगता है। बहुत घबराहट और बेचैनी महसूस हो सकती है। आंखों के सामने चीजें ठीक से दिखाई नहीं देतीं। सवाल 3- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें? जवाब- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं, जिन्हें अपनाकर इस खतरनाक कंडीशन से बचा जा सकता है। ये कुछ आसान और प्रभावी तरीके हैं- 1. घर को ठंडा रखें
गर्मियों में अपने घर को ठंडा बनाए रखना बहुत जरूरी है। पंखे और AC का इस्तेमाल करें। अगर बाहर का टेम्प्रेचर 37.2°C यानी 99°F से ज्यादा हो, तो केवल पंखे का इस्तेमाल पर्याप्त नहीं होता। ऐसे में एसी या कूलर की जरूरत पड़ सकती है। कमरे में ठंडा एन्वायर्नमेंट (वातावरण) बनाना जरूरी है। 2. बहुत गर्म दिनों में ठंडी जगह जाने का प्लान बनाएं अगर आपका घर ठंडा नहीं है, तो ठंडी जगहों पर जाने का प्लान बनाएं। जैसे कि कम्युनिटी सेंटर, शॉपिंग मॉल्स, सिनेमा थिएटर या रिश्तेदारों के घर। इन जगहों पर आप राहत पा सकते हैं। 3. हमेशा हाइड्रेटेड रहें गर्मी में फिजिकल एक्टिविटी करने से पहले, उस दौरान और बाद में खूब पानी पीएं। साथ ही, इलेक्ट्रोलाइट्स यानी ओआरएस आदि का घोल मिलाकर पीएं। इससे शरीर में जरूरी मिनरल्स और पानी का बैलेंस बना रहे। आराम करते समय भी हाइड्रेटेड रहना उतना ही जरूरी है। 4. गर्मी से बचने के लिए समय का ध्यान रखें गर्मी में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज करने से बचें या सुबह के ठंडे मौसम में करें। अगर आपको काम के लिए बाहर गर्मी में जाना पड़े, तो ब्रेक लें और बीच-बीच में कुछ ठंडी जगहों पर जाएं। 5. शरीर को गर्मी के लिए अनुकूलित करें अगर आपको नियमित रूप से गर्मी में काम करना होता है, तो धीरे-धीरे अपने शरीर को गर्मी के लिए अनुकूलित करें। इसका मतलब है कि पहले हल्की एक्टिविटीज से शुरुआत करें। धीरे-धीरे समय और तीव्रता बढ़ाएं, ताकि आपका शरीर गर्मी के साथ तालमेल बैठा सके। सवाल 4- हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए खान-पान में क्या सावधानी बरतें? जवाब- डायटीशियन नेहा जैन के मुताबिक, गर्मी का सबसे पहला असर शरीर की नमी पर पड़ता है। बढ़ते तापमान से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इससे डिहाइड्रेशन के मामले सामने आते हैं। गर्मी में अपने शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए आपको पानी की मात्रा बढ़ानी होगी। 20 किलो वजन के लिए 1 लीटर पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से अपने वजन के अनुसार आप गर्मी में पानी की मात्रा का ध्यान रख सकते हैं। अपने शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए डाइट में देसी ड्रिंक जैसे छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी, ताजे फलों का रस, बेल का शरबत, केरी का पना (कच्चे आम का पना) जरूर लें। सवाल 5- हीट स्ट्रोक होने पर शरीर में किन-किन अंगों को खतरा होता है? जवाब- हीट स्ट्रोक होने पर अगर समय से इलाज न किया जाए तो कई खतरनाक कॉम्पलिकेशन हो सकते हैं। 1- ऑर्गन डैमेज: हीट स्ट्रोक से शरीर के महत्वपूर्ण ऑर्गन जैसे- हार्ट, किडनी और लिवर प्रभावित हो सकते हैं। अगर ये ऑर्गन ठीक से काम नहीं करते, तो लाइफ थ्रेट हो सकता है। 2- हार्ट अटैक और ब्लड फ्लो में समस्या: हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर हो सकता है। ब्लड प्रेशर लो होने से दिल की धड़कन तेज हो सकती है। 3- ब्रेन डैमेज: लंबे समय तक टेम्प्रेचर ज्यादा रहने के कारण ब्रेन को नुकसान हो सकता है। इससे ब्रेन में स्वेलिंग और कॉग्निटिव समस्याएं हो सकती हैं। यह मेमोरी में कमी और भ्रम की वजह बन सकता है। 4- स्ट्रोक: हीट स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क पर अधिक दबाव पड़ने से स्ट्रोक भी हो सकता है। इससे ब्रेन के कुछ हिस्सों को स्थायी नुकसान हो सकता है। 5- किडनी फेल्योर: शरीर का टेम्प्रेचर ज्यादा रहने पर किडनी भी प्रभावित हो सकती है, जिससे किडनी फेल्योर हो सकता है। 6- लिवर डैमेज: ज्यादा गर्मी से लिवर का काम प्रभावित हो सकता है, जिससे लिवर फेल्योर हो सकता है। 7- सांस लेने में मुश्किल: हीट स्ट्रोक से सांस की नली और फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। सवाल 6- हीट स्ट्रोक की स्थिति में कैसे पहचाने कि कब मेडिकल इमरजेंसी है जवाब- हीट स्ट्रोक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है। यह तब होता है, जब शरीर खुद को ठंडा रखने में असमर्थ होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर शरीर 30 मिनट के अंदर खुद को ठंडा कर लेता है तो कोई समस्या नहीं। अगर ऐसा नहीं होता है और शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर बना रहता है, बेहोशी की हालत होती है, सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। पल्स बहुत तेज हो जाता है तो यह इमरजेंसी की स्थिति होती है। ———————————- यह खबर भी पढ़ें भाई बोला-पुलिस एक्शन लेती तो बहन जिंदा होती, बिजनौर में शादी से पहले BEd छात्रा की हत्या, पिता ने सुनाए धमकी वाले ऑडियो बेटी की 10 दिन बाद बारात आने वाली थी। हलवाई, डीजे, टेंट की बुकिंग हो गई थी। गिफ्ट में देने के लिए कार भी आ गई थी, लेकिन अब बेटी ही नहीं रही। यह सीन है यूपी के बिजनौर जिले के करौंदा चौधर गांव में रहने वाले वेदप्रकाश शर्मा के घर का। इनकी बड़ी बेटी भावना शर्मा की 1 मई को शादी थी। शॉपिंग के लिए जाते समय एकतरफा प्यार में गांव के शिवांग त्यागी ने भावना शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी में हीटवेव का अलर्ट, 47 डिग्री तक जाएगा पारा:शरीर का तापमान बढ़ने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ेगा, बचाव के लिए क्या करें
