‘ये मेरी कई साल की मेहनत है। मुझे थोड़ी देर के लिए विश्वास नहीं हो रहा था। पिछले साल साक्षात्कार के बाद मैं कट ऑफ से 12 अंक से चूक गई थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि रैंक 1 आएगी। परिणाम आने के बाद सबसे पहले मैंने पापा और मां को फोन किया। यह मेरा 5वां प्रयास था।’ यह कहना है UPSC में देश में पहली रैंक हासिल करने वाली शक्ति दुबे का। दैनिक भास्कर ऐप टीम शक्ति दुबे के परिवार से मिलने के लिए प्रयागराज से 14 Km दूर नैनी की सर्वोदयनगर कॉलोनी में पहुंची। यहां एक घर के बाहर लोग, मीडिया और पुलिस का जमावड़ा था। यहां एक चीज कॉमन थी, सबके चेहरे पर खुशी। अचानक एक बाइक इस घर के सामने आकर रुकती है। एक शख्स थैला उतारते हुए नीचे उतरे। यही हैं शक्ति के पिता देवेंद्र दुबे। घर तक पहुंचने से पहले ही पड़ोसियों ने उन्हें गले लगा लिया। मिठाई खिलाई, बधाई दी…इतने में मां प्रेमावती भी घर से बाहर आ गईं। वह भी इन खुशियों में शामिल हो गईं। पिता बोले- वो हमारी अफसर बेटी है
हमने शक्ति की मां से पूछा- बेटी अफसर हो गई, खुश तो बहुत होंगी आप? वह थोड़ा सहज नहीं दिखती हैं। कैमरे से खुद को दूर करने की कोशिश करते हुए पीछे हट जाती हैं। इतने में देवेंद्र सामने आते हैं। कहते हैं- बिल्कुल सही है, वो हमेशा से मेरी अफसर बेटी थी। वह जिद्दी बेटी थी। हमने सिर्फ सपोर्ट किया, मेहनत तो उसने ही की। पड़ोसियों से बातचीत में सामने आया कि देवेंद्र का परिवार बहुत साधारण है। परिवार में पत्नी प्रेमा, दो बेटी और एक बेटा है। वो लोग बलिया जिले के रहने वाले हैं। करीब 10 साल पहले प्रयागराज पुलिस में पोस्टिंग लेकर शहर आए थे। वह सब-इंस्पेक्टर हैं। इस वक्त ट्रैफिक डिपार्टमेंट में DCP के पेशकार हैं। मेरी बेटी ने 5वें अटेम्ट में इतिहास रच दिया
हमने देवेंद्र दुबे से पूछा- आपको बिटिया की सक्सेस कब पता चली? वह बोले- अभी 1 बजे तो कॉल आया। मैं मिठाई लेने दौड़ गया। लौटा, तब तक यहां भीड़ लग गई थी। इसके बाद हमने शक्ति दुबे की पढ़ाई, सफलता और परिवार को लेकर बात की। हूबहू पढ़िए… सवाल- बिटिया की शुरुआती पढ़ाई कहां से हुई?
पिता- मेरे 2 बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी राखी है, शक्ति उससे एक साल की छोटी है। दोनों बेटियों ने SMC, घूरपुर से इंटर तक पढ़ाई की। शक्ति ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से BSC बायो किया। इसके बाद पढ़ाई के लिए वाराणसी चली गई थी। सवाल- UPSC की पहली रैंक तक सफर कितना मुश्किल रहा?
पिता- शक्ति का टारगेट शुरू से IAS रहा। पहले 3 प्रयास में शक्ति प्री भी नहीं निकाल सकी। चौथे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंच सकी। असफलताओं के बाद भी उसने आत्मविश्वास नहीं टूटने दिया। 5वीं कोशिश में देश में पहला स्थान हासिल किया। अब मां की बात… सवाल- बेटी ने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की, कैसा लग रहा?
मां- ईश्वर को धन्यवाद है। बेटी तो शुरू से ही मेहनती रही है। वह रात में उठकर पढ़ने लगती थी। हम मना करते थे कि अब तो आराम कर ले। सवाल- अब क्या करेंगी?
मां- घर में पूजा रखी है। यह सब भगवान भोलेनाथ की कृपा से हुआ है। अब पड़ोसियों की बात… पड़ोसी बोले- ऐसी लड़की को ब्यूरोक्रेसी में जाना ही चाहिए
हमने शक्ति के पड़ोस में रहने वाली सुजीता देवी से बात की। उन्होंने कहा- शक्ति बहुत सॉफ्ट है। उससे बात करना अच्छा लगता है। पूरा परिवार ही बहुत मृदु भाषी है। हमें गर्व है कि हम IAS टॉपर के पड़ोसी हैं। यहीं ज्योति से भी हमने बात की। वह कहती हैं- शक्ति का पूरा परिवार ही बहुत मिलनसार है। ऐसी महिला ब्यूरोक्रेसी में जाएगी, तो आम लोगों का भला होगा। वह बहुत समझदार है। प्रिंसिपल बोले- वो डॉक्टर-इंजीनियर नहीं, IAS ही बनना चाहती थी
घर के बाहर ही SMC कॉलेज के प्रिंसिपल आशीष रंजन से मुलाकात हुई। वह कहते हैं- आज मेरा सीना चौड़ा हो गया कि मेरे स्कूल की पढ़ी हुई बिटिया ने UPSC में पूरे देश में टॉप किया। शक्ति के अंदर शुरू से ही पढ़ाई को लेकर जुनून था। पढ़ाई साथ वह खेल-कूद समेत सभी एक्टिविटीज में हिस्सा लेती थी। शक्ति ने शुरू से अपना लक्ष्य तय कर लिया था। वो डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनाना चाहती थी। IAS बनना उसका ख्वाब था, जो आज पूरा हो गया। 10th व 12th में शक्ति कॉलेज में टॉपर रही है। शक्ति को केवल मैंने रास्ता दिखाया है। बाकी सारी चीजें उसने अपनी मेहनत से हासिल की हैं। शक्ति दुबे ने IAS में टॉप करके अपनी सफलता की शुरुआत की है। अभी उसे और आगे जाना है। क्लास टीचर बोले- शुरू से कुछ कर गुजरने की क्षमता दिखती थी
शक्ति के क्लास टीचर प्रदीप मिश्रा ने कहा- शक्ति और उसकी बहन ने घूरपुर के SMC कालेज में पढ़ाई की है। मैं वहीं पर टीचर हूं। मैंने शक्ति के अंदर शुरू से ही कुछ कर गुजरने की क्षमता देखी है। आज उसने जो मुकाम हासिल किया है, वह उसकी मेहनत का नतीजा है। मुझे गर्व होता है कि ऐसी स्टूडेंट को पढ़ाया है। जिसने मुझे गुरु दक्षिणा के रूप मे अपनी सफलता का उपहार दिया है। ————————— यह खबर भी पढ़ें : प्रयागराज में दरोगा की बेटी शक्ति दुबे UPSC टॉपर, पंचर बनाने वाले और टीवी मैकेनिक के बेटे भी सिलेक्ट; IAS की पत्नी IAS बनीं यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। प्रयागराज की शक्ति दुबे ने टॉप किया है। वह प्रयागराज में मामा भांजा तलाब नैनी के रहने वाले देवेंद्र दुबे की बेटी हैं। पिता देवेंद्र दरोगा हैं। शक्ति दुबे के टॉप करने की सूचना पर देवेंद्र के घर भीड़ जमा हो गई। शक्ति के पिता बाइक से घर आए तो मिठाई लेकर आए। उन्होंने पड़ोसियों को मिठाई खिलाकर खुशियां साझा कीं। पढ़िए पूरी खबर… ‘ये मेरी कई साल की मेहनत है। मुझे थोड़ी देर के लिए विश्वास नहीं हो रहा था। पिछले साल साक्षात्कार के बाद मैं कट ऑफ से 12 अंक से चूक गई थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि रैंक 1 आएगी। परिणाम आने के बाद सबसे पहले मैंने पापा और मां को फोन किया। यह मेरा 5वां प्रयास था।’ यह कहना है UPSC में देश में पहली रैंक हासिल करने वाली शक्ति दुबे का। दैनिक भास्कर ऐप टीम शक्ति दुबे के परिवार से मिलने के लिए प्रयागराज से 14 Km दूर नैनी की सर्वोदयनगर कॉलोनी में पहुंची। यहां एक घर के बाहर लोग, मीडिया और पुलिस का जमावड़ा था। यहां एक चीज कॉमन थी, सबके चेहरे पर खुशी। अचानक एक बाइक इस घर के सामने आकर रुकती है। एक शख्स थैला उतारते हुए नीचे उतरे। यही हैं शक्ति के पिता देवेंद्र दुबे। घर तक पहुंचने से पहले ही पड़ोसियों ने उन्हें गले लगा लिया। मिठाई खिलाई, बधाई दी…इतने में मां प्रेमावती भी घर से बाहर आ गईं। वह भी इन खुशियों में शामिल हो गईं। पिता बोले- वो हमारी अफसर बेटी है
हमने शक्ति की मां से पूछा- बेटी अफसर हो गई, खुश तो बहुत होंगी आप? वह थोड़ा सहज नहीं दिखती हैं। कैमरे से खुद को दूर करने की कोशिश करते हुए पीछे हट जाती हैं। इतने में देवेंद्र सामने आते हैं। कहते हैं- बिल्कुल सही है, वो हमेशा से मेरी अफसर बेटी थी। वह जिद्दी बेटी थी। हमने सिर्फ सपोर्ट किया, मेहनत तो उसने ही की। पड़ोसियों से बातचीत में सामने आया कि देवेंद्र का परिवार बहुत साधारण है। परिवार में पत्नी प्रेमा, दो बेटी और एक बेटा है। वो लोग बलिया जिले के रहने वाले हैं। करीब 10 साल पहले प्रयागराज पुलिस में पोस्टिंग लेकर शहर आए थे। वह सब-इंस्पेक्टर हैं। इस वक्त ट्रैफिक डिपार्टमेंट में DCP के पेशकार हैं। मेरी बेटी ने 5वें अटेम्ट में इतिहास रच दिया
हमने देवेंद्र दुबे से पूछा- आपको बिटिया की सक्सेस कब पता चली? वह बोले- अभी 1 बजे तो कॉल आया। मैं मिठाई लेने दौड़ गया। लौटा, तब तक यहां भीड़ लग गई थी। इसके बाद हमने शक्ति दुबे की पढ़ाई, सफलता और परिवार को लेकर बात की। हूबहू पढ़िए… सवाल- बिटिया की शुरुआती पढ़ाई कहां से हुई?
पिता- मेरे 2 बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी राखी है, शक्ति उससे एक साल की छोटी है। दोनों बेटियों ने SMC, घूरपुर से इंटर तक पढ़ाई की। शक्ति ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से BSC बायो किया। इसके बाद पढ़ाई के लिए वाराणसी चली गई थी। सवाल- UPSC की पहली रैंक तक सफर कितना मुश्किल रहा?
पिता- शक्ति का टारगेट शुरू से IAS रहा। पहले 3 प्रयास में शक्ति प्री भी नहीं निकाल सकी। चौथे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंच सकी। असफलताओं के बाद भी उसने आत्मविश्वास नहीं टूटने दिया। 5वीं कोशिश में देश में पहला स्थान हासिल किया। अब मां की बात… सवाल- बेटी ने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की, कैसा लग रहा?
मां- ईश्वर को धन्यवाद है। बेटी तो शुरू से ही मेहनती रही है। वह रात में उठकर पढ़ने लगती थी। हम मना करते थे कि अब तो आराम कर ले। सवाल- अब क्या करेंगी?
मां- घर में पूजा रखी है। यह सब भगवान भोलेनाथ की कृपा से हुआ है। अब पड़ोसियों की बात… पड़ोसी बोले- ऐसी लड़की को ब्यूरोक्रेसी में जाना ही चाहिए
हमने शक्ति के पड़ोस में रहने वाली सुजीता देवी से बात की। उन्होंने कहा- शक्ति बहुत सॉफ्ट है। उससे बात करना अच्छा लगता है। पूरा परिवार ही बहुत मृदु भाषी है। हमें गर्व है कि हम IAS टॉपर के पड़ोसी हैं। यहीं ज्योति से भी हमने बात की। वह कहती हैं- शक्ति का पूरा परिवार ही बहुत मिलनसार है। ऐसी महिला ब्यूरोक्रेसी में जाएगी, तो आम लोगों का भला होगा। वह बहुत समझदार है। प्रिंसिपल बोले- वो डॉक्टर-इंजीनियर नहीं, IAS ही बनना चाहती थी
घर के बाहर ही SMC कॉलेज के प्रिंसिपल आशीष रंजन से मुलाकात हुई। वह कहते हैं- आज मेरा सीना चौड़ा हो गया कि मेरे स्कूल की पढ़ी हुई बिटिया ने UPSC में पूरे देश में टॉप किया। शक्ति के अंदर शुरू से ही पढ़ाई को लेकर जुनून था। पढ़ाई साथ वह खेल-कूद समेत सभी एक्टिविटीज में हिस्सा लेती थी। शक्ति ने शुरू से अपना लक्ष्य तय कर लिया था। वो डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनाना चाहती थी। IAS बनना उसका ख्वाब था, जो आज पूरा हो गया। 10th व 12th में शक्ति कॉलेज में टॉपर रही है। शक्ति को केवल मैंने रास्ता दिखाया है। बाकी सारी चीजें उसने अपनी मेहनत से हासिल की हैं। शक्ति दुबे ने IAS में टॉप करके अपनी सफलता की शुरुआत की है। अभी उसे और आगे जाना है। क्लास टीचर बोले- शुरू से कुछ कर गुजरने की क्षमता दिखती थी
शक्ति के क्लास टीचर प्रदीप मिश्रा ने कहा- शक्ति और उसकी बहन ने घूरपुर के SMC कालेज में पढ़ाई की है। मैं वहीं पर टीचर हूं। मैंने शक्ति के अंदर शुरू से ही कुछ कर गुजरने की क्षमता देखी है। आज उसने जो मुकाम हासिल किया है, वह उसकी मेहनत का नतीजा है। मुझे गर्व होता है कि ऐसी स्टूडेंट को पढ़ाया है। जिसने मुझे गुरु दक्षिणा के रूप मे अपनी सफलता का उपहार दिया है। ————————— यह खबर भी पढ़ें : प्रयागराज में दरोगा की बेटी शक्ति दुबे UPSC टॉपर, पंचर बनाने वाले और टीवी मैकेनिक के बेटे भी सिलेक्ट; IAS की पत्नी IAS बनीं यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। प्रयागराज की शक्ति दुबे ने टॉप किया है। वह प्रयागराज में मामा भांजा तलाब नैनी के रहने वाले देवेंद्र दुबे की बेटी हैं। पिता देवेंद्र दरोगा हैं। शक्ति दुबे के टॉप करने की सूचना पर देवेंद्र के घर भीड़ जमा हो गई। शक्ति के पिता बाइक से घर आए तो मिठाई लेकर आए। उन्होंने पड़ोसियों को मिठाई खिलाकर खुशियां साझा कीं। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
वो मेरी जिद्दी बेटी, जो ठान लेती है करती है:IAS टॉपर शक्ति दुबे पिता बोले- हमने सिर्फ सपोर्ट किया, मेहनत उसने की
