देश में मानसून एक दिन पहले यानी 30 मई को दस्तक दे चुका है। ऐसे में अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश में मानसून कब एंट्री करेगा और इसकी शुरुआत कहां से होगी? दैनिक भास्कर आपको IMD के हवाले से बता रहा है। यूपी में मानसून की एंट्री की तारीख से लेकर उसके रूट के बारे में सबकुछ। साथ में ये भी बताएंगे कि आपके शहर में बारिश कब होगी। इसके अलावा पिछले 7 साल में मानसून ने यूपी में कब-कब एंट्री की है? 7 साल बाद मानसून की बदली चाल
CSA यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. सुनील पांडेय के मुताबिक, 7 साल बाद मानसून की चाल बदली है। इसका असर भी आने वाले दिनों में मौसम में अचानक बदलाव के रूप में दिखाई देगा। संभव है कि यूपी में मानसून की बारिश पिछले साल के मुकाबले जल्द शुरू हो सकती है। ये स्थितियां अगले सप्ताह में और अधिक साफ हो जाएंगी। आमतौर पर हर साल केरल में मानसून आने के चार से पांच दिन बाद मेघालय और उत्तर पूर्व के अन्य इलाकों में पहुंचता है। लेकिन, पिछले 7 साल से ऐसा नहीं हो रहा है। 2017 के बाद अब पहली बार 2024 में ऐसी स्थिति दोबारा बन गई है। 7 साल में सबसे ज्यादा 2021 और 2023 में बारिश हुई
यूपी में सामान्य 829.8 MM बारिश होती है। हाल के कुछ साल में प्रदेश में मानसून की बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो 2023-24 में सामान्य की तुलना में 71% (589.3 MM) बारिश हुई थी। 2022-23 में इस अवधि में प्रदेश में 62% (514.3 MM), 2021-22 में 87.5% (726 MM) और 2020-21 में 77.2% (640.2 MM) बारिश हुई थी। इस बार 79% कम हुई प्री-मानसून की बारिश
प्री-मानसून बारिश की बात करें तो इस बार प्रदेश में 79% कम हुई। मार्च से मई के बीच दर्ज होने वाली बारिश को प्री-मानसून बारिश कहा जाता है। लेकिन इस बार इसमें काफी कमी दर्ज की गई। पिछले साल 2023-24 में होने वाली प्री-मानसून बारिश की बात करें, तो मार्च से मई के बीच 32.6 MM दर्ज हुई। प्रदेश में इस बार 829 MM बारिश के आसार
इस साल जून से सितंबर के बीच 829.8 MM बारिश होने का अनुमान है। मानसून सीजन के आखिरी पड़ाव यानी सितंबर तक प्रशांत महासागर में ला-नीना एक्टिव होगा। इस वजह से इस बार अच्छी खासी बारिश हो सकती है। जून से सितंबर के बीच सबसे ज्यादा होती है बारिश
यूपी में मानसून की बारिश जून से सितंबर के बीच होती है। इस अवधि में प्रदेश में मानसून की सामान्य बारिश 829.8 मिलीमीटर होनी चाहिए। हाल के साल में यह देखने में आया है कि यूपी में मानसून सामान्य रूप से नहीं बरस रहा। मानसून के ऐलान के लिए 3 जरूरी पैरामीटर
1. केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में लगे 14 रेन गेज में जब तक 2.5 MM से बारिश ज्यादा रिकॉर्ड नहीं होती है। तब तक मानसून आने की घोषणा नहीं की जाती।
2. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं की गति विभिन्न पैमानों पर अत्यधिक दर्ज नहीं होती।
3. हवाओं की गति से जब अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं का फ्लो निरंतर बन जाता है तो मानसून आने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है। जानिए कौन से बादल करते हैं बारिश
हाई क्लाउड- आसमान में बने हाई क्लाउड बादल बारिश नहीं करते, क्योंकि इनमें नमी नहीं होती। यूपी में अभी ज्यादातर शहरों में हाई क्लाउड ही बन रहे हैं।
लो क्लाउड- मानसून में नम हवाओं के चलते ही लो क्लाउड बनते हैं। ये बादल ही बारिश कराते हैं। अभी ये बादल केरल और आंध्र प्रदेश में हैं। देश में मानसून एक दिन पहले यानी 30 मई को दस्तक दे चुका है। ऐसे में अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश में मानसून कब एंट्री करेगा और इसकी शुरुआत कहां से होगी? दैनिक भास्कर आपको IMD के हवाले से बता रहा है। यूपी में मानसून की एंट्री की तारीख से लेकर उसके रूट के बारे में सबकुछ। साथ में ये भी बताएंगे कि आपके शहर में बारिश कब होगी। इसके अलावा पिछले 7 साल में मानसून ने यूपी में कब-कब एंट्री की है? 7 साल बाद मानसून की बदली चाल
CSA यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. सुनील पांडेय के मुताबिक, 7 साल बाद मानसून की चाल बदली है। इसका असर भी आने वाले दिनों में मौसम में अचानक बदलाव के रूप में दिखाई देगा। संभव है कि यूपी में मानसून की बारिश पिछले साल के मुकाबले जल्द शुरू हो सकती है। ये स्थितियां अगले सप्ताह में और अधिक साफ हो जाएंगी। आमतौर पर हर साल केरल में मानसून आने के चार से पांच दिन बाद मेघालय और उत्तर पूर्व के अन्य इलाकों में पहुंचता है। लेकिन, पिछले 7 साल से ऐसा नहीं हो रहा है। 2017 के बाद अब पहली बार 2024 में ऐसी स्थिति दोबारा बन गई है। 7 साल में सबसे ज्यादा 2021 और 2023 में बारिश हुई
यूपी में सामान्य 829.8 MM बारिश होती है। हाल के कुछ साल में प्रदेश में मानसून की बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो 2023-24 में सामान्य की तुलना में 71% (589.3 MM) बारिश हुई थी। 2022-23 में इस अवधि में प्रदेश में 62% (514.3 MM), 2021-22 में 87.5% (726 MM) और 2020-21 में 77.2% (640.2 MM) बारिश हुई थी। इस बार 79% कम हुई प्री-मानसून की बारिश
प्री-मानसून बारिश की बात करें तो इस बार प्रदेश में 79% कम हुई। मार्च से मई के बीच दर्ज होने वाली बारिश को प्री-मानसून बारिश कहा जाता है। लेकिन इस बार इसमें काफी कमी दर्ज की गई। पिछले साल 2023-24 में होने वाली प्री-मानसून बारिश की बात करें, तो मार्च से मई के बीच 32.6 MM दर्ज हुई। प्रदेश में इस बार 829 MM बारिश के आसार
इस साल जून से सितंबर के बीच 829.8 MM बारिश होने का अनुमान है। मानसून सीजन के आखिरी पड़ाव यानी सितंबर तक प्रशांत महासागर में ला-नीना एक्टिव होगा। इस वजह से इस बार अच्छी खासी बारिश हो सकती है। जून से सितंबर के बीच सबसे ज्यादा होती है बारिश
यूपी में मानसून की बारिश जून से सितंबर के बीच होती है। इस अवधि में प्रदेश में मानसून की सामान्य बारिश 829.8 मिलीमीटर होनी चाहिए। हाल के साल में यह देखने में आया है कि यूपी में मानसून सामान्य रूप से नहीं बरस रहा। मानसून के ऐलान के लिए 3 जरूरी पैरामीटर
1. केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में लगे 14 रेन गेज में जब तक 2.5 MM से बारिश ज्यादा रिकॉर्ड नहीं होती है। तब तक मानसून आने की घोषणा नहीं की जाती।
2. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं की गति विभिन्न पैमानों पर अत्यधिक दर्ज नहीं होती।
3. हवाओं की गति से जब अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं का फ्लो निरंतर बन जाता है तो मानसून आने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है। जानिए कौन से बादल करते हैं बारिश
हाई क्लाउड- आसमान में बने हाई क्लाउड बादल बारिश नहीं करते, क्योंकि इनमें नमी नहीं होती। यूपी में अभी ज्यादातर शहरों में हाई क्लाउड ही बन रहे हैं।
लो क्लाउड- मानसून में नम हवाओं के चलते ही लो क्लाउड बनते हैं। ये बादल ही बारिश कराते हैं। अभी ये बादल केरल और आंध्र प्रदेश में हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर