देशभर में NEET 2024 को लेकर बवाल मचा हुआ है। यह पहली बार नहीं है। यूपी में 7 साल में 8 भर्ती और योग्यता परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। इसके पीछे चार चेहरे ऐसे हैं, जिनका अक्सर पेपर लीक में नाम आता है। इनका नेटवर्क यूपी, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और नॉर्थ ईस्ट तक फैला है। पेपर लीक से लाखों युवाओं का करियर बर्बाद हुआ, लेकिन लचर कानून की वजह से माफियाओं को सजा नहीं हुई। आरोपी गिरफ्तार होते हैं, कुछ महीने जेल में रहते हैं और फिर छूट जाते हैं। इसके बाद ये फिर दूसरी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराते हैं। लगातार पेपर लीक से सरकार की किरकिरी हो रही है। यही वजह है कि योगी सरकार इस पर सख्त कानून लाने की तैयारी में है। अब बात उन चेहरों की, जो हर पेपर लीक में शामिल रहे… कोटा पढ़ने गया, बन गया नकल माफिया
पेपर लीक मामले के एक गिरोह का सरगना है रवि अत्री। यूपी के गौतमबुद्धनगर के जेवर थाना इलाके के नीमका गांव का रहने वाला रवि बचपन से पढ़ने में होशियार था। वह 2007 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने राजस्थान के कोटा पहुंचा। वहां उसकी मुलाकात परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह के लोगों से हुई। रवि उनके बहकावे में आ गया। पहले सॉल्वर बन कर दूसरे की जगह परीक्षा दी, फिर पेपर लीक कराने लगा। 2012 में NEET पीजी पेपर लीक मामले में दिल्ली की दरियागंज क्राइम ब्रांच ने रवि को गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आते ही 2012 में ही SBI के स्टेनो परीक्षा का पेपर आउट कराया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, जिसके बाद जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद पेपर लीक ही उसका धंधा बन गया। उसका नाम यूपी के RO-ARO भर्ती और यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के पेपर लीक में भी सामने आया। अप्रैल, 2024 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। फिलहाल अब वह जेल में है। पढ़ाई इंजीनियरिंग की, नौकरी की जगह करने लगा पेपर लीक
राजीव नयन मूल रूप से प्रयागराज के थाना मेजा के अमोरा गांव का रहने वाला है। राजीव ने भोपाल से इंजीनियरिंग की है। फिर उसने नौकरी नहीं की। भोपाल में ही करियर एंड प्लेसमेंट कंसल्टेंसी का ऑफिस खोल लिया। उसने ज्यादा पैसा कमाने के लिए परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कुछ लोगों से हाथ मिलाया। बाद में वह खुद गिरोह का सरगना बन गया। वह पहले NHM और यूपी TET पेपर लीक में शामिल हुआ और खूब पैसा कमाया। इन दोनों मामलों में राजीव नयन जेल गया। वहीं उसकी दोस्ती रवि अत्री से हुई। फिर दोनों ने मिलकर RO-ARO और पुलिस भर्ती के पेपर लीक कांड को अंजाम दिया। फिलहाल राजीव नयन को भी एक महीने पहले मेरठ से गिरफ्तार किया गया और अब वह जेल में है। डॉक्टरी नहीं भाई, पेपर लीक से की कमाई, अभी जेल में
डॉ. शरद सिंह पटेल मूल रूप से मिर्जापुर के चुनार पचेवरा कैलाहट का रहने वाला है। उसने साल 2012 में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया था। तकरीबन 5 साल से लखनऊ के वृंदावन योजना कॉलोनी में लवनेस्ट अपार्टमेंट में रहता था। 2021 में NEET के एग्जाम में हुई गड़बड़ी के मामले में मुख्य आरोपी था। कोर्ट से उसके खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था, लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई। शरद के पिता नंदलाल सिंह पटेल का खेती और डेयरी का व्यवसाय है। उसकी इन हरकतों से पिता ने उससे मतलब रखना बंद कर दिया। 2021 में जब शरद का नाम NEET परीक्षा गड़बड़ी में आया। वह पकड़ा नहीं गया तो उसने इसका फायदा उठाया। शरद ने यूपी के RO-ARO और यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की पटकथा लिख दी। हालांकि उसे भी लखनऊ से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पेपर लीक कमाई कर पत्नी को MLA का चुनाव लड़ाया
देश के कई राज्यों खासकर यूपी-बिहार में जिन भी भर्तियों के पेपर लीक हुए हैं, उसमें जो एक कॉमन नाम रहा है वो है संजीव सिंह उर्फ मुखिया। बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा थाना अंतर्गत भूतहाखार बलबापर गांव निवासी संजीव मुखिया पेपर लीक के कई मामलों में वांटेड रहा है। उसका बेटा डॉ. शिव कुमार भी उसके इस अपराध में बराबर का भागीदार रहा है। यही नहीं संजीव का साला रॉकी भी अपराध में साथ शामिल है। संजीव मुखिया की पत्नी ममता देवी भूतहाखार पंचायत की मुखिया रही है। पेपर लीक कांड से अपार काली कमाई के बीच चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के टिकट पर हरनौत विधानसभा चुनाव से चुनाव भी लड़ चुकी है। चारों ने कमाई बेशुमार दौलत, मकान, लग्जरी गाड़ियां और करोड़ों की संपत्ति
देश के कई पेपर लीक मामलों में शामिल इन चारों जालसाजों के पास काली कमाई से हासिल की गई बेशुमार दौलत है। राजीव नयन मिश्रा के पास कई लग्जरी गाड़ियां, चार मकान और प्रयागराज के नैनी में आरोग्यम हॉस्पिटल और कई कीमती प्लॉट हैं। डॉ. शरद पटेल ने भी खूब पैसा कमाया है। जांच में शामिल अफसरों की मानें तो लखनऊ के पॉश इलाके में उसके पास दो मकान, लग्जरी गाड़ी और कई कीमती प्लॉट हैं। मिर्जापुर के पचेवरा इलाके में ही उसका दो करोड़ का मकान है। यूपी के गौतमबुद्धनगर के रहने वाले रवि अत्री ने भी काली कमाई से बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है। एक समय ऐसा भी था जब रवि अत्री के परिवार के लिए सामान्य जिंदगी जीना भी मुश्किल था। आर्थिक अभाव में रहा रवि अत्री का परिवार अब आलीशान जिंदगी जी रहा है। उसके पास गौतमबुद्धनगर में बीस एकड़ जमीन, आलीशान घर और लग्जरी गाड़ियां हैं। उसने अभी शादी नहीं की है। पुलिस के मुताबिक, पकड़े जाने से कुछ समय पहले ही वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ दिल्ली के एक आलीशान होटल में तकरीबन 15 दिन तक रुका था। इस दौरान उसने लाखों रुपए खर्च किए थे। बिहार के नालंदा के रहने वाले संजीव सिंह उर्फ मुखिया ने भी परीक्षाओं में गड़बड़ी करके बेशुमार दौलत कमाई है। संजीव के पास नालंदा से पटना तक करोड़ों की संपत्ति है। ईडी और एसटीएफ खंगाल रहीं कुंडली इन जालसाजों की दौलत पर अब सरकारी एजेंसियों की नजर है। जांच में जुटे अफसरों के मुताबिक, इन चारों ने करीब 100 करोड़ की अवैध कमाई पेपर लीक और नकल कराने के बदौलत की है। ईडी, एसटीएफ इनकी काली कमाई की जानकारी के लिए तार जोड़ने में लगी हुई हैं। बताया जा है कि ईडी ने राजीव नयन मिश्रा और संजीव सिंह उर्फ मुखिया की संपत्ति की जानकारी जुटाना भी शुरू कर दिया है। रवि अत्री की करोड़ों की जमीनों के सूत्र भी ईडी खंगाल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन नकल माफियाओं की अवैध रूप से बनाई गई संपत्ति जब्त की जा सकती है। ये खबर भी पढ़ें… यूपी में योगी का पेपर लीक कानून कैसा होगा?:उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माने जैसी सख्ती, गैंगस्टर एक्ट लगा तो चलेगा बुलडोजर पेपर लीक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की कई सीटों पर हार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा। भाजपा थिंक टैंक इसकी लगातार समीक्षा में भी लगा है। माना जा रहा है, लगातार हुए पेपर लीक से युवाओं में नाराजगी थी। इन सबके बीच सीएम योगी ने पेपर लीक के मामलों में नया और सख्त कानून बनाने का ऐलान कर दिया। पूरा एक्सप्लेनर पढ़ें.. देशभर में NEET 2024 को लेकर बवाल मचा हुआ है। यह पहली बार नहीं है। यूपी में 7 साल में 8 भर्ती और योग्यता परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। इसके पीछे चार चेहरे ऐसे हैं, जिनका अक्सर पेपर लीक में नाम आता है। इनका नेटवर्क यूपी, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और नॉर्थ ईस्ट तक फैला है। पेपर लीक से लाखों युवाओं का करियर बर्बाद हुआ, लेकिन लचर कानून की वजह से माफियाओं को सजा नहीं हुई। आरोपी गिरफ्तार होते हैं, कुछ महीने जेल में रहते हैं और फिर छूट जाते हैं। इसके बाद ये फिर दूसरी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराते हैं। लगातार पेपर लीक से सरकार की किरकिरी हो रही है। यही वजह है कि योगी सरकार इस पर सख्त कानून लाने की तैयारी में है। अब बात उन चेहरों की, जो हर पेपर लीक में शामिल रहे… कोटा पढ़ने गया, बन गया नकल माफिया
पेपर लीक मामले के एक गिरोह का सरगना है रवि अत्री। यूपी के गौतमबुद्धनगर के जेवर थाना इलाके के नीमका गांव का रहने वाला रवि बचपन से पढ़ने में होशियार था। वह 2007 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने राजस्थान के कोटा पहुंचा। वहां उसकी मुलाकात परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह के लोगों से हुई। रवि उनके बहकावे में आ गया। पहले सॉल्वर बन कर दूसरे की जगह परीक्षा दी, फिर पेपर लीक कराने लगा। 2012 में NEET पीजी पेपर लीक मामले में दिल्ली की दरियागंज क्राइम ब्रांच ने रवि को गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आते ही 2012 में ही SBI के स्टेनो परीक्षा का पेपर आउट कराया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, जिसके बाद जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद पेपर लीक ही उसका धंधा बन गया। उसका नाम यूपी के RO-ARO भर्ती और यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के पेपर लीक में भी सामने आया। अप्रैल, 2024 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। फिलहाल अब वह जेल में है। पढ़ाई इंजीनियरिंग की, नौकरी की जगह करने लगा पेपर लीक
राजीव नयन मूल रूप से प्रयागराज के थाना मेजा के अमोरा गांव का रहने वाला है। राजीव ने भोपाल से इंजीनियरिंग की है। फिर उसने नौकरी नहीं की। भोपाल में ही करियर एंड प्लेसमेंट कंसल्टेंसी का ऑफिस खोल लिया। उसने ज्यादा पैसा कमाने के लिए परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कुछ लोगों से हाथ मिलाया। बाद में वह खुद गिरोह का सरगना बन गया। वह पहले NHM और यूपी TET पेपर लीक में शामिल हुआ और खूब पैसा कमाया। इन दोनों मामलों में राजीव नयन जेल गया। वहीं उसकी दोस्ती रवि अत्री से हुई। फिर दोनों ने मिलकर RO-ARO और पुलिस भर्ती के पेपर लीक कांड को अंजाम दिया। फिलहाल राजीव नयन को भी एक महीने पहले मेरठ से गिरफ्तार किया गया और अब वह जेल में है। डॉक्टरी नहीं भाई, पेपर लीक से की कमाई, अभी जेल में
डॉ. शरद सिंह पटेल मूल रूप से मिर्जापुर के चुनार पचेवरा कैलाहट का रहने वाला है। उसने साल 2012 में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया था। तकरीबन 5 साल से लखनऊ के वृंदावन योजना कॉलोनी में लवनेस्ट अपार्टमेंट में रहता था। 2021 में NEET के एग्जाम में हुई गड़बड़ी के मामले में मुख्य आरोपी था। कोर्ट से उसके खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था, लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई। शरद के पिता नंदलाल सिंह पटेल का खेती और डेयरी का व्यवसाय है। उसकी इन हरकतों से पिता ने उससे मतलब रखना बंद कर दिया। 2021 में जब शरद का नाम NEET परीक्षा गड़बड़ी में आया। वह पकड़ा नहीं गया तो उसने इसका फायदा उठाया। शरद ने यूपी के RO-ARO और यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की पटकथा लिख दी। हालांकि उसे भी लखनऊ से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पेपर लीक कमाई कर पत्नी को MLA का चुनाव लड़ाया
देश के कई राज्यों खासकर यूपी-बिहार में जिन भी भर्तियों के पेपर लीक हुए हैं, उसमें जो एक कॉमन नाम रहा है वो है संजीव सिंह उर्फ मुखिया। बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा थाना अंतर्गत भूतहाखार बलबापर गांव निवासी संजीव मुखिया पेपर लीक के कई मामलों में वांटेड रहा है। उसका बेटा डॉ. शिव कुमार भी उसके इस अपराध में बराबर का भागीदार रहा है। यही नहीं संजीव का साला रॉकी भी अपराध में साथ शामिल है। संजीव मुखिया की पत्नी ममता देवी भूतहाखार पंचायत की मुखिया रही है। पेपर लीक कांड से अपार काली कमाई के बीच चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के टिकट पर हरनौत विधानसभा चुनाव से चुनाव भी लड़ चुकी है। चारों ने कमाई बेशुमार दौलत, मकान, लग्जरी गाड़ियां और करोड़ों की संपत्ति
देश के कई पेपर लीक मामलों में शामिल इन चारों जालसाजों के पास काली कमाई से हासिल की गई बेशुमार दौलत है। राजीव नयन मिश्रा के पास कई लग्जरी गाड़ियां, चार मकान और प्रयागराज के नैनी में आरोग्यम हॉस्पिटल और कई कीमती प्लॉट हैं। डॉ. शरद पटेल ने भी खूब पैसा कमाया है। जांच में शामिल अफसरों की मानें तो लखनऊ के पॉश इलाके में उसके पास दो मकान, लग्जरी गाड़ी और कई कीमती प्लॉट हैं। मिर्जापुर के पचेवरा इलाके में ही उसका दो करोड़ का मकान है। यूपी के गौतमबुद्धनगर के रहने वाले रवि अत्री ने भी काली कमाई से बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है। एक समय ऐसा भी था जब रवि अत्री के परिवार के लिए सामान्य जिंदगी जीना भी मुश्किल था। आर्थिक अभाव में रहा रवि अत्री का परिवार अब आलीशान जिंदगी जी रहा है। उसके पास गौतमबुद्धनगर में बीस एकड़ जमीन, आलीशान घर और लग्जरी गाड़ियां हैं। उसने अभी शादी नहीं की है। पुलिस के मुताबिक, पकड़े जाने से कुछ समय पहले ही वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ दिल्ली के एक आलीशान होटल में तकरीबन 15 दिन तक रुका था। इस दौरान उसने लाखों रुपए खर्च किए थे। बिहार के नालंदा के रहने वाले संजीव सिंह उर्फ मुखिया ने भी परीक्षाओं में गड़बड़ी करके बेशुमार दौलत कमाई है। संजीव के पास नालंदा से पटना तक करोड़ों की संपत्ति है। ईडी और एसटीएफ खंगाल रहीं कुंडली इन जालसाजों की दौलत पर अब सरकारी एजेंसियों की नजर है। जांच में जुटे अफसरों के मुताबिक, इन चारों ने करीब 100 करोड़ की अवैध कमाई पेपर लीक और नकल कराने के बदौलत की है। ईडी, एसटीएफ इनकी काली कमाई की जानकारी के लिए तार जोड़ने में लगी हुई हैं। बताया जा है कि ईडी ने राजीव नयन मिश्रा और संजीव सिंह उर्फ मुखिया की संपत्ति की जानकारी जुटाना भी शुरू कर दिया है। रवि अत्री की करोड़ों की जमीनों के सूत्र भी ईडी खंगाल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन नकल माफियाओं की अवैध रूप से बनाई गई संपत्ति जब्त की जा सकती है। ये खबर भी पढ़ें… यूपी में योगी का पेपर लीक कानून कैसा होगा?:उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माने जैसी सख्ती, गैंगस्टर एक्ट लगा तो चलेगा बुलडोजर पेपर लीक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की कई सीटों पर हार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा। भाजपा थिंक टैंक इसकी लगातार समीक्षा में भी लगा है। माना जा रहा है, लगातार हुए पेपर लीक से युवाओं में नाराजगी थी। इन सबके बीच सीएम योगी ने पेपर लीक के मामलों में नया और सख्त कानून बनाने का ऐलान कर दिया। पूरा एक्सप्लेनर पढ़ें.. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर