वो साल 1991 था, जब 22 साल की उम्र में राजीव कृष्ण ने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की कठिन परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हो गए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उनकी यात्रा शुरू हुई, मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग पूरी की। 1992 में उनकी पहली तैनाती प्रयागराज में हुई, इसके बाद वे हैदराबाद ट्रेनिंग पर चले गए। अक्टूबर, 1993 में ट्रेनिंग से लौटे तो उन्हें बतौर ASP पोस्टिंग बरेली जिले में मिली। यहां से उनकी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था। परिवार के करीबी बताते हैं, बरेली में राजीव ट्रेनी IPS थे। यहां उनकी मुलाकात DIG रण बहादुर से हुई। DIG के साथ उनकी छोटी बेटी मीनाक्षी सिंह थीं, जो अपनी पढ़ाई में अव्वल थीं। मीनाक्षी बचपन से ही हर क्लास में टॉपर रहीं। संयोग की बात, उसी साल मीनाक्षी ने भी UPSC परीक्षा पास की थी। वह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित हुई थीं। वह भी बरेली में ही थीं। DIG रण बहादुर ने अपनी बेटी से राजीव का परिचय कराया। यह मुलाकात बस एक औपचारिक शुरुआत थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पहली मुलाकात में राजीव और मीनाक्षी एक-दूसरे को पसंद करने लगे। दोनों की सोच और देश सेवा का जुनून एक-दूसरे से मिलता-जुलता था। धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। कभी ड्यूटी के बाद की गपशप, कभी ट्रेनिंग के अनुभव और कभी भविष्य के सपनों की बातें। इन मुलाकातों ने दोनों को एक-दूसरे के करीब ला दिया। दोनों को पता नहीं था कि यह छोटा-सा परिचय कब प्यार की गहरी डोर में बंध जाएगा। लखनऊ में हुई थी शादी
जैसे ही राजीव और मीनाक्षी को अपनी भावनाओं का एहसास हुआ, उन्होंने अपने–अपने परिवार के लोगों को इस रिश्ते के बारे में बताया। दोनों के घरवाले इस रिश्ते से खुश थे, क्योंकि राजीव और मीनाक्षी न केवल एक-दूसरे के लिए उपयुक्त थे, बल्कि दोनों ही प्रशासनिक सेवा में अपनी पहचान बना रहे थे। 1996 में लखनऊ के पुलिस मेस में एक खूबसूरत समारोह में दोनों की शादी हो गई। दो बेटों के पिता हैं राजीव
राजीव कृष्ण दो बेटों के पिता हैं। बड़े बेटे रुद्र सिंह कृष्ण नेशनल यूनिवर्सिटी ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता में थर्ड ईयर का स्टूडेंट हैं। वहीं छोटे बेटे रिभव सिंह कृष्ण ने हाल ही में इंटर मीडिएट की परीक्षा पास की है। मीनाक्षी की मां का सपना था– दोनों बेटियां अफसर बनें
मीनाक्षी की मां तारा सिंह 1961 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पास आउट थीं। उनकी इच्छा थी कि दोनों बेटियां प्रशासनिक सेवाओं में जाएं और देश की सेवा करें। उनकी यह ख्वाहिश पूरी हुई। मीनाक्षी ने जहां IRS में अपनी जगह बनाई, वहीं उनकी बहन आभा सिंह भारतीय डाक सेवा (इंडियन पोस्टल सर्विस) में अधिकारी बनीं। तारा सिंह की बेटियों ने उनकी उम्मीदों को न केवल पूरा किया, बल्कि उससे कहीं अधिक हासिल किया। ————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी के नए डीजीपी बने राजीव कृष्ण:सीएम योगी से मिले, देर रात लिया चार्ज; अखिलेश बोले- ये क्या प्रदेश चलाएंगे यूपी के DGP का ऐलान हो गया है। राजीव कृष्ण नए DGP बनाए गए हैं। इन्हें भी कार्यवाहक DGP बनाया गया है। ये लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। अभी तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP थे, जो आज रिटायर हो गए। रात करीब 9 बजे डीजीपी राजीव कृष्ण ने सीएम योगी से मुलाकात की। इसके बाद वह DGP आवास गए और निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार से कार्यभार ग्रहण कर लिया। नए DGP राजीव कृष्ण ने कहा कि रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया से बात करेंगे। पढ़ें पूरी खबर वो साल 1991 था, जब 22 साल की उम्र में राजीव कृष्ण ने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की कठिन परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हो गए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उनकी यात्रा शुरू हुई, मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग पूरी की। 1992 में उनकी पहली तैनाती प्रयागराज में हुई, इसके बाद वे हैदराबाद ट्रेनिंग पर चले गए। अक्टूबर, 1993 में ट्रेनिंग से लौटे तो उन्हें बतौर ASP पोस्टिंग बरेली जिले में मिली। यहां से उनकी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था। परिवार के करीबी बताते हैं, बरेली में राजीव ट्रेनी IPS थे। यहां उनकी मुलाकात DIG रण बहादुर से हुई। DIG के साथ उनकी छोटी बेटी मीनाक्षी सिंह थीं, जो अपनी पढ़ाई में अव्वल थीं। मीनाक्षी बचपन से ही हर क्लास में टॉपर रहीं। संयोग की बात, उसी साल मीनाक्षी ने भी UPSC परीक्षा पास की थी। वह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित हुई थीं। वह भी बरेली में ही थीं। DIG रण बहादुर ने अपनी बेटी से राजीव का परिचय कराया। यह मुलाकात बस एक औपचारिक शुरुआत थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पहली मुलाकात में राजीव और मीनाक्षी एक-दूसरे को पसंद करने लगे। दोनों की सोच और देश सेवा का जुनून एक-दूसरे से मिलता-जुलता था। धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। कभी ड्यूटी के बाद की गपशप, कभी ट्रेनिंग के अनुभव और कभी भविष्य के सपनों की बातें। इन मुलाकातों ने दोनों को एक-दूसरे के करीब ला दिया। दोनों को पता नहीं था कि यह छोटा-सा परिचय कब प्यार की गहरी डोर में बंध जाएगा। लखनऊ में हुई थी शादी
जैसे ही राजीव और मीनाक्षी को अपनी भावनाओं का एहसास हुआ, उन्होंने अपने–अपने परिवार के लोगों को इस रिश्ते के बारे में बताया। दोनों के घरवाले इस रिश्ते से खुश थे, क्योंकि राजीव और मीनाक्षी न केवल एक-दूसरे के लिए उपयुक्त थे, बल्कि दोनों ही प्रशासनिक सेवा में अपनी पहचान बना रहे थे। 1996 में लखनऊ के पुलिस मेस में एक खूबसूरत समारोह में दोनों की शादी हो गई। दो बेटों के पिता हैं राजीव
राजीव कृष्ण दो बेटों के पिता हैं। बड़े बेटे रुद्र सिंह कृष्ण नेशनल यूनिवर्सिटी ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता में थर्ड ईयर का स्टूडेंट हैं। वहीं छोटे बेटे रिभव सिंह कृष्ण ने हाल ही में इंटर मीडिएट की परीक्षा पास की है। मीनाक्षी की मां का सपना था– दोनों बेटियां अफसर बनें
मीनाक्षी की मां तारा सिंह 1961 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पास आउट थीं। उनकी इच्छा थी कि दोनों बेटियां प्रशासनिक सेवाओं में जाएं और देश की सेवा करें। उनकी यह ख्वाहिश पूरी हुई। मीनाक्षी ने जहां IRS में अपनी जगह बनाई, वहीं उनकी बहन आभा सिंह भारतीय डाक सेवा (इंडियन पोस्टल सर्विस) में अधिकारी बनीं। तारा सिंह की बेटियों ने उनकी उम्मीदों को न केवल पूरा किया, बल्कि उससे कहीं अधिक हासिल किया। ————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी के नए डीजीपी बने राजीव कृष्ण:सीएम योगी से मिले, देर रात लिया चार्ज; अखिलेश बोले- ये क्या प्रदेश चलाएंगे यूपी के DGP का ऐलान हो गया है। राजीव कृष्ण नए DGP बनाए गए हैं। इन्हें भी कार्यवाहक DGP बनाया गया है। ये लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। अभी तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP थे, जो आज रिटायर हो गए। रात करीब 9 बजे डीजीपी राजीव कृष्ण ने सीएम योगी से मुलाकात की। इसके बाद वह DGP आवास गए और निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार से कार्यभार ग्रहण कर लिया। नए DGP राजीव कृष्ण ने कहा कि रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया से बात करेंगे। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी DGP राजीव कृष्ण और मीनाक्षी सिंह की लव स्टोरी:बरेली में पहली बार मिले, एक जैसी सोच ने बना दिया सात जन्मों का साथी
