अलीगढ़ में मीट की दुकानें नहीं खोल रहे मुस्लिम:मॉब लिंचिंग का डर, बोले- गोमांस के शक में पीटा, इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें

अलीगढ़ में मीट की दुकानें नहीं खोल रहे मुस्लिम:मॉब लिंचिंग का डर, बोले- गोमांस के शक में पीटा, इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें

‘हम डर-डरकर मीट का व्यापार कर रहे हैं। हमें कोई दूसरा काम आता नहीं। ऐसे में क्या करें? मीट कारोबार के सारे डॉक्यूमेंट्स हमारे पास हैं। फिर भी हमको पकड़ा जा रहा, पीटा जा रहा है। हम सरकार से चाहते हैं कि बिना दिक्कत एक नंबर का काम करने दिया जाए।’ ये कहना है यूपी के जिला अलीगढ़ के मीट व्यापारी अकील का। अकील और उनके 3 साथी 24 मई को मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। हिंदूवादी संगठनों की भीड़ ने गोमांस ले जाने के शक में चारों व्यापारियों की बर्बरता से पिटाई की। इस घटना के बाद अलीगढ़ के मीट व्यापारी खौफ में हैं। कस्बा अतरौली की 20 से ज्यादा मीट दुकानें 24 मई से बंद हैं। दोबारा लिंचिंग के डर से दुकानदार फैक्ट्री से मीट लेकर नहीं जा पा रहे। दैनिक भास्कर ने अलीगढ़ पहुंचकर मॉब लिंचिंग के शिकार मीट व्यापारियों से बात की। उनका दर्द जाना। कारोबार में कैसी दिक्कतें आ रही हैं, ये समझने की कोशिश की। इस केस में पुलिस एक्शन का स्टेटस भी जाना। पढ़िए ये रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए
अलीगढ़ में कस्बा अतरौली है। यहां मीट की 20-25 दुकानें हैं। सभी दुकानदार अलीगढ़ में मथुरा बाइपास रोड पर अल अम्मार फ्रोजन फूड्स एक्सपोर्ट कंपनी से रोजाना तकरीबन 700-800 किलो मीट खरीदते हैं। एक ही पिकअप गाड़ी में मीट भरकर रोजाना अतरौली ले जाते हैं। 24 मई की सुबह मीट व्यापारी अरबाज, कदीम और अकील नाम के दो व्यक्ति पिकअप गाड़ी में अलीगढ़ से मीट लेकर अतरौली के लिए चले। थाना हरदुआगंज इलाके में कुछ हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लड़कों ने गाड़ी रुकवा ली। गोमांस तस्करी के शक में चारों व्यापारियों को बर्बरता से पीटा। मथुरा लैब से आई जांच रिपोर्ट में पता चला है कि ये मीट भैंस का था। इसके बाद पुलिस ने सलीम की शिकायत पर 13 नामजद और 20-25 अज्ञात युवकों के खिलाफ हमले की FIR दर्ज कर ली। इस मामले में अब तक 4 आरोपी जेल जा चुके हैं। मीट व्यापारी बोले- इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें
भीड़ की हिंसा का शिकार होने वालों में मीट व्यापारी अकील भी हैं। वो फिलहाल JNM अस्पताल के वार्ड- 5 में भर्ती हैं। ऐसे हालातों में मीट कारोबार अब कितना मुश्किल हो गया है? इसके जवाब में अकील कहते हैं- इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें हैं। इससे पहले हमारे काम में कोई परेशानी नहीं आई। हम वैध मीट बेचते हैं। उसके भी सारे कागजात होते हैं। इसके बावजूद डर रहता है कि कहीं वाहन न पकड़ लिया जाए। अकील कहते हैं- 15 दिन पहले भी बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने हमारी गाड़ी पकड़ी थी। उनके साथ कुछ पुलिसवाले भी मौजूद थे। सारी इन्क्वायरी करने के बाद शाम 6 बजे हमारा मीट छोड़ा गया। तब तक करीब 700-800 किलो मीट खराब हो चुका था। हमारे साथ आए दिन ऐसा होता है। बजरंगदल वाले और पुलिसवाले आरोप लगाते हैं कि गाय का मीट है। इस काम को छोड़ो, बंद कर दो। जबकि डॉक्टर की जांच-पड़ताल के बाद ही हम भैंस का मीट बेचते हैं। अकील बताते हैं- एक बार पहले भी अलीगढ़ में गंदे नाले पर बजरंगदल वालों के साथ कुछ पुलिसवालों ने हमारा मीट भरा वाहन पकड़ा था। वो 2 लाख 70 हजार रुपए लेकर छोड़ा गया। इसके बावजूद हमारा मीट फेंक दिया गया। अब फिर से वही गैंग 50 हजार रुपए मांग रहे थे। धमकी देते हैं कि पैसे दो, वरना मीट बेचने नहीं देंगे। हमने पैसे नहीं दिए तो ऐसा किया गया। वायरल वीडियो : बेबस खाकी, पुलिसकर्मियों के डंडों से ही पिटाई
इस घटना से जुड़े कई वीडियो अब सामने आए हैं। इसमें हिंदू संगठनों के नाम पर उपद्रव कर रहे लड़कों की गुंडई सामने आई है। एक वीडियो के अनुसार, चारों मीट व्यापारी अपनी जान बचाने के लिए पुलिस की डायल-112 स्कॉर्पियो में बैठ गए। उपद्रवियों ने उन्हें पुलिस गाड़ी से बाहर निकालकर पीटा। इतना ही नहीं, स्कॉर्पियो में रखे पुलिस के डंडों से उन्हें पीटा। वहां खड़े पुलिसवाले बेबस दिख रहे थे। चारों चीखते-चिल्लाते रहे। पुलिसवालों ने घायलों को भीड़ से निकालकर गाड़ी भगाना भी उचित नहीं समझा। पुलिस की स्कॉर्पियो के शीशे डाउन थे, खिड़कियां खुली हुई थीं। उपद्रवियों ने इसका खूब फायदा उठाया। अलीगढ़ के AMU कैंपस स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे मीट व्यापारियों के जख्म तो धीरे-धीरे सूख रहे हैं। लेकिन, पूरे शरीर पर मौजूद पिटाई के निशान शायद ही आसानी से जाएं। दर्द इतना है कि वो न लेट पा रहे, न बैठ पा रहे, न चल पा रहे। आंखों देखी : पुलिसवालों ने हमें नहीं बचाया, उन्हें सरकारी गाड़ी टूटने की फिक्र थी
हमने मॉब लिंचिंग में घायल हुए दूसरे मीट व्यापारी कदीम से भी बात की। कदीम बताते हैं- 24 मई की सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर हम फैक्ट्री से मीट भरी गाड़ी लेकर अतरौली के लिए निकले। पन्हैटी चौराहे से एक किलोमीटर दूर ही चार-पांच बाइकों पर कुछ लड़के आए। उन्होंने अपनी बाइकें आगे लगाकर गाड़ी रुकवा ली। हमसे पूछताछ की और गाड़ी की तलाशी ली। मीट के कागजात देखे। फिर भी उन्होंने हमें रोके रखा और अपने कुछ साथी बुला लिए। 5 मिनट बाद ही चार-पांच बाइक पर 15-16 लड़के और आ गए। आते ही उन्होंने हमें पीटना शुरू कर दिया। कदीम आगे बताते हैं- उसी वक्त एक पुलिस की गाड़ी वहां से निकल रही थी। मैं तुरंत भागा और पुलिस गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने गाड़ी नहीं रोकी और आगे निकल गई। हमलावर हमें लगातार पीटते रहे। करीब 20-25 मिनट बाद पुलिस की एक गाड़ी आई। मैं भागकर वहां पहुंचा और जान बचाने को गाड़ी में बैठ गया। हमलावरों ने हमें पुलिस गाड़ी के अंदर से निकाल लिया और खूब पीटा। पुलिसवाले भी हमें गाड़ी से बाहर निकालने में मदद कर रहे थे। कह रहे थे कि तुम्हारी वजह से हमारी गाड़ी तोड़ देंगे ये लोग। मैंने कहा कि सर तुम्हें अपनी गाड़ी की फिक्र हो रही है, हमारी जान की नहीं। पुलिस ने इस केस में अब तक क्या किया? 4 आरोपी जेल भेजे, फोटो जारी कर हमलावरों को पहचानने की अपील
24 मई को ही इस केस में थाना हरदुआगंज में 2 FIR हुईं। पहली FIR विजय बजरंगी ने कराई। विजय बजरंगी के अनुसार, हम मीट से भरी एक मैक्स गाड़ी को रोकने का प्रयास कर रहे थे। मैक्स ने बाइक सवारों को कुचलने का प्रयास किया। बेकाबू होकर मैक्स गाड़ी पलट गई। इसके बाद मैक्स सवार युवकों ने हम पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस आ गई। मैक्स गाड़ी से गोमांस बरामद हुआ। 27 मई को मथुरा लैब की जांच रिपोर्ट में मीट भैंस का पाए जाने के बाद ये FIR रद्द कर दी गई है। दूसरी FIR मीट व्यापारियों की तरफ से सलीम खां ने दर्ज कराई है। इसमें हिंदू संगठनों से जुड़े रामकुमार आर्या, अर्जुन उर्फ भोलू, चेतन लोधी, शिवम हिंदू, रविंद्र उर्फ बंटी, लवकुश, अनुज, भूरा, विजय, गिरीश कुमार, अंकित, राना, विजय गुप्ता और 20–25 अज्ञात युवकों को आरोपी बनाया है। आरोप है कि इन लोगों ने मीट व्यापारियों से 50 हजार रुपए रंगदारी मांगी। पैसे न देने पर उन्हें बर्बरता से पीटा, गाड़ी में तोड़फोड़ और लूटपाट की। रामकुमार आर्या विहिप में विभाग मंत्री रह चुका है। अर्जुन सिंह फिलहाल भाजपा युवा मोर्चा में है। इसी तरह बाकी लोग भी किसी न किसी संगठन से जुड़े हुए हैं। इस दूसरी FIR पर एक्शन लेते हुए हरदुआगंज थाना पुलिस अब तक 4 आरोपियों विजय गुप्ता, विजय बजरंगी, लवकुश और एक अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने एक फोटो जारी करते हुए आरोपियों को पहचानने की अपील पब्लिक से की है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी के नए डीजीपी बने राजीव कृष्ण, सीएम योगी से मिले, देर रात लिया चार्ज; अखिलेश बोले- ये क्या प्रदेश चलाएंगे यूपी के DGP का ऐलान हो गया है। राजीव कृष्ण नए DGP बनाए गए हैं। इन्हें भी कार्यवाहक DGP बनाया गया है। ये लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। अभी तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP थे, जो रिटायर हो गए। रात करीब 9 बजे डीजीपी राजीव कृष्ण ने सीएम योगी से मुलाकात की। इसके बाद वह DGP आवास गए और निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार से कार्यभार ग्रहण कर लिया। पढ़ें पूरी खबर ‘हम डर-डरकर मीट का व्यापार कर रहे हैं। हमें कोई दूसरा काम आता नहीं। ऐसे में क्या करें? मीट कारोबार के सारे डॉक्यूमेंट्स हमारे पास हैं। फिर भी हमको पकड़ा जा रहा, पीटा जा रहा है। हम सरकार से चाहते हैं कि बिना दिक्कत एक नंबर का काम करने दिया जाए।’ ये कहना है यूपी के जिला अलीगढ़ के मीट व्यापारी अकील का। अकील और उनके 3 साथी 24 मई को मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। हिंदूवादी संगठनों की भीड़ ने गोमांस ले जाने के शक में चारों व्यापारियों की बर्बरता से पिटाई की। इस घटना के बाद अलीगढ़ के मीट व्यापारी खौफ में हैं। कस्बा अतरौली की 20 से ज्यादा मीट दुकानें 24 मई से बंद हैं। दोबारा लिंचिंग के डर से दुकानदार फैक्ट्री से मीट लेकर नहीं जा पा रहे। दैनिक भास्कर ने अलीगढ़ पहुंचकर मॉब लिंचिंग के शिकार मीट व्यापारियों से बात की। उनका दर्द जाना। कारोबार में कैसी दिक्कतें आ रही हैं, ये समझने की कोशिश की। इस केस में पुलिस एक्शन का स्टेटस भी जाना। पढ़िए ये रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए
अलीगढ़ में कस्बा अतरौली है। यहां मीट की 20-25 दुकानें हैं। सभी दुकानदार अलीगढ़ में मथुरा बाइपास रोड पर अल अम्मार फ्रोजन फूड्स एक्सपोर्ट कंपनी से रोजाना तकरीबन 700-800 किलो मीट खरीदते हैं। एक ही पिकअप गाड़ी में मीट भरकर रोजाना अतरौली ले जाते हैं। 24 मई की सुबह मीट व्यापारी अरबाज, कदीम और अकील नाम के दो व्यक्ति पिकअप गाड़ी में अलीगढ़ से मीट लेकर अतरौली के लिए चले। थाना हरदुआगंज इलाके में कुछ हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लड़कों ने गाड़ी रुकवा ली। गोमांस तस्करी के शक में चारों व्यापारियों को बर्बरता से पीटा। मथुरा लैब से आई जांच रिपोर्ट में पता चला है कि ये मीट भैंस का था। इसके बाद पुलिस ने सलीम की शिकायत पर 13 नामजद और 20-25 अज्ञात युवकों के खिलाफ हमले की FIR दर्ज कर ली। इस मामले में अब तक 4 आरोपी जेल जा चुके हैं। मीट व्यापारी बोले- इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें
भीड़ की हिंसा का शिकार होने वालों में मीट व्यापारी अकील भी हैं। वो फिलहाल JNM अस्पताल के वार्ड- 5 में भर्ती हैं। ऐसे हालातों में मीट कारोबार अब कितना मुश्किल हो गया है? इसके जवाब में अकील कहते हैं- इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें हैं। इससे पहले हमारे काम में कोई परेशानी नहीं आई। हम वैध मीट बेचते हैं। उसके भी सारे कागजात होते हैं। इसके बावजूद डर रहता है कि कहीं वाहन न पकड़ लिया जाए। अकील कहते हैं- 15 दिन पहले भी बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने हमारी गाड़ी पकड़ी थी। उनके साथ कुछ पुलिसवाले भी मौजूद थे। सारी इन्क्वायरी करने के बाद शाम 6 बजे हमारा मीट छोड़ा गया। तब तक करीब 700-800 किलो मीट खराब हो चुका था। हमारे साथ आए दिन ऐसा होता है। बजरंगदल वाले और पुलिसवाले आरोप लगाते हैं कि गाय का मीट है। इस काम को छोड़ो, बंद कर दो। जबकि डॉक्टर की जांच-पड़ताल के बाद ही हम भैंस का मीट बेचते हैं। अकील बताते हैं- एक बार पहले भी अलीगढ़ में गंदे नाले पर बजरंगदल वालों के साथ कुछ पुलिसवालों ने हमारा मीट भरा वाहन पकड़ा था। वो 2 लाख 70 हजार रुपए लेकर छोड़ा गया। इसके बावजूद हमारा मीट फेंक दिया गया। अब फिर से वही गैंग 50 हजार रुपए मांग रहे थे। धमकी देते हैं कि पैसे दो, वरना मीट बेचने नहीं देंगे। हमने पैसे नहीं दिए तो ऐसा किया गया। वायरल वीडियो : बेबस खाकी, पुलिसकर्मियों के डंडों से ही पिटाई
इस घटना से जुड़े कई वीडियो अब सामने आए हैं। इसमें हिंदू संगठनों के नाम पर उपद्रव कर रहे लड़कों की गुंडई सामने आई है। एक वीडियो के अनुसार, चारों मीट व्यापारी अपनी जान बचाने के लिए पुलिस की डायल-112 स्कॉर्पियो में बैठ गए। उपद्रवियों ने उन्हें पुलिस गाड़ी से बाहर निकालकर पीटा। इतना ही नहीं, स्कॉर्पियो में रखे पुलिस के डंडों से उन्हें पीटा। वहां खड़े पुलिसवाले बेबस दिख रहे थे। चारों चीखते-चिल्लाते रहे। पुलिसवालों ने घायलों को भीड़ से निकालकर गाड़ी भगाना भी उचित नहीं समझा। पुलिस की स्कॉर्पियो के शीशे डाउन थे, खिड़कियां खुली हुई थीं। उपद्रवियों ने इसका खूब फायदा उठाया। अलीगढ़ के AMU कैंपस स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे मीट व्यापारियों के जख्म तो धीरे-धीरे सूख रहे हैं। लेकिन, पूरे शरीर पर मौजूद पिटाई के निशान शायद ही आसानी से जाएं। दर्द इतना है कि वो न लेट पा रहे, न बैठ पा रहे, न चल पा रहे। आंखों देखी : पुलिसवालों ने हमें नहीं बचाया, उन्हें सरकारी गाड़ी टूटने की फिक्र थी
हमने मॉब लिंचिंग में घायल हुए दूसरे मीट व्यापारी कदीम से भी बात की। कदीम बताते हैं- 24 मई की सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर हम फैक्ट्री से मीट भरी गाड़ी लेकर अतरौली के लिए निकले। पन्हैटी चौराहे से एक किलोमीटर दूर ही चार-पांच बाइकों पर कुछ लड़के आए। उन्होंने अपनी बाइकें आगे लगाकर गाड़ी रुकवा ली। हमसे पूछताछ की और गाड़ी की तलाशी ली। मीट के कागजात देखे। फिर भी उन्होंने हमें रोके रखा और अपने कुछ साथी बुला लिए। 5 मिनट बाद ही चार-पांच बाइक पर 15-16 लड़के और आ गए। आते ही उन्होंने हमें पीटना शुरू कर दिया। कदीम आगे बताते हैं- उसी वक्त एक पुलिस की गाड़ी वहां से निकल रही थी। मैं तुरंत भागा और पुलिस गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने गाड़ी नहीं रोकी और आगे निकल गई। हमलावर हमें लगातार पीटते रहे। करीब 20-25 मिनट बाद पुलिस की एक गाड़ी आई। मैं भागकर वहां पहुंचा और जान बचाने को गाड़ी में बैठ गया। हमलावरों ने हमें पुलिस गाड़ी के अंदर से निकाल लिया और खूब पीटा। पुलिसवाले भी हमें गाड़ी से बाहर निकालने में मदद कर रहे थे। कह रहे थे कि तुम्हारी वजह से हमारी गाड़ी तोड़ देंगे ये लोग। मैंने कहा कि सर तुम्हें अपनी गाड़ी की फिक्र हो रही है, हमारी जान की नहीं। पुलिस ने इस केस में अब तक क्या किया? 4 आरोपी जेल भेजे, फोटो जारी कर हमलावरों को पहचानने की अपील
24 मई को ही इस केस में थाना हरदुआगंज में 2 FIR हुईं। पहली FIR विजय बजरंगी ने कराई। विजय बजरंगी के अनुसार, हम मीट से भरी एक मैक्स गाड़ी को रोकने का प्रयास कर रहे थे। मैक्स ने बाइक सवारों को कुचलने का प्रयास किया। बेकाबू होकर मैक्स गाड़ी पलट गई। इसके बाद मैक्स सवार युवकों ने हम पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस आ गई। मैक्स गाड़ी से गोमांस बरामद हुआ। 27 मई को मथुरा लैब की जांच रिपोर्ट में मीट भैंस का पाए जाने के बाद ये FIR रद्द कर दी गई है। दूसरी FIR मीट व्यापारियों की तरफ से सलीम खां ने दर्ज कराई है। इसमें हिंदू संगठनों से जुड़े रामकुमार आर्या, अर्जुन उर्फ भोलू, चेतन लोधी, शिवम हिंदू, रविंद्र उर्फ बंटी, लवकुश, अनुज, भूरा, विजय, गिरीश कुमार, अंकित, राना, विजय गुप्ता और 20–25 अज्ञात युवकों को आरोपी बनाया है। आरोप है कि इन लोगों ने मीट व्यापारियों से 50 हजार रुपए रंगदारी मांगी। पैसे न देने पर उन्हें बर्बरता से पीटा, गाड़ी में तोड़फोड़ और लूटपाट की। रामकुमार आर्या विहिप में विभाग मंत्री रह चुका है। अर्जुन सिंह फिलहाल भाजपा युवा मोर्चा में है। इसी तरह बाकी लोग भी किसी न किसी संगठन से जुड़े हुए हैं। इस दूसरी FIR पर एक्शन लेते हुए हरदुआगंज थाना पुलिस अब तक 4 आरोपियों विजय गुप्ता, विजय बजरंगी, लवकुश और एक अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने एक फोटो जारी करते हुए आरोपियों को पहचानने की अपील पब्लिक से की है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी के नए डीजीपी बने राजीव कृष्ण, सीएम योगी से मिले, देर रात लिया चार्ज; अखिलेश बोले- ये क्या प्रदेश चलाएंगे यूपी के DGP का ऐलान हो गया है। राजीव कृष्ण नए DGP बनाए गए हैं। इन्हें भी कार्यवाहक DGP बनाया गया है। ये लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। अभी तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP थे, जो रिटायर हो गए। रात करीब 9 बजे डीजीपी राजीव कृष्ण ने सीएम योगी से मुलाकात की। इसके बाद वह DGP आवास गए और निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार से कार्यभार ग्रहण कर लिया। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर