योगीजी कम उम्र में संत बने…मेरे संन्यास पर हंगामा क्यों?:आगरा लौटी गौरी ने कहा- बालिग होने पर साध्वी बनूंगी; पिता बोले- फिर प्रयागराज जाएंगे

योगीजी कम उम्र में संत बने…मेरे संन्यास पर हंगामा क्यों?:आगरा लौटी गौरी ने कहा- बालिग होने पर साध्वी बनूंगी; पिता बोले- फिर प्रयागराज जाएंगे

‘योगी आदित्यनाथ ने भी कम उम्र पर संन्यास लिया। तब किसी ने विरोध नहीं किया। मेरे संन्यास लेने पर इतना क्यों हंगामा हो रहा है? जूना अखाड़े में शामिल होना बहुत कठिन और गौरवशाली है। लेकिन मेरा मनोबल टूटने वाला नहीं है। अब मैं साध्वी के वेश में ही रहूंगी। यहीं गुरुकुल में पढ़ाई करूंगी और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करूंगी। बालिग होने पर मुझे साध्वी बनना है।’ ये कहना है प्रयागराज महाकुंभ में साध्वी बनने गई 13 साल की किशोरी का। वह 23 दिन बाद अपने गांव फतेहाबाद लौट आई हैं। वह कहती हैं- हम घूमने के लिए प्रयागराज गए थे, वहां संन्यासियों को देखकर अध्यात्म की तरफ जाने की मेरी इच्छा हुई। मां-पिता को बताया, उन्होंने मुझे डांटा। कहा कि संन्यास जीवन सब नहीं ले सकते। बहुत मुश्किल होता है। तब मैंने गुरु महेंद्र कौशल गिरीजी महाराज से बात की।उन्होंने मेरे मां-पिता को समझाया। कहा कि बेटी की इच्छा है, तो उसे संन्यासी जीवन में आगे बढ़ने दीजिए। लड़की ने बताया- जब मैं 11 साल की थी, तभी मैंने गुरु महेंद्र कौशल गिरीजी महाराज से दीक्षा ले ली थी। कक्षा 9 में पढ़ने वाली लड़की ने बताया- बालिग हो जाने पर बंदिश खत्म हो जाएगी। तब संयम पथ का पताका फहराने से कोई नहीं रोक सकेगा। इसके लिए जूना अखाड़े ने सहमति भी दे दी है। दैनिक भास्कर ने पिता से भी बेटी के संन्यास ग्रहण करने पर बात की… सवाल : आपकी बेटी संन्यास लेने गई थी, अब आप लोग वापस आ गए हैं, क्या घटनाक्रम रहा?
पिता : बेटी दीक्षा पहले ही ले चुकी थी। संन्यास लेने के लिए अब हम लोग आश्रम पहुंचे। हमारे कुछ रिश्तेदार और एक यूट्यूब चैनल चलाने वाले ने आरोप लगा दिया कि हमने 25 लाख में बेटी को बेचा है। बताइए हम क्या सोचकर आगे बढ़े थे, ये कैसी बातें होने लगीं। सवाल : गुरु महेंद्र कौशल गिरीजी महाराज से पहले से परिचित हैं क्या?
पिता : हम उन्हें 35 साल से जानते हैं। वह हमारी बुआ के लड़के हैं। हमारी रिश्तेदारी में आते हैं। सवाल : अब आगे क्या करने वाले हैं?
पिता : बेटी को लेकर 10 दिन बाद फिर जाएंगे। बेटी फिर से दीदी ऋतंभरा देवी के आश्रम में चली जाएगी। अब पूरा मामला पढ़िए…
आगरा के फतेहाबाद के रहने वाले दंपती अपनी दोनों बेटियों को लेकर 25 दिसंबर को प्रयागराज महाकुंभ गए थे। वहां उन्होंने जूना अखाड़े में अपनी 13 वर्षीय बेटी का दान किया। वहीं महाकुंभ में दीक्षा लेने वाली 13 साल की लड़की ने संन्यास ले लिया था। हालांकि बाद में उसका संन्यास वापस हो गया। दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को जूना अखाड़े से 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने नाबालिग को गलत तरीके से शिष्य बनाया था। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि महाराज ने कहा- यह अखाड़े की परंपरा नहीं रही है कि किसी नाबालिग को संन्यासी बना दें। इस मुद्दे पर बैठक कर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है। बाल‍िग होने पर साध्वी नहीं बनाया तो दे दूंगी जान
किशोरी का कहना है कि बालिग होने पर साध्वी नहीं बनाया तो गंगा में कूदकर जान दे दूंगी। परिजनों ने गुरु को सम्मान न मिलने पर सुसाइड की धमकी दी है। संत कौशल गिरि की सम्मान के साथ अखाड़े में हो वापसी
किशोरी के पिता ने कहा- वह चाहते हैं कि संत कौशल गिरी की सम्मान के साथ अखाड़े में वापसी हो। उनके सम्मान से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। यदि गुरु को सम्मान न मिला तो पूरा परिवार आत्महत्या कर लेगा। दूसरे अखाड़ों में रह रहीं हैं कई बच्चियां
किशोरी ने अपने निर्णय पर अडिग रहने की बात कहते हुए कहा- बचपन से ही साध्वी बनने की इच्छा प्रबल हो गई थी। भगवा पहन लिया है तो अब यह छूटने वाला नहीं है। अब बालिग होने तक इंतजार कर रही हूं। उसके नाबालिग होने पर जूना अखाड़े से लौटा दिया गया, जबकि प्रयागराज में सजे कई अखाड़ों में तीन, सात और नौ वर्ष की बच्चियां रह रही हैं। अब पढ़िए, महंत कौशल गिरि कौन हैं? कौशल गिरी महाराज फिलहाल 38 साल के हैं। उनका गांव का नाम लटूरी है। उनके पिता का नाम बंगाली रघुवंशी और मां आशा देवी है। वह 6 साल से पूजा-पाठ में लीन रहते थे। गांव के ही एक मंदिर पर अपने गुरु नरसिंह गिरी के साथ पूजा-अर्चना करते थे। कुछ समय बाद ही वह घर परिवार और गांव छोड़कर चले गए। उनके भाई बंटी अभी भी गांव में रहते हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, एक बार भागवत कथा के दौरान उन्होंने लगातार सात दिन तक खड़े होकर पूजा-अर्चना की थी। ………………… ये खबर भी पढ़िए… राजनाथ सिंह ने संगम में डुबकी लगाईं:सेना की मीटिंग लेंगे; महाकुंभ में ब्लास्ट की धमकी के बाद आधी रात तक सर्चिंग महाकुंभ का आज छठा दिन है। दोपहर 12 बजे तक 20 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। अब तक 7.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोपहर में संगम में डुबकी लगाई। पढ़िए पूरी खबर ‘योगी आदित्यनाथ ने भी कम उम्र पर संन्यास लिया। तब किसी ने विरोध नहीं किया। मेरे संन्यास लेने पर इतना क्यों हंगामा हो रहा है? जूना अखाड़े में शामिल होना बहुत कठिन और गौरवशाली है। लेकिन मेरा मनोबल टूटने वाला नहीं है। अब मैं साध्वी के वेश में ही रहूंगी। यहीं गुरुकुल में पढ़ाई करूंगी और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करूंगी। बालिग होने पर मुझे साध्वी बनना है।’ ये कहना है प्रयागराज महाकुंभ में साध्वी बनने गई 13 साल की किशोरी का। वह 23 दिन बाद अपने गांव फतेहाबाद लौट आई हैं। वह कहती हैं- हम घूमने के लिए प्रयागराज गए थे, वहां संन्यासियों को देखकर अध्यात्म की तरफ जाने की मेरी इच्छा हुई। मां-पिता को बताया, उन्होंने मुझे डांटा। कहा कि संन्यास जीवन सब नहीं ले सकते। बहुत मुश्किल होता है। तब मैंने गुरु महेंद्र कौशल गिरीजी महाराज से बात की।उन्होंने मेरे मां-पिता को समझाया। कहा कि बेटी की इच्छा है, तो उसे संन्यासी जीवन में आगे बढ़ने दीजिए। लड़की ने बताया- जब मैं 11 साल की थी, तभी मैंने गुरु महेंद्र कौशल गिरीजी महाराज से दीक्षा ले ली थी। कक्षा 9 में पढ़ने वाली लड़की ने बताया- बालिग हो जाने पर बंदिश खत्म हो जाएगी। तब संयम पथ का पताका फहराने से कोई नहीं रोक सकेगा। इसके लिए जूना अखाड़े ने सहमति भी दे दी है। दैनिक भास्कर ने पिता से भी बेटी के संन्यास ग्रहण करने पर बात की… सवाल : आपकी बेटी संन्यास लेने गई थी, अब आप लोग वापस आ गए हैं, क्या घटनाक्रम रहा?
पिता : बेटी दीक्षा पहले ही ले चुकी थी। संन्यास लेने के लिए अब हम लोग आश्रम पहुंचे। हमारे कुछ रिश्तेदार और एक यूट्यूब चैनल चलाने वाले ने आरोप लगा दिया कि हमने 25 लाख में बेटी को बेचा है। बताइए हम क्या सोचकर आगे बढ़े थे, ये कैसी बातें होने लगीं। सवाल : गुरु महेंद्र कौशल गिरीजी महाराज से पहले से परिचित हैं क्या?
पिता : हम उन्हें 35 साल से जानते हैं। वह हमारी बुआ के लड़के हैं। हमारी रिश्तेदारी में आते हैं। सवाल : अब आगे क्या करने वाले हैं?
पिता : बेटी को लेकर 10 दिन बाद फिर जाएंगे। बेटी फिर से दीदी ऋतंभरा देवी के आश्रम में चली जाएगी। अब पूरा मामला पढ़िए…
आगरा के फतेहाबाद के रहने वाले दंपती अपनी दोनों बेटियों को लेकर 25 दिसंबर को प्रयागराज महाकुंभ गए थे। वहां उन्होंने जूना अखाड़े में अपनी 13 वर्षीय बेटी का दान किया। वहीं महाकुंभ में दीक्षा लेने वाली 13 साल की लड़की ने संन्यास ले लिया था। हालांकि बाद में उसका संन्यास वापस हो गया। दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को जूना अखाड़े से 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने नाबालिग को गलत तरीके से शिष्य बनाया था। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि महाराज ने कहा- यह अखाड़े की परंपरा नहीं रही है कि किसी नाबालिग को संन्यासी बना दें। इस मुद्दे पर बैठक कर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है। बाल‍िग होने पर साध्वी नहीं बनाया तो दे दूंगी जान
किशोरी का कहना है कि बालिग होने पर साध्वी नहीं बनाया तो गंगा में कूदकर जान दे दूंगी। परिजनों ने गुरु को सम्मान न मिलने पर सुसाइड की धमकी दी है। संत कौशल गिरि की सम्मान के साथ अखाड़े में हो वापसी
किशोरी के पिता ने कहा- वह चाहते हैं कि संत कौशल गिरी की सम्मान के साथ अखाड़े में वापसी हो। उनके सम्मान से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। यदि गुरु को सम्मान न मिला तो पूरा परिवार आत्महत्या कर लेगा। दूसरे अखाड़ों में रह रहीं हैं कई बच्चियां
किशोरी ने अपने निर्णय पर अडिग रहने की बात कहते हुए कहा- बचपन से ही साध्वी बनने की इच्छा प्रबल हो गई थी। भगवा पहन लिया है तो अब यह छूटने वाला नहीं है। अब बालिग होने तक इंतजार कर रही हूं। उसके नाबालिग होने पर जूना अखाड़े से लौटा दिया गया, जबकि प्रयागराज में सजे कई अखाड़ों में तीन, सात और नौ वर्ष की बच्चियां रह रही हैं। अब पढ़िए, महंत कौशल गिरि कौन हैं? कौशल गिरी महाराज फिलहाल 38 साल के हैं। उनका गांव का नाम लटूरी है। उनके पिता का नाम बंगाली रघुवंशी और मां आशा देवी है। वह 6 साल से पूजा-पाठ में लीन रहते थे। गांव के ही एक मंदिर पर अपने गुरु नरसिंह गिरी के साथ पूजा-अर्चना करते थे। कुछ समय बाद ही वह घर परिवार और गांव छोड़कर चले गए। उनके भाई बंटी अभी भी गांव में रहते हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, एक बार भागवत कथा के दौरान उन्होंने लगातार सात दिन तक खड़े होकर पूजा-अर्चना की थी। ………………… ये खबर भी पढ़िए… राजनाथ सिंह ने संगम में डुबकी लगाईं:सेना की मीटिंग लेंगे; महाकुंभ में ब्लास्ट की धमकी के बाद आधी रात तक सर्चिंग महाकुंभ का आज छठा दिन है। दोपहर 12 बजे तक 20 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। अब तक 7.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोपहर में संगम में डुबकी लगाई। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर