लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा की दस सीटों पर होने वाले उप चुनाव का अयोध्या से आगाज कर दिया है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सीएम योगी मंगलवार को पहली बार अयोध्या पहुंचे। दो दिवसीय दौरे में योगी ने हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना की। पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ मिल्कीपुर की चुनावी तैयारी की समीक्षा की। लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की है। अयोध्या सीट जीतने के बाद सपा ने अवधेश प्रसाद को ना केवल अपना दलित चेहरा बनाया है। बल्कि सपा अवधेश प्रसाद के जरिये संसद से सड़क तक भाजपा को घेरने का कोई मौका भी नहीं छोड़ रही है। अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव होना है। वहीं अयोध्या के बगल के जिले अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर भी उप चुनाव होना है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार से भाजपा को ना केवल प्रदेश बल्कि देशभर में झटका लगा है। सूत्रों की मानें तो सीएम योगी उप चुनाव में मिल्कीपुर और कटेहरी सीट जीत कर परंपरागत वोट बैंक को संदेश देना चाहते हैं। यूपी में ना तो राम लहर कमजोर पड़ी है ना ही डबल इंजन की सरकार की लोकप्रियता में कमी आई है। यही वजह है कि सीएम योगी ने उप चुनाव में संदेश देने वाली मिल्कीपुर और कटेहरी सीटें अपने पास रखी है। सीएम योगी ने सोमवार रात आयोजित बैठक में उप चुनाव के लिए गठित टीम-30 के मंत्रियों को उप चुनाव का रोडमैप सौंपा। मंगलवार सुबह योगी खुद भी उस रोडमैप पर काम करने के लिए मैदान में उतरकर अयोध्या पहुंच गए। साधु संतों को भी साधा सीएम योगी ने अयोध्या में साधु संतों के साथ भी बैठक की। साधु संतों के साथ अयोध्या के विकास और चुनावी तैयारी पर बात हुई। अयोध्या की जनता को भी संदेश जानकार मानते हैं कि सीएम योगी ने दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या की जनता को भी संदेश दिया है। लोकसभा चुनाव में भले ही जनता ने अपेक्षित समर्थन नहीं दिया। लेकिन सरकार अयोध्या के विकास के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी। सीएम योगी ने 35 हजार करोड़ की परियोजनाओं को समयबद्ध धरातल पर उतारने के निर्देश दिए हैं। मुद्दों को धार, सपा पर वार सीएम योगी अयोध्या से उप चुनाव के मुद्दे को धार देंगे। हनुमान गढ़ी की पूजा अर्चना से योगी ने साफ कर दिया कि उप चुनाव भी राष्ट्रवाद के एजेंडे पर लड़ा जाएगा। वहीं अयोध्या में दलित युवती के साथ सपा के पदाधिकारी मोईद खान द्वारा बलात्कार के मुद्दे को उठाकर सपा को जनता के बीच घेरने का काम भी करेंगे। जानकार मानते हैं कि सामाजिक समीकरण के लिहाज से यह दोनों सीटें जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं है। यदि भाजपा दोनों सीटें जीत जाती है तो अवध की इन दोनों सीटों से फिर यूपी में भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा। एक संदेश यह भी भाजपा में बीते दो महीने से सीएम योगी और दोनों डिप्टी सीएम, भाजपा के बीच टकराव की चर्चा आम है।योगी सभी चर्चाओं को विराम देते हुए अपने एजेंडे पर आगे बढ़ गए हैं। फिलहाल उनका एक ही एजेंडा है कि सरकार और संगठन के तालमेल से उप चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतना। कमियों पर खुद काम करेंगे योगी योगी की नजर में लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार की चार बड़ी वजह रही। उन चार कारणों पर सीएम योगी उप चुनाव में खुद काम रहे हैं। सीएम ने साफ कर दिया है कि उप चुनाव में किसी प्रकार का अति-आत्मविश्वास नहीं रखना है। सीएम जनता के बीच अपनी सरकार की उपलब्धियां खुद बता रहे हैं। दलितों और पिछड़ों के बीच सपा के खिलाफ मुद्दे बना रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी विपक्ष पर मजबूती से हमला बोलने की रणनीति है। लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा की दस सीटों पर होने वाले उप चुनाव का अयोध्या से आगाज कर दिया है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सीएम योगी मंगलवार को पहली बार अयोध्या पहुंचे। दो दिवसीय दौरे में योगी ने हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना की। पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ मिल्कीपुर की चुनावी तैयारी की समीक्षा की। लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की है। अयोध्या सीट जीतने के बाद सपा ने अवधेश प्रसाद को ना केवल अपना दलित चेहरा बनाया है। बल्कि सपा अवधेश प्रसाद के जरिये संसद से सड़क तक भाजपा को घेरने का कोई मौका भी नहीं छोड़ रही है। अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव होना है। वहीं अयोध्या के बगल के जिले अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर भी उप चुनाव होना है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार से भाजपा को ना केवल प्रदेश बल्कि देशभर में झटका लगा है। सूत्रों की मानें तो सीएम योगी उप चुनाव में मिल्कीपुर और कटेहरी सीट जीत कर परंपरागत वोट बैंक को संदेश देना चाहते हैं। यूपी में ना तो राम लहर कमजोर पड़ी है ना ही डबल इंजन की सरकार की लोकप्रियता में कमी आई है। यही वजह है कि सीएम योगी ने उप चुनाव में संदेश देने वाली मिल्कीपुर और कटेहरी सीटें अपने पास रखी है। सीएम योगी ने सोमवार रात आयोजित बैठक में उप चुनाव के लिए गठित टीम-30 के मंत्रियों को उप चुनाव का रोडमैप सौंपा। मंगलवार सुबह योगी खुद भी उस रोडमैप पर काम करने के लिए मैदान में उतरकर अयोध्या पहुंच गए। साधु संतों को भी साधा सीएम योगी ने अयोध्या में साधु संतों के साथ भी बैठक की। साधु संतों के साथ अयोध्या के विकास और चुनावी तैयारी पर बात हुई। अयोध्या की जनता को भी संदेश जानकार मानते हैं कि सीएम योगी ने दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या की जनता को भी संदेश दिया है। लोकसभा चुनाव में भले ही जनता ने अपेक्षित समर्थन नहीं दिया। लेकिन सरकार अयोध्या के विकास के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी। सीएम योगी ने 35 हजार करोड़ की परियोजनाओं को समयबद्ध धरातल पर उतारने के निर्देश दिए हैं। मुद्दों को धार, सपा पर वार सीएम योगी अयोध्या से उप चुनाव के मुद्दे को धार देंगे। हनुमान गढ़ी की पूजा अर्चना से योगी ने साफ कर दिया कि उप चुनाव भी राष्ट्रवाद के एजेंडे पर लड़ा जाएगा। वहीं अयोध्या में दलित युवती के साथ सपा के पदाधिकारी मोईद खान द्वारा बलात्कार के मुद्दे को उठाकर सपा को जनता के बीच घेरने का काम भी करेंगे। जानकार मानते हैं कि सामाजिक समीकरण के लिहाज से यह दोनों सीटें जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं है। यदि भाजपा दोनों सीटें जीत जाती है तो अवध की इन दोनों सीटों से फिर यूपी में भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा। एक संदेश यह भी भाजपा में बीते दो महीने से सीएम योगी और दोनों डिप्टी सीएम, भाजपा के बीच टकराव की चर्चा आम है।योगी सभी चर्चाओं को विराम देते हुए अपने एजेंडे पर आगे बढ़ गए हैं। फिलहाल उनका एक ही एजेंडा है कि सरकार और संगठन के तालमेल से उप चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतना। कमियों पर खुद काम करेंगे योगी योगी की नजर में लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार की चार बड़ी वजह रही। उन चार कारणों पर सीएम योगी उप चुनाव में खुद काम रहे हैं। सीएम ने साफ कर दिया है कि उप चुनाव में किसी प्रकार का अति-आत्मविश्वास नहीं रखना है। सीएम जनता के बीच अपनी सरकार की उपलब्धियां खुद बता रहे हैं। दलितों और पिछड़ों के बीच सपा के खिलाफ मुद्दे बना रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी विपक्ष पर मजबूती से हमला बोलने की रणनीति है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि यह सड़क दुर्घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के चनोरा पुल के पास हुई है. हादसे के बाद बस में मौजूद करीब सभी मजदूर घायल बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज चल रहा है. घायलों में दो को ज्यादा चोट लगने के कारण उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. दोनों को आगरा के लिए रेफर कर दिया गया है.</p>
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महाराष्ट्र चुनाव के बीच महायुति में अनबन के आसार! BJP नेता के विवादित बयान से मची हलचल <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> महाराष्ट्र में चुनावी प्रचार के साथ-साथ जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है. इसी बीच उल्हासनगर से बीजेपी जिला अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी के बयान से राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है. उन्होंने एक सभा के दौरान कहा, ‘जिन्हें गद्दार कहा जाता है वो मुख्यमंत्री बन जाते हैं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>रामचंदानी के बयान पर अभी शिवसेना शिंदे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है उनके बयान से बीजेपी और शिवसेना के बीच फिर विवाद छिड़ सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘जिन्हें गद्दार कहा जाता है, वो मुख्यमंत्री बन जाते हैं’</strong><br />उल्हासनगर के मौजूदा विधायक कुमार आयलानी को महायुति ने दोबारा उम्मीदवार बनाया है. उल्हासनगर में शनिवार को बीजेपी की ओर से एक सभा का आयोजन किया गया था. इस सभा को संबोधित करते हुए उल्हासनगर जिला अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी ने कहा, “अब गद्दार नहीं रहे, जिन्हें गद्दार कहा जाता है वो मुख्यमंत्री बन जाते हैं, राजनीति की परिभाषा बदल गई है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’भाषण का अलग मतलब निकाला गया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यहीं नहीं, रामचंदानी ने कहा, “जिन लोगों ने गद्दारी की, वे हमारी पार्टी में शामिल हो गए हैं. हम उन्हें खुद्दार कहेंगे.” बीजेपी जिला अध्यक्ष के इस बयान से बवाल मच गया है. उनके बयान पर शिवसेना क्या रुख अपनाती है ये देखना अभी बाकी है. वहीं, रामचंदानी के बयान से जब राजनीति गरमा गई तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “मेरे भाषण का अलग मतलब निकाला गया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>40 विधायकों को लेकर अलग हो गए थे शिंदे</strong><br />महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस बार शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) एनसीपी शरद पवार और कांग्रेस वाला महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने का दावा कर रहा है तो वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी वाला महायुति गठबंधन सत्ता में वापसी का दावा कर रहा है. 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह के बाद <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> अपनी पार्टी के 40 विधायकों को तोड़कर बीजेपी के समर्थन से सीएम बन गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें:<a title=” BJP में बागियों को मनाने की कवायद तेज, देवेंद्र फडणवीस और गोपाल शेट्टी की मुलाकात में क्या हुई बात?” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-devendra-fadnavis-meets-gopal-shetty-to-persuade-him-to-withdraw-nomination-2815533″ target=”_blank” rel=”noopener”> BJP में बागियों को मनाने की कवायद तेज, देवेंद्र फडणवीस और गोपाल शेट्टी की मुलाकात में क्या हुई बात?</a></strong></p>