योगी बोले- संविधान में नहीं था ‘सेक्युलर-समाजवादी’ शब्द:लखनऊ में कहा- इमरजेंसी के वक्त चुपके से जोड़ा; कांग्रेस ने की छेड़छाड़

योगी बोले- संविधान में नहीं था ‘सेक्युलर-समाजवादी’ शब्द:लखनऊ में कहा- इमरजेंसी के वक्त चुपके से जोड़ा; कांग्रेस ने की छेड़छाड़

लखनऊ के लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान की उद्देशिका को पढ़ा। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से साथ कई नेताओं और शहर के लोगों को संविधान की शपथ दिलाई गई। इस दौरान सीएम योगी ने कहा- संविधान के साथ कांग्रेस छेड़छाड़ की है। बाबा साहब के संविधान में ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं था। इसे इमरजेंसी के समय चुपके से जोड़ा गया। यह एक किताब नहीं 140 करोड़ भारतीयों को जोड़ने वाला दस्तावेज है। यही देश की एकता और अखंडता का आधार है। बाबा साहब संविधान के वास्तुकार थे। उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की आधारशिला रखी थी। इसी से लोकतंत्र की महानता है। क्योंकि ड्राफ्टिंग कमेटी ने न्याय और समता को संविधान में शामिल किया था। विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका ले मार्गदर्शन
उस समय 13 समिति थी। ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व बाबा साहब ने किया। सभी कमेटियों की दलील के बाद निकले अंशों को संविधान में शामिल किया गया। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को इससे मार्गदर्शन लेना चाहिए। सीएम योगी ने भारत के लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा- भारत में जाति, मत और मजहब के व्यक्ति को समान अधिकार है। जब दुनिया के अन्य लोकतंत्रों में भेदभाव जारी था, भारत ने पहले ही आम चुनाव में हर वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया। यह बाबा साहब की दूरदर्शिता का परिणाम है। संविधान दिवस पर इस आयोजन से जनता अपने अधिकार और कर्तव्य को समझ रही है। कांग्रेस ने किया उद्देशिका से छेड़छाड़
सीएम ने कहा जिन लोगों ने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का काम किया जनता उनको सबक सिखा रही है। बाबा साहेब के संविधान में दो शब्द ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ नहीं था। जब देश के नागरिक अधिकार निरस्त किए गए। देश इमरजेंसी थी तब इन दोनों शब्दों को कांग्रेस ने चोरी छिपे संविधान में भर दिया। दलित, पिछड़े के अधिकार पर करते हैं टिप्पणी
जो लोग देश की जनता को गुमराह करते हैं, उनकी भावना को समझें। इनका चेहरा लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन वास्तव में लोकतांत्रिक हैं नहीं। जब इनको अवसर मिलेता है ये अपनी हरकत से शुरू कर देते हैं। 1975 हो या अब का भारत। ये देश में भी और विदेश मे भी दलित, पिछड़ी जाति के लोगों को मिले अधिकार से वंचित करने के लिए टिप्पणी करते हैं। सबसे पहले भारत में मिली महिला को शक्ति
सीएम योगी ने कहा दुनिया में सबसे पहले भारत ने महिलाओं को मताधिकार की शक्ति दी। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया तब विधायिका में एक तिहाई सदस्य महिला शामिल हुईं। यह दुनिया में सबसे पहले भारत में हुआ। यह समय ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनाने का है। कैबिनेट की सिफारिश पर हुआ था गठन
सीएम योगी ने कहा- भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ, लेकिन संविधान सभा का गठन 1946 में ही कैबिनेट मिशन की सिफारिशों के आधार पर हुआ। पहली बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। संविधान के अमृत वर्ष का जिक्र
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष को संविधान लागू होने का अमृत वर्ष बताते हुए कहा कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि मूल कर्तव्यों का पालन करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। साल भर अलग-अलग इलाकों में चलेगा सत्र
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि संविधान जागरूकता पर आधारित कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। संविधान दिवस के इस आयोजन में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह समेत कई मंत्री, विधायक और अधिकारी उपस्थित रहे। लखनऊ के लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान की उद्देशिका को पढ़ा। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से साथ कई नेताओं और शहर के लोगों को संविधान की शपथ दिलाई गई। इस दौरान सीएम योगी ने कहा- संविधान के साथ कांग्रेस छेड़छाड़ की है। बाबा साहब के संविधान में ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं था। इसे इमरजेंसी के समय चुपके से जोड़ा गया। यह एक किताब नहीं 140 करोड़ भारतीयों को जोड़ने वाला दस्तावेज है। यही देश की एकता और अखंडता का आधार है। बाबा साहब संविधान के वास्तुकार थे। उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की आधारशिला रखी थी। इसी से लोकतंत्र की महानता है। क्योंकि ड्राफ्टिंग कमेटी ने न्याय और समता को संविधान में शामिल किया था। विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका ले मार्गदर्शन
उस समय 13 समिति थी। ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व बाबा साहब ने किया। सभी कमेटियों की दलील के बाद निकले अंशों को संविधान में शामिल किया गया। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को इससे मार्गदर्शन लेना चाहिए। सीएम योगी ने भारत के लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा- भारत में जाति, मत और मजहब के व्यक्ति को समान अधिकार है। जब दुनिया के अन्य लोकतंत्रों में भेदभाव जारी था, भारत ने पहले ही आम चुनाव में हर वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया। यह बाबा साहब की दूरदर्शिता का परिणाम है। संविधान दिवस पर इस आयोजन से जनता अपने अधिकार और कर्तव्य को समझ रही है। कांग्रेस ने किया उद्देशिका से छेड़छाड़
सीएम ने कहा जिन लोगों ने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का काम किया जनता उनको सबक सिखा रही है। बाबा साहेब के संविधान में दो शब्द ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ नहीं था। जब देश के नागरिक अधिकार निरस्त किए गए। देश इमरजेंसी थी तब इन दोनों शब्दों को कांग्रेस ने चोरी छिपे संविधान में भर दिया। दलित, पिछड़े के अधिकार पर करते हैं टिप्पणी
जो लोग देश की जनता को गुमराह करते हैं, उनकी भावना को समझें। इनका चेहरा लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन वास्तव में लोकतांत्रिक हैं नहीं। जब इनको अवसर मिलेता है ये अपनी हरकत से शुरू कर देते हैं। 1975 हो या अब का भारत। ये देश में भी और विदेश मे भी दलित, पिछड़ी जाति के लोगों को मिले अधिकार से वंचित करने के लिए टिप्पणी करते हैं। सबसे पहले भारत में मिली महिला को शक्ति
सीएम योगी ने कहा दुनिया में सबसे पहले भारत ने महिलाओं को मताधिकार की शक्ति दी। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया तब विधायिका में एक तिहाई सदस्य महिला शामिल हुईं। यह दुनिया में सबसे पहले भारत में हुआ। यह समय ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनाने का है। कैबिनेट की सिफारिश पर हुआ था गठन
सीएम योगी ने कहा- भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ, लेकिन संविधान सभा का गठन 1946 में ही कैबिनेट मिशन की सिफारिशों के आधार पर हुआ। पहली बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। संविधान के अमृत वर्ष का जिक्र
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष को संविधान लागू होने का अमृत वर्ष बताते हुए कहा कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि मूल कर्तव्यों का पालन करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। साल भर अलग-अलग इलाकों में चलेगा सत्र
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि संविधान जागरूकता पर आधारित कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। संविधान दिवस के इस आयोजन में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह समेत कई मंत्री, विधायक और अधिकारी उपस्थित रहे।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर