लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार को अस्थिर करने का खेल शुरू हो गया है। भाजपा सरकार और संगठन ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है कि आखिर इस खेल का मास्टर माइंड कौन है। जो लगातार अपने करीबी नेताओं से बयानबाजी कराकर योगी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। सरकार के सूत्रों की मानें तो शक की सुई दिल्ली के एक पत्रकार पर है। जौनपुर के बदलापुर से भाजपा विधायक रमेश मिश्रा के सरकार विरोधी बयान को भी इसी साजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो लोकसभा चुनाव के बाद से ही कुछ नेता विभीषण की भूमिका में आ गए हैं। वह अपनी ही सरकार को कमजोर करने की नीयत से उलूल-जुलूल बयान दे रहे हैं। ऐसे नेताओं के बयानों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि इन बयानबाजी के पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा है। गिरोह का मास्टर माइंड भाजपा सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहा है। संदिग्ध नेताओं की पहचान शुरू सरकार और भाजपा ने इस बात की तह में जाना शुरू कर दिया है कि आखिर बीजेपी के अंदर अभी कितने और नेता और विधायक हैं, जो किसी खास उद्देश्य से प्रदेश सरकार को कमजोर करने के लिए बयानबाजियां कर सकते हैं। रमेश मिश्रा प्रकरण की गहराई में जाएगी सरकार योगी सरकार और भाजपा विधायक रमेश मिश्रा के प्रकरण की तह में जाएंगे। शनिवार को प्रारंभिक पड़ताल में सरकार को जानकारी मिली है कि रमेश मिश्रा के संबंध माफिया मुख्तार अंसारी भी रहे हैं। लोकसभा चुनाव में वह खुद बदलापुर में जौनपुर से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह को चुनाव नहीं जीता सके। सरकार और भाजपा नेताओं को शक है कि उसी मास्टर माइंड की साजिश के तहत रमेश मिश्रा ने भी सरकार विरोधी बयान दिया है। हालांकि रमेश मिश्रा का कहना है कि उन्होंने किसी के कहने से बयान नहीं दिया है। उन्होंने इसके पीछे कोई साजिश होने से भी इनकार किया है। लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार को अस्थिर करने का खेल शुरू हो गया है। भाजपा सरकार और संगठन ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है कि आखिर इस खेल का मास्टर माइंड कौन है। जो लगातार अपने करीबी नेताओं से बयानबाजी कराकर योगी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। सरकार के सूत्रों की मानें तो शक की सुई दिल्ली के एक पत्रकार पर है। जौनपुर के बदलापुर से भाजपा विधायक रमेश मिश्रा के सरकार विरोधी बयान को भी इसी साजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो लोकसभा चुनाव के बाद से ही कुछ नेता विभीषण की भूमिका में आ गए हैं। वह अपनी ही सरकार को कमजोर करने की नीयत से उलूल-जुलूल बयान दे रहे हैं। ऐसे नेताओं के बयानों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि इन बयानबाजी के पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा है। गिरोह का मास्टर माइंड भाजपा सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहा है। संदिग्ध नेताओं की पहचान शुरू सरकार और भाजपा ने इस बात की तह में जाना शुरू कर दिया है कि आखिर बीजेपी के अंदर अभी कितने और नेता और विधायक हैं, जो किसी खास उद्देश्य से प्रदेश सरकार को कमजोर करने के लिए बयानबाजियां कर सकते हैं। रमेश मिश्रा प्रकरण की गहराई में जाएगी सरकार योगी सरकार और भाजपा विधायक रमेश मिश्रा के प्रकरण की तह में जाएंगे। शनिवार को प्रारंभिक पड़ताल में सरकार को जानकारी मिली है कि रमेश मिश्रा के संबंध माफिया मुख्तार अंसारी भी रहे हैं। लोकसभा चुनाव में वह खुद बदलापुर में जौनपुर से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह को चुनाव नहीं जीता सके। सरकार और भाजपा नेताओं को शक है कि उसी मास्टर माइंड की साजिश के तहत रमेश मिश्रा ने भी सरकार विरोधी बयान दिया है। हालांकि रमेश मिश्रा का कहना है कि उन्होंने किसी के कहने से बयान नहीं दिया है। उन्होंने इसके पीछे कोई साजिश होने से भी इनकार किया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
योगी सरकार को कौन करना चाहता है अस्थिर:लोकसभा चुनाव के बाद से हावी होने लगे हैं असंतुष्ट, पार्टी कर रही मंथन कि आखिर किसके इशारे पर हो रही बयानबाजी, शक की
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