भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी में यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी प्रोफेसर को नौकरी से निकाल दिया गया है। इस मामले की जांच के लिए गठित इंटरनल कम्पलेंट कमेटी की रिपोर्ट के बाद IIT मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (BOG) ने आरोपी प्रोफेसर पर कार्रवाई की है। इसकी पुष्टि IIT मंडी के रजिट्रार डॉ. कुमार संभव पांडे ने की है। बता दें कि IIT मंडी में बी-टेक की दो छात्राओं ने एक प्रोफेसर डॉ.रजनीश गिरी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। यह आरोप डेढ़ साल पहले लगाए गए थे। इसके बाद IIT मंडी प्रशासन ने अपने स्तर पर छात्राओं द्वारा लगाए आरोपों की जांच करवाई। इंटरनल कम्पलेंट कमेटी की रिपोर्ट में छात्राओं के आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर BOG ने यह कार्रवाई की है। IIT मंडी के BOG की मीटिंग बीते अगस्त माह में हुई। इसमें प्रोफेसर को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया गया, क्योंकि इंटरनल कम्पलेंट कमेटी ने प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। इसके बाद BOG चेयरमैन व अन्य सदस्यों ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए प्रोफेसर को कुछ दिन पहले नौकरी से निकालने के फरमान जारी किए। डेढ़ साल पुराना है मामला IIT मंडी के रजिट्रार डॉ. कुमार संभव पांडे ने बताया कि मामला डेढ़ साल पुराना है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की गई। बोर्ड के फैसले के खिलाफ आरोपी प्रोफेसर ने अपील की है, क्योंकि IIT मंडी की अपीलेट अथॉरिटी भारत के राष्ट्रपति हैं। लिहाजा अब यह मामला राष्ट्रपति के पास पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश का रहने वाला है आरोपी प्रोफेसर डॉ. कुमार संभव पांडे ने बताया कि आरोपी प्रोफेसर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हैं और बायो साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग पढ़ाते थे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी में यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी प्रोफेसर को नौकरी से निकाल दिया गया है। इस मामले की जांच के लिए गठित इंटरनल कम्पलेंट कमेटी की रिपोर्ट के बाद IIT मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (BOG) ने आरोपी प्रोफेसर पर कार्रवाई की है। इसकी पुष्टि IIT मंडी के रजिट्रार डॉ. कुमार संभव पांडे ने की है। बता दें कि IIT मंडी में बी-टेक की दो छात्राओं ने एक प्रोफेसर डॉ.रजनीश गिरी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। यह आरोप डेढ़ साल पहले लगाए गए थे। इसके बाद IIT मंडी प्रशासन ने अपने स्तर पर छात्राओं द्वारा लगाए आरोपों की जांच करवाई। इंटरनल कम्पलेंट कमेटी की रिपोर्ट में छात्राओं के आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर BOG ने यह कार्रवाई की है। IIT मंडी के BOG की मीटिंग बीते अगस्त माह में हुई। इसमें प्रोफेसर को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया गया, क्योंकि इंटरनल कम्पलेंट कमेटी ने प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। इसके बाद BOG चेयरमैन व अन्य सदस्यों ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए प्रोफेसर को कुछ दिन पहले नौकरी से निकालने के फरमान जारी किए। डेढ़ साल पुराना है मामला IIT मंडी के रजिट्रार डॉ. कुमार संभव पांडे ने बताया कि मामला डेढ़ साल पुराना है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की गई। बोर्ड के फैसले के खिलाफ आरोपी प्रोफेसर ने अपील की है, क्योंकि IIT मंडी की अपीलेट अथॉरिटी भारत के राष्ट्रपति हैं। लिहाजा अब यह मामला राष्ट्रपति के पास पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश का रहने वाला है आरोपी प्रोफेसर डॉ. कुमार संभव पांडे ने बताया कि आरोपी प्रोफेसर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हैं और बायो साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग पढ़ाते थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुजानपुर के पूर्व MLA का आंगनवाड़ी सहायकों को लेकर बयान:बोले- 6 महीने से पूरा वेतन नहीं मिला, सुक्खू सरकार दोस्तों पर खर्च कर रही सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सहायकों को पिछले 6 महीनों से पूरे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इन सहायकों को केवल केंद्र द्वारा दी गई 3500 रुपए की ग्रांट इन ऐड ही मिल रही है जबकि उनकी सैलरी 6700 है। प्रदेश सरकार ने कागजी रूप से 300 रुपए का वेतन बढ़ोतरी का भी ऐलान किया गया था लेकिन इसका लाभ इन सहायकों को नहीं मिल रहा। राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि पहले तो प्रदेश में सुक्खू सरकार मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर सरकार ने मिनी आंगनवाड़ी को बंद तो नहीं की, लेकिन सहायकों के वेतन में कटौती कर उनके परिवारों को संकट में डाल दिया है। पूर्व विधायक ने कहा कि किराए के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया भी पिछले 6 महीने से नहीं दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक गरीब आदमी 3500 रुपए में अपने परिवार का महीने का खर्च कैसे चला सकता है। सरकार अपने मित्रों पर असीमित खर्च कर रही
राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार अपने मित्रों पर तो असीमित खर्च कर रही है और सरकारी खजाना उनके और उनके परिजनों के लिए खुला पड़ा है। जबकि गरीब आंगनवाड़ी सहायकों को भुखमरी की स्थिति में धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल कर्मचारियों को बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का भुगतान नहीं कर रही है बल्कि उनके उत्पीड़न में भी संलिप्त है। राजेंद्र राणा ने राज्य सरकार से मांग की कि मिनी आंगनवाड़ी सहायकों के पूरे वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि प्रदेश के कर्मचारियों के बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों को शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने झूठी गारंटी दी थी और कांग्रेस देश में हो रहे विभिन्न राज्यों के चुनाव में इन झूठी गारंटीयों की वजह से बदनाम हो रही है।
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