यौन शोषण मामले में आज राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई:पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह कोर्ट में होंगे पेश, मुख्य पीड़िता के दर्ज होंगे बयान

यौन शोषण मामले में आज राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई:पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह कोर्ट में होंगे पेश, मुख्य पीड़िता के दर्ज होंगे बयान

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में महिला पहलवानों के कथित यौन शोषण मामले की सोमवार को सुनवाई होगी। कैसरगंज से पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर कोर्ट में पेश होंगे। दोपहर 2 बजे होने वाली सुनवाई में मुख्य पीड़िता को बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ने समन भेजा है। पीड़िता इससे पहले 4 फरवरी, 22 फरवरी और 9 जनवरी को बयान के लिए नहीं पहुंची थी। 24 फरवरी को भी उन्हें बुलाया गया था। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत बंद कमरे में पीड़िता का बयान दर्ज करेंगी। बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद से ट्रायल चल रहा है। अब तक अभियोजन पक्ष के 2 गवाहों के ही बयान दर्ज हुए हैं। बृजभूषण ने निचली अदालत की कार्रवाई को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 27 जनवरी को महिला पहलवानों की खराब तबीयत के कारण बयान नहीं हो पाए थे। बृजभूषण की लंबी तारीख की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी थी। 26 जुलाई को अभियोजन पक्ष के एक गवाह ने बयान दर्ज कराया था, जबकि दूसरा गवाह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाया था। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत इस मामले की लगातार सुनवाई कर रही है। नाबालिग पहलवान ने वापस ले लिए थे आरोप
दरअसल, मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पुलिस ने बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। छह खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई थी। जून में राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। एक नाबालिग पहलवान ने बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली और बयान बदल दिया। आरोप तय करने पर सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह ने कहा था कि मामला ‘झूठा और प्रेरित’ है। ‘दोषी ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री’
अदालत ने 10 मई, 2024 को बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए थे। कोर्ट ने कहा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की विनम्रता को अपमानित करना) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोपी को दोषी ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है। कितनी सजा का प्रावधान धारा 354: महिला की शालीनता को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला, अपमानित करना। कितनी सजा: एक से पांच साल की सजा का प्रावधान। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 354 ए: यौन उत्पीड़न। इसमें गलत तरीके से छूना, यौन प्रस्ताव, अश्लील टिप्पणी करना शामिल। कितनी सजा: एक से तीन साल की सजा। जुर्माने का भी प्रावधान। 1974 से 2007 के बीच बृजभूषण पर 38 मामले दर्ज हुए
1974 और 2007 के बीच बृजभूषण पर चोरी, दंगा, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास, अपहरण आदि सहित विभिन्न आरोपों के तहत 38 मामले दर्ज हुए थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उस अवधि में यूपी गुंडा अधिनियम के तहत एक मामला और कड़े गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत तीन और मामले दर्ज किए गए। उनके करीबियों की मानें तो बीजेपी के कद्दावर नेता को इन सभी मामलों में बरी कर दिया गया है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में बृजभूषण ने कहा था कि केवल चार मामले लंबित थे और दो में बरी कर दिया गया था। दो लंबित मामले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में महिला पहलवानों के कथित यौन शोषण मामले की सोमवार को सुनवाई होगी। कैसरगंज से पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर कोर्ट में पेश होंगे। दोपहर 2 बजे होने वाली सुनवाई में मुख्य पीड़िता को बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ने समन भेजा है। पीड़िता इससे पहले 4 फरवरी, 22 फरवरी और 9 जनवरी को बयान के लिए नहीं पहुंची थी। 24 फरवरी को भी उन्हें बुलाया गया था। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत बंद कमरे में पीड़िता का बयान दर्ज करेंगी। बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद से ट्रायल चल रहा है। अब तक अभियोजन पक्ष के 2 गवाहों के ही बयान दर्ज हुए हैं। बृजभूषण ने निचली अदालत की कार्रवाई को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 27 जनवरी को महिला पहलवानों की खराब तबीयत के कारण बयान नहीं हो पाए थे। बृजभूषण की लंबी तारीख की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी थी। 26 जुलाई को अभियोजन पक्ष के एक गवाह ने बयान दर्ज कराया था, जबकि दूसरा गवाह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाया था। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत इस मामले की लगातार सुनवाई कर रही है। नाबालिग पहलवान ने वापस ले लिए थे आरोप
दरअसल, मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पुलिस ने बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। छह खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई थी। जून में राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। एक नाबालिग पहलवान ने बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली और बयान बदल दिया। आरोप तय करने पर सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह ने कहा था कि मामला ‘झूठा और प्रेरित’ है। ‘दोषी ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री’
अदालत ने 10 मई, 2024 को बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए थे। कोर्ट ने कहा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की विनम्रता को अपमानित करना) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोपी को दोषी ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है। कितनी सजा का प्रावधान धारा 354: महिला की शालीनता को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला, अपमानित करना। कितनी सजा: एक से पांच साल की सजा का प्रावधान। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 354 ए: यौन उत्पीड़न। इसमें गलत तरीके से छूना, यौन प्रस्ताव, अश्लील टिप्पणी करना शामिल। कितनी सजा: एक से तीन साल की सजा। जुर्माने का भी प्रावधान। 1974 से 2007 के बीच बृजभूषण पर 38 मामले दर्ज हुए
1974 और 2007 के बीच बृजभूषण पर चोरी, दंगा, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास, अपहरण आदि सहित विभिन्न आरोपों के तहत 38 मामले दर्ज हुए थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उस अवधि में यूपी गुंडा अधिनियम के तहत एक मामला और कड़े गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत तीन और मामले दर्ज किए गए। उनके करीबियों की मानें तो बीजेपी के कद्दावर नेता को इन सभी मामलों में बरी कर दिया गया है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में बृजभूषण ने कहा था कि केवल चार मामले लंबित थे और दो में बरी कर दिया गया था। दो लंबित मामले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर