<p style=”text-align: justify;”><strong>Khanadwa News:</strong> मध्य प्रदेश के खंडवा में एक और मुस्लिम शख्स ने सनातन धर्म अपनाया है. धर्म बदलने के बाद शेख अनवर अब राधेश्याम बन गए हैं. खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में उसने पूरे विधि विधान के साथ सनातन धर्म अपनाया. दो महीने पहले भी तीन अन्य युवकों ने सनातन धर्म में वापसी की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि जिन लोगों को इस बात का एहसास हो रहा है कि उनके पूर्वज हिंदू थे वह सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं. हम ऐसे लोगों को पूरे विधि विधान के साथ सनातन में स्वागत कर रहे हैं. अनवर से राधेश्याम बने शख्स ने कहा कि वह बचपन से ही सनातन धर्म से प्रभावित था उसे आज मौका मिला और उसने अपने घर वापसी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राधेश्याम बने शेख अनवर खंडवा के माता चौक क्षेत्र का रहने वाले है और ऑटो डील का काम करते हैं. उनका कहना है कि वह सनातन धर्म के तीज त्योहार से काफी प्रभावित था बचपन से ही उसके मन में सनातन के प्रति श्रद्धा थी वह पिछले एक वर्ष से सनातन धर्म में आने की सोच रहा था आज उसे मौका मिला.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किया गया शुद्धिकरण</strong><br />महादेवगढ़ के संचालक अशोक पालीवाल से उन्होंने सनातन धर्म में वापसी के लिए निवेदन किया. इसके बाद, पंडितों की मौजूदगी में महादेवगढ़ में उनका मुंडन और शुद्धिकरण किया गया. गंगाजल से स्नान कराकर और वैदिक विधि विधान से उन्हें सनातन धर्म में शामिल किया गया. इस मौके पर राधेश्याम नाम के एक व्यक्ति ने महाआरती की और भगवान शंकर के जयकारे लगाए गए. वहीं, अनवर से राधेश्याम बने सख्स को लोगों ने बधाई भी दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सनातन से प्रभावित होकर लिया फैसला</strong><br />शेख अनवर से राधेश्याम बनने पर उन्होंने बताया कि सनातन धर्म की प्राचीन परंपराएं और वैभव उन्हें इस ओर खींच लाए. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में किसी भी चीज के लिए रोक-टोक नहीं है. धार्मिक स्थलों और अनुष्ठानों में सभी को समान भाव से देखा जाता है। यह बात उन्होंने बचपन से देखी थी और इसका उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>देवियों की पूजा से ह्रदय परिवर्तन</strong><br />राधेश्याम ने बताया कि सनातन धर्म में देवियों की पूजा ने उनका हृदय परिवर्तन कराया. उन्होंने कहा कि सनातन पद्धति में देवताओं के साथ-साथ देवी मां की भी आराधना का विशेष महत्व है. इस बात ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया. राधेश्याम ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को वह दर्जा नहीं मिलता जो सनातन धर्म में है. हिंदू धर्म में दुर्गा मां, काली, लक्ष्मी और सरस्वती जैसी देवियों के साथ-साथ नदियों को भी मां का दर्जा दिया गया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Khanadwa News:</strong> मध्य प्रदेश के खंडवा में एक और मुस्लिम शख्स ने सनातन धर्म अपनाया है. धर्म बदलने के बाद शेख अनवर अब राधेश्याम बन गए हैं. खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में उसने पूरे विधि विधान के साथ सनातन धर्म अपनाया. दो महीने पहले भी तीन अन्य युवकों ने सनातन धर्म में वापसी की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि जिन लोगों को इस बात का एहसास हो रहा है कि उनके पूर्वज हिंदू थे वह सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं. हम ऐसे लोगों को पूरे विधि विधान के साथ सनातन में स्वागत कर रहे हैं. अनवर से राधेश्याम बने शख्स ने कहा कि वह बचपन से ही सनातन धर्म से प्रभावित था उसे आज मौका मिला और उसने अपने घर वापसी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राधेश्याम बने शेख अनवर खंडवा के माता चौक क्षेत्र का रहने वाले है और ऑटो डील का काम करते हैं. उनका कहना है कि वह सनातन धर्म के तीज त्योहार से काफी प्रभावित था बचपन से ही उसके मन में सनातन के प्रति श्रद्धा थी वह पिछले एक वर्ष से सनातन धर्म में आने की सोच रहा था आज उसे मौका मिला.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किया गया शुद्धिकरण</strong><br />महादेवगढ़ के संचालक अशोक पालीवाल से उन्होंने सनातन धर्म में वापसी के लिए निवेदन किया. इसके बाद, पंडितों की मौजूदगी में महादेवगढ़ में उनका मुंडन और शुद्धिकरण किया गया. गंगाजल से स्नान कराकर और वैदिक विधि विधान से उन्हें सनातन धर्म में शामिल किया गया. इस मौके पर राधेश्याम नाम के एक व्यक्ति ने महाआरती की और भगवान शंकर के जयकारे लगाए गए. वहीं, अनवर से राधेश्याम बने सख्स को लोगों ने बधाई भी दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सनातन से प्रभावित होकर लिया फैसला</strong><br />शेख अनवर से राधेश्याम बनने पर उन्होंने बताया कि सनातन धर्म की प्राचीन परंपराएं और वैभव उन्हें इस ओर खींच लाए. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में किसी भी चीज के लिए रोक-टोक नहीं है. धार्मिक स्थलों और अनुष्ठानों में सभी को समान भाव से देखा जाता है। यह बात उन्होंने बचपन से देखी थी और इसका उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>देवियों की पूजा से ह्रदय परिवर्तन</strong><br />राधेश्याम ने बताया कि सनातन धर्म में देवियों की पूजा ने उनका हृदय परिवर्तन कराया. उन्होंने कहा कि सनातन पद्धति में देवताओं के साथ-साथ देवी मां की भी आराधना का विशेष महत्व है. इस बात ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया. राधेश्याम ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को वह दर्जा नहीं मिलता जो सनातन धर्म में है. हिंदू धर्म में दुर्गा मां, काली, लक्ष्मी और सरस्वती जैसी देवियों के साथ-साथ नदियों को भी मां का दर्जा दिया गया है.</p> मध्य प्रदेश यहां महिलाओं से मार खाने पर हो जाती है कुंवारों की शादी! क्या है जोधपुर का ‘बेंतमार मेला’?
खंडवा में मुस्लिम शख्स ने अपनाया सनातन धर्म, बताया क्यों बने अनवर से राधेश्याम?
