रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को कानपुर की अर्मापुर स्थित फील्ड गन फैक्ट्री पहुंचे। उन्होंने फील्ड गन फैक्ट्री में बनने वाले वाली हॉवित्जर बैरल टी-90 टैंक, धनुष, सारंग के बैरल को बनते हुए देखा। वह करीब 500 मीटर तक पैदल चले, हथियारों को बनते हुए देखा। उन्होंने कहा – सिर्फ देश के बॉर्डर पर ही नहीं, इन हथियारों की विदेशों में भी डिमांड है। उन्होंने अफसरों के साथ बैठक भी की। रक्षामंत्री करीब 1.30 घंटे तक फैक्ट्री में रहे। कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEL) के तहत आती है। राजनाथ सिंह अपने कानपुर के दौरे के दौरान फैक्ट्री में भी पहुंचे। हीट ट्रीटमेंट प्लांट, न्यू गन असेंबली, गन असेंबली, जीबी अनुभाग, जीरो बे (सीएस) सेक्शन को देखा। उन्होंने गन के रॉ मैटीरियल, टी-72, धनुष और सारंग के बैरल को बनते हुए देखा। CMD राजेश चौधरी समेत अन्य अफसर मौजूद रहे। करीब डेढ़ घंटे तक फैक्ट्री में रहे और उन्होंने इस दौरान करीब फैक्ट्री के भीतर 500 मीटर पैदल चलकर पूरे फैक्ट्री को देखा। उन्होंने कहा- धनुष और सारंग की बैरल को और बेहतर करके उसकी मारक क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है। जल्द ही यह बॉर्डर पर पहुंचेगी। इसके साथ ही अन्य देशों में भी इसकी जबरदस्त डिमांड हो रही है। उन्होंने कहा- कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री के साथ ही अन्य रक्षा उत्पाद बनाने वाली कानपुर की सभी फैक्ट्रियों में अपार संभावनाएं हैं। रक्षा कंपनियों, उत्पादों के साथ प्रोजेक्ट की दी जानकारी
इस दौरान रक्षा मंत्री ने सीएमडी राजेश चौधरी के साथ ही अन्य अफसरों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान रक्षा मंत्री का फोकस यहां की रक्षा उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों को बेहतर बनाने पर ही उनका फोकस रहा। इससे कि स्वदेशी को बढ़ावा मिलने के साथ ही विदेशों में भी यहां के हथियारों की डिमांड हो सके। उनके साथ सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव व डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ.समीर वी कामत भी थे। शॉप फ्लोर के दौरे के बाद रक्षा मंत्री ने तीन रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के सीएमडी – एडब्ल्यूईआईएल, ट्रूप कम्फर्ट्स इंडिया लिमिटेड, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड और रक्षा सामग्री और स्टोर अनुसंधान एवं विकास के निदेशक ने जानकारी दी। इस दौरान रक्षा मंत्री को उत्पाद प्रोफ़ाइल, प्रमुख चल रही परियोजनाओं, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों और सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किए जा रहे आधुनिकीकरण गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को कानपुर की अर्मापुर स्थित फील्ड गन फैक्ट्री पहुंचे। उन्होंने फील्ड गन फैक्ट्री में बनने वाले वाली हॉवित्जर बैरल टी-90 टैंक, धनुष, सारंग के बैरल को बनते हुए देखा। वह करीब 500 मीटर तक पैदल चले, हथियारों को बनते हुए देखा। उन्होंने कहा – सिर्फ देश के बॉर्डर पर ही नहीं, इन हथियारों की विदेशों में भी डिमांड है। उन्होंने अफसरों के साथ बैठक भी की। रक्षामंत्री करीब 1.30 घंटे तक फैक्ट्री में रहे। कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEL) के तहत आती है। राजनाथ सिंह अपने कानपुर के दौरे के दौरान फैक्ट्री में भी पहुंचे। हीट ट्रीटमेंट प्लांट, न्यू गन असेंबली, गन असेंबली, जीबी अनुभाग, जीरो बे (सीएस) सेक्शन को देखा। उन्होंने गन के रॉ मैटीरियल, टी-72, धनुष और सारंग के बैरल को बनते हुए देखा। CMD राजेश चौधरी समेत अन्य अफसर मौजूद रहे। करीब डेढ़ घंटे तक फैक्ट्री में रहे और उन्होंने इस दौरान करीब फैक्ट्री के भीतर 500 मीटर पैदल चलकर पूरे फैक्ट्री को देखा। उन्होंने कहा- धनुष और सारंग की बैरल को और बेहतर करके उसकी मारक क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है। जल्द ही यह बॉर्डर पर पहुंचेगी। इसके साथ ही अन्य देशों में भी इसकी जबरदस्त डिमांड हो रही है। उन्होंने कहा- कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री के साथ ही अन्य रक्षा उत्पाद बनाने वाली कानपुर की सभी फैक्ट्रियों में अपार संभावनाएं हैं। रक्षा कंपनियों, उत्पादों के साथ प्रोजेक्ट की दी जानकारी
इस दौरान रक्षा मंत्री ने सीएमडी राजेश चौधरी के साथ ही अन्य अफसरों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान रक्षा मंत्री का फोकस यहां की रक्षा उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों को बेहतर बनाने पर ही उनका फोकस रहा। इससे कि स्वदेशी को बढ़ावा मिलने के साथ ही विदेशों में भी यहां के हथियारों की डिमांड हो सके। उनके साथ सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव व डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ.समीर वी कामत भी थे। शॉप फ्लोर के दौरे के बाद रक्षा मंत्री ने तीन रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के सीएमडी – एडब्ल्यूईआईएल, ट्रूप कम्फर्ट्स इंडिया लिमिटेड, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड और रक्षा सामग्री और स्टोर अनुसंधान एवं विकास के निदेशक ने जानकारी दी। इस दौरान रक्षा मंत्री को उत्पाद प्रोफ़ाइल, प्रमुख चल रही परियोजनाओं, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों और सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किए जा रहे आधुनिकीकरण गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
रक्षामंत्री ने धनुष और सारंग टैंक की बैरल बनते देखा:ऑर्डनेंस फैक्ट्री में 500 मीटर पैदल चले; कहा – विदेशों में भी इसकी डिमांड होगी
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