हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के बागी तेवर जारी हैं। उन्होंने सिरसा के कालावाली में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रानियां से बीजेपी मुझे टिकट देती है तो ठीक, वरना भाजपा अपना देखें। मंत्री बोले रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर मेरा अपना जनाधार है। पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हाथ मिलाने पर रणजीत चौटाला बोले, ये समय की बात है, राजनीति में समय बदलता रहता है। कांडा बंधुओं को लेकर नाराज है चौटाला हरियाणा BJP में कांडा बंधुओं को लेकर घमासान मच गया है। हलोपा नेता गोपाल कांडा के BJP नेता भाई गोविंद कांडा ने सिरसा की रानियां सीट से अपने बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसको लेकर राज्य की भाजपा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला भड़के हुए हैं। उन्होंने सोमवार को समर्थकों से इस मामले को लेकर मीटिंग भी की है। जिसमें भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया था। इस मीटिंग में रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा को लेकर तीखी बयानबाजी की थी। रणजीत चौटाला कह चुके हैं, ”गोपाल कांडा का काम है। 1 सीट जीतो और फिर सीएम से CLU करवाओ। इस बार ये सिरसा भी हारेंगे।” कांग्रेस में जाने की चल रही चर्चा हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि रणजीत चौटाला 22 अगस्त को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में चंडीगढ़ में भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। हालांकि रणजीत चौटाला ने इसको खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि, ‘मैं भाजपा में हूं और आगे भी भाजपा में ही रहूंगा। रानियां हलके से भाजपा के टिकट का फैसला हाईकमान करेगा। भाजपा ने हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा के सामने शर्त रखी है कि एक ही सीट देंगे, वह भी गोपाल कांडा को छोड़कर उनके परिवार के एक सदस्य को।’ 63,381 वोट से हारे थे रणजीत हिसार सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को 63,381 वोटों से हराया था। जयप्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि रणजीत चौटाला को सिर्फ 43.19 प्रतिशत वोट मिले थे। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा का वोट प्रतिशत 7.81 प्रतिशत कम हुआ है। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे, जो अब बढ़कर 48.58 प्रतिशत हो गया। हिसार लोकसभा की 9 में से 6 सीटों पर जयप्रकाश जेपी ने जीत दर्ज की, जबकि रणजीत चौटाला सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए। हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के बागी तेवर जारी हैं। उन्होंने सिरसा के कालावाली में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रानियां से बीजेपी मुझे टिकट देती है तो ठीक, वरना भाजपा अपना देखें। मंत्री बोले रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर मेरा अपना जनाधार है। पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हाथ मिलाने पर रणजीत चौटाला बोले, ये समय की बात है, राजनीति में समय बदलता रहता है। कांडा बंधुओं को लेकर नाराज है चौटाला हरियाणा BJP में कांडा बंधुओं को लेकर घमासान मच गया है। हलोपा नेता गोपाल कांडा के BJP नेता भाई गोविंद कांडा ने सिरसा की रानियां सीट से अपने बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसको लेकर राज्य की भाजपा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला भड़के हुए हैं। उन्होंने सोमवार को समर्थकों से इस मामले को लेकर मीटिंग भी की है। जिसमें भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया था। इस मीटिंग में रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा को लेकर तीखी बयानबाजी की थी। रणजीत चौटाला कह चुके हैं, ”गोपाल कांडा का काम है। 1 सीट जीतो और फिर सीएम से CLU करवाओ। इस बार ये सिरसा भी हारेंगे।” कांग्रेस में जाने की चल रही चर्चा हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि रणजीत चौटाला 22 अगस्त को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में चंडीगढ़ में भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। हालांकि रणजीत चौटाला ने इसको खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि, ‘मैं भाजपा में हूं और आगे भी भाजपा में ही रहूंगा। रानियां हलके से भाजपा के टिकट का फैसला हाईकमान करेगा। भाजपा ने हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा के सामने शर्त रखी है कि एक ही सीट देंगे, वह भी गोपाल कांडा को छोड़कर उनके परिवार के एक सदस्य को।’ 63,381 वोट से हारे थे रणजीत हिसार सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को 63,381 वोटों से हराया था। जयप्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि रणजीत चौटाला को सिर्फ 43.19 प्रतिशत वोट मिले थे। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा का वोट प्रतिशत 7.81 प्रतिशत कम हुआ है। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे, जो अब बढ़कर 48.58 प्रतिशत हो गया। हिसार लोकसभा की 9 में से 6 सीटों पर जयप्रकाश जेपी ने जीत दर्ज की, जबकि रणजीत चौटाला सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
निपुण रामलीला में बच्चे बने श्री राम, सीता और लक्ष्मण
निपुण रामलीला में बच्चे बने श्री राम, सीता और लक्ष्मण पानीपत | जिले के सभी प्राइमरी स्कूलों में सोमवार को निपुण रामलीला का मंचन किया गया। बच्चों ने श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान व रावण आदि का रूप धारण किया। बच्चों ने सीता स्वयंवर, सीता हरण व रावण वध को प्रदर्शित किया। मॉडल संस्कृति स्थित राजकीय कन्या मॉडल संस्कृति स्कूल की मुख्य शिक्षिका रेखा मान ने बताया कि निपुण रामलीला के तहत अभिनय के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा में निखार आएगा।
रोहतक MDU में फीस वृद्धि का विरोध:छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, बढ़ाई गई फीस जल्द वापस लेने की रखी मांग
रोहतक MDU में फीस वृद्धि का विरोध:छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, बढ़ाई गई फीस जल्द वापस लेने की रखी मांग रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में नए शैक्षणिक सत्र में 2024-25 की फीस वृद्धि का छात्र युवा संघर्ष समिति ने विरोध किया। साथ ही समिति ने एमडीयू में हस्ताक्षर अभियान चलाया। वहीं प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द बढ़ाई गई फीस को वापस लिया जाए। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े। छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक धनखड़ ने कहा कि नए सत्र के लिए एमडीयू द्वारा 5 गुना तक फीस वृद्धि की गई है। जिससे सीधा विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी पढ़ाई भी वंचित भी रह सकते हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए पढ़ना भी मुश्किल भरा हो जाएगा। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फसी वृद्धि के फैसले को वापस लिया जाए। एमडीयू में कोर्सों की ना बढ़ाई जाए फीस
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के एडमिशन शुरू होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत होने वाले एडमिशन विद्यार्थियों के लिए बहुत महंगे होने जा रहे हैं। जिसके अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 वर्षीय यूजी कोर्सेज को जोड़ा है। जिसकी फीस विश्वविद्यालय में होने वाले पहले से इंटीग्रेटेड कोर्सों से लगभग चार से पांच गुना है। विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए फीस नहीं बढ़ानी चाहिए। जिसका विद्यार्थी व संगठन विरोध कर रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा में 7 दिन में बदल जाएगा नंबर गेम:5 MLA लड़ रहे लोकसभा चुनाव; जीते तो कांग्रेस की 2, BJP की एक सीट घटेगी
हरियाणा विधानसभा में 7 दिन में बदल जाएगा नंबर गेम:5 MLA लड़ रहे लोकसभा चुनाव; जीते तो कांग्रेस की 2, BJP की एक सीट घटेगी हरियाणा में 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही विधानसभा का नंबर गेम फिर से बदल जाएगा। इसकी वजह यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में दो बड़े राष्ट्रीय दल भाजपा, कांग्रेस के साथ ही क्षेत्रीय दल जजपा और इनेलों के 5 विधायक मैदान में हैं। 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस के दो, भाजपा के एक विधायक लड़ रहे हैं। वहीं जजपा और इनेलो से भी एक-एक प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यदि ये विधायक लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के 28, भाजपा के 39, जजपा के 9 विधायक विधानसभा में बचेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी INLD का एक भी विधायक विधानसभा में नहीं होगा। दौलताबाद के निधन से अल्पमत में चल रही सैनी सरकार हरियाणा में गुरुग्राम के निर्दलीय विधायक के निधन से BJP सरकार पर अल्पमत का संकट गहराया हुआ है। गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का कल (25 मई) को निधन हो गया है। इसके बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या 87 हो गई है, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, लेकिन भाजपा सरकार के पास अभी 42 ही विधायकों का समर्थन बचा है।ऐसे में विपक्षी फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए घेर सकते हैं। कांग्रेस और JJP पहले ही गवर्नर को लेटर लिखकर नायब सैनी सरकार के बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है। यहां समझिए विधानसभा का पूरा अंकगणित जानिए.. हरियाणा विधानसभा में मौजूदा स्थिति क्या है? हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। करनाल से मनोहर लाल खट्टर और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 विधायक बचे थे। इसके बाद बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में अब कुल विधायक 87 रह गए हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 का हो गया है। ऐसे शुरू हुई अल्पमत की चर्चा लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को सीएम की कुर्सी से हटाकर लोकसभा टिकट दे दी। उनकी जगह नायब सैनी सीएम बनाए गए। उन्हें भाजपा के 41, हलोपा के 1 और 6 निर्दलीय समेत 48 विधायकों का समर्थन मिला था।हालांकि पहले खट्टर और फिर सरकार के समर्थन वाले रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमबीर सांगवान ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा।अब सरकार के साथ कितने विधायक बचे? खट्टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नैनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी दलों की क्या स्थिति है? हरियाणा में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। इसके अलावा जजपा के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय भी अब सरकार के विपक्ष में हैं। भाजपा के 42 के मुकाबले पूरे विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं।हालांकि जजपा की ओर से अपने 2 विधायक जोगीराम सिहाग और राम निवास के विरुद्ध स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी गई है, जिसमें दोनों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे। सैनी चुनाव जीते तो फिर सरकार और विपक्ष बराबर हो जांएगे इसमें एक और दिलचस्प स्थिति 4 जून को बनेगी। सीएम नायब सैनी खट्टर की जगह करनाल से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह सीट जीत जाते हैं तो फिर सत्ता पक्ष के पास 43 विधायक हो जाएंगे। अगर जजपा के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्ष, दोनों बराबर हो जाएंगे। क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है? फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी।