दोराहा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष बंत सिंह दोबुर्जी के खिलाफ रविवार देर रात साहनेवाल थाने में पर्चा दर्ज किया गया। दोबुर्जी और उनके बेटे दलजीत सिंह झज्जा समेत 14 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। इन सभी पर जमीनी धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पहले से ही मुकदमा चल रहा है। इसकी शिकायत कुलदीप कुमार वासी न्यू मनदीप ने 13 अप्रैल, 2024 को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने रविवार को पुलिस ने दोबुर्जी और 13 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मामले में शिकायतकर्ता कुलदीप ने पुलिस को बताया, आरोपियों ने 2019 में 16 एकड़ जमीन पर एक कॉलोनी विकसित की थी और कम से कम 200 लोगों ने जमीन खरीदकर घर बनाए थे। बाद में, उन्हें पता चला कि जमीन लोह लंगर (सामुदायिक उद्देश्यों के लिए अलग रखी गई जमीन) की थी और इसे बेचा नहीं जा सकता था। आरोपी नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष व बेटा फरार इस मामले में पुलिस कोई बयान नहीं दे रही है। लेकिन, दोराहा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष बंत सिंह दोबुर्जी के करीबियों ने इस केस के दर्ज होने की पुष्टि की है। इसके साथ ही पिता-पुत्र फरार हैं जिनके फोन भी बंद आ रहे हैं। राजनीतिक हलकों में भी इस मामले को लेकर चर्चा है। बंत सिंह दोबुर्जी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू के करीबी माना जाता है। इस बीच, भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया है कि उनके करीबियों को राजनीतिक कारणों से गलत मामलों में फंसाया जा रहा है। इतना ही नहीं, इससे पहले रविवार को पुलिस ने रंगदारी के मामले में युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव राजा को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से भाजपा नेता बिट्टू ने इस मामले को लेकर विरोध जताया था। दोराहा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष बंत सिंह दोबुर्जी के खिलाफ रविवार देर रात साहनेवाल थाने में पर्चा दर्ज किया गया। दोबुर्जी और उनके बेटे दलजीत सिंह झज्जा समेत 14 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। इन सभी पर जमीनी धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पहले से ही मुकदमा चल रहा है। इसकी शिकायत कुलदीप कुमार वासी न्यू मनदीप ने 13 अप्रैल, 2024 को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने रविवार को पुलिस ने दोबुर्जी और 13 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मामले में शिकायतकर्ता कुलदीप ने पुलिस को बताया, आरोपियों ने 2019 में 16 एकड़ जमीन पर एक कॉलोनी विकसित की थी और कम से कम 200 लोगों ने जमीन खरीदकर घर बनाए थे। बाद में, उन्हें पता चला कि जमीन लोह लंगर (सामुदायिक उद्देश्यों के लिए अलग रखी गई जमीन) की थी और इसे बेचा नहीं जा सकता था। आरोपी नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष व बेटा फरार इस मामले में पुलिस कोई बयान नहीं दे रही है। लेकिन, दोराहा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष बंत सिंह दोबुर्जी के करीबियों ने इस केस के दर्ज होने की पुष्टि की है। इसके साथ ही पिता-पुत्र फरार हैं जिनके फोन भी बंद आ रहे हैं। राजनीतिक हलकों में भी इस मामले को लेकर चर्चा है। बंत सिंह दोबुर्जी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू के करीबी माना जाता है। इस बीच, भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया है कि उनके करीबियों को राजनीतिक कारणों से गलत मामलों में फंसाया जा रहा है। इतना ही नहीं, इससे पहले रविवार को पुलिस ने रंगदारी के मामले में युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव राजा को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से भाजपा नेता बिट्टू ने इस मामले को लेकर विरोध जताया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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![आज चंडीगढ़ पहुंचेंगे नवनियुक्त प्रशासक:पुरोहित की होगी विदाई, बदनौर बनेंगे विशेष मेहमान](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2024/07/30/download-83_1722302684.jpg)
आज चंडीगढ़ पहुंचेंगे नवनियुक्त प्रशासक:पुरोहित की होगी विदाई, बदनौर बनेंगे विशेष मेहमान
आज चंडीगढ़ पहुंचेंगे नवनियुक्त प्रशासक:पुरोहित की होगी विदाई, बदनौर बनेंगे विशेष मेहमान पंजाब के 30 वें राज्यपाल और चंडीगढ़ के 17 वें प्रशासक गुलाबचंद कटारिया आज दोपहर बाद चंडीगढ़ पहुंचेंगे। आज करीब 3:30 बजे कटारिया चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचेंगे। उसके बाद वह UT गेस्ट हाउस और फिर राजभवन जाएंगे। बुधवार सुबह करीब 10:00 बजे कटारिया का शपथ ग्रहण समारोह होगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गुलाबचंद कटारिया को शपथ दिलाएंगे। वही आज शाम को बनवारी लाल पुरोहित का विदाई समारोह भी आयोजित किया जाएगा। यह समारोह शाम 6:00 बजे आयोजित किया जाएगा। प्रशासन की तरफ से इसकी तैयारी की जा रही है। बदनौर होंगे विशेष मेहमान चंडीगढ़ के पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। क्योंकि गुलाबचंद कटारिया और वीपी सिंह बदनौर दोनों ही नेता करीब 50 साल से एक दूसरे के साथ विधायक, मंत्री और सांसद रहे हैं। उनका एक दूसरे के साथ काफी लंबा सफर रहा है। दोनों ही राजस्थान की राजनीति से आते हैं। बीपी सिंह बदनौर भी चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल रह चुके हैं। राजस्थान से पहुंचेंगे करीब 200 मेहमान चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो गुलाबचंद कटारिया के शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान से करीब 200 मेहमान हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं। यूटी प्रशासन मेहमानों के ठहराने की तैयारी में जुटा हुआ है। यूटी प्रशासन के साथ ही पंजाब सरकार की ओर से सभी मेहमानों के स्वागत को लेकर इंतजाम किए गए हैं। यूटी प्रशासन की ओर से मेहमानों के लिए 6 सीटीयू की बसें तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। गुलाबचंद कटारिया तीसरी ऐसे प्रशासक और राज्यपाल होंगे जो राजस्थान से संबंधित है।
![वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2024/10/15/whatsappvideo2024-10-15at61816pm-ezgifcom-resize_1728997136.gif)
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने खुद ही शिरोमणि अकाली दल के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है। अकाली दल की प्रारंभिक मेंबरशिप से इस्तीफा देने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। मेरी रगों में अकाली खून बहता है और हमेशा बहता रहेगा एक विनम्र सिख के रूप में, मैं सिंह साहिबों के आदेश को दिल से स्वीकार करता हूं। मेरी जिंदगी में एक अकाली को अकाली दल से तोड़ने के लिए सिख राजनीति में यह पहला मामला है। यह पहला बहुत ही आश्चर्यजनक आदेश है। उन्होंने कहा कि आज अकाली विरोधी ताकतें जरूर खुश होंगी। हां ज्ञानी हरप्रीत और अन्य लोगों ने ऐसा आदेश देकर अकाली खेमे में दहशत पैदा करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन तख्तों से सिख धर्म से जोड़ने और अकाली सोच से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाते हैं न कि खौफ पैदा करने के लिए। वीडियोग्राफी सार्वजनिक करने की मांग वल्टोहा ने कहा कि आज मैंने विनम्रतापूर्वक सिंह साहबों के सामने अपना पक्ष रखा। सिंह साहबों ने पेशी बैठक की शुरुआत में मुझसे कहा कि, आपकी पूरी सुनवाई की वीडियो ग्राफी की जा रही है, जिसे बाद में मीडिया के लिए जारी किया जाएगा। मेरे जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जी से अनुरोध है कि कृपया वीडियो ग्राफी के वीडियो मीडिया को सार्वजनिक करें। मेरा अनुरोध है कि कृपया मेरे स्पष्टीकरण पत्र और उस पेन ड्राइव को सार्वजनिक करें जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के भाजपा और केंद्र सरकार के साथ संबंध साबित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए थे। अगर किसी कारण से श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय ने मेरा स्पष्टीकरण पत्र और पेन ड्राइव सबूतों के साथ जारी नहीं किया तो कल मैं खुद यह सब सार्वजनिक कर दूंगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में दस साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। इससे पहले विरसा सिंह वल्टोहा आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए । उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। विरसा सिंह वल्टोहा के पेश होने के बाद पांच सिंह साहिबानों की बैठक चल रही है। 13 अक्तूबर को पेश होने के दिए थे निर्देश श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 13 अक्तूबर को लिखित में विरसा सिंह वल्टोहा को आदेश भेजे गए थे और 15 अक्तूबर को 9 बजे तक पेश होने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर वो उस समय तक पेश नहीं हुए तो हुए तो यह माना जाएगा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने जत्थेदारों पर दबाव बनाने के लिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की है। पोस्ट के जरिए वल्टोहा ने लगाए थे इल्जाम विरसा सिंह वल्टोहा ने 12 अक्तूबर को एक पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर कार्रवाई के संबंध में जत्थेदार साहिब पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिख विरोधी ताकतों और शिरोमणि अकाली दल को हर समय कमजोर करने की साजिश करने वालों की सोच और साजिशें हमारी सम्मानित और राष्ट्र-अग्रणी संस्थाओं तक पहुंच जाएंगी। भगवान मेरे इस संदेह को निराधार बनाए, हमारी ये संस्थाएं सिखों के सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं। विरसा सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने अपनी भावनाएं साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट किया था कि, “जत्थेदार साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित करने के बाद सजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है?” फेसबुक पोस्ट मिलने के बाद जो चौंकाने वाली जानकारी मुझ तक पहुंची वह परेशान करने वाली है। सोशल मीडिया पर लगाए थे आरोप मेरी पहली फेसबुक पोस्ट के बाद हमारे देश के सम्मानित जत्थेदारों के कई करीबी, जो शिरोमणि अकाली दल के समर्थक भी हैं, मुझसे अलग-अलग संपर्क कर बहुत गंभीर और चिंताजनक जानकारी दी कि, “जत्थेदार साहिबों पर बहुत आंतरिक दबाव डाला जा रहा है कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक दंड दिया जाए। साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी नेतृत्वहीन कर दिया जाए। इन सूत्रों के मुताबिक सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल पर दबाव बनाने वालों में केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस के साथ-साथ देश-विदेश में बैठे सिख चरित्र के वे लोग भी शामिल हैं जो हमेशा अकाली दल के खिलाफ रहे हैं।
जब मैं पृष्ठभूमि के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में कहानियां सुनता हूं, तो मुझे बहुत चिंता होती है। इतिहास है कि श्री अकाल तख्त साहिब का दिल्ली तख्त से हमेशा टकराव रहा है। लेकिन दिल्ली तख्त के प्रभाव को स्वीकार करने वाले हमारे सम्मानित महानुभावों की ओर से जो ताजा सूचनाएं और राय सामने आ रही हैं, वह चिंता का विषय है। आदेशों के बाद लिखा था कि जबाव के लिए फोन ना करें इस पोस्ट के बाद उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से सबूतों सहित पेश होने के आदेश आ गए थे। फिर जब आदेश मिले तो उन्होंने आदेशों की कापी को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था और कहा था कि पूज्य जत्थेदार साहिब जी का आदेश प्राप्त हुआ। वह स्वीकार्य है। आदरणीय जत्थेदार साहिब जी के आदेशानुसार दास 15 अक्टूबर को समय पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन इस आदेश में कुछ ऐसा भी है जिसका मेरी पोस्ट या मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। आदेश में दर्ज है कि सिंह साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ सुनाए गए फैसले पर मुझे कोई आपत्ति है। लेकिन इसके विपरीत, मैं बल्कि एक वादी हूं कि सुखबीर सिंह बादल को कड़ी धार्मिक सजा/वेतन/दंड दिया जाना चाहिए।
लेकिन अकाली दल के विरोधियों के दबाव में अकाली दल के राजनीतिक व्यक्तित्व को कमजोर करने की रणनीति नहीं चलने दी जानी चाहिए, इस दबाव का जिक्र मैंने अपनी पोस्ट में किया है, जो बिल्कुल सच है। मीडिया के लिए भी कहा था विरसा सिंह वल्टोहा ने इसके बाद अगले दिन मीडिया कर्मियों के लिए भी कहा था कि वह भी उन्हें फोन करके स्पष्टीकरण के बारे में ना पूछें और ना ही बयान के लिए फोन करें। वो अपना स्पष्टीकरण समय पर श्री अकाल तख्त साहिब भेजेंगे।
![डल्लेवाल का मरणव्रत 59वें दिन में दाखिल:स्पेशल कमरा बनने में लगेंगे दो दिन, तब तक नई ट्राॅली में रहेंगे, ट्रैक्टर मार्च की तैयारी](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/01/22/ezgif-4-f495545f11_1737553192.gif)
डल्लेवाल का मरणव्रत 59वें दिन में दाखिल:स्पेशल कमरा बनने में लगेंगे दो दिन, तब तक नई ट्राॅली में रहेंगे, ट्रैक्टर मार्च की तैयारी
डल्लेवाल का मरणव्रत 59वें दिन में दाखिल:स्पेशल कमरा बनने में लगेंगे दो दिन, तब तक नई ट्राॅली में रहेंगे, ट्रैक्टर मार्च की तैयारी पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत आज (वीरवार) को 59वें दिन में दाखिल हो गया है। अब उनकी हालत में सुधार हो रहा है। वहीं, अब मोर्चे वाली जगह पर ही उनके लिए स्पेशल कमरा तैयार किया जा रहा है। कमरे में उन्हें आपात समय में भी इमरजेंसी मेडिकल सेवाएं दी जा सकेगी । वहीं, जब तक कमरा नहीं बनता है, तब तक उन्हें मोर्चे के पास ही एक अति आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रॉली में रखा जाएगा। राजिंद्रा अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी अब शिफ्टों में वहां पर तैनात की गई है, जो कि उनकी स्थिति पर रख रही है। इसके अलावा 26 जनवरी को निकाले जाने वाले ट्रैक्टर मार्च की तैयारियां भी पूरे जोर से पंजाब समेत सभी राज्यों में चल रही हैं। किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती हैं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। यह सुविधाएं रहेगी डल्लेवाल के कमरें में खनौरी में जो कमरा तैयार किया जा रहा है। उसकी विशेषता यह है कि वह एक तो शीशे का बना होगा। पूरी तरह साउंड प्रूफ होगा। उसमें सूरज की रोशनी आसानी से आ सकेगी। साथ ही उस कमरे के पास ही बाथरूम व अन्य सुविधाएं रहेंगी। पानी गर्म करने की सुविधा भी रहेगी। हालांकि इससे पहले बुधवार को डल्लेवाल को दोपहर 2 बजे ट्रॉली से स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया। इस दौररन सबसे पहले वह गुरु ग्रन्थ साहिब के सामने नतमस्तक हुए। उसके बाद किसान नेताओं, वरिष्ठ डॉक्टरों व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जगजीत सिंह डल्लेवाल अपनी नई ट्राली के नजदीक आए। जहां पर तीन घंटे तक रहे। डेढ़ घंटे का रहेगा ट्रैक्टर मार्च किसानाें द्वारा 26 जनवरी को ट्रेक्टर मार्च दोपहर साढ़े 12 बजे से डेढ़ बजे तक निकाला जाएगा। यह एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर रहेगा। यह मार्च देश भर शॉपिंग मॉल, साइलोज, टोल प्लाजा, बीजेपी दफ्तरों, लीडरों व घरों के सामने निकाले जाएंगे। इसके लिए सभी किसान नेता अपने एरिया में एक्टिव रहेंगे। सारे नेताओं की सूची तैयारी की जा रही है। इसके बाद दिल्ली कूच को लेकर भी किसानों की एक अहम मीटिंग होगी। इसमें रणनीति तैयार की जाएगी। जबकि चंडीगढ़ में 14 फरवरी को किसानों की केंद्र सरकार से मीटिंग तय है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार ने दी यह जानकारी इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि केंद्र के अधिकारियों ने खनौरी पहुंचकर मरणव्रत पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मीटिंग की है। केंद्र सरकार 14 फरवरी को किसानों से चंडीगढ़ में मीटिंग करने जा रही है। इसके बाद डल्लेवाल ने मेडिकल सुविधा ले ली है। हालांकि अनशन अभी तक जारी है। दूसरी तरफ उन्हें साथ में बनाए अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है। अदालत ने इसके बाद अब मामले की सुनवाई फरवरी अंत में करने का फैसला लिया है। हालांकि इससे पहले कमेटी भी किसानों से मीटिंग कर चुकी है।