राजनाथ फिर रक्षा मंत्री, कीर्तिवर्धन सिंह विदेश राज्य मंत्री:यूपी के 9 मंत्रियों के विभाग; जयंत को कौशल विकास-शिक्षा, जितिन को कामर्स एंड इंडस्ट्री

राजनाथ फिर रक्षा मंत्री, कीर्तिवर्धन सिंह विदेश राज्य मंत्री:यूपी के 9 मंत्रियों के विभाग; जयंत को कौशल विकास-शिक्षा, जितिन को कामर्स एंड इंडस्ट्री

मोदी सरकार के विभागों का बंटवारा हो गया है। राजनाथ सिंह को फिर से रक्षा मंत्री बनाया गया है। जयंत चौधरी को कौशल विकास, आंत्रप्रेन्योर और शिक्षा राज्य मंत्रालय, जितिन प्रसाद को कामर्स एंड इंडस्ट्री/ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री बनाया गया है। पंकज चौधरी को वित्त राज्य मंत्री, अनुप्रिया पटेल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के साथ ही केमिकल और उर्वरक राज्य मंत्री का जिम्मा दिया गया है। एसपी सिंह बघेल को पशु पालन/मत्स्य और डेयरी राज्य मंत्री के साथ ही पंचायती राज राज्य मंत्री बनाया गया है। कीर्तिवर्धन सिंह को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के साथ ही विदेश राज्य मंत्रालय, बीएल वर्मा को कंज्यूमर अफेयर और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन/ सामाजिक न्याय और अधिकारिता, कमलेश पासवान को ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बनाया गया है। रविवार को यूपी से 9 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें राजनाथ सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, जबकि 8 को राज्यमंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में यूपी से 3 कैबिनेट मंत्री थे। 2024 में मोदी सरकार के मंत्रियों का पोर्टफोलियो बृजभूषण का ‘दबदबा’ घटाने को कीर्तिवर्धन की कैबिनेट में एंट्री
मोदी मंत्रिमंडल में सबसे चौंकाने वाला नाम गोंडा सीट से सांसद कीर्तिवर्धन सिंह का रहा। सियासी जानकारों का कहना है कि ठाकुरों की नाराजगी दूर करने और उस क्षेत्र में बृजभूषण सिंह का ‘दबदबा’ घटाने के लिए कीर्तिवर्धन की कैबिनेट में एंट्री कराई गई। बृजभूषण और कीर्तिवर्धन दोनों गोंडा जिले के हैं, लेकिन बृजभूषण के प्रभाव के आगे कीर्तिवर्धन सिंह सांसद से आगे नहीं निकल पाए। वह अब तक 5 बार सांसद बन चुके हैं। साफ-सुथरी छवि है। भाजपा के खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्होंने गोंडा में सपा के दिग्गजा नेता बेनीप्रसाद वर्मा की पोती श्रेया वर्मा को हराया। यूपी में 2019 में एनडीए के 64 सांसद थे। इस बार यह संख्या करीब आधा घटकर 36 पर पहुंच गई, लेकिन मंत्रियों की संख्या 8% बढ़ गई। सबसे ज्यादा 4 मंत्री पश्चिम यूपी से हैं। पूर्वांचल से 3 और अवध यानी सेंट्रल यूपी से 2 मंत्रियों को जगह मिली। ओबीसी से 4 चेहरे, इनमें एक जाट और एक गैर पिछड़ा
पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल में यूपी के जिन 4 ओबीसी चेहरों को जगह दी है, उनमें एक लोध जाति से, दूसरा जाट और बाकी के 2 कुर्मी हैं। ओबीसी वोटर्स इस बार भाजपा से छिटक गए थे। मंत्रिमंडल में इसी तरह दलित समुदाय से जिन दो मंत्रियों को रखा गया है, उनमें एक गड़रिया और दूसरा पासवान बिरादरी से हैं। जाटव और हरिजन समुदाय से कोई नहीं है। इन दोनों वर्गों का वोट भी इस बार भाजपा के पास नहीं गया। पूर्वांचल में 60 फीसदी सीटें हारी भाजपा, 3 मंत्री बने
भाजपा को इस बार सबसे ज्यादा डेंट पूर्वांचल में लगा। यहां लोकसभा की 27 सीटें हैं, लेकिन इस बार भाजपा सिर्फ 10 सीट जीत सकी। एक सीट अपना दल ने जीती। 2019 में भाजपा और अपना दल को 20 सीटें मिली थीं। इस पूरे इलाके से मोदी ने अपने कैबिनेट में 3 चेहरों को जगह दी है। वेस्ट यूपी में 29 सीटें आती हैं। इस बार भाजपा सिर्फ 14 जीत सकी है। 2 सीटें सहयोगी दल रालोद को मिलीं। 2019 में 29 में से 21 सीटें भाजपा ने अकेले जीती थीं। यहां से 4 मंत्री बनाए गए हैं। सेंट्रल यूपी और बुंदेलखंड में कुल 24 सीटें आती हैं। यहां भाजपा को 9 सीटों पर जीत मिली है। यहां से सिर्फ एक मंत्री बना। अयोध्या भी हार गई
नतीजों में भाजपा को यूं तो कई झटके लगे, लेकिन अयोध्या का परिणाम सबसे चौंकाने वाला रहा। अयोध्या के जिस राम मंदिर को भाजपा ने पूरे देश में मुद्दा बनाया था, वहां 10 साल बाद भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह 55 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से हार गए। सहयोगी दलों ने भी निराश किया
भाजपा के सहयोगी दलों की बात करें तो अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) 2 में से 1 सीट हार गई। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोसी से चुनाव हार गए। वहीं, निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीर नगर से 92 हजार वोट से हार गए। हालांकि, RLD के खाते में 2 सीटें बिजनौर और बागपत गई थी। दोनों सीटें RLD ने जीत ली। मोदी सरकार के विभागों का बंटवारा हो गया है। राजनाथ सिंह को फिर से रक्षा मंत्री बनाया गया है। जयंत चौधरी को कौशल विकास, आंत्रप्रेन्योर और शिक्षा राज्य मंत्रालय, जितिन प्रसाद को कामर्स एंड इंडस्ट्री/ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री बनाया गया है। पंकज चौधरी को वित्त राज्य मंत्री, अनुप्रिया पटेल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के साथ ही केमिकल और उर्वरक राज्य मंत्री का जिम्मा दिया गया है। एसपी सिंह बघेल को पशु पालन/मत्स्य और डेयरी राज्य मंत्री के साथ ही पंचायती राज राज्य मंत्री बनाया गया है। कीर्तिवर्धन सिंह को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के साथ ही विदेश राज्य मंत्रालय, बीएल वर्मा को कंज्यूमर अफेयर और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन/ सामाजिक न्याय और अधिकारिता, कमलेश पासवान को ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बनाया गया है। रविवार को यूपी से 9 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें राजनाथ सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, जबकि 8 को राज्यमंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में यूपी से 3 कैबिनेट मंत्री थे। 2024 में मोदी सरकार के मंत्रियों का पोर्टफोलियो बृजभूषण का ‘दबदबा’ घटाने को कीर्तिवर्धन की कैबिनेट में एंट्री
मोदी मंत्रिमंडल में सबसे चौंकाने वाला नाम गोंडा सीट से सांसद कीर्तिवर्धन सिंह का रहा। सियासी जानकारों का कहना है कि ठाकुरों की नाराजगी दूर करने और उस क्षेत्र में बृजभूषण सिंह का ‘दबदबा’ घटाने के लिए कीर्तिवर्धन की कैबिनेट में एंट्री कराई गई। बृजभूषण और कीर्तिवर्धन दोनों गोंडा जिले के हैं, लेकिन बृजभूषण के प्रभाव के आगे कीर्तिवर्धन सिंह सांसद से आगे नहीं निकल पाए। वह अब तक 5 बार सांसद बन चुके हैं। साफ-सुथरी छवि है। भाजपा के खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्होंने गोंडा में सपा के दिग्गजा नेता बेनीप्रसाद वर्मा की पोती श्रेया वर्मा को हराया। यूपी में 2019 में एनडीए के 64 सांसद थे। इस बार यह संख्या करीब आधा घटकर 36 पर पहुंच गई, लेकिन मंत्रियों की संख्या 8% बढ़ गई। सबसे ज्यादा 4 मंत्री पश्चिम यूपी से हैं। पूर्वांचल से 3 और अवध यानी सेंट्रल यूपी से 2 मंत्रियों को जगह मिली। ओबीसी से 4 चेहरे, इनमें एक जाट और एक गैर पिछड़ा
पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल में यूपी के जिन 4 ओबीसी चेहरों को जगह दी है, उनमें एक लोध जाति से, दूसरा जाट और बाकी के 2 कुर्मी हैं। ओबीसी वोटर्स इस बार भाजपा से छिटक गए थे। मंत्रिमंडल में इसी तरह दलित समुदाय से जिन दो मंत्रियों को रखा गया है, उनमें एक गड़रिया और दूसरा पासवान बिरादरी से हैं। जाटव और हरिजन समुदाय से कोई नहीं है। इन दोनों वर्गों का वोट भी इस बार भाजपा के पास नहीं गया। पूर्वांचल में 60 फीसदी सीटें हारी भाजपा, 3 मंत्री बने
भाजपा को इस बार सबसे ज्यादा डेंट पूर्वांचल में लगा। यहां लोकसभा की 27 सीटें हैं, लेकिन इस बार भाजपा सिर्फ 10 सीट जीत सकी। एक सीट अपना दल ने जीती। 2019 में भाजपा और अपना दल को 20 सीटें मिली थीं। इस पूरे इलाके से मोदी ने अपने कैबिनेट में 3 चेहरों को जगह दी है। वेस्ट यूपी में 29 सीटें आती हैं। इस बार भाजपा सिर्फ 14 जीत सकी है। 2 सीटें सहयोगी दल रालोद को मिलीं। 2019 में 29 में से 21 सीटें भाजपा ने अकेले जीती थीं। यहां से 4 मंत्री बनाए गए हैं। सेंट्रल यूपी और बुंदेलखंड में कुल 24 सीटें आती हैं। यहां भाजपा को 9 सीटों पर जीत मिली है। यहां से सिर्फ एक मंत्री बना। अयोध्या भी हार गई
नतीजों में भाजपा को यूं तो कई झटके लगे, लेकिन अयोध्या का परिणाम सबसे चौंकाने वाला रहा। अयोध्या के जिस राम मंदिर को भाजपा ने पूरे देश में मुद्दा बनाया था, वहां 10 साल बाद भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह 55 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से हार गए। सहयोगी दलों ने भी निराश किया
भाजपा के सहयोगी दलों की बात करें तो अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) 2 में से 1 सीट हार गई। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोसी से चुनाव हार गए। वहीं, निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीर नगर से 92 हजार वोट से हार गए। हालांकि, RLD के खाते में 2 सीटें बिजनौर और बागपत गई थी। दोनों सीटें RLD ने जीत ली।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर