<p style=”text-align: justify;”><strong>Bundi Factory News:</strong> राजस्थान के बूंदी जिले के तालेड़ा क्षेत्र में शनिवार (19 अप्रैल) की सुबह एक भयानक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया. गुमानपुरा स्थित सोयुग गोल्ड ऑयल फैक्ट्री में अचानक जोरदार धमाका हुआ, जिससे टीन शेड का बड़ा हिस्सा गिर पड़ा और 5 मजदूर उसके नीचे दब गए. आग की लपटों और अफरातफरी के बीच शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन 8 घंटे तक चला, लेकिन 1 मजदूर की जान नहीं बचाई जा सकी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धमाके से मची तबाही, मजदूरों में अफरा-तफरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में पहले बैरल पाइप फटा, जिससे जोरदार धमाका हुआ और वहां मौजूद टीन शेड भी गिर गया. इस हादसे में 5 मजदूर दब गए, जबकि कुछ ही देर में फैक्ट्री में आग लग गई. 4 मजदूरों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचा दिया गया, लेकिन ज़ाखमुंड निवासी 40 साल के रघुवीर सिंह हाडा का कोई पता नहीं चला. आखिरकार करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद जब रघुवीर का शव मलबे से निकाला गया, तो उसे मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फैक्ट्री में लापरवाही के आरोप, परिजनों में गुस्सा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रघुवीर की मौत की खबर जैसे ही उसके गांव पहुंची, परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. करणी सेना के संभाग अध्यक्ष बुंदेल सिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष चंद्र शक्तावत समेत कई नेता फैक्ट्री पहुंचे और शव को परिसर में रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच, 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक परिजन को सरकारी नौकरी की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतक के चाचा हरि सिंह सोलंकी का कहना है कि हादसे की सूचना घटना के 1 घंटे बाद दी गई, और जब वे फैक्ट्री पहुंचे तो कहा गया कि रघुवीर को अस्पताल ले जाया गया है. लेकिन सच्चाई ये थी कि वह मलबे में ही दबा हुआ था. उन्होंने कहा, “समय पर रेस्क्यू शुरू कर दिया जाता तो शायद रघुवीर बच जाता”.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी जताई गई थी दुर्घटना की आशंका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परिजनों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री में पहले से ही डोम में खराबी थी, जिसकी सूचना मजदूरों ने प्रबंधन को दी थी, लेकिन इसे अनदेखा कर दिया गया. काकी ससुर हरिराज सिंह ने कहा, “यह हादसा नहीं, फैक्ट्री प्रबंधन की सीधी लापरवाही है.” प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक शव नहीं उठाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मौके पर पुलिस बल तैनात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हंगामे की स्थिति को देखते हुए बूंदी से 5 थानों का पुलिस जाप्ता और प्रशासनिक अधिकारी फैक्ट्री में तैनात किए गए. जिला परिषद CO रवि वर्मा और पुलिस उपाधीक्षक हेमंत गौतम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की. प्रशासन ने सरकारी सहायता की प्रक्रिया की जानकारी दी और स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश जारी रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या समय रहते पाइप और डोम की मरम्मत नहीं हो सकती थी? मजदूरों की जान की कीमत आखिर कब समझी जाएगी? फिलहाल परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग पर अडिग हैं, और प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी है – भरोसे को बहाल करने की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सलीम अली की रिपोर्ट</strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bundi Factory News:</strong> राजस्थान के बूंदी जिले के तालेड़ा क्षेत्र में शनिवार (19 अप्रैल) की सुबह एक भयानक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया. गुमानपुरा स्थित सोयुग गोल्ड ऑयल फैक्ट्री में अचानक जोरदार धमाका हुआ, जिससे टीन शेड का बड़ा हिस्सा गिर पड़ा और 5 मजदूर उसके नीचे दब गए. आग की लपटों और अफरातफरी के बीच शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन 8 घंटे तक चला, लेकिन 1 मजदूर की जान नहीं बचाई जा सकी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धमाके से मची तबाही, मजदूरों में अफरा-तफरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में पहले बैरल पाइप फटा, जिससे जोरदार धमाका हुआ और वहां मौजूद टीन शेड भी गिर गया. इस हादसे में 5 मजदूर दब गए, जबकि कुछ ही देर में फैक्ट्री में आग लग गई. 4 मजदूरों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचा दिया गया, लेकिन ज़ाखमुंड निवासी 40 साल के रघुवीर सिंह हाडा का कोई पता नहीं चला. आखिरकार करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद जब रघुवीर का शव मलबे से निकाला गया, तो उसे मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फैक्ट्री में लापरवाही के आरोप, परिजनों में गुस्सा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रघुवीर की मौत की खबर जैसे ही उसके गांव पहुंची, परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. करणी सेना के संभाग अध्यक्ष बुंदेल सिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष चंद्र शक्तावत समेत कई नेता फैक्ट्री पहुंचे और शव को परिसर में रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच, 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक परिजन को सरकारी नौकरी की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतक के चाचा हरि सिंह सोलंकी का कहना है कि हादसे की सूचना घटना के 1 घंटे बाद दी गई, और जब वे फैक्ट्री पहुंचे तो कहा गया कि रघुवीर को अस्पताल ले जाया गया है. लेकिन सच्चाई ये थी कि वह मलबे में ही दबा हुआ था. उन्होंने कहा, “समय पर रेस्क्यू शुरू कर दिया जाता तो शायद रघुवीर बच जाता”.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी जताई गई थी दुर्घटना की आशंका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परिजनों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री में पहले से ही डोम में खराबी थी, जिसकी सूचना मजदूरों ने प्रबंधन को दी थी, लेकिन इसे अनदेखा कर दिया गया. काकी ससुर हरिराज सिंह ने कहा, “यह हादसा नहीं, फैक्ट्री प्रबंधन की सीधी लापरवाही है.” प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक शव नहीं उठाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मौके पर पुलिस बल तैनात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हंगामे की स्थिति को देखते हुए बूंदी से 5 थानों का पुलिस जाप्ता और प्रशासनिक अधिकारी फैक्ट्री में तैनात किए गए. जिला परिषद CO रवि वर्मा और पुलिस उपाधीक्षक हेमंत गौतम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की. प्रशासन ने सरकारी सहायता की प्रक्रिया की जानकारी दी और स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश जारी रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या समय रहते पाइप और डोम की मरम्मत नहीं हो सकती थी? मजदूरों की जान की कीमत आखिर कब समझी जाएगी? फिलहाल परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग पर अडिग हैं, और प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी है – भरोसे को बहाल करने की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सलीम अली की रिपोर्ट</strong></p> राजस्थान ‘तुमने लिखा था, हम भेज देते हैं’, अनुराग कश्यप को यूरिन सैंपल भेजने पोस्ट ऑफिस पहुंचा एडवोकेट
राजस्थान के एक सोयाबीन प्लांट में डोम फटने से बड़ा हादसा, दबे 5 मजदूर, 1 की मौत
