पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को यूपी में भाजपा की हार का कारण पता है, लेकिन वह खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। कहते हैं- सीटें कम क्यों हुईं, सबको पता है। इस पर कुछ बोला तो मेरे लिए घातक हो जाएगा। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इलेक्शन कैंपेन के आखिरी दौर में सपा को समर्थन क्यों दिया? इस पर शायराना अंदाज में कहते हैं- यूं ही कोई बेवफा नहीं होता…कोई कारण तो रहा होगा। बृजभूषण 6 बार सांसद रहे हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद भाजपा ने टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण शरण को दे दिया था। करण चुनाव जीत गए। दैनिक भास्कर ने बृजभूषण से खास बातचीत की। उन्होंने कई सवालों के जवाब बेबाकी से दिए तो कई सवालों पर बचते नजर आए। अयोध्या की हार पर भी वह बोलते हैं, लेकिन संभलकर। पढ़िए बृजभूषण का पूरा इंटरव्यू… सवाल: यूपी में 80 सीटें थीं, भाजपा सिर्फ 33 जीत सकी, क्या वजह मानते हैं?
जवाब: हमको भी मालूम है और सबको मालूम है। लेकिन मुझे इसकी विवेचना का अधिकार नहीं। इसकी समीक्षा या तो प्रदेश के मुखिया कर सकते हैं या भाजपा नेतृत्व कर सकता है। सवाल: पूर्वांचल भाजपा का गढ़ है, इसके बाद भी यहां सीटें कम हुईं?
जवाब: जिस जगह आप बैठे हैं, ये देवीपाटन मंडल है। इसमें कुल 4 सीटें थीं। 3 सीटें गोंडा, बहराइच और कैसरगंज हमने जीती हैं। हमारे मंडल का रिजल्ट बहुत अच्छा है। बाकी पर अपनी राय नहीं दे सकता। सवाल: राजभर और संजय निषाद को लोकसभा की सीटें मिलीं, लेकिन वो उन्हें बचा नहीं पाए?
जवाब: फिर वही बात घूमकर आती है, मैं सभी कारण जानता हूं, लेकिन कुछ नहीं कह सकता। इस पर मुझे मत बोलने दीजिए। मैं इस पर कुछ कहूंगा तो मेरे लिए बड़ा घातक हो जाएगा। सवाल: आप भाजपा के बड़े नेता हैं, उसके बाद भी आप…?
जवाब: मैं नेता था, अब मैं भूतपूर्व सांसद हूं। एक सामान्य कार्यकर्ता हूं। अब मैं लोगों से मिल रहा हूं। देखिए आप भी जानते हैं (भाजपा की हार क्यों हुई), मैं भी जनता हूं। सब लोग कारण जानते हैं, लेकिन मुझे अधिकार नहीं कि मैं इस पर अपनी राय रखूं। सवाल: इस बार आप नहीं, आपके बेटे प्रत्याशी थे। क्या ज्यादा मेहनत करनी पड़ी?
जवाब: 2 मई को टिकट घोषित हुआ। 4 को पर्चा दाखिल हुआ, 6 को पर्चा चेक हुआ और 20 मई को मतदान हुआ। मैं अक्सर चुनाव के समय दो-तीन बार समीक्षा करता था। इस बार समय नहीं मिला। वोट प्रतिशत घटा, इसको मैं स्वीकार करता हूं। सवाल : कहा जा रहा था यूपी में ठाकुर भाजपा से नाराज हैं। आप बड़े ठाकुर नेता हैं, क्या मानते हैं?
जवाब: यहां तो ठाकुरों ने भाजपा को खूब वोट दिया। बहराइच में भी दिया। अब नाराज होंगे, कहीं तो होंगे? उनके अपने कोई इश्यू होंगे। सवाल: राजा भैया ने राज्यसभा में भाजपा को सपोर्ट किया। फिर चुनाव में सपा को सपोर्ट कर दिया?
जवाब: उनकी कोई पीड़ा रही होगी। खैर मैं तो जानता भी नहीं हूं कि क्या बात थी? लेकिन एक बात है- यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, कुछ तो रहा होगा। सवाल: आपके दोनों बेटे विधानसभा और लोकसभा के सदस्य हैं। खुद को राजनीति में कैसे एक्टिव रखेंगे?
जवाब: ये सेवा भाव, जिसके कारण यहां तक पहुंचे हैं। हमारे दरवाजे पर दो-चार जिले के लोग आते हैं। उनका सम्मान करते हैं, उनकी बात सुनते हैं। उनके लिए फोन करते हैं। ऐसे ही करते रहेंगे। सवाल: केजरीवाल ने कहा था योगी को हटा दिया जाएगा, क्या इसका असर चुनाव के रिजल्ट पर पड़ा?
जवाब: मुझे नहीं लगता। केजरीवाल और राहुल बाबा के बयान को कोई सीरियसली नहीं लेता। सवाल: अयोध्या से आपका मजबूत जुड़ाव रहा है। वहां भी भाजपा हार गई, इसकी क्या वजह है?
जवाब: मैंने पहले ही कहा कि हम हार की सब वजह जानते हैं, लेकिन कह कुछ नहीं सकते। सवाल: आप 5 जून, 2023 को अयोध्या में संत सम्मेलन नहीं कर पाए। उसके बाद आपका अयोध्या जाना कम हो गया?
जवाब: संत सम्मेलन मुझे करना था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर मैंने उसे कैंसिल कर दिया। अयोध्या मेरा घर है। वहां मेरा परिवार रहता है। पूरा संत समाज मेरा परिवार है। वहां आना-जाना कभी कम नहीं रहा। मैं कल भी अयोध्या गया था, कल भी जाऊंगा। सवाल: आपके एक बेटे विधायक हैं, दूसरे भी भाजपा से सांसद बन गए, क्या ये परिवारवाद नहीं?
जवाब: अब ये वहां की जनता से पूछिए। मुझे लगता है कि अखिलेश का भी पूरा परिवार चुनाव जीत गया। इस चुनाव में हमारे बेटे लड़े थे, तो कोई अलग से नहीं लड़े थे। मैं 1991 से सांसद था, मेरी सीट पर लड़े। मैं नहीं लड़ा, तो वो लड़े। सवाल: जब आप सांसद थे तो लोगों की मदद करते थे। अब कैसे करेंगे?
जवाब: आप देखिए, अभी कितने लोग बैठे हैं। इन्हीं से पूछिए कि मदद होगी या नहीं। मैं सांसद नहीं हूं तो क्या हुआ, भूतपूर्व तो हूं। सबकी मदद की जाएगी। सवाल: आगे की राजनीति को लेकर कोई नई प्लानिंग?
जवाब: नहीं-नहीं बस जनसेवा, सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा। बृजभूषण सिंह की प्रोफाइल पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को यूपी में भाजपा की हार का कारण पता है, लेकिन वह खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। कहते हैं- सीटें कम क्यों हुईं, सबको पता है। इस पर कुछ बोला तो मेरे लिए घातक हो जाएगा। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इलेक्शन कैंपेन के आखिरी दौर में सपा को समर्थन क्यों दिया? इस पर शायराना अंदाज में कहते हैं- यूं ही कोई बेवफा नहीं होता…कोई कारण तो रहा होगा। बृजभूषण 6 बार सांसद रहे हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद भाजपा ने टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण शरण को दे दिया था। करण चुनाव जीत गए। दैनिक भास्कर ने बृजभूषण से खास बातचीत की। उन्होंने कई सवालों के जवाब बेबाकी से दिए तो कई सवालों पर बचते नजर आए। अयोध्या की हार पर भी वह बोलते हैं, लेकिन संभलकर। पढ़िए बृजभूषण का पूरा इंटरव्यू… सवाल: यूपी में 80 सीटें थीं, भाजपा सिर्फ 33 जीत सकी, क्या वजह मानते हैं?
जवाब: हमको भी मालूम है और सबको मालूम है। लेकिन मुझे इसकी विवेचना का अधिकार नहीं। इसकी समीक्षा या तो प्रदेश के मुखिया कर सकते हैं या भाजपा नेतृत्व कर सकता है। सवाल: पूर्वांचल भाजपा का गढ़ है, इसके बाद भी यहां सीटें कम हुईं?
जवाब: जिस जगह आप बैठे हैं, ये देवीपाटन मंडल है। इसमें कुल 4 सीटें थीं। 3 सीटें गोंडा, बहराइच और कैसरगंज हमने जीती हैं। हमारे मंडल का रिजल्ट बहुत अच्छा है। बाकी पर अपनी राय नहीं दे सकता। सवाल: राजभर और संजय निषाद को लोकसभा की सीटें मिलीं, लेकिन वो उन्हें बचा नहीं पाए?
जवाब: फिर वही बात घूमकर आती है, मैं सभी कारण जानता हूं, लेकिन कुछ नहीं कह सकता। इस पर मुझे मत बोलने दीजिए। मैं इस पर कुछ कहूंगा तो मेरे लिए बड़ा घातक हो जाएगा। सवाल: आप भाजपा के बड़े नेता हैं, उसके बाद भी आप…?
जवाब: मैं नेता था, अब मैं भूतपूर्व सांसद हूं। एक सामान्य कार्यकर्ता हूं। अब मैं लोगों से मिल रहा हूं। देखिए आप भी जानते हैं (भाजपा की हार क्यों हुई), मैं भी जनता हूं। सब लोग कारण जानते हैं, लेकिन मुझे अधिकार नहीं कि मैं इस पर अपनी राय रखूं। सवाल: इस बार आप नहीं, आपके बेटे प्रत्याशी थे। क्या ज्यादा मेहनत करनी पड़ी?
जवाब: 2 मई को टिकट घोषित हुआ। 4 को पर्चा दाखिल हुआ, 6 को पर्चा चेक हुआ और 20 मई को मतदान हुआ। मैं अक्सर चुनाव के समय दो-तीन बार समीक्षा करता था। इस बार समय नहीं मिला। वोट प्रतिशत घटा, इसको मैं स्वीकार करता हूं। सवाल : कहा जा रहा था यूपी में ठाकुर भाजपा से नाराज हैं। आप बड़े ठाकुर नेता हैं, क्या मानते हैं?
जवाब: यहां तो ठाकुरों ने भाजपा को खूब वोट दिया। बहराइच में भी दिया। अब नाराज होंगे, कहीं तो होंगे? उनके अपने कोई इश्यू होंगे। सवाल: राजा भैया ने राज्यसभा में भाजपा को सपोर्ट किया। फिर चुनाव में सपा को सपोर्ट कर दिया?
जवाब: उनकी कोई पीड़ा रही होगी। खैर मैं तो जानता भी नहीं हूं कि क्या बात थी? लेकिन एक बात है- यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, कुछ तो रहा होगा। सवाल: आपके दोनों बेटे विधानसभा और लोकसभा के सदस्य हैं। खुद को राजनीति में कैसे एक्टिव रखेंगे?
जवाब: ये सेवा भाव, जिसके कारण यहां तक पहुंचे हैं। हमारे दरवाजे पर दो-चार जिले के लोग आते हैं। उनका सम्मान करते हैं, उनकी बात सुनते हैं। उनके लिए फोन करते हैं। ऐसे ही करते रहेंगे। सवाल: केजरीवाल ने कहा था योगी को हटा दिया जाएगा, क्या इसका असर चुनाव के रिजल्ट पर पड़ा?
जवाब: मुझे नहीं लगता। केजरीवाल और राहुल बाबा के बयान को कोई सीरियसली नहीं लेता। सवाल: अयोध्या से आपका मजबूत जुड़ाव रहा है। वहां भी भाजपा हार गई, इसकी क्या वजह है?
जवाब: मैंने पहले ही कहा कि हम हार की सब वजह जानते हैं, लेकिन कह कुछ नहीं सकते। सवाल: आप 5 जून, 2023 को अयोध्या में संत सम्मेलन नहीं कर पाए। उसके बाद आपका अयोध्या जाना कम हो गया?
जवाब: संत सम्मेलन मुझे करना था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर मैंने उसे कैंसिल कर दिया। अयोध्या मेरा घर है। वहां मेरा परिवार रहता है। पूरा संत समाज मेरा परिवार है। वहां आना-जाना कभी कम नहीं रहा। मैं कल भी अयोध्या गया था, कल भी जाऊंगा। सवाल: आपके एक बेटे विधायक हैं, दूसरे भी भाजपा से सांसद बन गए, क्या ये परिवारवाद नहीं?
जवाब: अब ये वहां की जनता से पूछिए। मुझे लगता है कि अखिलेश का भी पूरा परिवार चुनाव जीत गया। इस चुनाव में हमारे बेटे लड़े थे, तो कोई अलग से नहीं लड़े थे। मैं 1991 से सांसद था, मेरी सीट पर लड़े। मैं नहीं लड़ा, तो वो लड़े। सवाल: जब आप सांसद थे तो लोगों की मदद करते थे। अब कैसे करेंगे?
जवाब: आप देखिए, अभी कितने लोग बैठे हैं। इन्हीं से पूछिए कि मदद होगी या नहीं। मैं सांसद नहीं हूं तो क्या हुआ, भूतपूर्व तो हूं। सबकी मदद की जाएगी। सवाल: आगे की राजनीति को लेकर कोई नई प्लानिंग?
जवाब: नहीं-नहीं बस जनसेवा, सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा। बृजभूषण सिंह की प्रोफाइल उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर