केंद्र में आज मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही अब जल्द ही यूपी में शासन स्तर से लेकर जिला स्तर तक बड़ा फेरबदल होगा। कुछ अहम पदों पर तैनाती कार्यकाल खत्म होने की वजह से होनी है। कुछ चेहरे परफॉर्मेंस और डिलीवरी के आधार पर बदले जाएंगे। यूपी को इसी महीने नया मुख्य सचिव (CS) भी तलाशना है। इस कुर्सी पर भी कई IAS अफसरों की निगाहें हैं। CS दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है। 30 दिसंबर, 2021 को उन्होंने CS की कुर्सी एक साल के एक्सटेंशन के साथ संभाली थी। इसके बाद उन्हें पहले 1 साल और फिर 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया। इसलिए अब उन्हें एक्सटेंशन मिलने की संभावना कम ही है। उनके बाद CS की रेस में 4 IAS हैं। सीनियॉरिटी के हिसाब से अरुण सिंघल का पहले नंबर पर हैं। लेकिन, रेस में 1988 बैच के IAS मनोज कुमार सिंह आगे दिख रहे हैं। योगी सरकार ने 2023 में भी इनका नाम CS के लिए भेजा था। मुख्य सचिव की रेस में ये अफसर चीफ सेक्रेटरी की रेस में सबसे मजबूत नाम IAS मनोज कुमार सिंह का है। सूत्रों की मानें, तो दिसंबर 2023 में जब तत्कालीन सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल समाप्त हो रहा था, तब अगले मुख्य सचिव के तौर पर प्रदेश सरकार की तरफ से इनका नाम भेजा गया था। मनोज कुमार सिंह मूल रूप से झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले हैं। वह सीएम योगी के विश्वासपात्र अफसरों में शामिल हैं। मुख्य सचिव की दौड़ में सीनियॉरिटी के हिसाब से IAS अरुण सिंघल का नाम पहले नंबर पर है। लेकिन मनोज सिंह से पीछे है। सिंघल अभी केंद्र में स्वास्थ्य विभाग के सचिव के पद पर तैनात हैं। उनका कार्यकाल अप्रैल, 2025 में समाप्त हो रहा है। इसके बाद IAS लीना नंदन का नाम चल रहा है। लीना अभी केंद्र सरकार में कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट में सचिव के तौर पर तैनात हैं। लीना नंदन यूपी कैडर की 1987 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से अंग्रेजी ऑनर्स में ग्रेजुएशन और एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मनीला से विकास प्रबंधन में PG किया है। उन्होंने यूपी में विभिन्न पदों पर काम किया है। यूपी के बहुचर्चित IAS रजनीश दुबे भी CS की दौड़ में हैं। वह अभी उत्तर प्रदेश के बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू का अध्यक्ष पद उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के बराबर सबसे ऊंची पोस्ट मानी जाती है। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू का अध्यक्ष भविष्य में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की कुर्सी का सबसे मजबूत दावेदार होता है। सीएम के अपर मुख्य सचिव केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल जल्द ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे। सीएम के अनापत्ति संबंधी पत्र पर केंद्र की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। 1989 बैच के आईएएस गोयल को केंद्र सरकार के किसी विभाग में सचिव का पद दिया सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2021 में गोयल को सचिव पद के लिए इम्पैनल किया था। 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए उस समय प्रदेश सरकार ने उन्हें NOC नहीं दी थी। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद गोयल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों गोयल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए कार्यमुक्त करने के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इस पर केंद्र सरकार में भी सहमति जता दी है। दीपक कुमार बन सकते हैं मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव
एसपी गोयल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद अपर मुख्य सचिव वित्त एवं गृह दीपक कुमार को अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह को निर्वाचन आयोग ने हटा दिया था इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से निर्वाचन आयोग को दीपक कुमार का नाम गृह विभाग के प्रमुख सचिव के लिए भेजा गया था, आयोग की तरफ से इनको विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया। प्रदेश में शासन स्तर पर इन दो बड़े बदलाव के साथ ही कई और प्रमुख पदों पर फेरबदल किया जाएगा। जिसमें APC, नियुक्ति, वित्त, यूपी रेजिडेंस कमिश्नर, राजस्व, चिकित्सा शिक्षा के साथ अन्य विभाग भी शामिल हैं। अब पढ़िए वर्तमान CS दुर्गा शंकर के बारे में दुर्गा शंकर मिश्र यूपी के मऊ जिले के पहाड़ीपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टन सिडनी से MBA किया है। साथ ही इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज, द हेग से पब्लिक पॉलिसी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया। दुर्गा शंकर मिश्र राज्य और केंद्र सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते रहे हैं। उनको 3 बार मिले एक्सटेंशन के पीछे की 3 वजहें हैं… केंद्र में आज मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही अब जल्द ही यूपी में शासन स्तर से लेकर जिला स्तर तक बड़ा फेरबदल होगा। कुछ अहम पदों पर तैनाती कार्यकाल खत्म होने की वजह से होनी है। कुछ चेहरे परफॉर्मेंस और डिलीवरी के आधार पर बदले जाएंगे। यूपी को इसी महीने नया मुख्य सचिव (CS) भी तलाशना है। इस कुर्सी पर भी कई IAS अफसरों की निगाहें हैं। CS दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है। 30 दिसंबर, 2021 को उन्होंने CS की कुर्सी एक साल के एक्सटेंशन के साथ संभाली थी। इसके बाद उन्हें पहले 1 साल और फिर 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया। इसलिए अब उन्हें एक्सटेंशन मिलने की संभावना कम ही है। उनके बाद CS की रेस में 4 IAS हैं। सीनियॉरिटी के हिसाब से अरुण सिंघल का पहले नंबर पर हैं। लेकिन, रेस में 1988 बैच के IAS मनोज कुमार सिंह आगे दिख रहे हैं। योगी सरकार ने 2023 में भी इनका नाम CS के लिए भेजा था। मुख्य सचिव की रेस में ये अफसर चीफ सेक्रेटरी की रेस में सबसे मजबूत नाम IAS मनोज कुमार सिंह का है। सूत्रों की मानें, तो दिसंबर 2023 में जब तत्कालीन सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल समाप्त हो रहा था, तब अगले मुख्य सचिव के तौर पर प्रदेश सरकार की तरफ से इनका नाम भेजा गया था। मनोज कुमार सिंह मूल रूप से झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले हैं। वह सीएम योगी के विश्वासपात्र अफसरों में शामिल हैं। मुख्य सचिव की दौड़ में सीनियॉरिटी के हिसाब से IAS अरुण सिंघल का नाम पहले नंबर पर है। लेकिन मनोज सिंह से पीछे है। सिंघल अभी केंद्र में स्वास्थ्य विभाग के सचिव के पद पर तैनात हैं। उनका कार्यकाल अप्रैल, 2025 में समाप्त हो रहा है। इसके बाद IAS लीना नंदन का नाम चल रहा है। लीना अभी केंद्र सरकार में कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट में सचिव के तौर पर तैनात हैं। लीना नंदन यूपी कैडर की 1987 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से अंग्रेजी ऑनर्स में ग्रेजुएशन और एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मनीला से विकास प्रबंधन में PG किया है। उन्होंने यूपी में विभिन्न पदों पर काम किया है। यूपी के बहुचर्चित IAS रजनीश दुबे भी CS की दौड़ में हैं। वह अभी उत्तर प्रदेश के बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू का अध्यक्ष पद उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के बराबर सबसे ऊंची पोस्ट मानी जाती है। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू का अध्यक्ष भविष्य में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की कुर्सी का सबसे मजबूत दावेदार होता है। सीएम के अपर मुख्य सचिव केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल जल्द ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे। सीएम के अनापत्ति संबंधी पत्र पर केंद्र की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। 1989 बैच के आईएएस गोयल को केंद्र सरकार के किसी विभाग में सचिव का पद दिया सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2021 में गोयल को सचिव पद के लिए इम्पैनल किया था। 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए उस समय प्रदेश सरकार ने उन्हें NOC नहीं दी थी। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद गोयल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों गोयल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए कार्यमुक्त करने के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इस पर केंद्र सरकार में भी सहमति जता दी है। दीपक कुमार बन सकते हैं मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव
एसपी गोयल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद अपर मुख्य सचिव वित्त एवं गृह दीपक कुमार को अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह को निर्वाचन आयोग ने हटा दिया था इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से निर्वाचन आयोग को दीपक कुमार का नाम गृह विभाग के प्रमुख सचिव के लिए भेजा गया था, आयोग की तरफ से इनको विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया। प्रदेश में शासन स्तर पर इन दो बड़े बदलाव के साथ ही कई और प्रमुख पदों पर फेरबदल किया जाएगा। जिसमें APC, नियुक्ति, वित्त, यूपी रेजिडेंस कमिश्नर, राजस्व, चिकित्सा शिक्षा के साथ अन्य विभाग भी शामिल हैं। अब पढ़िए वर्तमान CS दुर्गा शंकर के बारे में दुर्गा शंकर मिश्र यूपी के मऊ जिले के पहाड़ीपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टन सिडनी से MBA किया है। साथ ही इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज, द हेग से पब्लिक पॉलिसी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया। दुर्गा शंकर मिश्र राज्य और केंद्र सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते रहे हैं। उनको 3 बार मिले एक्सटेंशन के पीछे की 3 वजहें हैं… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर