हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा बार-बार सरकार पर हमला करने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को उनसे मुलाकात के लिए राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, राज्यपाल ने कुछेक मुद्दों को लेकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकारी कार्यक्रम था। उस दिन शहर के मेयर भी यहां पर उपस्थित नहीं थे। वह सरकारी कार्यक्रम था। राज्यपाल संवैधानिक पद पर बैठे हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ कम्युनिकेशन गैप भी है, जिस वजह से राज्यपाल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, कुलपति की नियुक्ति को लेकर फाइल सेक्रेटरी लॉ के पास है। राज्यपाल ने वापस सरकार को भेज दी थी। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भरोसा दिया कि भविष्य में इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा। प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर सरकार पर की थी सख्त टिप्पणी बता दें कि बीते कल राज्यपाल ने राजभवन में प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर कुलपति की नियुक्ति में देरी के लिए राजभवन पर दोष को गलत बताया था। उन्होंने कहा, कृषि मंत्री चंद्र कुमार बार-बार कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति का बिल मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है। राज्यपाल ने राजभवन पर दोषारोपण को बताया था गलत राज्यपाल ने कहा, सच्चाई यह है कि यह बिल सरकार के पास है। राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए प्रदेश सरकार को भेज रखा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है। ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। योग दिवस को लेकर नाराजगी जता चुके राज्यपाल इससे पहले राज्यपाल योग दिवस कार्यक्रम में सीएम, मंत्री और मेयर के गैर हाजिर रहने को लेकर भी सरकार पर सख्त टिप्पणी कर चुके हैं। इसे देखते हुए आज मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की है। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा बार-बार सरकार पर हमला करने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को उनसे मुलाकात के लिए राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, राज्यपाल ने कुछेक मुद्दों को लेकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकारी कार्यक्रम था। उस दिन शहर के मेयर भी यहां पर उपस्थित नहीं थे। वह सरकारी कार्यक्रम था। राज्यपाल संवैधानिक पद पर बैठे हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ कम्युनिकेशन गैप भी है, जिस वजह से राज्यपाल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, कुलपति की नियुक्ति को लेकर फाइल सेक्रेटरी लॉ के पास है। राज्यपाल ने वापस सरकार को भेज दी थी। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भरोसा दिया कि भविष्य में इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा। प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर सरकार पर की थी सख्त टिप्पणी बता दें कि बीते कल राज्यपाल ने राजभवन में प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर कुलपति की नियुक्ति में देरी के लिए राजभवन पर दोष को गलत बताया था। उन्होंने कहा, कृषि मंत्री चंद्र कुमार बार-बार कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति का बिल मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है। राज्यपाल ने राजभवन पर दोषारोपण को बताया था गलत राज्यपाल ने कहा, सच्चाई यह है कि यह बिल सरकार के पास है। राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए प्रदेश सरकार को भेज रखा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है। ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। योग दिवस को लेकर नाराजगी जता चुके राज्यपाल इससे पहले राज्यपाल योग दिवस कार्यक्रम में सीएम, मंत्री और मेयर के गैर हाजिर रहने को लेकर भी सरकार पर सख्त टिप्पणी कर चुके हैं। इसे देखते हुए आज मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे बेरोजगार:गेस्ट टीचर पॉलिसी पर भड़के; नई नौकरियां निकालने और आउटसोर्स भर्ती पर पूर्णत रोक की करेंगे मांग
हिमाचल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे बेरोजगार:गेस्ट टीचर पॉलिसी पर भड़के; नई नौकरियां निकालने और आउटसोर्स भर्ती पर पूर्णत रोक की करेंगे मांग हिमाचल सरकार के गेस्ट-टीचर भर्ती करने से फैसले पर विरोध में प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार आज धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। सालों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे बेरोजगार गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर आज तपोवन में प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए बीती शाम को ही बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा धर्मशाला पहुंच गए हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने हर साल एक लाख नौकरी देने का वादा किया था। कांग्रेस सरकार को दो साल बीत गए है। मगर अब तक रोजगार का वादा पूरा नहीं किया गया। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन भंग होने की वजह से नई भर्तियां तो दूर पुराने के भी रिजल्ट नहीं निकाले जा रहे। इससे बेरोजगारों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। पक्की नौकरी की जगह टेंपरेरी जोब अब रेगुलर टीचर रखने के बजाय सरकार ने गेस्ट टीचर भर्ती रखने का फैसला लिया है। इन्हें पीरियड आधार पर पैसे दिए जाएंगे। इससे बेरोजगार भड़क उठे हैं। हिमाचल प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। 8 लाख बेरोजगार परेशान बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा है, जो नौकरी की आस में निरंतर पढ़ाई कर रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी हासिल कर सके। मगर सरकार आउटसोर्स, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी-टास्क वर्कर जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठग रही है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड सुक्खू कैबिनेट द्वारा मंजूर गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में कांग्रेस ने हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा किया था। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे हैं। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। इन मांगों को लेकर करेंगे विधानसभा का घेराव
हिमाचल CM बोले- 6000 JBT-TGT व PGT की भर्ती जल्द:700 पद स्टाफ नर्स के भरेंगे, कांगड़ा में IPH का डिवीजन खोलने की घोषणा
हिमाचल CM बोले- 6000 JBT-TGT व PGT की भर्ती जल्द:700 पद स्टाफ नर्स के भरेंगे, कांगड़ा में IPH का डिवीजन खोलने की घोषणा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल में 20 हजार नौकरियां निकाली। उनमें से आधी भर्तियां सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में फंसी रही। कांग्रेस की सरकार ने इन केस को सेटल किया और युवाओं को नौकरी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2 साल में 31 हजार नौकरियां निकाली। उन्होंने कहा, 6000 हजार जेबीटी (जूनियर बेसिक टीचर), टीजीटी (ट्रेंनड ग्रेजुएट टीचर), पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) और 1200 पुलिस कॉस्टेबल की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा, प्रत्येक मेडिकल कालेज में हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के लिए 700 पद स्टाफ नर्स के निकालने जा रहे है। कांगड़ा विधानसभा के मटौर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, 2023 की आपदा में हिमाचल प्रदेश में 23 हजार घर टूटे। केंद्र ने मदद नहीं की। हिमाचल सरकार ने खुद नियम बदलकर मकान टूटने पर मिलने की डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया। कागंड़ा में IPH का डिवीजन खोलने की घोषणा की मुख्यमंत्री सुक्खू ने कांगड़ा में जल शक्ति विभाग (IPH) का डिवीजन खोलने की घोषणा की। उन्होंने मटौर कॉलेज में नए कोर्स शुरू करने के साथ क्षेत्र में पानी और बिजली की योजनाओं को सुदृढ़ करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने, कांगड़ा में जल्द ही राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल का निर्माण कार्य आरंभ करने, जलोड़ी खड्ड पर नया पुल बनाने की भी घोषणा की। कांगड़ा को 88.68 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट धर्मशाला दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में 88.68 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली चार प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कांगड़ा की ग्राम पंचायत बीरता, घुरकड़ी, ललेहड़, मटौर, नटेहड़ आदि क्षेत्रों के लिए 60.12 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सीवरेज स्कीम तथा 12.59 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले देहरा अरला, गवला अंद्राड़, तरसूह, ललेहड़, बीरता, जोगीपुर, सेवकरा, नटेहड़ सड़क के सुधारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र दौलतपुर तथा 5.16 करोड़ की लागत से इच्छी, मटौर, नंदेहड़, कोटकवाला, जमानाबाद, अब्दुल्लापुर, मिहालू, जोगीबला, सहौड़ा और गगल गांवों के लिए उठाऊ पेयजल योजना के संवर्धन कार्य की आधारशिला रखी।
हिमाचल सरकार पर कंगना का आरोप:बोलीं- सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को देती है, राज्य का खजाना हुआ खाली
हिमाचल सरकार पर कंगना का आरोप:बोलीं- सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को देती है, राज्य का खजाना हुआ खाली हिमाचल प्रदेश के मंडी की सांसद व अभिनेत्री कंगना रनोट ने कर्ज के मामले में राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। उनका आरोप है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार कर्ज लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को देती है। जिससे राज्य का खजाना “खोखला” हो गया है। वह भाजपा के मेंबरशिप अभियान की शुरुआत करने मनाली गांव पहुंची हुई थी। इस दौरान उन्होंने हिमाचल सरकार को जमकर घेरा। लोगों को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाए
लोगों को संबोधित करते हुए अभिनेत्री ने कहा, “हर कोई जानता है कि हिमाचल में भ्रष्टाचार व्याप्त है। कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों को खोखला कर दिया है।” उन्होंने आश्चर्य जताया कि पार्टी चुनावों पर इतना खर्च कैसे करती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “वे कर्ज लेते हैं और सोनिया गांधी को देते हैं, जिससे राज्य खोखला हो गया है। आपदाओं को सरकार ने पीछे धकेला
रनोट ने कहा, “आपदाओं और कांग्रेस सरकार ने राज्य को दशकों पीछे धकेल दिया है। मैं लोगों से मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील करूंगी।” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “अगर हम आपदा कोष देते हैं, तो यह सीएम राहत कोष में जाना चाहिए, लेकिन सभी जानते हैं कि यह सोनिया राहत कोष में जाता है।”