पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कल यानी गुरुवार को अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि वह उपचुनाव में बीएसपी का समर्थन करेंगे। आज अकाली नेता बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने अपनी ही पार्टी प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वडाला ने कहा- आज हमारी पार्टी अपने ही सिद्धांतों पर खरी नहीं उतर पाई है। वडाला ने कहा- बादल के नेतृत्व में पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी में बदलाव की काफी जरूरत है। वडाला ने कहा- पार्टी ने उम्मीदवार घोषित करने से दो दिन पहले चंडीगढ़ से पार्टी का लोगो मंगवाया था। ऐसा नहीं है कि पार्टी को उम्मीदवार के बारे में पता नहीं था। वडाला ने कहा- हमारी बैठकें लगातार चल रही हैं और किसी सिख ने यह नहीं कहा है कि वह वोट नहीं देगा। वडाला ने अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर को वोट देने की अपील की है। वडाला ने कहा- अकाली दल में बदलाव चाहते हैं लोग पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा- लोग अब पार्टी में बदलाव देखना चाहते हैं। सुखबीर सिंह बादल ने अपने एक भाषण में कहा था कि पार्टी किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है। अगर पार्टी प्रमुख की यही राय है तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि पार्टी इस समय बहुत बुरी हालत में है। वडाला ने कहा- पार्टी प्रमुख ने बीएसपी का समर्थन करके एक गरीब परिवार का मजाक उड़ाया है। वडाला ने कहा- अगर कोई अमीर उम्मीदवार होता तो कभी भी पर्चा वापस नहीं लिया जाता। इसका उदाहरण विरसा सिंह वल्टोहा हैं। वडाला ने आगे कहा- मुझे दुख हुआ जब हरसिमरन कौर बादल ने संसद में कहा- छोटा सा पंजाब, छोटी सी पार्टी। जबकि हमारा इतिहास सबसे बड़ा है। अकाली दल में क्यों आई दरार, पढ़ें पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर को समर्थन न देने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अकाली दल के दूसरे पक्ष ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। दूसरे पक्ष में अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। चंडीगढ़ में अकाली दल की बड़ी बैठक के दौरान ये नेता अनुपस्थित थे और जालंधर में अलग से बैठक कर रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को बदलाव की जरूरत है। चंदूमाजरा ने बदलाव शब्द का इस्तेमाल कर सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद सुखबीर सिंह बादल के पक्ष के वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा- हम जालंधर उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है, उसका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उक्त उम्मीदवार बीबी जागीर कौर ने बनाया है। इस बारे में उनसे पूछा ही नहीं गया। पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कल यानी गुरुवार को अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि वह उपचुनाव में बीएसपी का समर्थन करेंगे। आज अकाली नेता बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने अपनी ही पार्टी प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वडाला ने कहा- आज हमारी पार्टी अपने ही सिद्धांतों पर खरी नहीं उतर पाई है। वडाला ने कहा- बादल के नेतृत्व में पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी में बदलाव की काफी जरूरत है। वडाला ने कहा- पार्टी ने उम्मीदवार घोषित करने से दो दिन पहले चंडीगढ़ से पार्टी का लोगो मंगवाया था। ऐसा नहीं है कि पार्टी को उम्मीदवार के बारे में पता नहीं था। वडाला ने कहा- हमारी बैठकें लगातार चल रही हैं और किसी सिख ने यह नहीं कहा है कि वह वोट नहीं देगा। वडाला ने अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर को वोट देने की अपील की है। वडाला ने कहा- अकाली दल में बदलाव चाहते हैं लोग पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा- लोग अब पार्टी में बदलाव देखना चाहते हैं। सुखबीर सिंह बादल ने अपने एक भाषण में कहा था कि पार्टी किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है। अगर पार्टी प्रमुख की यही राय है तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि पार्टी इस समय बहुत बुरी हालत में है। वडाला ने कहा- पार्टी प्रमुख ने बीएसपी का समर्थन करके एक गरीब परिवार का मजाक उड़ाया है। वडाला ने कहा- अगर कोई अमीर उम्मीदवार होता तो कभी भी पर्चा वापस नहीं लिया जाता। इसका उदाहरण विरसा सिंह वल्टोहा हैं। वडाला ने आगे कहा- मुझे दुख हुआ जब हरसिमरन कौर बादल ने संसद में कहा- छोटा सा पंजाब, छोटी सी पार्टी। जबकि हमारा इतिहास सबसे बड़ा है। अकाली दल में क्यों आई दरार, पढ़ें पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर को समर्थन न देने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अकाली दल के दूसरे पक्ष ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। दूसरे पक्ष में अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। चंडीगढ़ में अकाली दल की बड़ी बैठक के दौरान ये नेता अनुपस्थित थे और जालंधर में अलग से बैठक कर रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को बदलाव की जरूरत है। चंदूमाजरा ने बदलाव शब्द का इस्तेमाल कर सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद सुखबीर सिंह बादल के पक्ष के वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा- हम जालंधर उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है, उसका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उक्त उम्मीदवार बीबी जागीर कौर ने बनाया है। इस बारे में उनसे पूछा ही नहीं गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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डल्लेवाल की हालत नाजुक, रिपोर्ट्स आज आएंगी:किसान नेता सार्वजनिक करेंगे; SKM नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर मुलाकात की
डल्लेवाल की हालत नाजुक, रिपोर्ट्स आज आएंगी:किसान नेता सार्वजनिक करेंगे; SKM नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर मुलाकात की पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 47वां दिन है। गुरुवार को हुए उनकी टेस्ट की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। आज किसान नेता रिपोर्ट्स को जनता के सामने रखेंगे। इससे पहले, शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, दर्शनपाल सिंह व अन्य खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे और उन्होंने डल्लेवाल से मुलाकात की। किसान नेताओं ने 9 जनवरी को मोगा में हुई महापंचायत में पास प्रस्ताव को मोर्चे के नेताओं को सौंपा। किसान नेताओं ने इस आंदोलन को मजबूत करने के लिए सभी का सहयोग मांगा और केंद्र सरकार से MSP गारंटी कानून की मांग को जल्द पूरा करने का आह्वान किया। यूपी में प्रदर्शन से पहले किसान नेता नजरबंद
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को देशभर में गांव स्तर पर मोदी सरकार के पुतले जलाए गए। उत्तर प्रदेश में इस आंदोलन को रोकने के लिए बुलंदशहर और अलीगढ़ समेत कई जिलों में किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया, जिससे किसानों में रोष बढ़ गया है। किसान नेताओं ने इसे लोकतंत्र का दमन बताया और चेतावनी दी कि अगर डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर कोई अनहोनी हुई, तो पूरे देश में किसानों का बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा। डल्लेवाल ने कहा- मोदी से कहिए मांगें मानें, अनशन छोड़ दूंगा
शुक्रवार सुबह डल्लेवाल ने वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है। हमें यहां पर यह सूचना मिली कि पंजाब भाजपा की इकाई की तरफ से अकाल तख्त साहिब से अपील की गई है कि डल्लेवाल का अनशन तुड़वाया जाए। उसे जत्थेदारों व पंज प्यारों के माध्यम से हुक्म दिया जाए कि वह अनशन छोड़े। मैं अकाल तख्त साहिब व सभी तख्तों व पंज प्यारों का सत्कार करता हूं। सवाल ये है कि पंजाब भाजपा इकाई के जो लोग हैं, पंजाब के लोग हैं, पंजाब के निवासी हैं। और यह जो हम लड़ाई लड़ रहे हैं। यह जो हम मांग उठा रहे हैं। वह पूरे पंजाब के लिए हैं। तो आप को जाना है तो मोदी जी के पास जाइए। आपको उपराष्ट्रपति के पास जाना चाहिए। वह बड़ा साफ किसानों के बारे में बोले हैं। एग्रीकल्चर मिनिस्टर व अमित शाह के पास जाना चाहिए, लेकिन आप श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास जा रहे हैं। इसका मतलब क्या निकलता है। आपके अंदर क्या है। मैं आपको फिर से हाथ जोड़ता हूं कि अकाल तख्त साहिब की तरफ जाने के बजाय आप कृपया मोदी जी से कहें कि वह हमारी मांगें मान लें, तो हम अनशन छोड़ देंगे। हमारा अनशन करना कोई कारोबार तो नहीं है। न ही हमारा शौक है। धन्यवाद। मैं पंजाब की भाजपा इकाई को विनती करता हूं कि वह मोदी जी से बात करें। डल्लेवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 8 सुनवाई, अब तक क्या-क्या हुआ… 1. 13 दिसंबर- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी पहुंच डल्लेवाल से मुलाकात की। 2. 18 दिसंबर- पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 19 दिसंबर- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 20 दिसंबर- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो अधिकारी निर्णय लें। 5. 28 दिसंबर- केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 31 दिसंबर को पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली
पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी- हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। हमने कमेटी बनाई है। किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे।” 8. 6 जनवरी- किसान मुलाकात के लिए तैयार
पंजाब सरकार ने कहा कि आंदोलन पर चल रहे किसान हाई पावर कमेटी से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तय की। इसके बाद कमेटी ने मुलाकात की। किसान आंदोलन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… डल्लेवाल बोले- मोदी से कहिए मांगें मानें, अनशन छोड़ दूंगा हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 46 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार (10 जनवरी) को एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है।’ पूरी खबर पढ़ें…
पंजाब में 18 ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ FIR:विदेश में नौकरी का फर्जी विज्ञापन देकर करते थे ठगी, अब तक 43 एजेंटों पर कार्रवाई
पंजाब में 18 ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ FIR:विदेश में नौकरी का फर्जी विज्ञापन देकर करते थे ठगी, अब तक 43 एजेंटों पर कार्रवाई पंजाब पुलिस ने अवैध ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। 18 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उक्त एजेंसियां सोशल मीडिया पर विदेश में नौकरी के फर्जी विज्ञापन देकर लोगों को ठगती थीं। अब तक कुल 43 ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ केस दर्ज किए जा चुके हैं।डीजीपी एनआरआई प्रवीण कुमार ने बताया कि ये ट्रैवल एजेंट बिना जरूरी लाइसेंस के सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर युवाओं को विदेश में नौकरी का लालच दे रहे थे। ऐसे खुली आरोपियों की पोल पुलिस की तरफ से इन शातिर आरोपियों तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की जांच की गई। उनके दस्तोवजों की गुप्त तरीके से पड़ताल की गई। इसके बाद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं। राज्य के विभिन्न थानों में इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24/25 के तहत कुल 18 नई FIR दर्ज की गई हैं। इन फर्जी एजेंटों में अमृतसर, मोहाली, लुधियाना और पटियाला जिले शामिल हैं। 18 नई एफआईआर में से सितंबर महीने में 6 और अक्टूबर में 12 एफआईआर दर्ज की गईं है। इन कंपनियों पर दर्ज हुए केस जिन कंपनियों पर पुलिस ने केस दर्ज किए गए हैं, उनमें वन पॉइंट सर्विसेज सेक्टर-115 खरड़, साई एंजल ग्रुप सेक्टर-78 मोहाली, भारत इमिग्रेशन, सेवक पेट्रोल पंप के पास अमलोह फतेहगढ़ साहिब, मास्टर माइंड इमिग्रेशन स्टडी वीज़ा कंसल्टेंट आनंदपुर साहिब, एवीपी इमिग्रेशन बठिंडा, स्काई ब्रिज इमिग्रेशन बठिंडा , गेटवे इमिग्रेशन पटियाला, मास्टर इमिग्रेशन राजपुरा, हम्बल इमिग्रेशन अमृतसर, द हंबल इमिग्रेशन लुधियाना, ईवीएए इमिग्रेशन लुधियाना, कौर इमिग्रेशन सेंटर मोगा, शिव कंसल्टेंसी इमिग्रेशन एफसीआर रोड अमृतसर, आहूजा इमिग्रेशन जंडियाला रोड, एचडीएफसी बैंक के पास तरनतारन, जेएमसी अमृतसर पहली मंजिल, 100 एफटी रोड अमृतसर कॉलोनी, , रुद्राक्ष इमिग्रेशन फेज 1, मोहाली, यूनिक एंटरप्राइजेज मेगा मार्केट न्यू सनी एनक्लेव सेक्टर 123 मोहाली व सैनी एसोसिएट्स (गल्फ जॉब्स एंड यूरोप गल्फ वीजा), पहली मंजिल खन्ना कॉम्प्लेक्स, रूपनगर शामिल है।
जालंधर में आज पूर्व मंत्री आशु की पेशी:कई करीबियों को जा चुके समन,LDP केस पर भी नजर,CBI की तलवार भी लटकी
जालंधर में आज पूर्व मंत्री आशु की पेशी:कई करीबियों को जा चुके समन,LDP केस पर भी नजर,CBI की तलवार भी लटकी पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को आज जालंधर की अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच ईडी के अधिकारी पेश करेंगे। पिछले 10 दिनों से आशु का ईडी के अधिकारी रिमांड लिए हुए है। आशु से पिछले 10 दिनों से लगातार पूछताछ की जा रही है। आशु को ईडी ने 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था। करीबियों को भेजे जा चुके समन सूत्रों मुताबिक पता चला है कि करीब 5 ऐसे लोगों को ईडी ने समन किया है जो आशु के बेहद करीबी है। इनमें से कुछ वह लोग भी है जिनकी ट्रांसपोर्ट टेंडर घोटाले में विजिलेंस को शमूलियत मिली थी। समन किए जाने वाले लोगों की संख्या जांच सूची में आने वाले दिनों बढ़ भी सकती है। आशु के कई करीबियों के वित्तिय खाते तक चैक किए जा रहे है। कई इनवेस्टर्स और फाइनांसरों से भी पूछताछ करने की अधिकारी तैयारी कर रहे ह। LDP केस पर भी अधिकारियों की नजर आशु के बैंक खातों सहित विदेशी ट्रांजैक्शनों के रिकार्ड पर ईडी के अधिकारी काम कर रही है। सूत्रों मुताबिक ट्रांसर्पोट टेंडर घोटाले के अलावा अब ईडी के अधिकारियों ने LDP केस का भी रिकार्ड जुटाना शुरू कर दिया है। इस केस पर भी आने वाले दिनों में जांच शुरू होने जा रही है। वहीं CBI भी इन दोनों केसों में पर नजर जमाए है। यदि इस केस में CBI जांच करती है तो आरोपियों पर जांच की तलवार लटक सकती है। 28 जुलाई 2022 को LDP केस पर किया था विजिलेंस ने मामला दर्ज बता दें कि 28 जुलाई 2022 को विजीलेंस ने ऋषि नगर में फ्लैट के लिए प्रस्तावित जमीन पर दिए गए 5 एलडीपी प्लांट नंबर 102, 103, 103, 104, 105 और 106 में हुई धांधली के आरोप में पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रमण्यम, ईओ कुलजीत कौर, एसडीओ अंकित नारंग, सेल्ज कलर्क प्रवीन कुमार, कलर्क गगनदीप और चेयरमैन के पीए संदीप शर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। 22 अगस्त, 2022 को विजिलेंस ने किया था आशु को गिरफ्तार
अनाज ढुलाई टेंडर घोटाले को लेकर वर्ष 2022 में कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे। इसकी शिकायत विजिलेंस के पास की थी। दो महीने की जांच के बाद विजिलेंस ने सबसे पहले ठेकेदार तेलू राम और दो अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद में इस मामले में आशु का नाम भी शामिल कर लिया था। 22 अगस्त, 2022 को विजिलेंस ने लुधियाना में छापामारी कर उन्हें सैलून में बाल कटवाते समय गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में आशु करीब छह माह तक पटियाला जेल में भी बंद रहे हैं। आरोप है कि अनाज ढुलाई टेंडर घोटाले में अनाज मंडियों में आरोपित वाहनों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करते थे। यही नहीं टेंडर लेने से पहले विभाग में वाहनों के गलत नंबर लिखवाए गए थे। जांच के दौरान पता चला कि जो नंबर लिखवाए थे वह स्कूटर, बाइक जैसे दोपहिया वाहनों के भी थे। यह वाहन अनाज ढुलाई के लिए मान्य ही नहीं थे।