शिमला के रामपुर में ट्रक ने 75 वर्षीय बुजुर्ग को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। बुजुर्ग में पैदल आपने घर जा रहा था। हादसे बाद ड्राइवर ट्रक लेकर मौके से फरार हो गया है। मृतक की पहचान हरदयाल चौहान निवासी गांव शाह डाकघर धारगौरा के नाम से हुई है। मंगलवार देर शाम अपने घर जा रहा था। जब वह रतनपुर के पास पहुंचा, तो किन्नौर ओर जाते समय ट्रक ने टक्कर मार दी। मामले की जांच कर रही पुलिस हादसे में हरदयाल गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे MGMSC खनेरी पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डीएसपी नरेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने इस अज्ञात ट्रक चालक पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिमला के रामपुर में ट्रक ने 75 वर्षीय बुजुर्ग को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। बुजुर्ग में पैदल आपने घर जा रहा था। हादसे बाद ड्राइवर ट्रक लेकर मौके से फरार हो गया है। मृतक की पहचान हरदयाल चौहान निवासी गांव शाह डाकघर धारगौरा के नाम से हुई है। मंगलवार देर शाम अपने घर जा रहा था। जब वह रतनपुर के पास पहुंचा, तो किन्नौर ओर जाते समय ट्रक ने टक्कर मार दी। मामले की जांच कर रही पुलिस हादसे में हरदयाल गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे MGMSC खनेरी पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डीएसपी नरेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने इस अज्ञात ट्रक चालक पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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खट्टर ने ऊर्जा मंत्री का कार्यभार संभाला:कहा- विकसित भारत के लिए लगातार काम करेंगे, नड्डा, गुर्जर और बिट्टू भी मंत्रालय पहुंचे
खट्टर ने ऊर्जा मंत्री का कार्यभार संभाला:कहा- विकसित भारत के लिए लगातार काम करेंगे, नड्डा, गुर्जर और बिट्टू भी मंत्रालय पहुंचे मोदी कैबिनेट में विभागों के बंटवारे के बाद मंगलवार को मंत्रियों ने पदभार संभाला। हरियाणा के करनाल से सांसद व पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने ऊर्जा मंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कुर्सी पर बैठकर कागज पर साइन भी किए। पदभार संभालने की वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की। वीडियो शेयर करने के साथ उन्होंने लिखा कि आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में उर्जा मंत्रालय ‘विकसित भारत’ के लिए लगातार काम करेगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय में पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वे पार्टी ऑफिस गए और नेताओं से मुलाकात की। नड्डा 2014 से 2019 तक मोदी के पहले मंत्रिमंडल में भी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री थे। कृष्ण पाल गुर्जर ने भी सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। वह पहले भी मोदी सरकार के दोनों टर्म में राज्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं पंजाब से पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भी दिल्ली में रेल राज्य मंत्री का पदभार संभाला। इस दौरान उनके साथ उनका परिवार भी मौजूद रहा। बिट्टू ने कहा कि रेल को आगे बढ़ाने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कंधे के साथ कंधा मिलाकर रेल सेवाओं को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा। खट्टर के बिजली मंत्री बनने से प्रोजेक्टों में आएगी तेजी
मनोहर लाल के बिजली मंत्री बनने से हरियाणा में धीमे चल रहे बिजली प्रोजेक्ट तेज गति से पूरे हो सकेंगे। हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल के साथ लगता राज्य है। हरियाणा में बिजली को लेकर काफी संभावनाएं हैं। यमुनानगर में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में अब 800 मेगावाट की एक ओर इकाई स्थापित की जा रही है। 300 मेगावाट की 2 इकाइयां पहले से स्थापित हैं। इसके अलावा 600 मेगावाट की 2 इकाइयां हिसार व 250 की 2 और 210 मेगावाट की एक इकाई पानीपत में है। वहीं फतेहाबाद के गोरखपुर में भी परमाणु संयंत्र स्थापित है। बिट्टू के मंत्री बनने से ये काम हो सकते हैं पूरे
बिट्टू के राज्यमंत्री बनने पर अमृतसर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना मुकम्मल हो सकती है। यह ट्रैक करीब 465 किलोमीटर लंबा है। इसमें पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा भी जुड़ेगा। अभी इस परियोजना की शुरुआत हुई है। इसके पूरे होने से अमृतसर से दिल्ली तक सफर करने में समय की बचत होगी। चंडीगढ़-राजपुरा रेलवे मार्ग पूरे होने की उम्मीद
इसके अलावा चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे मार्ग है, जो कि 2016 में मंजूर हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा पंजाब में रेलवे पर आधारित इंडस्ट्री काफी है। लुधियाना, मोहाली व जालंधर में रेल से जुड़े कई पुर्जे तैयार होते हैं। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा-पंजाब,हिमाचल के मंत्रियों के विभागों का एनालिसिस: खट्टर से शहरी वोट साधे, बिट्टू से 70% किसानों पर पकड़; नड्डा से BJP की गुटबाजी खत्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। हरियाणा से 3 मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को कुल 6 विभाग मिले हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बड़ा गैर जाट चेहरा हैं। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के जरिए भाजपा ने जहां अपने कोर शहरी वोट बैंक को साधा है। वहीं हरियाणा में शहरी क्षेत्र की जीटी रोड बेल्ट को साधने की कोशिश की है। (पूरी खबर पढ़ें)
हिमाचल में 5 तारीख को सेलरी- 10 को पेंशन मिलेगी:विधानसभा में CM बोले- ब्याज से बचने को लिया निर्णय, 36 करोड़ की बचत होगी
हिमाचल में 5 तारीख को सेलरी- 10 को पेंशन मिलेगी:विधानसभा में CM बोले- ब्याज से बचने को लिया निर्णय, 36 करोड़ की बचत होगी हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि कर्मचारियों को 5 सितंबर को सेलरी और पेंशनर को 10 सितंबर को पेंशन दी जाएगी। प्रदेश की आर्थिक स्थिति जब तक ठीक नहीं हो जाती, तब तक कर्मचारियों व पेंशनर को क्रमशः 5 व 10 तारीख को सेलरी-पेंशन मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, यह निर्णय अनावश्यक ऋण पर खर्च होने वाले ब्याज से बचने के लिए लिया गया है। इससे सालाना 36 करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा, राज्य में पहली तारीख को सेलरी-पेंशन दी जाती है, जबकि भारत सरकार से हमे 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट में 520 करोड़ रुपए और 10 तारीख को केंद्र से सेंट्रल शेयर टैक्स में 740 करोड़ रुपए मिलते है। इस वजह से हमें 5 दिन के लिए ऋण लेना पड़ता है। हर महीने इसका 7.50 प्रतिशत ब्याज चुकाने पर 3 करोड़ ब्याज देना पड़ता है। इससे ब्याज का अनावश्यक बोझ कम होगा। उन्होंने कहा, कर्मचारियों की सेलरी पर हर महीने 1200 करोड़ रुपए और पेंशन पर 800 करोड़ खर्च होता है। कुल मिलाकर 2000 करोड़ कर्मचारी-पेंशनर को देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में यह व्यवस्था बोर्ड-निगमों पर लागू नहीं होगी। बोर्ड-निगम अपने हिसाब से कर्मचारियों को सैलरी-पेंशन देते रहेंगे। फाइनेंशियल डिसिप्लेन की तरफ बढ़ रहे: सुक्खू मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि, साल 2027 में हिमाचल आत्मनिर्भर होगा। साल 2032 में देश का सबसे समृद्धशाली राज्य होगा। प्रदेश में 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस सरकार बनी तो उस समय प्रदेश में आर्थिक संकट था। अब कोई आर्थिक संकट नहीं है। इसे ठीक करने में अड़चनें-तकलीफ आ रही है, लेकिन हमें फैसला करना होगा। समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना होगा। अब हम फाइनेंशियल डिसिप्लेन की तरफ बढ़ रहे हैं। रेवेन्यू जब सरप्लस था- तब डीए क्यों नहीं दिया: CM मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, साल 2018-19 और 2019-20 में रेवेन्यू सरप्लस था। बावजूद कर्मचारियों-पेंशनर को पूर्व सरकार ने डीए क्यों नहीं दिया। फिर चुनाव आए। चुनाव से छह महीने पहले आपने फ्री पानी, फ्री बिजली दिया। 10-10 करोड़ का टैक्स देने वाले होटल को फ्री बिजली-पानी दे दिया। 600 संस्थान खोल दिए। मुफ्त रेवड़ियां इन्होंने बांटी। हमारी सरकार आर्थिक सुधार कर रही है। जयराम ने उठाया सैलरी-पेंशन नहीं मिलने का मामला अंत में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, आर्थिक स्थिति पर शुक्रवार को सदन में फिर चर्चा होगी। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत कर्मचारियों व पेंशनर को सेलरी-पेंशन नहीं मिलने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि, कर्मचारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं और डरे हुए हैं। क्या आर्थिक संकट इतना ज्यादा हो गया? लोगों के आंसू निकाल दिए। इस पर चर्चा होनी चाहिए।
हिमाचल के शिक्षा विभाग का कारनामा:B.Sc-M.Sc पास टीचर को 8450 रुपए; 10वीं पास चौकीदार को 10630 मानदेय, सोशल मीडिया पर घिरा
हिमाचल के शिक्षा विभाग का कारनामा:B.Sc-M.Sc पास टीचर को 8450 रुपए; 10वीं पास चौकीदार को 10630 मानदेय, सोशल मीडिया पर घिरा सोशल मीडिया पर इन दिनों हिमाचल का शिक्षा विभाग खूब सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, चंबा जिला के भरमौर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय द्वारा एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया, जिसमें एक पार्ट टाइम टीचर और एक चौकीदार के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें टीचर को 8450 रुपए मानदेय और चौकीदार को 10630 रुपए मानदेय देने की बात कही गई है। पार्ट टाइम टीचर के लिए बीएससी, एमएससी, बीएड के साथ टेट परीक्षा (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास होना अनिवार्य किया गया है, जबकि चपड़ासी के लिए 10वीं पास की शर्त लगाई है। चौकीदार को टीचर से 2180 रुपए ज्यादा मानदेय टीचर को चौकीदार की तुलना में 2180 रुपए कम मानदेय देने की बात विज्ञापन में कही गई है। इसे लेकर लोग सोशल मीडिया में शिक्षा विभाग पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। विभाग का यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग इसे बेरोजगारों के साथ मजाक बता रहे हैं। न्यूनतम मानदेय भी नहीं दिया जा रहा पार्ट टाइम टीचर के साथ साथ चौकीदार दोनों को न्यूनतम मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। हिमाचल में न्यूनतम दिहाड़ी 400 रुपए है। इस हिसाब से कम से कम 12 हजार रुपए मानदेय अनिवार्य रूप से होना चाहिए। मगर शिक्षा विभाग के इस विज्ञापन के अनुसार, न तो टीचर और न ही चौकीदार को न्यूनतम मानदेय दिया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर बोले-टीचर पार्ट टाइम, इसलिए कम मानदेय इसे लेकर चंबा के डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन पीएल चड़क ने बताया कि टीचर पार्ट टाइम है, जबकि चौकीदार फुल टाइम रखा जाना है। इसलिए टीचर का मानदेय कम है और चौकीदार का ज्यादा है। हैरानी इस बात की है कि इस साल के शुरुआत में भी सरकार ने पार्ट टाइम भर्तियों की बात कही थी। तब बेरोजगारों के विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था। मगर अब शिक्षा विभाग का यह विज्ञापन कई सवाल खड़े कर रहा है। हिमाचल हाईकोर्ट भी कई बार ऐसी भर्तियों पर आपत्ति जता चुका है।