राम मंदिर के परकोटे की दीवारों पर उकेरी जाएगी श्रीराम कथा, बनाए जा रहे कांस्य के 90 म्यूरल

राम मंदिर के परकोटे की दीवारों पर उकेरी जाएगी श्रीराम कथा, बनाए जा रहे कांस्य के 90 म्यूरल

<p style=”text-align: justify;”><strong>Ram Mandir News:</strong> श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अब राम मंदिर परिसर को और भव्य व सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य तेज हो गया है. राम मंदिर के चारों ओर लगभग 800 मीटर लंबा परकोटा बनाया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं को श्रीराम के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक कथाओं की झलक देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस परकोटे की दीवारों पर कांस्य से बने कुल 90 म्यूरल (भित्तिचित्र) लगाए जा रहे हैं, जो भगवान श्रीराम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाएंगे. इन म्यूरल्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को राम जन्म से लेकर रामराज्याभिषेक तक की कथा देखने को मिलेगी. अब तक 25 म्यूरल दीवारों पर लगाए जा चुके हैं और यह कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/AxvgZAZt5AM?si=pg5R5zM7233wfrH3″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रामकथा के प्रमुख प्रसंगों की झलक</strong><br />इन भित्तिचित्रों में निषादराज से भेंट, शबरी मिलन, अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, वनवास यात्रा, हनुमान मिलन, लंका विजय और रामराज्याभिषेक जैसे प्रमुख प्रसंग शामिल हैं. इसके अलावा कुछ म्यूरल अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को भी दर्शाएंगे. हर म्यूरल की लंबाई 7 फीट और चौड़ाई 6 फीट है, और इनका निर्माण कुशल शिल्पकारों की देखरेख में किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परकोटे के स्तंभ भी होंगे खास</strong><br />परकोटा निर्माण के दौरान कुल 166 पत्थर के स्तंभ बनाए जा रहे हैं. इन स्तंभों पर देवी-देवताओं, यक्षों और यक्षिणियों के चित्र भी उकेरे जा रहे हैं. यह नक्काशी कार्य प्राचीन भारतीय शिल्प कला का प्रतीक है, जो मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा. अभी तक आधे से अधिक स्तंभों का काम पूरा किया जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परकोटे का कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य</strong><br />राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार परकोटे का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके साथ ही पूरे परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पाथवे, प्रवेश द्वार, जल-निकासी, सुरक्षा व्यवस्था, शौचालय और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> द्वारा भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था. मंदिर निर्माण का पहला चरण यानी गर्भगृह और मुख्य मंदिर जनवरी 2024 में पूरा हुआ. इस मंदिर का शिल्प भारतीय नागर शैली पर आधारित है और इसमें कोई स्टील या सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है. मंदिर का निर्माण कार्य लार्सन एंड टुब्रो द्वारा किया जा रहा है. इसे टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स की निगरानी में तैयार किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> न केवल भारत के धार्मिक विश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह अब प्राचीन भारतीय कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता का वैश्विक केंद्र भी बनता जा रहा है. आने वाले समय में जब परकोटे पर रामकथा के सभी दृश्य उकेरे जाएंगे, तो यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए और भी अद्भुत अनुभव बन जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें : <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lucknow-lok-bandhu-hospital-fire-case-investigation-committee-gave-its-report-ann-2927594″><strong>Lucknow News: लोकबंधु अस्पताल में शॉर्ट सर्किट नहीं लगी थी आग, जांच कमेटी की रिपोर्ट में चौकाने वाला दावा</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ram Mandir News:</strong> श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अब राम मंदिर परिसर को और भव्य व सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य तेज हो गया है. राम मंदिर के चारों ओर लगभग 800 मीटर लंबा परकोटा बनाया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं को श्रीराम के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक कथाओं की झलक देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस परकोटे की दीवारों पर कांस्य से बने कुल 90 म्यूरल (भित्तिचित्र) लगाए जा रहे हैं, जो भगवान श्रीराम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाएंगे. इन म्यूरल्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को राम जन्म से लेकर रामराज्याभिषेक तक की कथा देखने को मिलेगी. अब तक 25 म्यूरल दीवारों पर लगाए जा चुके हैं और यह कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/AxvgZAZt5AM?si=pg5R5zM7233wfrH3″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रामकथा के प्रमुख प्रसंगों की झलक</strong><br />इन भित्तिचित्रों में निषादराज से भेंट, शबरी मिलन, अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, वनवास यात्रा, हनुमान मिलन, लंका विजय और रामराज्याभिषेक जैसे प्रमुख प्रसंग शामिल हैं. इसके अलावा कुछ म्यूरल अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को भी दर्शाएंगे. हर म्यूरल की लंबाई 7 फीट और चौड़ाई 6 फीट है, और इनका निर्माण कुशल शिल्पकारों की देखरेख में किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परकोटे के स्तंभ भी होंगे खास</strong><br />परकोटा निर्माण के दौरान कुल 166 पत्थर के स्तंभ बनाए जा रहे हैं. इन स्तंभों पर देवी-देवताओं, यक्षों और यक्षिणियों के चित्र भी उकेरे जा रहे हैं. यह नक्काशी कार्य प्राचीन भारतीय शिल्प कला का प्रतीक है, जो मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा. अभी तक आधे से अधिक स्तंभों का काम पूरा किया जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परकोटे का कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य</strong><br />राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार परकोटे का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके साथ ही पूरे परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पाथवे, प्रवेश द्वार, जल-निकासी, सुरक्षा व्यवस्था, शौचालय और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> द्वारा भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था. मंदिर निर्माण का पहला चरण यानी गर्भगृह और मुख्य मंदिर जनवरी 2024 में पूरा हुआ. इस मंदिर का शिल्प भारतीय नागर शैली पर आधारित है और इसमें कोई स्टील या सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है. मंदिर का निर्माण कार्य लार्सन एंड टुब्रो द्वारा किया जा रहा है. इसे टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स की निगरानी में तैयार किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> न केवल भारत के धार्मिक विश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह अब प्राचीन भारतीय कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता का वैश्विक केंद्र भी बनता जा रहा है. आने वाले समय में जब परकोटे पर रामकथा के सभी दृश्य उकेरे जाएंगे, तो यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए और भी अद्भुत अनुभव बन जाएगा.</p>
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