महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और NCP नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गैंगस्टर लॉरेंस के 7 बदमाशों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी से 6 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल, 26 कारतूस, चोरी की कार, मोटरसाइकिल और GPS ट्रैकिंग डिवाइस बरामद हुए हैं। इनमें एक बदमाश लुधियाना का रहने वाला है। आरोपी की पहचान सुजीत कुमार उर्फ बब्बू के रूप में हुई है। सुजीत कुमार पर आरोपी नितिन के खाते में पैसे डलवाने का आरोप है। नितिन ने ही बाबा सिद्दीकी की रेकी की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शूटरों ने हरियाणा के एक पूर्व विधायक के भतीजे सुनील पहलवान की हत्या करनी थी। इसके लिए सभी उसकी रेकी भी कर चुके थे। ससुराल में छिपा हुआ था सुजीत मुंबई पुलिस और दिल्ली स्पेशल सेल से सूचना के बाद शुक्रवार (25 अक्टूबर) को लुधियाना के SP-D अमनदीप सिंह बराड़ ने स्पेशल टीम का गठन किया। काउंटर इंटेलिजेंस के इंस्पेक्टर विक्रम, कैलाश, ASI रघुबीर सिंह और CIA-2 के इंस्पेक्टर राजेश शर्मा की टीम को सूचना मिली सुजीत सुंदर नगर भामियां में छिपा है। फिलहाल वह मुंबई में रहता है, लेकिन लुधियाना स्थित अपनी ससुराल में आया हुआ है। टीम ने मौके पर पहुंचकर सुजीत को दबोच लिया। पहली गिरफ्तारी दिल्ली से हुई स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद कुमार कुशवाहा ने बताया कि पहली गिरफ्तारी रितेश नाम के शख्स की 23 अक्टूबर को दिल्ली में हुई थी। राजस्थान से सुखराम नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया। पंजाब के कई शहरों से गिरफ्तारियां हुई है। वे राजस्थान में सुनील पहलवान की हत्या की योजना बना रहे थे। बदमाशों ने 2 बार रेकी भी की थी। उनके पास से एक जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस भी मिला है। इस गैंग को आरजू से निर्देश मिल रहे थे। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और यह भी जांच की जाएगी के क्या वह किसी तरह से बाबा सिद्दीकी पर हमले से जुड़े हुए है या नहीं। लॉरेंस के भाई अनमोल पर 10 लाख का इनाम रखा बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लॉरेंस के भाई अनमोल का नाम भी सामने आया। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अनमोल पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा है। मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक 3 संदिग्ध शूटरों ने मर्डर से पहले लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल से बात की थी। ये बात स्नैपचैट के जरिए की गई थी। अनमोल आरोपियों से अमेरिका और कनाडा से कॉन्टैक्ट में था। आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन जब्त किए गए थे। एक आरोपी ने बताया- मर्डर के लिए 1 करोड़ रुपए मांगे थे मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी राम कनौजिया ने पूछताछ के दौरान बताया कि सबसे पहले उसे ही NCP नेता की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था और उसने इसके लिए एक करोड़ रुपए मांगे थे। पुलिस ने कहा कि इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों में से एक के फोन में बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान सिद्दीकी की एक तस्वीर मिली थी, जिसे आरोपी को स्नैपचैट के जरिए उनके हैंडलर ने भेजा था। बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अब तक 10 लोग गिरफ्तार मुंबई पुलिस ने 20 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में 10वें आरोपी को गिरफ्तार किया। नवी मुंबई इलाके से आरोपी भगवंत सिंह को पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि भगवंत सिंह एक आरोपी के साथ हथियार लेकर उदयपुर से मुंबई गया था। वह शुरू से ही शूटर्स और साजिशकर्ताओं के संपर्क में था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की 15 टीमें अलग-अलग एंगल से मामले की जांच कर रही हैं। 19 अक्टूबर को पांच आरोपियों को पकड़ा गया था। पुलिस ने डोंबिवली से नितिन सप्रे, पनवेल से रामफुल चंद कनौजिया, संभाजी किशोर पारधी, प्रदीप दत्तू थोम्ब्रे और चेतन पारधी को अंबरनाथ से गिरफ्तार किया था। ये सभी लोग मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोनकर और मास्टरमाइंड मोहम्मद जीशान अख्तर के संपर्क में थे। ये दोनों अभी फरार हैं। कोर्ट ने सभी को 25 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और NCP नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गैंगस्टर लॉरेंस के 7 बदमाशों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी से 6 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल, 26 कारतूस, चोरी की कार, मोटरसाइकिल और GPS ट्रैकिंग डिवाइस बरामद हुए हैं। इनमें एक बदमाश लुधियाना का रहने वाला है। आरोपी की पहचान सुजीत कुमार उर्फ बब्बू के रूप में हुई है। सुजीत कुमार पर आरोपी नितिन के खाते में पैसे डलवाने का आरोप है। नितिन ने ही बाबा सिद्दीकी की रेकी की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शूटरों ने हरियाणा के एक पूर्व विधायक के भतीजे सुनील पहलवान की हत्या करनी थी। इसके लिए सभी उसकी रेकी भी कर चुके थे। ससुराल में छिपा हुआ था सुजीत मुंबई पुलिस और दिल्ली स्पेशल सेल से सूचना के बाद शुक्रवार (25 अक्टूबर) को लुधियाना के SP-D अमनदीप सिंह बराड़ ने स्पेशल टीम का गठन किया। काउंटर इंटेलिजेंस के इंस्पेक्टर विक्रम, कैलाश, ASI रघुबीर सिंह और CIA-2 के इंस्पेक्टर राजेश शर्मा की टीम को सूचना मिली सुजीत सुंदर नगर भामियां में छिपा है। फिलहाल वह मुंबई में रहता है, लेकिन लुधियाना स्थित अपनी ससुराल में आया हुआ है। टीम ने मौके पर पहुंचकर सुजीत को दबोच लिया। पहली गिरफ्तारी दिल्ली से हुई स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद कुमार कुशवाहा ने बताया कि पहली गिरफ्तारी रितेश नाम के शख्स की 23 अक्टूबर को दिल्ली में हुई थी। राजस्थान से सुखराम नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया। पंजाब के कई शहरों से गिरफ्तारियां हुई है। वे राजस्थान में सुनील पहलवान की हत्या की योजना बना रहे थे। बदमाशों ने 2 बार रेकी भी की थी। उनके पास से एक जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस भी मिला है। इस गैंग को आरजू से निर्देश मिल रहे थे। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और यह भी जांच की जाएगी के क्या वह किसी तरह से बाबा सिद्दीकी पर हमले से जुड़े हुए है या नहीं। लॉरेंस के भाई अनमोल पर 10 लाख का इनाम रखा बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लॉरेंस के भाई अनमोल का नाम भी सामने आया। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अनमोल पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा है। मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक 3 संदिग्ध शूटरों ने मर्डर से पहले लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल से बात की थी। ये बात स्नैपचैट के जरिए की गई थी। अनमोल आरोपियों से अमेरिका और कनाडा से कॉन्टैक्ट में था। आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन जब्त किए गए थे। एक आरोपी ने बताया- मर्डर के लिए 1 करोड़ रुपए मांगे थे मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी राम कनौजिया ने पूछताछ के दौरान बताया कि सबसे पहले उसे ही NCP नेता की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था और उसने इसके लिए एक करोड़ रुपए मांगे थे। पुलिस ने कहा कि इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों में से एक के फोन में बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान सिद्दीकी की एक तस्वीर मिली थी, जिसे आरोपी को स्नैपचैट के जरिए उनके हैंडलर ने भेजा था। बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अब तक 10 लोग गिरफ्तार मुंबई पुलिस ने 20 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में 10वें आरोपी को गिरफ्तार किया। नवी मुंबई इलाके से आरोपी भगवंत सिंह को पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि भगवंत सिंह एक आरोपी के साथ हथियार लेकर उदयपुर से मुंबई गया था। वह शुरू से ही शूटर्स और साजिशकर्ताओं के संपर्क में था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की 15 टीमें अलग-अलग एंगल से मामले की जांच कर रही हैं। 19 अक्टूबर को पांच आरोपियों को पकड़ा गया था। पुलिस ने डोंबिवली से नितिन सप्रे, पनवेल से रामफुल चंद कनौजिया, संभाजी किशोर पारधी, प्रदीप दत्तू थोम्ब्रे और चेतन पारधी को अंबरनाथ से गिरफ्तार किया था। ये सभी लोग मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोनकर और मास्टरमाइंड मोहम्मद जीशान अख्तर के संपर्क में थे। ये दोनों अभी फरार हैं। कोर्ट ने सभी को 25 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अपनी अलग पहचान बना रखी है। राव इंद्रजीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ BJP के अन्य केंद्रीय नेताओं के भी करीबी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके करीबी दोस्तों में शामिल है। मोदी ने प्रभारी रहते देखा रामपुरा हाउस का जलवा वर्ष 1995 से 1999 तक नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में भाजपा के प्रदेश प्रभारी के तौर पर काम किया। उस समय प्रदेश की सियासत में रामपुरा हाउस काफी ताकतवर था। राव इंद्रजीत के पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह की दक्षिण हरियाणा के कई इलाकों में गहरी पैठ थी। दक्षिण हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर आज भी रामपुरा हाउस का दबदबा है। हरियाणा प्रभारी रहते हुए नरेंद्र मोदी ने रामपुरा हाउस की राजनीति को करीब से देखा। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, 13 सितंबर 2013 को BJP ने नरेंद्र मोदी को पार्टी का PM फेस घोषित किया। इसके ठीक 10 दिन बाद, 23 सितंबर 2013 को उस समय के कांग्रेसी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। 2014 के चुनाव में भाजपा ने राव इंद्रजीत को गुरुग्राम से टिकट दिया जहां से वह विजयी रही। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत को शामिल कर लिया। 2019 में वह लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बने। मोदी ने इस बार प्रमोट करते हुए उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का जिम्मा दिया। फरवरी 2024 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेवाड़ी में AIIMS का शिलान्यास करने पहुंचे तो उन्होंने मंच से राव इंद्रजीत को अपना दोस्त बताते हुए उनकी खुलकर तारीफ की। 6 बार के सांसद, 4 बार के केंद्रीय मंत्री और 4 बार के MLA राव इंद्रजीत ने अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस से शुरू की। वर्ष 1977 में वह रेवाड़ी जिले की तत्कालीन जाटूसाना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद इसी सीट से लगातार 4 बार- 1977, 1982, 1986 और 2000- में विधायक बनकर वह चंडीगढ़ पहुंचे। वर्ष 1986 और 1991 में वह 2 बार प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बने। महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लंबे समय तक सांसद रहे उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह ने 1998 में अपनी जगह उन्हें महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट का टिकट दिलवाया। राव इस चुनाव में विजयी रहे। हालांकि एक साल बाद, 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में वह BJP प्रत्याशी और कारगिल के शहीद बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह यादव की पत्नी सुधा यादव के सामने इलेक्शन हार गए। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत ने सुधा यादव को इसी सीट से हराकर हिसाब चुकता कर लिया। वह एक बार मनमोहन सरकार और तीन बार मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। परिसीमन के बाद गुरुग्राम शिफ्ट हुए साल 2008 में हुए परिसीमन में गुरुग्राम फिर से लोकसभा सीट बनाई गई। 1971 के चुनाव के बाद इसे महेंद्रगढ़ में मर्ज कर दिया गया था और इसके एक बड़े हिस्से, फरीदाबाद को अलग लोकसभा सीट बना दिया गया था। 2008 के परिसीमन में गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ नाम से अलग-अलग सीटें बना दी गईं। 2009 के लोकसभा चुनाव राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल की। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली UPA-2 सरकार में वह मंत्री बनाए गए। 37 साल कांग्रेस में गुजारने वाले राव इंद्रजीत 2013 में हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से खटपट के चलते कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 2014, 2019 और 2024 में गुरुग्राम सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज की और तीनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बने। 2 बेटियां, बड़ी बेटी आरती राजनीतिक उत्तराधिकारी राव इंद्रजीत सिंह का जन्म रेवाड़ी के रामपुरा गांव में हुआ। उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई दिल्ली में की। उनकी पत्नी का नाम मनिता सिंह है और वह कभी राजनीति में सक्रिय नजर नहीं आईं। राव इंद्रजीत सिंह की दो बेटियां- आरती और भारती हैं। दोनों ही शादियां हो चुकी है। बड़ी बेटी आरती को राव इंद्रजीत सिंह का सियासी उत्तराधिकारी माना जाता है। आरती एक दशक से पॉलिटिक्स में एक्टिव है लेकिन अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ऐलान कर चुके हैं कि वह इसी साल आरती को विधानसभा चुनाव लड़वाएंगे। देश के लिए शूटिंग में जीत चुके मेडल राव इंद्रजीत सिंह शूटिंग के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। वर्ष 1990 से 2003 तक वह भारतीय शूटिंग टीम के मेंबर रहे और कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वह लगातार 3 साल तक स्किट में नेशनल चैंपियन रहे और SAF गेम्स में 3 गोल्ड मेडल जीते। मिनिस्टर रहते हुए, 2 साल पहले राव इंद्रजीत ने 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में सीनियर कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पिता के नक्शेकदम पर चल रही उनकी बड़ी बेटी आरती भी शूटिंग की नेशनल प्लेयर है। राजनीति के साथ-साथ आरती ने शूटिंग में कई मेडल जीते हैं। हुड्डा से खटपट के चलते छोड़ी कांग्रेस राव इंद्रजीत सिंह 37 साल कांग्रेस में रहे। वर्ष 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हरियाणा का सीएम बनने के बाद उनकी और राव इंद्रजीत सिंह की तनातनी शुरू हो गई। 2009 में हुड्डा के दूसरे कार्यकाल में अनबन बढ़ गई। राव इंद्रजीत उस दौरान हर मंच से दक्षिण हरियाणा के साथ भेदभाव की आवाज उठाते रहे और कई बार कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी बात रखी। उस समय राव इंद्रजीत तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार में राज्यमंत्री थे। जब राव इंद्रजीत की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने 2013 में अपनी बेटी आरती राव की अगुवाई में इंसाफ मंच बनाया। उसके कुछ महीने बाद, 23 सितंबर 2013 को कांग्रेस छोड़ दी और फिर भाजपा जॉइन कर ली। राव बीरेंद्र सिंह से जुड़ी पुरानी PHOTOS… ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा 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