हरियाणा में अहीरवाल बेल्ट की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने वाले गुरुग्राम से मौजूदा सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सधी हुई राजनीति के तहत प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। शुक्रवार को वह रेवाड़ी के डहीना पहुंचे। यहां जनसभा में उन्होंने कहा, ‘मैं कई बार MLA और MP बन चुका हूं। महेंद्रगढ़ से भी जीता और गुरुग्राम से भी। अब मैं नई पीढ़ी को आगे लाना चाहते हूं।’ राजनीतिज्ञ बताते हैं कि राव का इशारा उनकी बेटी आरती राव की ओर है। वह इस विधानसभा चुनाव में न सिर्फ बेटी को पूरी तरह राजनीति में एडजस्ट करेंगे, बल्कि अपने समर्थकों को भी अहीरवाल बेल्ट के 3 जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने की कोशिश करेंगे, ताकि रामपुरा हाउस का दबदबा बना रहे। गृहमंत्री शाह ओलसोल ठीक कर गए
राव इंद्रजीत इस समय केंद्र सरकार की तारीफ और प्रदेश सरकार की मुखलफ़त करने से नहीं चूक रहे। 16 जुलाई को जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महेंद्रगढ़ आए थे तो उन्हीं के मंच से राव ने क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा बढ़ाने वाले फैसले पर हरियाणा सरकार पर कटाक्ष किया। शुक्रवार को भी डहीना के मंच से भी राव ने इसी तरह का तंज फिर से कसा। उन्होंने यहां पर कहा कि 2 सप्ताह पहले अमित शाह जब आए तो यहां जो ओलसोल (गड़बड़) हुई उसे ठीक कर गए। 7 सीटों पर राव की नजर
अहीरवाल में विधानसभा की 11 सीटें है, जिन्हें यादव बाहुल्य कहा जाता है। इनमें गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ की 4-4 और रेवाड़ी जिले की 3 विधानसभा सीटें शामिल हैं। राव की कोशिश है कि महेंद्रगढ़ जिले की अटेली और नारनौल के अलावा, रेवाड़ी की तीनों सीटें बावल, कोसली और रेवाड़ी के साथ गुरुग्राम जिले में बादशाहपुर और पटौदी सीटों पर अपने नेताओं को टिकट दिलाई जाए। इन सीटों पर राव विरोधी नेताओं ने भी पूरा जोर लगाया हुआ है। फिर भी राव ने इस दावेदारी को शुक्रवार को भी मजबूती देने की कोशिश की। डहीना में उन्होंने कहा, ‘मेरी टिकट कटवाने वाले इस बार भी काफी घूम रहे थे।’ राव ने इस बयान से अपने विरोधियों को संदेश दिया कि उनकी पकड़ अब भी मजबूत है। मेरे से छोटे बना दिए कैबिनेट मंत्री, मैं नहीं
राव इंद्रजीत ने इस बार गुरुग्राम से ही लोकसभा चुनाव लड़े। उन्होंने चुनाव में कांग्रेस नेता राज बब्बर को मात दी। इसके बाद राव इंद्रजीत को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया है। इससे राव इंद्रजीत खुश नजर नहीं आते। करीब 10 दिन पहले महेंद्रगढ़ के सेहलंग गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत ने कहा कि वह लगातार छठी बार सांसद बने हैं। वर्ष 2004 में भी वह राज्यमंत्री थे और अब 2024 में भी राज्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे से छोटे पहली बार जीतकर आए लोगों को कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। हमारी अनदेखी की गई।’ 2019 में राव की सिफारिश पर मिले टिकट
महेंद्रगढ़ जिले की नांगल चौधरी सीट की बात करें तो यहां राव इंद्रजीत के धुर विरोधी डॉ. अभय सिंह 2 बार से MLA और वर्तमान प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं। उन्हें मनोहर लाल खट्टर का खास माना जाता है। ऐसे में उनकी टिकट कटने की संभावनाएं कम हैं। जबकि, महेंद्रगढ़ सीट पर BJP के पुराने नेता पंडित राम बिलास शर्मा दावेदार हैं। राम बिलास और राव इंद्रजीत के बीच किसी तरह का मनमुटाव नहीं है। ऐसे में महेंद्रगढ़ सीट पर राव की दावेदारी की कोई गुजाइंश नहीं है। 2019 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी, बावल, कोसली, अटेली, नारनौल और बादशाहपुर सीट पर राव की सिफारिश पर ही पार्टी ने टिकट बांटे थे। इस बार राव पटौदी सीट भी अपने समर्थित नेता को ही दिलवाना चाहते हैं। पिछली बार भितरघात के चलते कुछ सीटें हारी थी BJP
5 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में BJP इन 11 सीटों में से कुछ सीटें भितरघात के चलते हार गई थी। इनमें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और बादशाहपुर सीटें शामिल हैं। रेवाड़ी में पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास तो बादशाहपुर में उस वक्त के सीटिंग MLA और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कट गई थी। रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बागी होकर चुनाव लड़ा, जिसकी वजह से BJP उम्मीदवार सुनील मुसेपुर चुनाव हार गए। इसी तरह बादशाहपुर में निर्दलीय प्रत्याशी राकेश दौलताबाद और महेंद्रगढ़ सीट पर कांग्रेस के राव दान सिंह ने जीत दर्ज की थी। अहीरवाल में राव इंद्रजीत परिवार का दबदबा
बता दें कि अहीरवाल में गुरुग्राम से लेकर नांगल चौधरी तक राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस का दबदबा है। राव इंद्रजीत सिंह खुद 5 बार सांसद और 4 बार MLA बन चुके हैं। उनके पिता राव वीरेंद्र सिंह प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। राव इंद्रजीत सिंह का परिवार गुरुग्राम से लेकर महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग सीटों पर चुनाव लड़ता रहा है। इस बार राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव अटेली या फिर बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। हरियाणा में अहीरवाल बेल्ट की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने वाले गुरुग्राम से मौजूदा सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सधी हुई राजनीति के तहत प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। शुक्रवार को वह रेवाड़ी के डहीना पहुंचे। यहां जनसभा में उन्होंने कहा, ‘मैं कई बार MLA और MP बन चुका हूं। महेंद्रगढ़ से भी जीता और गुरुग्राम से भी। अब मैं नई पीढ़ी को आगे लाना चाहते हूं।’ राजनीतिज्ञ बताते हैं कि राव का इशारा उनकी बेटी आरती राव की ओर है। वह इस विधानसभा चुनाव में न सिर्फ बेटी को पूरी तरह राजनीति में एडजस्ट करेंगे, बल्कि अपने समर्थकों को भी अहीरवाल बेल्ट के 3 जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने की कोशिश करेंगे, ताकि रामपुरा हाउस का दबदबा बना रहे। गृहमंत्री शाह ओलसोल ठीक कर गए
राव इंद्रजीत इस समय केंद्र सरकार की तारीफ और प्रदेश सरकार की मुखलफ़त करने से नहीं चूक रहे। 16 जुलाई को जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महेंद्रगढ़ आए थे तो उन्हीं के मंच से राव ने क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा बढ़ाने वाले फैसले पर हरियाणा सरकार पर कटाक्ष किया। शुक्रवार को भी डहीना के मंच से भी राव ने इसी तरह का तंज फिर से कसा। उन्होंने यहां पर कहा कि 2 सप्ताह पहले अमित शाह जब आए तो यहां जो ओलसोल (गड़बड़) हुई उसे ठीक कर गए। 7 सीटों पर राव की नजर
अहीरवाल में विधानसभा की 11 सीटें है, जिन्हें यादव बाहुल्य कहा जाता है। इनमें गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ की 4-4 और रेवाड़ी जिले की 3 विधानसभा सीटें शामिल हैं। राव की कोशिश है कि महेंद्रगढ़ जिले की अटेली और नारनौल के अलावा, रेवाड़ी की तीनों सीटें बावल, कोसली और रेवाड़ी के साथ गुरुग्राम जिले में बादशाहपुर और पटौदी सीटों पर अपने नेताओं को टिकट दिलाई जाए। इन सीटों पर राव विरोधी नेताओं ने भी पूरा जोर लगाया हुआ है। फिर भी राव ने इस दावेदारी को शुक्रवार को भी मजबूती देने की कोशिश की। डहीना में उन्होंने कहा, ‘मेरी टिकट कटवाने वाले इस बार भी काफी घूम रहे थे।’ राव ने इस बयान से अपने विरोधियों को संदेश दिया कि उनकी पकड़ अब भी मजबूत है। मेरे से छोटे बना दिए कैबिनेट मंत्री, मैं नहीं
राव इंद्रजीत ने इस बार गुरुग्राम से ही लोकसभा चुनाव लड़े। उन्होंने चुनाव में कांग्रेस नेता राज बब्बर को मात दी। इसके बाद राव इंद्रजीत को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया है। इससे राव इंद्रजीत खुश नजर नहीं आते। करीब 10 दिन पहले महेंद्रगढ़ के सेहलंग गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत ने कहा कि वह लगातार छठी बार सांसद बने हैं। वर्ष 2004 में भी वह राज्यमंत्री थे और अब 2024 में भी राज्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे से छोटे पहली बार जीतकर आए लोगों को कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। हमारी अनदेखी की गई।’ 2019 में राव की सिफारिश पर मिले टिकट
महेंद्रगढ़ जिले की नांगल चौधरी सीट की बात करें तो यहां राव इंद्रजीत के धुर विरोधी डॉ. अभय सिंह 2 बार से MLA और वर्तमान प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं। उन्हें मनोहर लाल खट्टर का खास माना जाता है। ऐसे में उनकी टिकट कटने की संभावनाएं कम हैं। जबकि, महेंद्रगढ़ सीट पर BJP के पुराने नेता पंडित राम बिलास शर्मा दावेदार हैं। राम बिलास और राव इंद्रजीत के बीच किसी तरह का मनमुटाव नहीं है। ऐसे में महेंद्रगढ़ सीट पर राव की दावेदारी की कोई गुजाइंश नहीं है। 2019 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी, बावल, कोसली, अटेली, नारनौल और बादशाहपुर सीट पर राव की सिफारिश पर ही पार्टी ने टिकट बांटे थे। इस बार राव पटौदी सीट भी अपने समर्थित नेता को ही दिलवाना चाहते हैं। पिछली बार भितरघात के चलते कुछ सीटें हारी थी BJP
5 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में BJP इन 11 सीटों में से कुछ सीटें भितरघात के चलते हार गई थी। इनमें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और बादशाहपुर सीटें शामिल हैं। रेवाड़ी में पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास तो बादशाहपुर में उस वक्त के सीटिंग MLA और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कट गई थी। रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बागी होकर चुनाव लड़ा, जिसकी वजह से BJP उम्मीदवार सुनील मुसेपुर चुनाव हार गए। इसी तरह बादशाहपुर में निर्दलीय प्रत्याशी राकेश दौलताबाद और महेंद्रगढ़ सीट पर कांग्रेस के राव दान सिंह ने जीत दर्ज की थी। अहीरवाल में राव इंद्रजीत परिवार का दबदबा
बता दें कि अहीरवाल में गुरुग्राम से लेकर नांगल चौधरी तक राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस का दबदबा है। राव इंद्रजीत सिंह खुद 5 बार सांसद और 4 बार MLA बन चुके हैं। उनके पिता राव वीरेंद्र सिंह प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। राव इंद्रजीत सिंह का परिवार गुरुग्राम से लेकर महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग सीटों पर चुनाव लड़ता रहा है। इस बार राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव अटेली या फिर बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर