हरियाणा के गुरुग्राम से सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने CM कुर्सी पर दावेदारी छोड़ दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पंचकूला में नायब सैनी के नाम के ऐलान के बाद वे पीछे हट गए हैं। हिसार में एक कार्यक्रम में राव इंद्रजीत ने कहा कि इसका फैसला हो चुका। नायब सैनी ही अगुआई करेंगे। इस दौरान बार-बार राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी राव इंद्रजीत का दर्द छलका। वहीं उन्होंने हरियाणा BJP के भीतर गुटबाजी को भी खुले तौर पर स्वीकार कर सबको चौंका दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अभी तो यह गुटबाजी और बढ़ेगी। राव इंद्रजीत से पूछे 3 सवाल और उनके जवाब 1. राव इंद्रजीत से पूछा गया कि वह सीनियर BJP नेता हैं। उनके समर्थक चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनें?
इसके जवाब में राव ने कहा- यह पार्टी का फैसला होता है। पिछले दिनों पंचकूला में अमित शाह आए थे। उन्होंने फैसला कर लिया कि नायब सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा, तो यह फैसला हो चुका है। 2. आपको कैबिनेट मंत्री भी नहीं बनाया गया, राज्य मंत्री का ही दर्जा दिया गया?
इस पर राव इंद्रजीत ने कहा- ” जी हां, रोष तो है ही, सबसे पुराना बार-बार राज्य मंत्री बनने वाला कोई है तो वह शायद मैं ही हूं।” 3. BJP में गुटबाजी हो रही है, गुरुग्राम में आपको इसका सामना करना पड़ा?
राव इंद्रजीत ने कहा- हर पार्टी में थोड़ी-बहुत होती है। कांग्रेस में भी गुटबाजी है। मैं वहां रह चुका हूं। 34 साल मैंने कांग्रेस में गुजारे। वहां भी गुटबाजी का शिकार रहा। यहां पर भी गुटबाजी हो रही है। BJP नई पार्टी है। जैसे और टाइम गुजरेगा, हरियाणा में और गुटबाजी उभरकर आएगी। राव इंद्रजीत का नाम CM दावेदारी में कैसे आया?
राव इंद्रजीत गुरुग्राम से कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर छठी बार सांसद बने। जीत के बाद राव इंद्रजीत ने समर्थकों को संबोधित किया। जिसमें राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- ”हरियाणा के इलेक्शन के लिए हमने तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहता हैं।” उनके सत्तासीन होने के बयान को CM कुर्सी से जोड़कर देखा गया। इसके बाद हिसार की यादव सभा ने मांग की कि राव इंद्रजीत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राज्य मंत्री को लेकर नाराजगी क्यों?
राव इंद्रजीत छठी बार सांसद चुने गए हैं। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली पिछली 2 सरकार में वह राज्यमंत्री रहे। इस बार उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इसके बावजूद वह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ही बन पाए। इसके उलट करनाल से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। खट्टर को नरेंद्र मोदी के साथ संगठन में काम करते वक्त की नजदीकी का फायदा मिला। राव से पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर भी कैबिनेट मंत्री न बनाने का मलाल जता चुके हैं। राव इंद्रजीत के पिता के बाद दक्षिणी हरियाणा से दूसरा CM नहीं बना
दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती है। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। वहीं दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ऐसे पहले नेता थे, जो इस इलाके से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा के गुरुग्राम से सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने CM कुर्सी पर दावेदारी छोड़ दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पंचकूला में नायब सैनी के नाम के ऐलान के बाद वे पीछे हट गए हैं। हिसार में एक कार्यक्रम में राव इंद्रजीत ने कहा कि इसका फैसला हो चुका। नायब सैनी ही अगुआई करेंगे। इस दौरान बार-बार राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी राव इंद्रजीत का दर्द छलका। वहीं उन्होंने हरियाणा BJP के भीतर गुटबाजी को भी खुले तौर पर स्वीकार कर सबको चौंका दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अभी तो यह गुटबाजी और बढ़ेगी। राव इंद्रजीत से पूछे 3 सवाल और उनके जवाब 1. राव इंद्रजीत से पूछा गया कि वह सीनियर BJP नेता हैं। उनके समर्थक चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनें?
इसके जवाब में राव ने कहा- यह पार्टी का फैसला होता है। पिछले दिनों पंचकूला में अमित शाह आए थे। उन्होंने फैसला कर लिया कि नायब सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा, तो यह फैसला हो चुका है। 2. आपको कैबिनेट मंत्री भी नहीं बनाया गया, राज्य मंत्री का ही दर्जा दिया गया?
इस पर राव इंद्रजीत ने कहा- ” जी हां, रोष तो है ही, सबसे पुराना बार-बार राज्य मंत्री बनने वाला कोई है तो वह शायद मैं ही हूं।” 3. BJP में गुटबाजी हो रही है, गुरुग्राम में आपको इसका सामना करना पड़ा?
राव इंद्रजीत ने कहा- हर पार्टी में थोड़ी-बहुत होती है। कांग्रेस में भी गुटबाजी है। मैं वहां रह चुका हूं। 34 साल मैंने कांग्रेस में गुजारे। वहां भी गुटबाजी का शिकार रहा। यहां पर भी गुटबाजी हो रही है। BJP नई पार्टी है। जैसे और टाइम गुजरेगा, हरियाणा में और गुटबाजी उभरकर आएगी। राव इंद्रजीत का नाम CM दावेदारी में कैसे आया?
राव इंद्रजीत गुरुग्राम से कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर छठी बार सांसद बने। जीत के बाद राव इंद्रजीत ने समर्थकों को संबोधित किया। जिसमें राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- ”हरियाणा के इलेक्शन के लिए हमने तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहता हैं।” उनके सत्तासीन होने के बयान को CM कुर्सी से जोड़कर देखा गया। इसके बाद हिसार की यादव सभा ने मांग की कि राव इंद्रजीत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राज्य मंत्री को लेकर नाराजगी क्यों?
राव इंद्रजीत छठी बार सांसद चुने गए हैं। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली पिछली 2 सरकार में वह राज्यमंत्री रहे। इस बार उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इसके बावजूद वह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ही बन पाए। इसके उलट करनाल से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। खट्टर को नरेंद्र मोदी के साथ संगठन में काम करते वक्त की नजदीकी का फायदा मिला। राव से पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर भी कैबिनेट मंत्री न बनाने का मलाल जता चुके हैं। राव इंद्रजीत के पिता के बाद दक्षिणी हरियाणा से दूसरा CM नहीं बना
दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती है। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। वहीं दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ऐसे पहले नेता थे, जो इस इलाके से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर