हरियाणा और पंजाब के बीच अंबाला के पास स्थित शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 जुलाई) को कहा, ‘शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखी जाए।’ दरअसल, किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा सरकार ने इसे 5 महीने से बैरिकेडिंग कर बंद कर रखा है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था। यहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक स्वत्रंत कमेटी गठित करने का प्रस्ताव करता है। इसमें प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे। ये किसानों और सरकारों से संपर्क कर उनकी मांगों का ऐसा व्यावहारिक समाधान खोज सकेगी जो सभी को स्वीकार होगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उजाल भुइयां की बेंच ने एक हफ्ते में पंजाब और हरियाणा सरकारों से स्वतंत्र समिति के लिए सदस्यों के नाम सुझाने को कहा। कोर्ट रूम लाइव जस्टिस सूर्यकांत- किसानों तक पहुंच बनाने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे। किसान दिल्ली क्यों आना चाहेंगे? क्या आपने किसानों से बातचीत की कोशिश की है। क्या किसी निष्पक्ष व्यक्ति के माध्यम से बातचीत की कोशिश की गई? नेशनल हाईवे को कब तक बंद रखेंगे? बिना ट्रेक्टर के आने की अनुमति में क्या दिक्कत है? हरियाणा सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता- 2020-21 के किसान आंदोलन में हमने देख लिया है। केवल सोते हुए को ही जगाया जा सकता है,कोई सोने का नाटक कर रहा हो तो उसे नहीं जगा सकते। जस्टिस सूर्यकांत- आप यहां से मंत्री भेज रहे हैं। किसान सोचते हैं कि आप केवल खुद के भले की बात कर रहे हैं। मंत्रियों को स्थानीय मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है। जस्टिस भुइयां- आप हाईवे को ब्लॉक नहीं कर सकते, एक साल से अधिक समय हो गया है। मेहता – किसान दिल्ली आएं इससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन टैंक,क्रेन, जेसीबी के साथ आने से परेशानी होती है। 500-600 से अधिक गाड़ियां, जिन्हें बख्तरबंद टैंक जैसा बना लिया है, बॉर्डर पर हैं। यदि उन्हें दिल्ली की ओर जाने की अनुमति दी गई, तो कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत- किसानों और सरकार के बीच भरोसे की कमी है। हम कुछ स्वतंत्र व्यक्तियों के बारे में सोचेंगे, जो विवाद के प्रति तटस्थ हों। मेहता- स्वतंत्र कमेटी का सुझाव हम सरकार के सामने रखेंगे। किसानों को मनाने की कोशिश की जा रही है। जस्टिस भुइयां- क्या जेसीबी, ट्रैक्टरों के सीमा पार करने पर प्रतिबंध है? मेहता- हम संवेदनशील मामलों से निपटते समय अप्रिय चीजें बर्दाश्त नहीं कर सकते। टैंक,क्रेन, जेसीबी केवल नेशनल हाईवे पर बैन हैं। कोई अधिनियम इसकी अनुमति नहीं देता। एमवी (मोटर वाहन) अधिनियम में इन्हें हाईवे पर लाना बैन है। लेकिन जेसीबी को युद्ध टैंक में बदल दिया गया है। मैं ये बात जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। वहां बख्तरबंद गाड़ियां हैं। हमारे पास तस्वीरें हैं। जस्टिस भुइयां- प्रदर्शनकारियों को भी कुछ शेल्टर की जरूरत हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत- ट्रैक्टरों में कुछ बदलाव करना उस इलाके के किसानों की एक आम प्रथा है। आप सरकार हैं। आप किसानों से मिलें, समस्या का हल निकालने की कोशिश करें। पंजाब सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह- बॉर्डर सील करने से पंजाब सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जस्टिस सूर्यकांत- हम पंजाब और हरियाणा के बीच लड़ाई नहीं चाहते। दोनों राज्य चर्चा करेंगे और स्टेप्स में शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के लिए कदम उठाएंगे, ताकि जनता को असुविधा न हो। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने को कहा था
10 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने को कहा था, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। हाईकोर्ट ने एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि शंभू बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बॉर्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट लगा चुका फटकार
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बॉर्डर बंद करने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है। वासु रंजन ने कहा कि बहस के दौरान वह राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देशों की भी मांग करेंगे। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा चुनौती दिए गए हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाएगा और शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश देगा। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से संघर्ष पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हरियाणा और पंजाब के बीच अंबाला के पास स्थित शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 जुलाई) को कहा, ‘शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखी जाए।’ दरअसल, किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा सरकार ने इसे 5 महीने से बैरिकेडिंग कर बंद कर रखा है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था। यहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक स्वत्रंत कमेटी गठित करने का प्रस्ताव करता है। इसमें प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे। ये किसानों और सरकारों से संपर्क कर उनकी मांगों का ऐसा व्यावहारिक समाधान खोज सकेगी जो सभी को स्वीकार होगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उजाल भुइयां की बेंच ने एक हफ्ते में पंजाब और हरियाणा सरकारों से स्वतंत्र समिति के लिए सदस्यों के नाम सुझाने को कहा। कोर्ट रूम लाइव जस्टिस सूर्यकांत- किसानों तक पहुंच बनाने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे। किसान दिल्ली क्यों आना चाहेंगे? क्या आपने किसानों से बातचीत की कोशिश की है। क्या किसी निष्पक्ष व्यक्ति के माध्यम से बातचीत की कोशिश की गई? नेशनल हाईवे को कब तक बंद रखेंगे? बिना ट्रेक्टर के आने की अनुमति में क्या दिक्कत है? हरियाणा सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता- 2020-21 के किसान आंदोलन में हमने देख लिया है। केवल सोते हुए को ही जगाया जा सकता है,कोई सोने का नाटक कर रहा हो तो उसे नहीं जगा सकते। जस्टिस सूर्यकांत- आप यहां से मंत्री भेज रहे हैं। किसान सोचते हैं कि आप केवल खुद के भले की बात कर रहे हैं। मंत्रियों को स्थानीय मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है। जस्टिस भुइयां- आप हाईवे को ब्लॉक नहीं कर सकते, एक साल से अधिक समय हो गया है। मेहता – किसान दिल्ली आएं इससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन टैंक,क्रेन, जेसीबी के साथ आने से परेशानी होती है। 500-600 से अधिक गाड़ियां, जिन्हें बख्तरबंद टैंक जैसा बना लिया है, बॉर्डर पर हैं। यदि उन्हें दिल्ली की ओर जाने की अनुमति दी गई, तो कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत- किसानों और सरकार के बीच भरोसे की कमी है। हम कुछ स्वतंत्र व्यक्तियों के बारे में सोचेंगे, जो विवाद के प्रति तटस्थ हों। मेहता- स्वतंत्र कमेटी का सुझाव हम सरकार के सामने रखेंगे। किसानों को मनाने की कोशिश की जा रही है। जस्टिस भुइयां- क्या जेसीबी, ट्रैक्टरों के सीमा पार करने पर प्रतिबंध है? मेहता- हम संवेदनशील मामलों से निपटते समय अप्रिय चीजें बर्दाश्त नहीं कर सकते। टैंक,क्रेन, जेसीबी केवल नेशनल हाईवे पर बैन हैं। कोई अधिनियम इसकी अनुमति नहीं देता। एमवी (मोटर वाहन) अधिनियम में इन्हें हाईवे पर लाना बैन है। लेकिन जेसीबी को युद्ध टैंक में बदल दिया गया है। मैं ये बात जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। वहां बख्तरबंद गाड़ियां हैं। हमारे पास तस्वीरें हैं। जस्टिस भुइयां- प्रदर्शनकारियों को भी कुछ शेल्टर की जरूरत हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत- ट्रैक्टरों में कुछ बदलाव करना उस इलाके के किसानों की एक आम प्रथा है। आप सरकार हैं। आप किसानों से मिलें, समस्या का हल निकालने की कोशिश करें। पंजाब सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह- बॉर्डर सील करने से पंजाब सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जस्टिस सूर्यकांत- हम पंजाब और हरियाणा के बीच लड़ाई नहीं चाहते। दोनों राज्य चर्चा करेंगे और स्टेप्स में शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के लिए कदम उठाएंगे, ताकि जनता को असुविधा न हो। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने को कहा था
10 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने को कहा था, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। हाईकोर्ट ने एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि शंभू बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बॉर्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट लगा चुका फटकार
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बॉर्डर बंद करने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है। वासु रंजन ने कहा कि बहस के दौरान वह राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देशों की भी मांग करेंगे। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा चुनौती दिए गए हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाएगा और शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश देगा। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से संघर्ष पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर