राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल:क्यों सरकार पेश नहीं कर पाई सबूत; क्या भारत में रहते कोई दूसरे देश का नागरिक बन सकता है

राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल:क्यों सरकार पेश नहीं कर पाई सबूत; क्या भारत में रहते कोई दूसरे देश का नागरिक बन सकता है

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया। बता दें, दो देशों की नागरिकता मामले में राहुल गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में केस चल रहा था। इस याचिका में राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती दी गई थी। क्या राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है? उनके पास और किस देश की नागरिकता होने का सवाल उठाया जाता है? भारत में नागरिकता को लेकर क्या नियम हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- सवाल 1- राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का मामला क्या है? जवाब- 1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता के आरोप लगाए। शिशिर ने 2022 के ब्रिटिश सरकार के एक कॉन्फिडेंशियल ई-मेल का भी हवाला दिया। शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9 (2) के तहत राहुल की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की। याचिका पर 24 अक्टूबर, 2024 को पहली बार सुनवाई हुई। जस्टिस अता-उर-रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र की ओर से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। 25 नवंबर, 2024 को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को 3 हफ्ते में जांच के आदेश दिए। 24 मार्च, 2025 को फिर सुनवाई हुई। इस तारीख पर भी कोर्ट ने जवाब पेश करने के लिए और समय दे दिया। फिर 21 अप्रैल, 2025 को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की। लेकिन, कोर्ट ने उसे अपर्याप्त मानते हुए सख्त टिप्पणी की- यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, देरी नहीं चलेगी। सवाल 2- कोर्ट ने आगे सुनवाई से इनकार क्यों किया? जवाब- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 5 मई को इस याचिका की सुनवाई करते हुए कहा- राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने इस केस को बंद करते हुए कहा कि केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्राप्त होती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें। इस पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि यह मामला दो देशों के बीच की संवेदनशील जानकारी से जुड़ा है। संबंधित देश को कई रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए कुछ और समय दिया जाए। सवाल 3- राहुल के पास दोहरी नागरिकता का मामला चर्चा में कैसे आया? जवाब- राहुल गांधी के पास दो देशों की नागरिकता होने का मुद्दा 2017 से चला आ रहा है। तब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। स्वामी ने याचिका में कहा था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में अपनी पढ़ाई के दौरान एक एडमिशन फॉर्म में खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। तब दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट का कहना था कि इससे यह साबित नहीं होता कि राहुल गांधी एक विदेशी नागरिक हैं। 2019 में स्वामी ने एक ट्वीट में कहा था कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक, राहुल गांधी का नाम ‘राउल विंसी’ है। अगस्त, 2024 में स्वामी ने सोशल मीडिया एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर कीं। इसमें स्वामी ने राहुल गांधी के ब्रिटिश होने का दावा किया। ये कागजात UK की एक कंपनी के थे। इसमें कंपनी के डायरेक्टर पर राहुल गांधी का नाम लिखा था। यहां तक कि डायरेक्टर की जन्म तारीख 19 जून, 1970 लिखी थी, जो राहुल गांधी की जन्मतिथि है। हालांकि, यह कंपनी 17 फरवरी 2009 में बंद हो गई थी। सवाल 4- PIL करने वाले विग्नेश को दोहरी नागरिकता की बात कैसे पता चली? जवाब- 2022 में दिल्ली के वकील वीएसएस शर्मा ने ब्रिटेन की कोर्ट में राहुल गांधी को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें ब्रिटिश सरकार से राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल किया गया था। जवाब में सरकार ने शर्मा को एक कॉन्फिडेंशियल मेल भेजा। दावा किया गया कि इसमें राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता होने की बात थी। विग्नेश शिशिर ने वीएसएस शर्मा से इस मेल की जानकारी हासिल कर ली। वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई के मुताबिक, इस मेल में राहुल से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं थी, क्योंकि UK के कंट्रीज डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2018 के तहत ये डेटा पब्लिकली जारी नहीं किया जा सकता। इस डेटा को हासिल करने का एक ही तरीका है, खुद राहुल गांधी। जब तक राहुल लेटर लिखकर UK की सरकार से डेटा की मांग नहीं करते, तब तक ये जानकारी नहीं मिलेगी। सवाल 5- भारत में दोहरी नागरिकता को लेकर कानून क्या कहता है? जवाब- भारतीय संविधान के मुताबिक, कोई व्यक्ति एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता नहीं रख सकता। संसद में विदेश मंत्रालय की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब के मुताबिक- सवाल 6- OCI स्कीम क्या है? यह कैसे काम करती है? जवाब- विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, यह स्कीम विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के सभी लोगों को भारत के ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) के रूप में पंजीकृत करती है। इसका फायदा वो लोग उठा सकते हैं, जो 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद से भारत के नागरिक थे। इसके तहत वो लोग नहीं आते जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या ऐसे देश के नागरिक हैं। वहां रह रहे हैं, जिनके बारे में केंद्र ने ऑफिशियल गैजेट जारी कर नोटिफिकेशन में बताया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि इस स्कीम के तहत आने वाले लोगों के पास भारत में किसी तरह का राजनीतिक अधिकार नहीं होता। ऐसे में, यह पूरी तरह दोहरी नागरिकता में नहीं आता। इसके अंदर आने वाले लोग भारतीय संविधान के तहत भारतीय नागरिकों को दिए गए अधिकारों के दायरे में भी नहीं आते। ————————- ये खबर भी पढ़ें… बनारस के योग गुरु 128 साल कैसे जिंदा रहे?, आजादी के समय औसत 32 साल जीते थे लोग वाराणसी में योग गुरु स्वामी शिवानंद बाबा का 3 मई को निधन हो गया। वह 128 साल के थे। जिसने भी उनके इतने साल तक जीवित रहने के बारे में सुना, वह हैरान रह गया। क्या योग से इतने साल तक जीवित रहना संभव है। क्या योग का उम्र बढ़ने से संबंध है, योग के क्या फायदे हैं, क्या उम्र और योग का कोई सीधा संबंध अभी तक साबित किया जा सका है। पढ़ें पूरी खबर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया। बता दें, दो देशों की नागरिकता मामले में राहुल गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में केस चल रहा था। इस याचिका में राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती दी गई थी। क्या राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है? उनके पास और किस देश की नागरिकता होने का सवाल उठाया जाता है? भारत में नागरिकता को लेकर क्या नियम हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- सवाल 1- राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का मामला क्या है? जवाब- 1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता के आरोप लगाए। शिशिर ने 2022 के ब्रिटिश सरकार के एक कॉन्फिडेंशियल ई-मेल का भी हवाला दिया। शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9 (2) के तहत राहुल की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की। याचिका पर 24 अक्टूबर, 2024 को पहली बार सुनवाई हुई। जस्टिस अता-उर-रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र की ओर से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। 25 नवंबर, 2024 को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को 3 हफ्ते में जांच के आदेश दिए। 24 मार्च, 2025 को फिर सुनवाई हुई। इस तारीख पर भी कोर्ट ने जवाब पेश करने के लिए और समय दे दिया। फिर 21 अप्रैल, 2025 को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की। लेकिन, कोर्ट ने उसे अपर्याप्त मानते हुए सख्त टिप्पणी की- यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, देरी नहीं चलेगी। सवाल 2- कोर्ट ने आगे सुनवाई से इनकार क्यों किया? जवाब- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 5 मई को इस याचिका की सुनवाई करते हुए कहा- राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने इस केस को बंद करते हुए कहा कि केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्राप्त होती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें। इस पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि यह मामला दो देशों के बीच की संवेदनशील जानकारी से जुड़ा है। संबंधित देश को कई रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए कुछ और समय दिया जाए। सवाल 3- राहुल के पास दोहरी नागरिकता का मामला चर्चा में कैसे आया? जवाब- राहुल गांधी के पास दो देशों की नागरिकता होने का मुद्दा 2017 से चला आ रहा है। तब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। स्वामी ने याचिका में कहा था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में अपनी पढ़ाई के दौरान एक एडमिशन फॉर्म में खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। तब दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट का कहना था कि इससे यह साबित नहीं होता कि राहुल गांधी एक विदेशी नागरिक हैं। 2019 में स्वामी ने एक ट्वीट में कहा था कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक, राहुल गांधी का नाम ‘राउल विंसी’ है। अगस्त, 2024 में स्वामी ने सोशल मीडिया एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर कीं। इसमें स्वामी ने राहुल गांधी के ब्रिटिश होने का दावा किया। ये कागजात UK की एक कंपनी के थे। इसमें कंपनी के डायरेक्टर पर राहुल गांधी का नाम लिखा था। यहां तक कि डायरेक्टर की जन्म तारीख 19 जून, 1970 लिखी थी, जो राहुल गांधी की जन्मतिथि है। हालांकि, यह कंपनी 17 फरवरी 2009 में बंद हो गई थी। सवाल 4- PIL करने वाले विग्नेश को दोहरी नागरिकता की बात कैसे पता चली? जवाब- 2022 में दिल्ली के वकील वीएसएस शर्मा ने ब्रिटेन की कोर्ट में राहुल गांधी को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें ब्रिटिश सरकार से राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल किया गया था। जवाब में सरकार ने शर्मा को एक कॉन्फिडेंशियल मेल भेजा। दावा किया गया कि इसमें राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता होने की बात थी। विग्नेश शिशिर ने वीएसएस शर्मा से इस मेल की जानकारी हासिल कर ली। वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई के मुताबिक, इस मेल में राहुल से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं थी, क्योंकि UK के कंट्रीज डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2018 के तहत ये डेटा पब्लिकली जारी नहीं किया जा सकता। इस डेटा को हासिल करने का एक ही तरीका है, खुद राहुल गांधी। जब तक राहुल लेटर लिखकर UK की सरकार से डेटा की मांग नहीं करते, तब तक ये जानकारी नहीं मिलेगी। सवाल 5- भारत में दोहरी नागरिकता को लेकर कानून क्या कहता है? जवाब- भारतीय संविधान के मुताबिक, कोई व्यक्ति एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता नहीं रख सकता। संसद में विदेश मंत्रालय की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब के मुताबिक- सवाल 6- OCI स्कीम क्या है? यह कैसे काम करती है? जवाब- विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, यह स्कीम विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के सभी लोगों को भारत के ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) के रूप में पंजीकृत करती है। इसका फायदा वो लोग उठा सकते हैं, जो 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद से भारत के नागरिक थे। इसके तहत वो लोग नहीं आते जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या ऐसे देश के नागरिक हैं। वहां रह रहे हैं, जिनके बारे में केंद्र ने ऑफिशियल गैजेट जारी कर नोटिफिकेशन में बताया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि इस स्कीम के तहत आने वाले लोगों के पास भारत में किसी तरह का राजनीतिक अधिकार नहीं होता। ऐसे में, यह पूरी तरह दोहरी नागरिकता में नहीं आता। इसके अंदर आने वाले लोग भारतीय संविधान के तहत भारतीय नागरिकों को दिए गए अधिकारों के दायरे में भी नहीं आते। ————————- ये खबर भी पढ़ें… बनारस के योग गुरु 128 साल कैसे जिंदा रहे?, आजादी के समय औसत 32 साल जीते थे लोग वाराणसी में योग गुरु स्वामी शिवानंद बाबा का 3 मई को निधन हो गया। वह 128 साल के थे। जिसने भी उनके इतने साल तक जीवित रहने के बारे में सुना, वह हैरान रह गया। क्या योग से इतने साल तक जीवित रहना संभव है। क्या योग का उम्र बढ़ने से संबंध है, योग के क्या फायदे हैं, क्या उम्र और योग का कोई सीधा संबंध अभी तक साबित किया जा सका है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर