विदेश दौरे पर निकले विपक्ष के नेता व कांग्रेस लीडर राहुल गांधी के बयान पर भाजपा भड़क गई है। सिख भाजपा समर्थक उनके बयान का विरोध कर रहे हैं, लेकिन विदेश में बसे भारतीय और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत मान राहुल गांधी के हक में उतरे हैं। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को सही करार दिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वह एक आम नागरिक के तौर पर भारत से बाहर नहीं गए हैं। वह विपक्ष के नेता के तौर पर देश से बाहर गए हैं। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि राहुल गांधी के एडवाइजर ने कहा कि वह पप्पू नहीं है। चाहे वह पप्पू हो या गप्पू, मुझे इससे कोई भी मतलब नहीं है। राहुल गांधी को राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों पर बयान नहीं देना चाहिए। उन्हें ऐसे कार्यों से बचना चाहिए। IOC ने राहुल गांधी के शब्दों को सराहा टेक्सास के डलास में भारतीय प्रवासियों के साथ राहुल की बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए, IOC, यूएस के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह गिलजियान ने बताया कि एनआरआई को राहुल से बड़ी उम्मीदें हैं। गिलजियान के साथ आईओसी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी उपस्थित थे। गलजियान ने आगे बताया कि उन्हें भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं। गांधी, नेहरू, पटेल और अंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए देखना चाहते हैं। क्योंकि, इन महान नेताओं ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश के रूप में देखा था, जो मजबूत संवैधानिक मूल्यों पर आधारित था। हमें विश्वास है कि राहुल के नेतृत्व में, भारत इन आदर्शों को कायम रखेगा और सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य की ओर प्रगति करेगा। भाजपा नहीं करवा रही एसजीपीसी चुनाव कट्टरपंथी व खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी के शब्दों को सही कहा है। सिमरनजीत सिंह मान ने कहा- वे ठीक कह रहे हैं। इतनी देर से उनके गुरुद्वारा साहिब के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव नहीं हुए हैं। इन्हें टालमटोल क्यों किया जा रहा है। दूसरी बात है कि जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी कैबिनेट और उनके नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोबाल व RAW ने ये पॉलिसी अपनाई है कि जो सिख आजादी मांगता है, उसे गोली या जहर देकर मारा जाए। इस पॉलिसी के तहत कनाडा में तीन सिख हरदीप सिंह नागरा, रूपदमन सिंह मलिक व सुखदूल सिंह को मारा गया। ब्रिटेन में अवतार सिंह खंडा को मार दिया गया। हरियाणा में दीप सिंह सिद्धू और पंजाब में सिद्धू मूसेवाला को मार दिया। पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ और रोडे को मार दिया है। इसलिए राहुल ठीक बात कर रहे हैं। हरसिमरत बादल- कांग्रेस की तरह भाजपा भी जिम्मेदार
अकाली दल की एक मात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा भी सिखों के खिलाफ अमानवीय अपराध करने के लिए समान रूप से दोषी हैं। हालांकि यह सच है कि सिखों, उनकी संस्थाओं और उनके सबसे पवित्र तीर्थस्थलों पर अब लगातार हमले हो रहे हैं और उन्हें सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ दल के खुले हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी की अपनी पार्टी के हाथ 1984 में दिल्ली, कानपुर आदि में हुए नरसंहारों में हजारों निर्दोष सिखों के खून से रंगे हुए हैं। क्या उन्होंने अपनी दादी के लिए माफी मांगी है। इंदिरा गांधी द्वारा सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल श्री हरमंदर साहिब में टैंक और मोर्टार घुमाने और श्री अकाल तख्त साहिब को ध्वस्त करने का कृत्य किया? ऐसी माफी के अभाव में, क्या राहुल को हमारे बहादुर और देशभक्त समुदाय के खिलाफ भेदभाव पर बोलने का नैतिक अधिकार भी है। भाजपा भी सिखों के खिलाफ भेदभाव और सिख तीर्थस्थलों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की दोषी है। इनमें से किसी एक पक्ष के अपराध दूसरे को समान पापों से मुक्त नहीं करते हैं। सिख मुद्दों पर बोलने से पहले 1984 में उनकी दादी की सरकार और पार्टी ने जो किया था, उसके लिए कम से कम राहुल सिखों से माफी मांग सकते हैं। विदेश दौरे पर निकले विपक्ष के नेता व कांग्रेस लीडर राहुल गांधी के बयान पर भाजपा भड़क गई है। सिख भाजपा समर्थक उनके बयान का विरोध कर रहे हैं, लेकिन विदेश में बसे भारतीय और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत मान राहुल गांधी के हक में उतरे हैं। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को सही करार दिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वह एक आम नागरिक के तौर पर भारत से बाहर नहीं गए हैं। वह विपक्ष के नेता के तौर पर देश से बाहर गए हैं। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि राहुल गांधी के एडवाइजर ने कहा कि वह पप्पू नहीं है। चाहे वह पप्पू हो या गप्पू, मुझे इससे कोई भी मतलब नहीं है। राहुल गांधी को राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों पर बयान नहीं देना चाहिए। उन्हें ऐसे कार्यों से बचना चाहिए। IOC ने राहुल गांधी के शब्दों को सराहा टेक्सास के डलास में भारतीय प्रवासियों के साथ राहुल की बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए, IOC, यूएस के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह गिलजियान ने बताया कि एनआरआई को राहुल से बड़ी उम्मीदें हैं। गिलजियान के साथ आईओसी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी उपस्थित थे। गलजियान ने आगे बताया कि उन्हें भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं। गांधी, नेहरू, पटेल और अंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए देखना चाहते हैं। क्योंकि, इन महान नेताओं ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश के रूप में देखा था, जो मजबूत संवैधानिक मूल्यों पर आधारित था। हमें विश्वास है कि राहुल के नेतृत्व में, भारत इन आदर्शों को कायम रखेगा और सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य की ओर प्रगति करेगा। भाजपा नहीं करवा रही एसजीपीसी चुनाव कट्टरपंथी व खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी के शब्दों को सही कहा है। सिमरनजीत सिंह मान ने कहा- वे ठीक कह रहे हैं। इतनी देर से उनके गुरुद्वारा साहिब के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव नहीं हुए हैं। इन्हें टालमटोल क्यों किया जा रहा है। दूसरी बात है कि जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी कैबिनेट और उनके नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोबाल व RAW ने ये पॉलिसी अपनाई है कि जो सिख आजादी मांगता है, उसे गोली या जहर देकर मारा जाए। इस पॉलिसी के तहत कनाडा में तीन सिख हरदीप सिंह नागरा, रूपदमन सिंह मलिक व सुखदूल सिंह को मारा गया। ब्रिटेन में अवतार सिंह खंडा को मार दिया गया। हरियाणा में दीप सिंह सिद्धू और पंजाब में सिद्धू मूसेवाला को मार दिया। पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ और रोडे को मार दिया है। इसलिए राहुल ठीक बात कर रहे हैं। हरसिमरत बादल- कांग्रेस की तरह भाजपा भी जिम्मेदार
अकाली दल की एक मात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा भी सिखों के खिलाफ अमानवीय अपराध करने के लिए समान रूप से दोषी हैं। हालांकि यह सच है कि सिखों, उनकी संस्थाओं और उनके सबसे पवित्र तीर्थस्थलों पर अब लगातार हमले हो रहे हैं और उन्हें सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ दल के खुले हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी की अपनी पार्टी के हाथ 1984 में दिल्ली, कानपुर आदि में हुए नरसंहारों में हजारों निर्दोष सिखों के खून से रंगे हुए हैं। क्या उन्होंने अपनी दादी के लिए माफी मांगी है। इंदिरा गांधी द्वारा सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल श्री हरमंदर साहिब में टैंक और मोर्टार घुमाने और श्री अकाल तख्त साहिब को ध्वस्त करने का कृत्य किया? ऐसी माफी के अभाव में, क्या राहुल को हमारे बहादुर और देशभक्त समुदाय के खिलाफ भेदभाव पर बोलने का नैतिक अधिकार भी है। भाजपा भी सिखों के खिलाफ भेदभाव और सिख तीर्थस्थलों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की दोषी है। इनमें से किसी एक पक्ष के अपराध दूसरे को समान पापों से मुक्त नहीं करते हैं। सिख मुद्दों पर बोलने से पहले 1984 में उनकी दादी की सरकार और पार्टी ने जो किया था, उसके लिए कम से कम राहुल सिखों से माफी मांग सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर