राहुल गांधी ने हिमाचल CM को लिखा पत्र:रोहित बेमुला एक्ट लागू करने का आग्रह; एक्स पर लिखा- जातीय भेदभाव खत्म करने को प्रतिबद्ध

राहुल गांधी ने हिमाचल CM को लिखा पत्र:रोहित बेमुला एक्ट लागू करने का आग्रह; एक्स पर लिखा- जातीय भेदभाव खत्म करने को प्रतिबद्ध

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सीएम सुक्खू से रोहित वेमुला एक्ट’ लागू करने का आग्रह किया है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी शेयर की। इसमें राहुल ने लिखा, कांग्रेस पार्टी हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच दिलाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। जब तक हर छात्र को बिना भेदभाव के सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर नहीं मिलेगा, तब तक हमारी शिक्षा व्यवस्था सभी के लिए न्यायपूर्ण नहीं हो सकती। इससे पहले राहुल गांधी यही चिट्ठी कर्नाटक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री को भी लिख चुके हैं। रोहित वेमुला एक्ट क्या है? रोहित वेमुला एक्ट एक प्रस्तावित कानून है, जिसका उद्देश्य भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न को रोकना है। इसका नाम रोहित वेमुला, हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित पीएचडी छात्र, के नाम पर रखा गया है। रोहित बेमुला ने 2016 जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या कर ली थी। यह एक्ट विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और अन्य वंचित समुदायों के छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने और शिक्षा प्रणाली में समानता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। राहुल गांधी ने जताई ​​​​​​चिंता मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राहुल ने शिक्षा में जातिगत भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। गांधी ने अपने पत्र में कहा, “यह शर्म की बात है कि आज भी दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों के लाखों छात्रों को हमारी शिक्षा प्रणाली में इस तरह के क्रूर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सीएम सुक्खू से रोहित वेमुला एक्ट’ लागू करने का आग्रह किया है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी शेयर की। इसमें राहुल ने लिखा, कांग्रेस पार्टी हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच दिलाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। जब तक हर छात्र को बिना भेदभाव के सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर नहीं मिलेगा, तब तक हमारी शिक्षा व्यवस्था सभी के लिए न्यायपूर्ण नहीं हो सकती। इससे पहले राहुल गांधी यही चिट्ठी कर्नाटक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री को भी लिख चुके हैं। रोहित वेमुला एक्ट क्या है? रोहित वेमुला एक्ट एक प्रस्तावित कानून है, जिसका उद्देश्य भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न को रोकना है। इसका नाम रोहित वेमुला, हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित पीएचडी छात्र, के नाम पर रखा गया है। रोहित बेमुला ने 2016 जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या कर ली थी। यह एक्ट विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और अन्य वंचित समुदायों के छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने और शिक्षा प्रणाली में समानता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। राहुल गांधी ने जताई ​​​​​​चिंता मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राहुल ने शिक्षा में जातिगत भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। गांधी ने अपने पत्र में कहा, “यह शर्म की बात है कि आज भी दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों के लाखों छात्रों को हमारी शिक्षा प्रणाली में इस तरह के क्रूर भेदभाव का सामना करना पड़ता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर