हिमाचल प्रदेश के कुछेक स्थानों पर आज बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो ऊना, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में बारिश हो सकती है। अन्य जिलों पर मौसम साफ या आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। IMD के अनुसार, कल से अगले 48 घंटे के लिए मानसून ज्यादा सक्रिय होगा। 15 अगस्त के दिन चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी 9 जिलों तथा 16 अगस्त को किन्नौर को छोड़कर सभी 11 जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 24 प्रतिशत कम बादल बरसे है। प्रदेश में एक जून से 13 जुलाई तक 486.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 370.3 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। हालांकि अगस्त महीने में अच्छी बारिश हो रही है। शिमला को छोड़कर कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला में जरूर सामान्य से 7 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। प्रदेश में 213 सड़कें बंद प्रदेश में बीते चार दिनों के दौरान हुई बारिश से 213 सड़कें बंद पड़ी है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला जिला में सबसे ज्यादा 89 सड़कें बंद पड़ी है। सिरमौर में 42 सड़कें, मंडी में 37, लाहौल स्पीति में 4, कुल्लू में 26, किन्नौर में 4, कांगड़ा में 6 और चंबा में 5 सड़कें बंद पड़ी है। इस बार की बरसात में 1006 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। अकेले लोक निर्माण विभाग की 440 करोड़ की संपत्ति नष्ट हुई है। इस दौरान 109 लोगों के मकान पूरी तरह जमीदोंज हुए हैं, जबकि 265 मकान को आंशिक क्षति पहुंची है। इसी तरह 26 दुकानें, 3 लेबर शेड, 237 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 218 बिजली के ट्रांसफॉर्मर बंद भारी बारिश के कारण 218 बिजली के ट्रांसफॉर्मर भी ठप पड़े है। इससे दर्जनों गांव में तीन-चार दिन से बिजली गुल है। प्रदेश की पेयजल योजनाओं में गाद आने से 131 स्कीम बंद पड़ी है। इससे लोगों को बरसात में भी पीने को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा। हिमाचल प्रदेश के कुछेक स्थानों पर आज बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो ऊना, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में बारिश हो सकती है। अन्य जिलों पर मौसम साफ या आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। IMD के अनुसार, कल से अगले 48 घंटे के लिए मानसून ज्यादा सक्रिय होगा। 15 अगस्त के दिन चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी 9 जिलों तथा 16 अगस्त को किन्नौर को छोड़कर सभी 11 जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 24 प्रतिशत कम बादल बरसे है। प्रदेश में एक जून से 13 जुलाई तक 486.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 370.3 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। हालांकि अगस्त महीने में अच्छी बारिश हो रही है। शिमला को छोड़कर कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला में जरूर सामान्य से 7 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। प्रदेश में 213 सड़कें बंद प्रदेश में बीते चार दिनों के दौरान हुई बारिश से 213 सड़कें बंद पड़ी है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला जिला में सबसे ज्यादा 89 सड़कें बंद पड़ी है। सिरमौर में 42 सड़कें, मंडी में 37, लाहौल स्पीति में 4, कुल्लू में 26, किन्नौर में 4, कांगड़ा में 6 और चंबा में 5 सड़कें बंद पड़ी है। इस बार की बरसात में 1006 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। अकेले लोक निर्माण विभाग की 440 करोड़ की संपत्ति नष्ट हुई है। इस दौरान 109 लोगों के मकान पूरी तरह जमीदोंज हुए हैं, जबकि 265 मकान को आंशिक क्षति पहुंची है। इसी तरह 26 दुकानें, 3 लेबर शेड, 237 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 218 बिजली के ट्रांसफॉर्मर बंद भारी बारिश के कारण 218 बिजली के ट्रांसफॉर्मर भी ठप पड़े है। इससे दर्जनों गांव में तीन-चार दिन से बिजली गुल है। प्रदेश की पेयजल योजनाओं में गाद आने से 131 स्कीम बंद पड़ी है। इससे लोगों को बरसात में भी पीने को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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लाहौल स्पीति में घेपांग घाट झील का किया मुआयना:आपदा प्रबंधन को सौंपी जाएगी एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा दायरा
लाहौल स्पीति में घेपांग घाट झील का किया मुआयना:आपदा प्रबंधन को सौंपी जाएगी एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा दायरा लाहौल स्पीति जिले के डीसी राहुल कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की टीम ने घेपांग घाट ग्लेशियर झील लाहौल का मुआयना किया। डीसी राहुल कुमार ने बताया कि सैटेलाइट इमेजेज के आधार पर घेपांग घाट ग्लेशियर झील का ग्लोबल वार्मिंग से दायरा बढ़ने का दावा किया गया है। जिस कारण इस झील के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका जाहिर की गई है। डीसी लाहुल स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग लेक एक्सीपिडीशन में भू-गर्भ और ग्लेशियर पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने तीन दिवसीय दौरा किया। लिहाजा किसी आपदा से पहले आपदा रोकथाम को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने यह पहल की है और संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने को कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। टीम ने कई पहलुओं पर की स्टडी एक्सपीडिशन के दौरान टीम के द्वारा घेपांग झील से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्टडी की गई। जिसमें मुख्य रूप से झील की गहराई, बेरियर स्ट्रेंथ, मोरेन-डेम हाइट एंड बिडथ, झील में जल स्तर, क्षेत्र की जूलॉजिकल स्थिति, भू-स्खलन और एवलांच की संभावना जैसे करीब 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच की गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपेंगे रिपोर्ट डीसी राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग झील की बारीकी से निरीक्षण के बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। ताकि समय रहते किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए धरातल पर ठोस कदम उठाया जा सके। 24 से 26 तक अध्ययन किया डीसी ने यह भी बताया कि विशेषज्ञों की टीम ने 24 से 26 जुलाई तक घेपांग लेक में जांच की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने सभी हिमालयी राज्यों में स्थित संभावित जल ग्रहण क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की पहल की है। लिहाजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की कवायद शुरू की गई है। प्राधिकरण ने 4 विषयों पर काम शुरू किया हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 4 बुनियादी विषयों पर काम करना शुरू किया है। जैसे लीड वाई (एलटीए) उपकरण की पहचान करना और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और हिमानी झील को प्राथमिकता देना, सभी उच्च जोखिम का आकलन करने के लिए क्षेत्र अभियान चलाना और हिमनदों की निगरानी में राज्यों को उनके समर्थन को सुव्यवस्थित करने में और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भागीदारी सुनिश्चित करना है। बढ़ रहा है झील का आकार राहुल कुमार ने यह भी बताया कि घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है। लिहाज़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के सामने वाले क्षेत्र और मोराइन पर भी ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 25 सदस्यों की रैकी दल को सहायक आयुक्त संकल्प गौतम और डीएफओ अनिकेत वानवे की टीम ने बैकअप दिया। इस अभियान में विभिन्न एजेंसियों के सदस्य भी शामिल रहे।
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचा संजौली मस्जिद मामला:लोकल रेजिडेंट ने दायर की याचिका; नगर-निगम कोर्ट में समयबद्ध निपटाने की अपील, सोमवार को सुनवाई
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचा संजौली मस्जिद मामला:लोकल रेजिडेंट ने दायर की याचिका; नगर-निगम कोर्ट में समयबद्ध निपटाने की अपील, सोमवार को सुनवाई शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में लोकल रेजिडेंट की ओर से शनिवार को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। स्थानीय लोगों ने नगर निगम (MC) आयुक्त को इस केस के जल्द निपटारे के लिए आदेश देने का आग्रह किया गया। लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगपाल ने बताया कि स्थानीय लोगों ने याचिका कोर्ट ने दायर की है। इस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा सोमवार को इस मामले पर प्रारंभिक सुनवाई करेंगे। MC कोर्ट में 21 दिसंबर को होनी है सुनवाई वहीं शिमला नगर निगम (MC) कमिश्नर कोर्ट में यह मामला आगामी 21 दिसंबर को सुना जाएगा। इससे पहले बीते 5 अक्टूबर को MC आयुक्त ने संजौली मस्जिद की अवैध 3 मंजिल गिराने के आदेश जारी किए। अब मस्जिद की निचली 2 मंजिल को लेकर सुनवाई होनी है। मस्जिद गिराने को धन जुटा रहे मुस्लिम कारोबारी: लतीफ MC आयुक्त कोर्ट के ऊपर की 3 मंजिल अपने खर्चें पर तोड़ने के आदेशों दे रखे है। इसके बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड को पत्र लिखकर अवैध हिस्से को गिराने की अनुमति मांगी है। क्योंकि यह प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की है। संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि मालिकाना हक की वजह से वक्फ बोर्ड की इसे तोड़ने की परमिशन मांगी गई है। मस्जिद कमेटी को ही मस्जिद के अवैध बताए जा रहे हिस्से को अपने खर्च पर हटाना है। इसके लिए लोकल मुस्लिम कारोबारी से धन जुटा रहे हैं। मस्जिद कमेटी ने शांत किया मामला बता दें कि इसी मस्जिद के अवैध निर्माण की वजह से पूरे प्रदेश में बीते दिनों मामला गरमाया रहा। प्रदेशभर में मस्जिदों के अवैध निर्माण तोड़ने की मांग उठी। हालांकि शिमला में संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड ने खुद अवैध निर्माण तोड़ने की निगम आयुक्त से पेशकश करके इस मामले को शांत किया। इसके बाद मामला शांत हुआ। मगर लोकल रेजिडेंट 14 साल से निगम कोर्ट में चल रहे इस केस के जल्द निपटारे का आग्रह कर रहे हैं। शिमला नगर निगम कोर्ट में साल 2010 से यह केस चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए है।
हिमाचल के 8 जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट:बीते 24 घंटे में भारी तबाही, ऊना में 4 बच्चे बाढ़ में बहे; 300 सड़कें बंद
हिमाचल के 8 जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट:बीते 24 घंटे में भारी तबाही, ऊना में 4 बच्चे बाढ़ में बहे; 300 सड़कें बंद हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बीती रात से बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने 8 जिलों में आज फ्लैश फ्लड का अलर्ट दिया है। यह चेतावनी चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर, किन्नौर, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के लोगों को दी गई है। इसके बाद सरकार ने इन जिलों में लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। भारी बारिश से बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं पेश आ सकती है। बीते 24 घंटे के दौरान भी भारी बारिश ने खूब कहर बरपाया है। ऊना के हरौली के बाथरी में 4 बच्चे बाढ़ की चपेट में आने से बह गए। इनमें 3 के शव बरामद कर दिए गए हैं, जबकि 1 अभी लापता है। मृतक की पहचान राशि कुमारी (7), मनीषा (18) और तनु (4) के तौर पर हुई है। तीनों बच्चियां बिहार की रहने वाली हैं। बताया जा रहा है कि इनके परिजन बाथू-बाथड़ी में एक फैक्ट्री में काम करते हैं। पंजाब में भी हिमाचल के 9 लोगों की मौत ऊना के ही 9 लोगों की बाढ़ की चपेट में आने से पंजाब के जेंजो में मौत हो गई। यहां भी 2 व्यक्ति अभी लापता है। सभी लोग शादी समारोह में शामिल होने इनोवा गाड़ी में पंजाब के नवांशहर जा रहे थे। ऊना में ही 356 बिजली के ट्रांसफॉर्मर, 11 सड़कें और 56 पेयजल व सिंचाई की योजनाएं भी प्रभावित हुई है। बीते 24 घंटे में 5 घर और 5 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई है। जल भराव के कारण ऊना जिला में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कई उद्योगों और एक पेट्रोल को भी बाथड़ी में नुकसान पहुंचा है। थुरल बाजार पानी के तालाब में तब्दील कांगड़ा के थुरल इलाके में भी मूसलाधार बारिश से थुरल बाजार में जल भराव हो गया। बारिश का पानी कई घरों व दुकानों में घुस गया है। इससे दुकानदारों का लाखों रुपए का सामान खराब हुआ और लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी झेलनी पड़ी। मारकंडा नदी में समाया हनुमान मंदिर सिरमौर जिले में भी दो दिन से भारी बारिश हो रही है। मारकंडा नदी में बाढ़ से हनुमान मंदिर नदी में समा गया। जिले में भारी बारिश से 40 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई है। अन्य क्षेत्र में भी भारी बारिश के बाद 300 से ज्यादा सड़कें वाहनों के लिए बंद हो गई है। 5 दिन ऑरेंज के बजाय येलो अलर्ट मौसम विभाग की माने तो आज सुबह 11.30 बजे तक आठ जिलों में बाढ़ का अलर्ट है। मगर अगले चार-पांच दिन मानसून थोड़ा कमजोर पड़ेगा। इसे देखते हुए अब ऑरेंज अलर्ट के बजाय येलो अलर्ट दिया गया है।