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रंधावा बोले-केजरीवाल नौटंकी कर रहे, दिल्ली-पंजाब में ड्रामेबाजों की सरकार:केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने अपने दादा बेअंत सिंह को कलंकित किया, उनकी दिमागी हालत खराब
रंधावा बोले-केजरीवाल नौटंकी कर रहे, दिल्ली-पंजाब में ड्रामेबाजों की सरकार:केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने अपने दादा बेअंत सिंह को कलंकित किया, उनकी दिमागी हालत खराब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को लेकर सियासी हमला किया। केजरीवाल के दिल्ली सीएम पद से इस्तीफे पर उन्होंने कहा- केजरीवाल नौटंकी कर रहे हैं। उनके इस्तीफे पर हाईकोर्ट ने कह दिया था कि वे फाइल साइन नहीं कर सकते, न ही दफ्तर जा सकते हैं। इसमें इस्तीफा देने वाली नई बात क्या है। वहीं, राहुल गांधी पर दिए केंद्रीय रेल राज्य मंत्री बिट्टू के बयान पर कहा कि सरकार को उनका इलाज कराना चाहिए। उनका दिमागी संतुलन खराब हो गया है। जयपुर दौरे पर आए रंधावा ने यह मीडिया से बातचीत में कहा। पंजाब में एक बार ड्रामा चला, अब नहीं चलेगा
रंधावा ने कहा- दिल्ली सरकार ड्रामेबाजों की सरकार है। उन्होंने कहा- पंजाब में क्या कर रहे हैं। लॉ एंड ऑर्डर के हालात बुरे हैं। ड्रग्स का बहुत बुरा हाल है और चीफ मिनिस्टर बड़े-बड़े भाषण करते हैं। एक बार ड्रामा चला, अब ड्रामेबाजी नहीं चलेगी। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के राहुल गांधी पर दिए बयान को लेकर रंधावा ने कहा- रवनीत बिट्टू ने अपने दादा बेअंत सिंह को कलंकित कर दिया है। जिस आदमी का दिमाग खराब हो जाए, उसको ट्रीटमेंट की जरूरत है। जब दिमागी तौर पर खारिज होता है तो क्या-क्या बोलता है। उनका दिमागी संतुलन खराब हो गया है। मैं सरकार से कहूंगा कि उनका इलाज कराओ। केंद्रीय मंत्री ने दादा की पगड़ी को दाग लगा दिया
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा- मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ऐसा आदमी राहुल गांधी पर अनर्गल बात करे, जिसको पगड़ी बांधने के लिए खुद राहुल गांधी ने कहा था। यह पहले पगड़ी को नहीं मानता था। पहले जब पंजाब में यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना तो राहुल गांधी ने कहा- पगड़ी में अच्छे लगते हो, तब पगड़ी बांधी। राहुल गांधी ने लोकसभा में डिप्टी लीडर बनाया। जिसकी पूरी फैमिली कांग्रेस में रही। रंधावा ने कहा- बिट्टू ने कहा था कि पंजाब में आतंकवाद कांग्रेस की देन है। मैं पूछना चाहता हूं, आज अपने दादा की पगड़ी को दाग लगा दिया, जिसने देश के लिए अपनी जान दे दी। अपने दादा सरदार बेअंत सिंह को भी उसी कैटेगरी में खड़ा कर दिया है। 1980 में सरदार बेअंत सिंह मंत्री थे, फिर हमारी सरकार तोड़ दी गई तो वे 7 साल पीसीसी चीफ रहे। फिर चीफ मिनिस्टर बने। जब वे चीफ मिनिस्टर बने तो उन्होंने आतंकवाद को समाप्त किया। उनके ऊपर आरोप लगते थे कि सरदार बेअंत सिंह ने सिखों को मारा है। उन्होंने आतंकवाद को समाप्त किया था। बिट्टू ने अपने दादा को आज कलंकित कर दिया है। ‘एक इंजन धुआं निकाल रहा, एक बस खड़ा है’
जयपुर के बाद रंधावा अलवर पहुंचे। यहां रामगढ़ विधायक रहे एमएलए जुबेर खान को श्रद्धांजलि दी। अलवर में रंधावा ने कहा- देश में डबल इंजन की सरकार फेल है। एक इंजन का धुआं निकल गया। दूसरा इंजन तो बस खड़ा हुआ है। काम कुछ नहीं कर रहा। उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत के ‘हिंदू ही इस देश का कर्ताधर्ता’ वाले बयान पर देश को सेक्युलर कंट्री बताया। कहा- देश में हर धर्म को बराबर रखा गया है। पंजाब के लोगों का तो देश की आजादी में 80 प्रतिशत योगदान रहा है। इसलिए ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि यह देश सिर्फ उनका है। राहुल गांधी को बताया था आतंकवादी
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने 15 सितंबर को कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को आतंकवादी बताया था। उन्होंने कहा था कि ‘राहुल गांधी हिंदुस्तानी नहीं हैं। उनको भारत से प्यार भी नहीं है। राहुल ने पहले मुसलमानों का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो वे अब सिखों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि ‘राहुल गांधी देश के नंबर वन टेररिस्ट हैं। उनको पकड़ने वाले को इनाम दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। देश की एजेंसियों को उन पर नजर रखनी चाहिए।’ दरअसल, राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी और कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।
खन्ना के संस्कृत कॉलेज में स्टूडेंट का हंगामा:छात्र बेहोश होकर गिरा, शुरू की भूख हड़ताल, टीचर के इस्तीफे से नाराज
खन्ना के संस्कृत कॉलेज में स्टूडेंट का हंगामा:छात्र बेहोश होकर गिरा, शुरू की भूख हड़ताल, टीचर के इस्तीफे से नाराज लुधियाना में खन्ना के श्री सरस्वती संस्कृत कॉलेज में एक वरिष्ठ शिक्षक के इस्तीफे को लेकर विवाद गहरा गया है। 35 वर्षों से संस्कृत पढ़ा रहे डॉक्टर हेमानंद के अचानक इस्तीफे से नाराज छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें एक छात्र के बेहोश होने की भी खबर है। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा बार-बार अपमानित किए जाने के कारण डॉक्टर हेमानंद को इस्तीफा देना पड़ा। छात्र आस्तिक शर्मा के अनुसार, प्रिंसिपल ने उन्हें अयोग्य तक कह दिया, जिससे आहत होकर उन्होंने पद छोड़ दिया। भूख हड़ताल करने का संकल्प प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि, वह डॉक्टर हेमानंद की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं और जब तक उनकी वापसी नहीं होती, भूख हड़ताल जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह मामला अब यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र में है और डॉक्टर हेमानंद को यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया के तहत ही वापस आना होगा। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का पक्ष इससे अलग है। प्रिंसिपल डॉक्टर बलवंत वत्स का कहना है कि डॉक्टर हेमानंद ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है और परिवार को समय देने की इच्छा जताई है। कॉलेज कमेटी के अध्यक्ष राकेश गोयल ने बताया कि डॉक्टर हेमानंद की रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी द्वारा उनकी पुनर्नियुक्ति की गई थी। उनका इस्तीफा अब यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया है और नई नियुक्ति के लिए वैकेंसी मांगी गई है।
SC कमीशन ने हिसार एसपी को भेजा नोटिस:7 दिनों में मांगा जवाब; 4 पुलिसकर्मियों ने दलित युवक को दी थी थर्ड डिग्री
SC कमीशन ने हिसार एसपी को भेजा नोटिस:7 दिनों में मांगा जवाब; 4 पुलिसकर्मियों ने दलित युवक को दी थी थर्ड डिग्री हरियाणा के हिसार में दलित युवक को थर्ड डिग्री देने का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (SC कमीशन) पहुंच गया है। इस मामले में अयोग ने हिसार एसपी को नोटिस देकर 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। भीम आर्मी जिला महासचिव अमित जाटव के साथ बस स्टैंड चौकी के 4 पुलिसकर्मियों ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया था। पीड़ित ने बताया कि उनके साथ 23 सितंबर 2024 की रात्रि बस स्टैंड चौकी हिसार के 4 पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार कर थर्ड डिग्री दी थी। इस मामले में 42 दिन बाद सिटी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पीड़ित की शिकायत को नजरअंदाज कर जांच अधिकारी महेंद्र ने जानबूझकर आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए बयानों के अनुसार धारा ना लगाकर और 2 पुलिसकर्मियों का नाम एफआईआर में नहीं जोड़कर केस को कमजोर कर दिया था। डीएसपी, एसपी और आईजी को गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। तब पीड़ित अमित जाटव ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को इनकी शिकायत भेजी थी। जिस पर आयोग ने एसपी को तलब कर 7 दिनों में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से भेजा गया नोटिस… अमित ने शिकायत में बताया उस रात का वाकया… 1. रात को पुलिस ने बेवजह रोका, डंडे मारे
मिल गेट शिवनगर निवासी अमित ने बताया था कि 23 सितंबर की रात को अपने सेक्टर 1-4 निवासी दोस्त संदीप की मम्मी से मिलने सेवक सभा अस्पताल गया था। साथ में दोस्त भी था। संदीप की मम्मी से मिले के बाद हम घूमने के लिए नीलम सिनेमा वाले रोड पर चले गए। रात करीब 10.30 बजे बाइक पर दो पुलिसकर्मी वाले आए और हमे रोक लिया, जिनका नाम बसाउराम और सुरेश था। पुलिस कर्मचारियों ने पूछा कि कहां के हो। हमने अपना पूरा पता बता दिया। पुलिस वाले बसाउराम ने मेरा आधार कार्ड मांगा तो मैंने कहा कि आधार कार्ड नहीं है। मैं फोन में अपना आधार देखने लगा तो बसाउ ने मुझे गालियां दी। मैंने कहा कि सर गाली मत दो। तभी दोनों बाइक से उतर कर हमें मारने लगे। इतना ही नहीं हाथ में डंडे लेकर मारने लगे। मुझे जबरन बाइक पर बैठाने लगे तो बाइक गिर गई। 2. मैं डर के भागने लगा तो जबरन ऑटो से चौकी ले गए
अमित ने बताया कि मैं डर के मारे भागने लगा, तभी पीछे से होमगार्ड बसाउराम एक ऑटो में आया और मुझे जबरदस्ती ऑटो में डाल दिया और मेरा फोन व 1300 रुपए छीन लिए, और मेरे को ऑटो में जबरदस्ती बैठाकर हिसार बस अड्डा चौकी के पास अलग कमरे में ले गए। तभी बसाउ ने फोन करके बाइक सवार दूसरे सिपाहियों को बुला लिया और मुझे एक कमरे में बंद करके बसाउराम, सुरेश और बाइक सवार 2 सिपाहियों ने मिलकर मुझे प्लास्टिक के डंडे से बुरी तरह मारा। तभी एक सिपाही ने पूछा क्या जाति है तेरी? तभी मैंने कहा कि मैं भीम आर्मी चलाता हूं। भीम आर्मी का जिला महासचिव हूं। इसके बाद पुलिसकर्मी और पीटने लगे और कहा कि तूने कहीं शिकायत की तो जान से मार देंगे। जाते वक्त मेरा फोन मुझे दे दिया, मैंने मेरे 1300 रुपए तो मांगे तो बोले भाग जा नहीं तो दोबारा पीटेंगे। इसके बाद मैं सरकारी अस्पताल दाखिल हो गया। 3. शिकायत के 42 दिन बाद केस दर्ज हुआ
अमित का कहना है कि शिकायत करने के 42 दिन बाद सिटी थाने पर आरोपी पुलिस कर्मी बसाउराम, एसपीओ सुरेश सहित दो अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ धारा 115(2), 127(2), 351(2), 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया था। अब अमित का कहना है कि शिकायत के मुताबिक इसमें धाराएं नहीं जोड़ी गई। बल्कि हल्की धाराएं लगाकर पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास किया गया।