रेवाड़ी के नरेंद्र ने अलास्का की चोटी पर फहराया तिरंगा:29 साल की उम्र में बनाया रिकॉर्ड, 7 महाद्वीपों को फतेह करना सपना

रेवाड़ी के नरेंद्र ने अलास्का की चोटी पर फहराया तिरंगा:29 साल की उम्र में बनाया रिकॉर्ड, 7 महाद्वीपों को फतेह करना सपना

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के नेहरूगढ़ गांव के पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने उत्तरी अमेरिका के अलास्का की सबसे ऊंची चोटी डेनाली को फतह कर लिया है। पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने 6190 मीटर ऊंची चोटी पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। नरेंद्र यादव इस पर्वत पर चढ़ने वाले पहले युवा भारतीय बन गए हैं। इससे पहले डेनाली को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले युवा की उम्र 31 साल 1 महीना 25 दिन थी। नरेंद्र यादव ने 29 साल 6 महीने 8 दिन की उम्र में यह रिकॉर्ड तोड़कर अपने नाम कर लिया है। इस अभियान में दुनिया भर के पर्वतारोहियों ने हिस्सा लिया था। अभियान को आईपीएल बायोलॉजिकल ने प्रायोजित किया है। दरअसल, 15 जून को नरेंद्र यादव चार्टर फ्लाइट से तालकीतना से बेस कैंप पहुंचे और वहां से पैदल कैंप-1 पहुंचे। 23 जून को रात 10:29 बजे उन्होंने तिरंगा फहराकर विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित कर दिया। ठंड व तेज हवा के कारण घातक हैं पर्वत नरेन्द्र यादव ने बताया कि देनाली को घातक पर्वत भी कहा जाता है। यह पर्वत तकनीकी तौर पर बहुत ही दुर्गम है। अत्यधिक ठंड और तेज हवा से यह पर्वत पर चढ़ाई और खतरनाक बना देता है। जोखिमों से भरा होने के कारण बहुत कम पर्वतारोही इस पर्वत को चढ़ने में कामयाब हुए है। 7 महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना आर्मी जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र यादव का सपना दुनिया के सभी 7 महाद्वीपों पर फतेह कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में छाप छोड़ने का है। नरेन्द्र ने पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह कर अनेकों विश्व रिकॉर्ड बनाए है। 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई, 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स पास किए। जिसमें माउंट एवरेस्ट को 2016 व 2022 में 6 दिन में बिना अनुकूलन के फतेह किया। किलिमंजारो को 3 बार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में 2 बार, कोजास्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों को दो बार फतेह किया है। इसके साथ-साथ दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ को फतेह किया है। अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 12 साल की उम्र में ही नरेन्द्र ने जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरूआत कर दी थी। वर्ष 2008 से इन्होंने नियमित तौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू कर दिया था। उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित हुआ था। अब अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले के नेहरूगढ़ गांव के पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने उत्तरी अमेरिका के अलास्का की सबसे ऊंची चोटी डेनाली को फतह कर लिया है। पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने 6190 मीटर ऊंची चोटी पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। नरेंद्र यादव इस पर्वत पर चढ़ने वाले पहले युवा भारतीय बन गए हैं। इससे पहले डेनाली को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले युवा की उम्र 31 साल 1 महीना 25 दिन थी। नरेंद्र यादव ने 29 साल 6 महीने 8 दिन की उम्र में यह रिकॉर्ड तोड़कर अपने नाम कर लिया है। इस अभियान में दुनिया भर के पर्वतारोहियों ने हिस्सा लिया था। अभियान को आईपीएल बायोलॉजिकल ने प्रायोजित किया है। दरअसल, 15 जून को नरेंद्र यादव चार्टर फ्लाइट से तालकीतना से बेस कैंप पहुंचे और वहां से पैदल कैंप-1 पहुंचे। 23 जून को रात 10:29 बजे उन्होंने तिरंगा फहराकर विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित कर दिया। ठंड व तेज हवा के कारण घातक हैं पर्वत नरेन्द्र यादव ने बताया कि देनाली को घातक पर्वत भी कहा जाता है। यह पर्वत तकनीकी तौर पर बहुत ही दुर्गम है। अत्यधिक ठंड और तेज हवा से यह पर्वत पर चढ़ाई और खतरनाक बना देता है। जोखिमों से भरा होने के कारण बहुत कम पर्वतारोही इस पर्वत को चढ़ने में कामयाब हुए है। 7 महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना आर्मी जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र यादव का सपना दुनिया के सभी 7 महाद्वीपों पर फतेह कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में छाप छोड़ने का है। नरेन्द्र ने पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह कर अनेकों विश्व रिकॉर्ड बनाए है। 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई, 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स पास किए। जिसमें माउंट एवरेस्ट को 2016 व 2022 में 6 दिन में बिना अनुकूलन के फतेह किया। किलिमंजारो को 3 बार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में 2 बार, कोजास्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों को दो बार फतेह किया है। इसके साथ-साथ दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ को फतेह किया है। अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 12 साल की उम्र में ही नरेन्द्र ने जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरूआत कर दी थी। वर्ष 2008 से इन्होंने नियमित तौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू कर दिया था। उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित हुआ था। अब अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर