हरियाणा के रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित धारूहेड़ा फ्लाइओवर के पास तेज रफ्तार कैंटर ने एक शख्स को बुरी तरह कुचल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। साथ ही एक इको गाड़ी को भी टक्कर मारी। हालांकि उसमें सवार लोगों की जान बाल-बाल बच गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची धारूहेड़ा थाना पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव साबन निवासी नरेश कुमार हरियाणा पुलिस में बतौर हेड कॉन्स्टेबल तैनात हैं। फिलहाल नरेश की ड्यूटी गुरुग्राम के सोहना स्थित फव्वारा चौकी पर है। नरेश के मुताबिक, वह अपने बेटे के बाल उतरवाने के लिए परिवार सहित गुरुग्राम के शीतला माता मंदिर गए थे। उनके साथ चाचा ज्ञानचंद (48), मां कृष्णा देवी पत्नी रविना व अन्य बच्चे इको गाड़ी में थे। टायर चेंज करते वक्त मारी टक्कर वापस लौटते वक्त धारूहेड़ा फ्लाइओवर के पास उनकी कार पंचर हो गई। ज्ञानचंद ने इको गाड़ी को सड़क के साइड में लगाया और नरेश गाड़ी का टायर चेंज करने लग गया। गाड़ी से करीब 30 मीटर पहले रिफ्लेक्टर तथा रोड पर साइड में पडे़ पत्थर रखकर वह टायर चेंज कर रहे थे। नरेश कुमार जैक लगा रहा था। जबकि ज्ञानचंद गाड़ी के साइड में खड़े हुए थे। मां कृष्णा, पत्नी रविना और बच्चे गाड़ी में बैठे हुए थे। गाड़ी में सवार लोगों की बाल-बाल बची जान तभी गुरुग्राम की तरफ से एक तेज रफ्तार कैंटर आया और सीधे ज्ञानचंद को टक्कर मार दी। इतना ही नहीं गाड़ी को भी टक्कर मारी। हादसे के बाद आरोपी कैंटर चालक मौके से फरार हो गया। कैंटर की टक्कर के कारण ज्ञानचंद घायल हो गए। जबकि गाड़ी में सवार अन्य लोगों की जान बाल-बाल बच गई। नरेश किसी अन्य वाहन चालक की मदद से चाचा ज्ञानचंद को तुरंत रेवाड़ी स्थित अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दर्ज किया केस सूचना के बाद धारूहेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तथा पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने फरार कैंटर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस ने हादसे को अंजाम देने वाले कैंटर के रजिस्ट्रेशन नंबर का भी पता लगा लिया है। उसके आधार पर आरोपी चालक की तलाश की जा रही है। हरियाणा के रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित धारूहेड़ा फ्लाइओवर के पास तेज रफ्तार कैंटर ने एक शख्स को बुरी तरह कुचल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। साथ ही एक इको गाड़ी को भी टक्कर मारी। हालांकि उसमें सवार लोगों की जान बाल-बाल बच गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची धारूहेड़ा थाना पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव साबन निवासी नरेश कुमार हरियाणा पुलिस में बतौर हेड कॉन्स्टेबल तैनात हैं। फिलहाल नरेश की ड्यूटी गुरुग्राम के सोहना स्थित फव्वारा चौकी पर है। नरेश के मुताबिक, वह अपने बेटे के बाल उतरवाने के लिए परिवार सहित गुरुग्राम के शीतला माता मंदिर गए थे। उनके साथ चाचा ज्ञानचंद (48), मां कृष्णा देवी पत्नी रविना व अन्य बच्चे इको गाड़ी में थे। टायर चेंज करते वक्त मारी टक्कर वापस लौटते वक्त धारूहेड़ा फ्लाइओवर के पास उनकी कार पंचर हो गई। ज्ञानचंद ने इको गाड़ी को सड़क के साइड में लगाया और नरेश गाड़ी का टायर चेंज करने लग गया। गाड़ी से करीब 30 मीटर पहले रिफ्लेक्टर तथा रोड पर साइड में पडे़ पत्थर रखकर वह टायर चेंज कर रहे थे। नरेश कुमार जैक लगा रहा था। जबकि ज्ञानचंद गाड़ी के साइड में खड़े हुए थे। मां कृष्णा, पत्नी रविना और बच्चे गाड़ी में बैठे हुए थे। गाड़ी में सवार लोगों की बाल-बाल बची जान तभी गुरुग्राम की तरफ से एक तेज रफ्तार कैंटर आया और सीधे ज्ञानचंद को टक्कर मार दी। इतना ही नहीं गाड़ी को भी टक्कर मारी। हादसे के बाद आरोपी कैंटर चालक मौके से फरार हो गया। कैंटर की टक्कर के कारण ज्ञानचंद घायल हो गए। जबकि गाड़ी में सवार अन्य लोगों की जान बाल-बाल बच गई। नरेश किसी अन्य वाहन चालक की मदद से चाचा ज्ञानचंद को तुरंत रेवाड़ी स्थित अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दर्ज किया केस सूचना के बाद धारूहेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तथा पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने फरार कैंटर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस ने हादसे को अंजाम देने वाले कैंटर के रजिस्ट्रेशन नंबर का भी पता लगा लिया है। उसके आधार पर आरोपी चालक की तलाश की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम में निर्दलीय नवीन को अनुराधा का समर्थन:भाजपा को लग सकता है ब्राह्मण वोटों में झटका; शहर की दुर्दशा पर जताया रोष
गुरुग्राम में निर्दलीय नवीन को अनुराधा का समर्थन:भाजपा को लग सकता है ब्राह्मण वोटों में झटका; शहर की दुर्दशा पर जताया रोष हरियाणा में गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र में सियासी पारा लगातार चढ़ते जा रहा है। बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे नवीन गोयल को मंगलवार को बीजेपी की पूर्व कद्दावर व आप महिला नेत्री अनुराधा शर्मा का भी साथ मिला। अनुराधा शर्मा ने गुरुग्राम की दुर्दशा के लिए बीजेपी सरकार पर तीखे प्रहार किए। इस नए घटनाक्रम से ब्राह्मण चेहरे अनुराधा शर्मा के चलते अब ब्राह्मण समाज धीरे-धीरे बीजेपी प्रत्याशी से दूर होता दिख रहा है। अनुराधा शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपयी, सुषमा स्वराज से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सालों काम किया। लंबे समय से देख रहीं हूं कि गुरुग्राम के विकास एवं यहां के लोगों के लिए नवीन गोयल बीजेपी में रहकर संघर्ष कर रहे थे। लेकिन जब टिकट की बारी आई तो उनको साइड लाइन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वह दलगत व जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर नवीन गोयल का साथ दे रहीं हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवीन गोयल ने पूरे परिवार व शहरवासियों की तरफ से पुष्प व पौधा दिया व पटका पहनाकर अनुराधा शर्मा का स्वागत किया। नवीन गोयल ने वादा किया कि वह सालों से जो काम शहर के विकास व लोगों की समस्याओं के लिए कर रहे थे, वह अनवरत आगे भी जारी रहेगा। उनका अभियान कभी नहीं रूकेगा। जिस प्रकार शहर के लोग, सामाजिक संगठन, 36 बिरादरी के लोगों का कारवां उनके साथ जुड़ता जा रहा है उससे साफ है कि जनता इतिहास रचने को तैयार है। अनुराधा शर्मा ने कहा कि गुरु द्रोणाचार्य की नगरी में एकलव्य का अंगूठा काटा गया और उसी दिन तय हो गया था कि सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी अर्जुन नहीं एकलव्य थे, वैसे ही सभी प्रत्याशियों से बेस्ट नवीन गोयल हैं। बीजेपी में कई पदों पर अनुराधा शर्मा ने किया काम अनुराधा शर्मा ने बताया कि 2014 में बीजेपी ने उमेश अग्रवाल को टिकट दिया और वह पूरे प्रदेश में सर्वाधिक मतों से चुनाव भी जीते, बावजूद उनका अपमान किया गया। वह आज भी उमेश अग्रवाल के साथ हैं लेकिन नवीन गोयल जिस प्रकार से शहर के लिए काम कर रहे उसके चलते वह उनका पूरा साथ देंगी। अटल बिहारी वाजपेयी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते समय वह महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष, जनरल बॉडी की अध्यक्ष, निर्भया कांड के बाद पॉक्सो एक्ट को लागू कराने वाली कमेटी की चेयरपर्सन सहित जिला, प्रदेश व बीजेपी की राष्ट्रीय टीम में पिछले 30 साल से सक्रिय अनुराधा पार्टी की उपेक्षा के चलते आप पार्टी में शामिल हो गईं थीं। आप पार्टी छोड़े बिना ही वह शहर व यहां के लोगों के हित को देखने के साथ ही विपक्षी पार्टी के प्रत्याशियों की तुलना में नवीन गोयल को बेहतर मानते हुए उनका साथ देने का दंभ भर रहीं हैं।
हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे
हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे हरियाणा में डेरामुखी की मौत पर विवाद अब भी बरकरार है। सिरसा के कालांवाली के गांव जगमालवाली में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का 1 अगस्त शुक्रवार को निधन हो गया था। इसके बाद से गद्दी को लेकर दो पक्ष आमने सामने हैं। इसमें एक पक्ष महात्मा बिरेंद्र सिंह और उनसे जुड़े लोगों का है जो लगातार वसीयत के आधार पर गद्दी पर दावा ठोक रहे हैं तो वही दूसरे पक्ष में वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और उनसे जुड़े लोग हैं जो डेरा प्रमुख की वसीयत और मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। अब डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें डेरा प्रमुख की मौत को संदिग्ध बताया है। अमर सिंह ने वीडियो में कहा है कि” डेरा प्रमुख वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। मगर जानबूझकर गद्दी हथियाने के चक्कर में मौत को छिपाया गया और 1 अगस्त को मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना बनाई गई। अमर सिंह ने आरोप लगाया कि बिरेंद्र सिंह और उसके साथियों ने मिलकर यह किया। 21 जुलाई को मौत के बाद भी डेरे और साध संगत को गुमराह किया गया कि महाराज जी की हालत स्थिर बनी हुई है”। हाईकोर्ट जाएगा दूसरा पक्ष
इस मामले में दूसरा पक्ष में शामिल भतीजे अमर सिंह और उनसे जुड़े लोग हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कागजात जुटाए जा रहे हैं। अमर सिंह ने दावा किया है कि उनके पास सारे सबूत हैं जिनके आधार पर सिद्ध होता है कि महाराज जी की मौत 11 दिन पहले 21 जुलाई को हो गई थी, मगर महाराज जी को लेकर जाने वाले 15 से 20 लोगों ने अपने आप बंदरबाट कर सारा खेल रचा। अमर सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दे दी है। नए कानून के हिसाब से पुलिस 15 दिन जांच करेगी इसके बाद केस दर्ज करेगी। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। गद्दी को लेकर 2 पक्षों में चली थी गोलियां
हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का शुक्रवार दोपहर समाधि दी गई। डेरा प्रमुख का पार्थिव शरीर मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में दफनाया गया। डेरा प्रमुख का निधन एक दिन पहले (1 अगस्त) हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गोलियां भी चली थीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। शुक्रवार को सूफी गायक महात्मा बिरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का अगला प्रमुख घोषित किया। हालांकि, दूसरा पक्ष बिरेंद्र सिंह को मुखी मानने को तैयार नहीं है। बता दें कि डेरे से करीब 5 लाख संगत देशभर से जुड़ी है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में डेरा के ज्यादा अनुयायी हैं। महात्मा बिरेंद्र सिंह के समर्थक शमशेर लहरी बोले- वसीयत असली
वहीं शुक्रवार को ही डेरे के सेवक शमशेर लहरी ने वीडियो जारी कर कहा था कि काफी लंबे समय से डेरा जगमालवाली से जुड़ा हुआ हूं। हमारे पूजनीय बाबा जी शरीर रूप से हमें छोड़कर चले गए। जैसे ही कल महाराज जी ने चोला छोड़ा, अस्पताल से छूट्टी मिली तो महात्मा बिरेंद्र सिंह जी और साथी उनके शरीर को लेकर डेरा जगमालवाली पहुंचे। वहां कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें वहां से निकाला। महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले अपनी वसीयत महात्मा बिरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव और उन्हें संगत की सेवा करने का हुकुम दिया। इसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई है, जो संगत में पहुंच गई। कुछ सिक्योरिटी कारणों के कारण पुलिस प्रशासन ने महात्मा बिरेंद्र सिंह को अपनी देखरेख में रखा हुआ है। सारी संगत जो महाराज जी के हुकुम को मानते हैं, उनके मैसेज आ रहे हैं, जो महात्मा बिरेंद्र सिंह के दर्शन करने के अभिलाषी हैं। जल्द ही महात्मा बिरेंद्र सिंह संगत में आएंगे। हमें जो महाराज जी ने हुकुम दिया है, उसकी पालना करनी है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।
हरियाणा में लोगों ने पुलिस की गाड़ी-बाइक घेरी:सीट बेल्ट-हेलमेट नहीं लगाने पर हंगामा; BJP विधायक के बुलेट सवारों पर कार्रवाई वाले बयान से भड़के
हरियाणा में लोगों ने पुलिस की गाड़ी-बाइक घेरी:सीट बेल्ट-हेलमेट नहीं लगाने पर हंगामा; BJP विधायक के बुलेट सवारों पर कार्रवाई वाले बयान से भड़के हरियाणा की पुंडरी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सतपाल जांबा ने पिछले दिनों मंच से ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए थे कि बुलेट बाइक से जो युवक पटाखे बजाते हैं और लड़कियों का पीछा करते हैं उनके चालान किए जाएं। जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने यातायात नियमों का पालन न करने वाले लोगों के चालान करने शुरू कर दिए। पुलिस की कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने रविवार (24 नवंबर) को हाबड़ी मोड़ पर पुलिस की गाड़ी और बाइक सवार पुलिस कर्मचारी को घेर लिया। गाड़ी सवार पुलिसकर्मी ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, जबकि बाइक सवार ने हेलमेट नहीं पहना था और न ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी थी। लोगों ने मौके पर जमकर हंगामा किया। लोगों ने कहा कि ये नियम और कानून केवल जनता पर ही लागू क्यों हो रहे हैं? हमारे साथ ये दोहरा व्यवहार क्यों किया जा रहा है। बोले- पुलिस के चालान कौन करेगा लोगों ने पुलिस कर्मचारियों से कहा कि विधायक सतपाल जांबा ने पुलिस को आमजन के चालान करने को बोल दिया, लेकिन पुलिसवालों के चालान कौन करेगा। पुलिस कर्मचारी भी ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी खबर कौन लेगा। हमारे लिए ये दोहरा कानून क्यों? विधायक जांबा का बयान, जिस पर हुआ हंगामा विधायक सतपाल जांबा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि.. एक बुलेट पर 4-4 लोग बैठे होते हैं। बाल खुले छोड़ रखे होते हैं, कानों में बाली पहनी होती है। लोगों को उल्टा-सीधा बोलना, पटाखे छोड़ना, क्या ये अच्छी बात है? वे कहते हैं कि हम पढ़े लिखे समाज से हैं। बेटी डर-डर कर निकलती हैं। अगर घर बता दें तो उनकी पढ़ाई छुड़वा देंगे। हमने सारी बुलेट बंद करवा दी। किसी पर 45 हजार किसी पर 50 हजार जुर्माना लगवा दिया। मैंने निर्देश दिए कि दोबारा ऐसा हो तो इन्हें इम्पाउंड कर दें। जिला परिषद की मीटिंग में कुर्सी न मिलने पर भड़के थे जांबा
हरियाणा के कैथल में 22 नवंबर को जिला परिषद की बैठक बुलाई गई थी। यहां पुंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा कुर्सी न मिलने पर भड़क गए। मीटिंग में कुर्सियों पर बैठने वाले अधिकारियों, चेयरमैन, पार्षदों की नेम प्लेट लगी हुई थी। जांबा मीटिंग में पहुंचे तो उन्हें किसी भी कुर्सी के सामने अपना नाम नहीं दिखा। यह देखकर वह नाराज हो गए। इसके बाद 20 मिनट तक उन्हें इंतजार करना पड़ा। सतपाल जांबा ने अधिकारियों से पूछा कि ये जिम्मेदारी किसकी है? MP साहब भी नहीं आए, लेकिन उनकी सीट तो लगानी चाहिए। अगर MP साहब आ जाएं तो आप लोग क्या जवाब दोगे। अगर लेटर निकाला है तो सीट भी लगी होनी चाहिए। उन्होंने चेयरमैन कर्मबीर कौल से कहा कि जब हमारी सीट नहीं लगानी थी तो हमें मीटिंग के लिए लेटर क्यों भेजा? बिना सीट के मैं नहीं बैठूंगा।
अधिकारियों ने तुरंत विधायक सतपाल जांबा के लिए नेम प्लेट के साथ कुर्सी लगवाई। इसके बाद चेयरमैन कर्मबीर कौल के कहने पर विधायक बैठ गए। विधायक जांबा ने महिला सरपंच पर दिया था विवादित बयान
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद विधायक सतपाल जांबा ने धन्यवादी दौरे के दौरान महिला सरपंच पर विवादित बयान दिया था। कार्यक्रम के दौरान जांबा ने सरपंच प्रतिनिधि से कहा कि सरपंचनी को बुला दो, हमें भी थोड़ी फीलिंग आ जाएगी कि हमें भी कोई देखने-सुनने आया है। यह तो गलत बात है। अन्याय है। विधायक का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। खुद को ट्रोल होता देख विधायक ने सरपंच से माफी मांग ली। विधायक ने कहा- हर बात के 2 मायने होते हैं। अब सरपंच प्रतिनिधि ने अपनी छोटी सोच को दर्शाते हुए बोला कि विधायक ने उनकी पत्नी को बोला की फीलिंग आती है। मेरी ऐसी कोई सोच नहीं है और न ही आज तक मेरे चरित्र पर कभी ऐसा कोई दाग लगा। मैं महिला व बहनों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध हूं और हमेशा रहूंगा। —————————————– हरियाणा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- हरियाणा में पूर्व सरपंच के बिगड़े बोल:BJP सांसद और महिला के लिए आपत्तिजनक बातें कहीं; पुलिस ने दर्ज की FIR हरियाणा की इसराना विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार और उनकी एक जानकर महिला के बारे में पूर्व सरपंच ने अभद्र टिप्पणियां की हैं। जिसका वीडियो एक यूट्यूबर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है। बयान देते समय पूर्व सरपंच अपना आपा खो बैठे और उन्होंने सांसद पर कई बड़े आरोप लगाए। पूरी खबर पढ़ें