हरियाणा के रेवाड़ी में सोमवार को दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी अपना-अपना नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस की तरफ से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव और बीजेपी की तरफ से लक्ष्मण यादव पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन दाखिल कराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी के साथ केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मौजूद रहे। लक्ष्मण सिंह यादव सुबह करीब 11 बजे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ सीधे पहले जिला सचिवालय पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान राव इंद्रजीत सिंह ने कैप्टन अजय यादव और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों पर निशाना साधा। इसके बाद वह हुड्डा बाइपास स्थित भाजपा कार्यालय से रोड शो करते हुए निकलते। ये रोड शो अभय सिंह चौक, धारूहेड़ा चुंगी, झज्जर चौक, घंटेश्वर मंदिर, अग्रसैन चौक वाया अनाज मंडी होते हुए जिला सचिवालय तक पहुंचा। वहीं चिरंजीव राव सुबह 10 बजे अपने मॉडल टाउन स्थित निवास से नामांकन दाखिल करने के लिए रवाना हुए। इससे पूर्व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अल्का लांबा और पिता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने मौजूद कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। दोनों दूसरी बार लड़ रहे चुनाव बता दें कि चिरंजीव राव ने अपना पहला चुनाव 2019 में इसी सीट से लड़ा था। कांटे के मुकाबले में चिरंजीव राव ने बीजेपी प्रत्याशी सुनील मुसेपुर को हरा दिया था। वहीं दूसरी तरफ लक्ष्मण सिंह यादव ने कोसली से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर जीता था। इस बार लक्ष्मण सिंह यादव को बीजेपी ने कोसली से रेवाड़ी शिफ्ट कर दिया है। चुनावी मुकाबला इन दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच होने की संभावना हैं। हरियाणा के रेवाड़ी में सोमवार को दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी अपना-अपना नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस की तरफ से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव और बीजेपी की तरफ से लक्ष्मण यादव पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन दाखिल कराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी के साथ केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मौजूद रहे। लक्ष्मण सिंह यादव सुबह करीब 11 बजे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ सीधे पहले जिला सचिवालय पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान राव इंद्रजीत सिंह ने कैप्टन अजय यादव और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों पर निशाना साधा। इसके बाद वह हुड्डा बाइपास स्थित भाजपा कार्यालय से रोड शो करते हुए निकलते। ये रोड शो अभय सिंह चौक, धारूहेड़ा चुंगी, झज्जर चौक, घंटेश्वर मंदिर, अग्रसैन चौक वाया अनाज मंडी होते हुए जिला सचिवालय तक पहुंचा। वहीं चिरंजीव राव सुबह 10 बजे अपने मॉडल टाउन स्थित निवास से नामांकन दाखिल करने के लिए रवाना हुए। इससे पूर्व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अल्का लांबा और पिता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने मौजूद कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। दोनों दूसरी बार लड़ रहे चुनाव बता दें कि चिरंजीव राव ने अपना पहला चुनाव 2019 में इसी सीट से लड़ा था। कांटे के मुकाबले में चिरंजीव राव ने बीजेपी प्रत्याशी सुनील मुसेपुर को हरा दिया था। वहीं दूसरी तरफ लक्ष्मण सिंह यादव ने कोसली से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर जीता था। इस बार लक्ष्मण सिंह यादव को बीजेपी ने कोसली से रेवाड़ी शिफ्ट कर दिया है। चुनावी मुकाबला इन दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच होने की संभावना हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में जुड़वां बच्चियों के जन्म का अनोखा मामला:दोनों का शरीर अलग-अलग, दिल एक धड़क रहा; डॉक्टरों ने अपने हाल पर छोड़ा
अंबाला में जुड़वां बच्चियों के जन्म का अनोखा मामला:दोनों का शरीर अलग-अलग, दिल एक धड़क रहा; डॉक्टरों ने अपने हाल पर छोड़ा हरियाणा के अंबाला कैंट में महिला ने सिविल अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। हैरत की बात ये है कि दोनों बच्चियों का शरीर अलग है, लेकिन दिल एक ही है। ऐसा अनोखा मामला गुरुवार की देर रात अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में हुई डिलीवरी के दौरान देखने को मिला। महिला की डिलीवरी नॉर्मल हुई, लेकिन बच्चियों की हालत को बिगड़ते देख डॉक्टरों ने नवजात बच्चियों को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया। हैरानी की बात है कि PGI चंडीगढ़ से नवजात बच्चियों को वापस अंबाला कैंट सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। यहां से फिर PGI रेफर किया, लेकिन डॉक्टरों ने चंडीगढ़ से फिर वापस अंबाला लौटा दिया। डॉक्टरों की हरकतों से परेशान हुए परिजन नवजात बच्चियों को अपने घर ले गए। दरअसल, मूलरूप से बिहार के गांव समस्तीपुर निवासी चुनचुन अपनी पत्नी शुकंतला के साथ अंबाला कैंट के हुड्डा सेक्टर-34 में किराये पर रहता है। प्रसव पीड़ा होने के चलते चुनचुन ने अपनी पत्नी शकुंतला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां, शुकंतला के गर्भ में जुड़वां बच्चे होने की संभावना डॉक्टर ने जताई थी। जब नॉर्मल डिलीवरी हुई तो पता चला कि दोनों बच्चियों की छाती,पेट जुड़े हुए हैं,लेकिन छाती से ऊपर का हिस्सा और पेट से नीचे का हिस्सा अलग-अलग है। अल्ट्रासाउंड में खुलासा दोनों में दिल एक सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, डिलीवरी के बाद नवजात बच्चियों का अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें खुलासा हुआ कि नवजात बच्चियों का शरीर अलग-अलग है, लेकिन दोनों का दिल एक है। नवजात बच्चियों को पहले डॉक्टरों ने देखभाल के लिए निक्कू वार्ड में रखा। जब हालत बिगड़ती दिखी तो PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने वापस अंबाला लौटा दिया। चुनचुन ने बताया कि उसके पास पहले एक बेटा और एक बेटी है। गुरुवार की रात पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई थी। वह रात को ही सिविल अस्पताल अंबाला कैंट लेकर पहुंचा। यहां डिलीवरी हुई तो पता चला जुड़वां बच्ची हुई है। दोनों छाती से जुड़ी हुई थी। यहां से डॉक्टर ने बच्चियों को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन PGI में किसी डॉक्टर ने नहीं देखा और उन्हें वापस अंबाला लौटा दिया। वह अंबाला सिविल अस्पताल पहुंचे,लेकिन शुक्रवार दोपहर 12 बजे फिर चंडीगढ़ रेफर कर दिया। वहां दाखिल करने की जगह उन्हें वापस अंबाला भेज दिया। जब बच्चियों को कहीं भर्ती नहीं किया तो वह अपने घर ले गए।
HCS मीनाक्षी दहिया को रिश्वत मामले में हाईकोर्ट से झटका:जमानत याचिका खारिज; 5 महीने से फरार, HC ने कहा, कॉल-ट्रांसक्रिप्ट से संलिप्तता के संकेत
HCS मीनाक्षी दहिया को रिश्वत मामले में हाईकोर्ट से झटका:जमानत याचिका खारिज; 5 महीने से फरार, HC ने कहा, कॉल-ट्रांसक्रिप्ट से संलिप्तता के संकेत पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने रिश्वत के केस में HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में साक्ष्य मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा, “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में शिकायत रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी जस्टिटस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी।हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोपपत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही फरार रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार है और ACB की टीम उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
आरती राव 66 करोड़ की मालकिन:77 लाख से ज्यादा की ज्वेलरी; दिल्ली में फ्लैट, खुद के पास कोई वाहन नहीं
आरती राव 66 करोड़ की मालकिन:77 लाख से ज्यादा की ज्वेलरी; दिल्ली में फ्लैट, खुद के पास कोई वाहन नहीं हरियाणा की अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव 66 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति की मालकिन हैं। उनके पास दिल्ली में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के दो फ्लैट हैं। साथ ही 77 लाख रुपए से ज्यादा की सोने-चांदी और डायमंड की ज्वेलरी भी हैं। हालांकि आरती राव के नाम पर कोई वाहन रजिस्टर्ड नहीं है। अटेली विधानसभा के लिए बुधवार को आरती राव ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान जमा कराए एफिडेविट के मुताबिक, आरती राव ने वर्ष 2023-24 में 22 लाख 23 हजार 600 रुपए बतौर टैक्स अदा किया है। जबकि 19-20 में टैक्स की ये राशि सिर्फ 14 लाख 83 हजार 380 रुपए थी। आरती राव के पास कुल 1 लाख 1 हजार 200 रुपए कैश हैं। उन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। बैंक में 1.21 करोड़ से ज्यादा जमा आरती राव के पास नई दिल्ली की बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच में 23 लाख 8 हजार 63 रुपए, नई दिल्ली की ही पंजाब नेशनल बैंक शाखा में 87 लाख 6 हजार 458 रुपए, ICICI बैंक की ब्रांच में 9 लाख 4 हजार 518 रुपए हैं। रेवाड़ी के झज्जर रोड स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में 2 लाख रुपए जमा हैं। उनके पास बैंक में कुल डिपॉजिट 1 करोड़ 21 लाख 20 हजार 39 रुपए है। 3 करोड़ के बॉन्ड, शेयर और म्यूचुअल फंड आरती राव के पास 3 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर हैं। इतना ही नहीं 63 लाख 63 हजार 385 रुपए कीमत की 950 ग्राम सोने की ज्वेलरी, 7 लाख 41 हजार 270 रुपए कीमत की 10 किलो चांदी, के अलावा 6 लाख 40 हजार 500 रुपए के डायमंड के गहने हैं। इस ज्वेलरी की कीमत 77 लाख 45 हजार 155 रुपए है। पति के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी आरती राव के पति की चल-अचल संपत्ति भी करोड़ों रुपए हैं। उनके पति के पास 8 करोड़ 91 लाख 14 हजार 563 रुपए की संपत्ति हैं। आरती राव के खुद के पास कोई कृषि योग्य जमीन नहीं है, लेकिन पति के पास रेवाड़ी जिले में कृषि भूमि है, जिसकी कीमत 35 करोड़ 11 लाख 38 रुपए है। पति के पास पति के पास 13 करोड़ 94 लाख 50 हजार 92 रुपए की कॉमर्शियल प्रॉपर्टी भी हैं। जबकि आरती राव के पास कॉमर्शियल प्रॉपर्टी नहीं हैं। आरती के पास दिल्ली में फ्लैट आरती राव के पास रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बात करें तो उनके नाम पर नई दिल्ली के द्वारका एरिया के अलावा दिल्ली में ही एक अन्य जगह पर फ्लैट हैं। जिनकी कीमत 5 करोड़ 30 लाख रुपए है। आरती राव और उनकी पति की इनकम सोर्स कंपनी में उनकी कई कंपनियों में हिस्सेदारी, किराया और बैंक से मिलने वाला ब्याज है। आरती राव के पति पर 2 करोड़ 55 लाख रुपए का लोन भी है, लेकिन आरती पर कोई लोन नहीं है। पहली बार लड़ रही चुनाव राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा की राजनीति में बड़ा चेहरा हैं। उनके पिता हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके परिवार का अहीरवाल बेल्ट में खासा दबदबा है। पिता की राजनीतिक विरासत को पहले राव इंद्रजीत सिंह ने संभाला और अब राव इंद्रजीत सिंह अपनी राजनीति विरासत का उत्तराधिकारी एक तरह से आरती राव को बना चुकी हैं। आरती राव इस बार अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। जबकि उनके पिता लगातार तीसरी बार मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बार विधायक बन चुके हैं।