पंजाब के लुधियाना में रविवार को देर रात लड़ाई झगड़े का केस लेकर आई दो पक्षों के बीचे सिविल अस्पताल की इमरजेंसी के अंदर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि युवकों ने ड्यूटी पर मौजूद महिला डॉक्टर पर हमला करने की कोशिश की। मगर समय रहते मौके पर पहुंचे पुलिस ने तुरंत आरोपियों को बाहर निकालकर ओपीडी को बंद कर लिया। देर रात ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने कहा- दोनों पार्टियों लड़ाई का केस लेकर सिविल अस्पताल पहुंची थी। डॉ. बोलीं- सरकारी प्रॉपटी को नुकसान पहुंचाया गया लुधियाना इमरजेंसी में देर रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने बताया कि देर रात दो पक्ष लड़ाई का केस लेकर आए थे। दोनों पक्ष बस्ती जोधेवाल थाना क्षेत्र से आए थे। दोनों पक्ष पर्चा (एमएलआर) कटवाने आए थे। डॉक्टर ने कहा- हमने पर्चा करने से मना नहीं किया, सिर्फ इतना कहा गया था कि आप पहले इलाज करवा लें, फिर पर्चा भी दर्ज कर लिया जाएगा। मगर पर्चा कटवाने पर अड़े पक्ष के साथ इतने युवक आए थे कि उन्होंने सरकारी प्रॉपटी को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। मामला यहीं नहीं रुका, युवकों ने डॉक्टर और स्टाफ पर अटैक करने की कोशिश की और बेबुनियाद इलाज तक लगाने शुरू कर दिए गए। आरोप लगाए गए कि दूसरे पक्ष से पैसे लेकर हमने कट मारे और पर्चा गलत बनाया। लुधियाना पुलिस की पीसीआर टीम पर भी लगाए आरोप डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने कहा- जब मामला ज्यादा बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाया गया। लुधियाना पुलिस के पीसीआर मुलाजिमों ने अस्पताल में आकर डॉक्टरों को नसीहत देनी शुरू कर दी कि आप पर्चा दर्ज कर दीजिए और एमएलआर सुबह दर्ज कर दी जाएगी। डॉक्टर ने कहा- पीसीआर टीम को इतना नहीं पता था कि एमएलआर और पर्चा एक ही चीज होती है। महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया कि जब मामला बढ़ा तो मैंने 100 नंबर पर कॉल किया था। इतना बड़ा मामला होने के बाद भी थाना डिवीजन नंबर-2 की पीसीआर की टीम आधा घंटा लेट क्राइम सीन पर पहुंची। डॉक्टर ने कहा- रात में मेरे साथ एक डॉक्टर काम पर है, मगर हमारी कोई सुरक्षा नहीं है। लड़ाई करके आए करीब दस युवक हमारे कमरे में घुस गए। मगर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया। डॉक्टरों को बाहर तक नहीं निकलने दिया। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि हमारी पुलिस द्वारा कोई मदद नहीं की गई। पंजाब के लुधियाना में रविवार को देर रात लड़ाई झगड़े का केस लेकर आई दो पक्षों के बीचे सिविल अस्पताल की इमरजेंसी के अंदर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि युवकों ने ड्यूटी पर मौजूद महिला डॉक्टर पर हमला करने की कोशिश की। मगर समय रहते मौके पर पहुंचे पुलिस ने तुरंत आरोपियों को बाहर निकालकर ओपीडी को बंद कर लिया। देर रात ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने कहा- दोनों पार्टियों लड़ाई का केस लेकर सिविल अस्पताल पहुंची थी। डॉ. बोलीं- सरकारी प्रॉपटी को नुकसान पहुंचाया गया लुधियाना इमरजेंसी में देर रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने बताया कि देर रात दो पक्ष लड़ाई का केस लेकर आए थे। दोनों पक्ष बस्ती जोधेवाल थाना क्षेत्र से आए थे। दोनों पक्ष पर्चा (एमएलआर) कटवाने आए थे। डॉक्टर ने कहा- हमने पर्चा करने से मना नहीं किया, सिर्फ इतना कहा गया था कि आप पहले इलाज करवा लें, फिर पर्चा भी दर्ज कर लिया जाएगा। मगर पर्चा कटवाने पर अड़े पक्ष के साथ इतने युवक आए थे कि उन्होंने सरकारी प्रॉपटी को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। मामला यहीं नहीं रुका, युवकों ने डॉक्टर और स्टाफ पर अटैक करने की कोशिश की और बेबुनियाद इलाज तक लगाने शुरू कर दिए गए। आरोप लगाए गए कि दूसरे पक्ष से पैसे लेकर हमने कट मारे और पर्चा गलत बनाया। लुधियाना पुलिस की पीसीआर टीम पर भी लगाए आरोप डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने कहा- जब मामला ज्यादा बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाया गया। लुधियाना पुलिस के पीसीआर मुलाजिमों ने अस्पताल में आकर डॉक्टरों को नसीहत देनी शुरू कर दी कि आप पर्चा दर्ज कर दीजिए और एमएलआर सुबह दर्ज कर दी जाएगी। डॉक्टर ने कहा- पीसीआर टीम को इतना नहीं पता था कि एमएलआर और पर्चा एक ही चीज होती है। महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया कि जब मामला बढ़ा तो मैंने 100 नंबर पर कॉल किया था। इतना बड़ा मामला होने के बाद भी थाना डिवीजन नंबर-2 की पीसीआर की टीम आधा घंटा लेट क्राइम सीन पर पहुंची। डॉक्टर ने कहा- रात में मेरे साथ एक डॉक्टर काम पर है, मगर हमारी कोई सुरक्षा नहीं है। लड़ाई करके आए करीब दस युवक हमारे कमरे में घुस गए। मगर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया। डॉक्टरों को बाहर तक नहीं निकलने दिया। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि हमारी पुलिस द्वारा कोई मदद नहीं की गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक 7 जून को जेल से छूटने के बाद जीशान सबसे पहले हरियाणा के कैथल में गुरमेल से मिलने पहुंचा। वहां आकाओं से ऑर्डर मिलने के बाद ये शूटर मुंबई के लिए रवाना हो गए थे। मुंबई में सभी आरोपी एक साथ रह रहे थे। जिसके बाद 3 आरोपियों ने वारदात की और जीशान वारदात के बाद वहां से भाग निकला था। इस वक्त मुंबई में ही छिपा है जीशान
मुंबई पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि जीशान हत्या के वक्त मुंबई में ही था। हत्या के बाद उसकी लोकेशन मुंबई और आसपास के एरिया में आई है। करीब तीन टीमों द्वारा अलग अलग जगह पर जीशान के लिए ट्रैप लगाया गया है। जानिए, किस केस में पकड़ा गया था जीशान
जालंधर पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक साल 2022 में जीशान अख्तर को तब के जालंधर रुरल के SSP रहे स्वप्न शर्मा की टीम ने पकड़ा था। तब CIA देहाती के इंचार्ज रहे सुरिंदर सिंह कंबोज ने उसे नकोदर के शिंक पिंड गांव से साथियों के साथ अरेस्ट किया था। आरोपी को संगठित अपराध, हत्या और अन्य कई जघन्य मामलों में वांछित था। जीशान 7 माह में जेल से छूटकर कैथल और फिर मुंबई पहुंचा। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें.. बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में शामिल हरियाणा के शूटर की कहानी:कत्ल केस में जेल गया, लॉरेंस गैंग से जुड़ा; दादी बोली-चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दो मुंबई में NCP नेता पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाला एक शूटर गुरमेल सिंह (23) हरियाणा के कैथल जिले का रहने वाला है। गुरमेल का गांव नरड़ है। 31 मई 2019 को उसने कैथल के रुद्री मंदिर के पास दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से 52 वार का हत्या कर दी थी। जिसके बाद उसे अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने उसे कैथल जेल भेज दिया। जेल में सुधरने की जगह वह गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आ गया (पूरी खबर पढ़ें) बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली:यूपी-हरियाणा के शूटर्स ने 40 दिन रेकी कर ऑफिस के बाहर गोली मारी; 2 गिरफ्तार मुंबई में NCP (अजित गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिद्दीकी इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के साथ आए थे। हत्या के 28 घंटे बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट कर हत्या की जिम्मेदारी ली। लिखा, “सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को छोड़ेंगे नहीं।” (पूरी खबर पढ़ें)