हरियाणा के रेवाड़ी शहर में तीन महीने पहले मिले युवक के शव के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। मधुबन से आई FSL रिपोर्ट में उसकी हत्या का खुलासा हुआ है। दरअसल, मौत से एक दिन पहले युवक खुद चलकर पुलिस की डायल-112 गाड़ी में बैठ गया था और पुलिस टीम उसे सेक्टर-3 चौकी पर छोड़कर चली गई थी। बाद में जब उसका शव बरामद हुआ तो पुलिस की घोर लापरवाही सामने आने पर ड्यूटी ऑफिसर एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया। बता दें कि 23 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे शहर के भाड़ावास रोड पर डिवाइडर के पास 30 वर्षीय युवक अर्धनग्न हालत में बैठा था। पास में ही ऑफिस चलाने वाले अजीत यादव के मुताबिक युवक आसपास के घरों में पीने का पानी मांग रहा था। जिसके बाद उसकी बदहवास हालत देखकर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची। उस समय युवक ने पीने के लिए पानी मांगा। आसपास मौजूद लोगों ने उसे पीने का पानी दिया। शरीर पर चोट मिली, सनसिटी के पास मिली लाश उसकी कमर व शरीर पर चोट के निशान थे। वह कुछ बता नहीं पा रहा था। इसके बाद पुलिस की टीम उसे अपने साथ ले गई। अगले दिन 24 जुलाई की सुबह उसी युवक की लाश शहर के बाइपास स्थित सनसिटी के नजदीक लावारिस हालत में बरामद हुई। उसे डॉ. सतबीर यादव ने पड़ा हुआ देखा। वह सुबह सैर करने के लिए निकले थे। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जैसे ही इस बात की जानकारी अजीत यादव व सामाजसेवी प्रवीण राव तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। मामला चर्चा में आने पर डॉयल-112 की टीम ने बताया कि वह उस दिन अर्धनग्न हालत में ही युवक को सेक्टर-3 चौकी में छोड़ आए थे। पुलिस की सफाई नहीं आई काम, ASI पर गिरी गाज मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने डीएसपी से जांच कराई तो सेक्टर-3 चौकी पुलिस की तरफ से सफाई दी गई कि युवक को अस्पताल लेकर जाते वक्त वह गाड़ी से उतरकर भाग गया था। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही पाए जाने पर एएसआई अक्षय को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद युवक की शिनाख्त को लेकर प्रयास किए गए पर उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। प्रवीण राव और अजीत यादव सहित कई लोग इस मामले में कोर्ट में पहुंचे। विसरा रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हुआ कोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। 72 घंटे बाद भी जब उसकी शिनाख्त नहीं हुई तो नगर परिषद द्वारा उसके शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। युवक की मौत कैसे हुई इसका पता लगाने के लिए विसरा रिपोर्ट मधुबन लैब भेजी गई। अब तीन महीने बाद विसरा रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि युवक की मौत पिटाई की वजह से हुई थी। ऐसे में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है। अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज सदर थाना प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया की विसरा रिपोर्ट और मेडिकल बोर्ड द्वारा दी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज किया गया। मामले की तफ्तीश की जा रही है। इसके बाद ही खुलासा हो पाएगा। हरियाणा के रेवाड़ी शहर में तीन महीने पहले मिले युवक के शव के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। मधुबन से आई FSL रिपोर्ट में उसकी हत्या का खुलासा हुआ है। दरअसल, मौत से एक दिन पहले युवक खुद चलकर पुलिस की डायल-112 गाड़ी में बैठ गया था और पुलिस टीम उसे सेक्टर-3 चौकी पर छोड़कर चली गई थी। बाद में जब उसका शव बरामद हुआ तो पुलिस की घोर लापरवाही सामने आने पर ड्यूटी ऑफिसर एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया। बता दें कि 23 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे शहर के भाड़ावास रोड पर डिवाइडर के पास 30 वर्षीय युवक अर्धनग्न हालत में बैठा था। पास में ही ऑफिस चलाने वाले अजीत यादव के मुताबिक युवक आसपास के घरों में पीने का पानी मांग रहा था। जिसके बाद उसकी बदहवास हालत देखकर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची। उस समय युवक ने पीने के लिए पानी मांगा। आसपास मौजूद लोगों ने उसे पीने का पानी दिया। शरीर पर चोट मिली, सनसिटी के पास मिली लाश उसकी कमर व शरीर पर चोट के निशान थे। वह कुछ बता नहीं पा रहा था। इसके बाद पुलिस की टीम उसे अपने साथ ले गई। अगले दिन 24 जुलाई की सुबह उसी युवक की लाश शहर के बाइपास स्थित सनसिटी के नजदीक लावारिस हालत में बरामद हुई। उसे डॉ. सतबीर यादव ने पड़ा हुआ देखा। वह सुबह सैर करने के लिए निकले थे। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जैसे ही इस बात की जानकारी अजीत यादव व सामाजसेवी प्रवीण राव तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। मामला चर्चा में आने पर डॉयल-112 की टीम ने बताया कि वह उस दिन अर्धनग्न हालत में ही युवक को सेक्टर-3 चौकी में छोड़ आए थे। पुलिस की सफाई नहीं आई काम, ASI पर गिरी गाज मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने डीएसपी से जांच कराई तो सेक्टर-3 चौकी पुलिस की तरफ से सफाई दी गई कि युवक को अस्पताल लेकर जाते वक्त वह गाड़ी से उतरकर भाग गया था। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही पाए जाने पर एएसआई अक्षय को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद युवक की शिनाख्त को लेकर प्रयास किए गए पर उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। प्रवीण राव और अजीत यादव सहित कई लोग इस मामले में कोर्ट में पहुंचे। विसरा रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हुआ कोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। 72 घंटे बाद भी जब उसकी शिनाख्त नहीं हुई तो नगर परिषद द्वारा उसके शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। युवक की मौत कैसे हुई इसका पता लगाने के लिए विसरा रिपोर्ट मधुबन लैब भेजी गई। अब तीन महीने बाद विसरा रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि युवक की मौत पिटाई की वजह से हुई थी। ऐसे में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है। अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज सदर थाना प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया की विसरा रिपोर्ट और मेडिकल बोर्ड द्वारा दी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज किया गया। मामले की तफ्तीश की जा रही है। इसके बाद ही खुलासा हो पाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की साल 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। यहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि इन गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 46 लाख मुआवजा देने की बात कही, दिया 21 लाख ही
इस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।