हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक मंदबुद्धि नाबालिग युवक की संदिग्ध मौत हो गई। उसकी लाश पानी के गड्डे से बरामद हुई है। पिछले तीन दिनों से वह घर से लापता था। लड़के के पिता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे की हत्या कर शव को फैंका गया है। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी शहर के दिल्ली रोड स्थित उत्तम नगर निवासी मनोज का मंदबुद्धि बेटा साहिल (15) 1 जुलाई की दोपहर से घर से लापता था। परिवार के लोगों ने उसकी काफी तलाश भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो एक जगह साहिल पैदल जाते हुए दिखाई दिया। उत्तम नगर से बरामद हुई लाश फुटेज के आधार पर परिवार के लोगों ने मॉडल टाउन थाना में उसी रात उसकी गुमशुदगी का केस दर्ज कराया। पुलिस भी बच्चे की तलाश में जुटी हुई थी। बुधवार की देर रात साहिल की लाश उत्तम नगर के पास ही खेत में बने गड्डे में मिली। पुलिस ने तुरंत इसकी सूचना उसके परिवार के लोगों को दी। परिवार ने उसकी शिनाख्त साहिल के तौर पर की। 1 जुलाई को घर से लापता हुआ था गुरुवार सुबह पुलिस ने साहिल के शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की। साहिल के पिता मनोज ने बताया-1 जुलाई की दोपहर को वह रोजाना की तरह ड्यूटी पर निकला था। दोपहर 3 बजे उसका बेटा घर से अचानक निकल गया। परिवार को लगा कि वह घूमने गया होगा, लेकिन शाम तक वापस नहीं आया तो पत्नी ने उसे कॉल की। शाम 7 बजे वह ड्यूटी से फौरन घर लौटा। पिता बोले-किडनैप कर हत्या की हर जगह बच्चे की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। मनोज ने बताया कि जिस जगह उसके बेटे की लाश मिली है, वो काफी छोटा गड्डा है। उसका बेटा मंदबुद्धि था, उसे ऊंचाई और पानी से बहुत डर लगता था। ऐसे में उसे शक है कि उसके बेटे को किडनैप कर उसकी हत्या की गई है। पुलिस बोली-मामले की जांच जारी वहीं मॉडल टाउन थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि लड़का 1 जुलाई से लापता था। उसकी लाश पानी के छोटे जोहड़ में मिली है। उसकी मौत कैसे और किस परिस्थिति में हुई इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम की कार्रवाई में लगी हुई है। हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक मंदबुद्धि नाबालिग युवक की संदिग्ध मौत हो गई। उसकी लाश पानी के गड्डे से बरामद हुई है। पिछले तीन दिनों से वह घर से लापता था। लड़के के पिता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे की हत्या कर शव को फैंका गया है। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी शहर के दिल्ली रोड स्थित उत्तम नगर निवासी मनोज का मंदबुद्धि बेटा साहिल (15) 1 जुलाई की दोपहर से घर से लापता था। परिवार के लोगों ने उसकी काफी तलाश भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो एक जगह साहिल पैदल जाते हुए दिखाई दिया। उत्तम नगर से बरामद हुई लाश फुटेज के आधार पर परिवार के लोगों ने मॉडल टाउन थाना में उसी रात उसकी गुमशुदगी का केस दर्ज कराया। पुलिस भी बच्चे की तलाश में जुटी हुई थी। बुधवार की देर रात साहिल की लाश उत्तम नगर के पास ही खेत में बने गड्डे में मिली। पुलिस ने तुरंत इसकी सूचना उसके परिवार के लोगों को दी। परिवार ने उसकी शिनाख्त साहिल के तौर पर की। 1 जुलाई को घर से लापता हुआ था गुरुवार सुबह पुलिस ने साहिल के शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की। साहिल के पिता मनोज ने बताया-1 जुलाई की दोपहर को वह रोजाना की तरह ड्यूटी पर निकला था। दोपहर 3 बजे उसका बेटा घर से अचानक निकल गया। परिवार को लगा कि वह घूमने गया होगा, लेकिन शाम तक वापस नहीं आया तो पत्नी ने उसे कॉल की। शाम 7 बजे वह ड्यूटी से फौरन घर लौटा। पिता बोले-किडनैप कर हत्या की हर जगह बच्चे की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। मनोज ने बताया कि जिस जगह उसके बेटे की लाश मिली है, वो काफी छोटा गड्डा है। उसका बेटा मंदबुद्धि था, उसे ऊंचाई और पानी से बहुत डर लगता था। ऐसे में उसे शक है कि उसके बेटे को किडनैप कर उसकी हत्या की गई है। पुलिस बोली-मामले की जांच जारी वहीं मॉडल टाउन थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि लड़का 1 जुलाई से लापता था। उसकी लाश पानी के छोटे जोहड़ में मिली है। उसकी मौत कैसे और किस परिस्थिति में हुई इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम की कार्रवाई में लगी हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में महिला गुलनाज ने बताया कि वह सेक्टर 11-12, घौसली की रहने वाली है। 5 जुलाई को उसके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने उसे वॉट्सऐप पर कॉल की थी। बातचीत के दौरान उसने कहा कि वह दुबई से बात कर रहा है। वह उससे दोस्ती करना चाहता है। जिस पर उसने मना कर दिया। इसके बाद उसने कहा कि उसकी कोई बहन नहीं है। वह उसकी बहन बन जाए। दोनों भाई-बहन बन गए। हर दिन उनकी बात होती रही। तीसरे दिन उसने कहा कि उसके बच्चों के लिए कपड़े भेजे है। 6 जुलाई को महिला के पास एक कॉल आई। कहा कि उसका एयरपोर्ट पर पार्सल आया हुआ है। डिलीवरी के लिए वह 13 हजार रुपए भेज दे। महिला ने उक्त राशि भेज दी। इसके बाद फिर कॉल आई। जिसमें कहा कि 17 हजार रुपए और भेजने होंगे। महिला ने ये राशि भी भेज दी। इसके बाद फिर 30 हजार रुपए मांगे, तो महिला को शक हो गया। जिसके बाद उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी है।
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हरियाणा में परिवारवाद के आगे झुकेगी BJP:3 सांसदों के बेटी-बेटों को टिकट देने की चर्चा; एक साथ कई हलकों को साधने का प्रयास हरियाणा में परिवारवाद के जरिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेने वाली बीजेपी (BJP) भी अब उसी राह पर चलने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि भाजपा अपने तीन सांसदों के बेटों व बेटी को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की तैयारी में है। इन सांसदों में सबसे ऊपर राव इंद्रजीत का नाम है, वहीं इसके बाद कृष्णपाल गुर्जर व चौ. धर्मबीर सिंह शामिल हैं। सर्वे में भाजपा की हालत पतली होने की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी आकाओं के हाथ पैर फूल रहे हैं। इसी के चलते सीएम नायब सैनी काे हर रोज किसी न किसी वर्ग को साधने के लिए लोक लुभावन घोषणाएं करनी पड़ रही है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए तीन सांसद के बेटे व बेटी को टिकट देने का मन पार्टी हाईकमान ने बना लिया है। भाजपा के फैसले के पीछे ये है रणनीति पार्टी की सोच है कि इससे सांसदों की नाराजगी दूर होगी और वह इन तीन सीट के अलावा आसपास की सीटों पर भी जीत के लिए पसीना बहाएंगे। ये हालात तक हैं जबकि संसद से लेकर सार्वजनिक जगह पर अभी तक बीजेपी नेता खुलकर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उसकी घेराबंदी करते आए हैं। अब जब प्रदेश में विधानसभा के तीन माह का समय बचा है और बीजेपी यहां हैट्रिक मारने का सपना संजोए हुए है, तो वह भी अपने मूल सिद्धांतों को त्यागने पर विचार कर रही है। बीजेपी ने प्रदेश में जो सर्व कराया उसकी रिपोर्ट के अनुसार वह दो दर्जन से भी कम सीट पर जीतने की कगार पर है। कार्यकर्ताओं की चल रही मान मनुहार इस रिपोर्ट के बाद चुनाव प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया से लेकर पार्टी नेताओं की नींद उड़ गई। अब सभी धरातल पर सक्रिय हो गए हैं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि कार्यकर्ता भी पार्टी से दूर होते जा रहा है। इसी के चलते अब मान-मनुहार का दौर शुरू हुआ है। इंद्रजीत की बेटी, धर्मबीर के बेटे पर सहमति के आसार
सूत्र बताते हैं कि पार्टी सर्वे से बैचेन बीजेपी के आकाओं ने संघ के बड़े नेताओं से भी विचार-विमर्श किया है। साथ ही उनको प्रदेश में सक्रिय होने की गुहार लगाई है। इसमें इस बात पर भी चर्चा हुई कि जो तीन सांसद अपने बच्चों के लिए टिकट मांग रहे हैं, वह दे दी जाएं। कम से कम यह तीन सीट के चलते सांसद दूसरी सीटों पर भी पसीना बहाएंगे। यदि इनके बच्चों की टिकट काटी गई तो फिर इन तीन के अलावा बाकी सीटों पर भी इसका असर पड़ेगा। इसके चलते राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती एवं सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे मोहित के अलावा एक अन्य सांसद के बेटे को भी टिकट देने का मन बीजेपी ने करीब-करीब बना लिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री इंद्रजीत खुलकर रहे बैटिंग
केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने के लिए इस बार आर-पार के मूड में हैं। इसको लेकर वह बीजेपी को भी आंख दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं आरती ने सार्वजनिक मंच से चुनाव लड़ने का ऐलान ही नहीं बल्कि एक-दो सीट की ओर इशारा भी किया है। यानी बीजेपी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए इंद्रजीत व आरती सार्वजनिक मंच पर कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उनके आत्मविश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह टिकट के लिए केंद्रीय चुनाव समिति का इंतजार नहीं कर रहे और अटेली, बादशाहपुर से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे हैं।
हरियाणा में फिर राजनीति के ट्रेजेडी किंग साबित हुए बीरेंद्र:सिंह ने कहा था- 75% वोटर BJP विरोधी; भाजपा बहुमत ले आई, उनका बेटा हारा
हरियाणा में फिर राजनीति के ट्रेजेडी किंग साबित हुए बीरेंद्र:सिंह ने कहा था- 75% वोटर BJP विरोधी; भाजपा बहुमत ले आई, उनका बेटा हारा तारीख: 12 जुलाई 2024 स्थान: कांग्रेस भवन, चंडीगढ़ कांग्रेस हरियाणा चुनाव के लिए कैंपेन लॉन्च करने जा रही थी। मंच पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान बैठे थे। यहीं पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा- ”मैं एक्टिव पॉलिटिशियन के तौर पर कह रहा हूं, मेरा अपना असेसमेंट है कि हरियाणा में आज के दिन 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है। BJP नंबर 2 पर भी नहीं रहेगी” तारीख: 8 अक्टूबर हरियाणा चुनाव के नतीजे आए। BJP 48 सीटें जीतकर नंबर वन पार्टी बनी। 39.94% वोट शेयर मिला। पार्टी भी सत्ता में आ गई। बीरेंद्र सिंह के पूर्व सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह भी जींद की उचाना सीट से चुनाव हार गए। ऊपर लिखी बातें इसलिए अहम हैं क्योंकि बीरेंद्र सिंह हरियाणा से लेकर देश की राजनीति तक को जानने का दावा करते हैं। हालांकि हरियाणा चुनाव में उनका असेसमेंट इतना उल्टा पड़ा कि न कांग्रेस जीती और न ही उनका बेटा। इससे अब बीरेंद्र के BJP छोड़कर कांग्रेस में जाने की वजह से सियासी समझ-बूझ पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा टिकट नहीं दी, विधानसभा हार गए
पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे 2019 में हिसार लोकसभा सीट से BJP की टिकट पर सांसद चुने गए। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। वह हिसार और सोनीपत सीट से लोकसभा टिकट की दावेदारी जताते रहे। हालांकि हिसार में जयप्रकाश जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दे दी। इसके बाद बीरेंद्र के बेटे को उचाना से विधानसभा की टिकट दी गई लेकिन वह भाजपा के देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। 43 साल कांग्रेस और 10 साल भाजपा में रहे
बीरेंद्र सिंह 43 साल तक कांग्रेस में रहे। 16 अगस्त 2014 को बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर BJP का दामन थाम लिया। जींद में अमित शाह की रैली के दौरान वे BJP में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया। 2016 में BJP ने बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा भेजा। उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना कलां सीट से दुष्यंत चौटाला को हराकर विधायक बनीं। हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीरेंद्र सिंह ने सक्रिय राजनीति से दूर होकर अपने IAS बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार सीट से चुनाव में उतारा। बृजेंद्र सिंह जीत गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में JJP के दुष्यंत चौटाला ने उचाना सीट पर बीरेंद्र सिंह की पत्नी को हरा दिया। BJP को पूर्ण बहुमत न मिलने से 10 सीट जीतने वाली JJP से गठबंधन करना पड़ा। यहीं से बीरेंद्र सिंह की BJP से खटपट शुरू हो गई। बीरेंद्र सिंह को अपनी मजबूत पकड़ वाले इलाके बांगर बेल्ट में JJP की सेंधमारी रास नहीं आ रही थी। इसके चलते वे JJP के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करते रहे। आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने BJP छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली। इसी के साथ बीरेंद्र सिंह के भी कांग्रेस में वापसी का रास्ता साफ हो गया। कुछ दिनों बाद बीरेंद्र भी कांग्रेस में शामिल हो गए। इन 2 वजहों से राजनीति के ट्रेजेडी किंग बने बीरेंद्र सिंह 1. CM बनना तय था, राजीव गांधी की हत्या हो गई
बीरेंद्र सिंह के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए वर्ष 1991 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया। बीरेंद्र सिंह का CM बनना तय था लेकिन उसी समय राजीव गांधी की हत्या हो गई। इसके साथ ही बीरेंद्र सिंह के सितारे गर्दिश में चले गए और कांग्रेस हाईकमान ने 23 जुलाई 1991 को उनकी जगह भजनलाल को CM बना दिया। 2. केंद्रीय मंत्री बनना तय था, सूट भी सिलवाया लेकिन लिस्ट से नाम कट गया
इसके अलावा बीरेंद्र सिंह खुद अपने इंटरव्यू में कई बार कह चुके हैं कि उनका 2009 में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में मंत्री बनना तय हो चुका था। उन्हें पार्टी का ऑफिशियली इन्विटेशन भी मिल गया कि कल सुबह मंत्रिपद की शपथ लेनी है। उन्होंने नया सूट सिलवा लिया लेकिन सुबह पता चला कि केंद्रीय मंत्रियों वाली लिस्ट से उनका नाम कट चुका है। 1991 में हुड्डा को अपनी गारंटी पर सीधे राजीव गांधी से दिलवाया टिकट
बीरेंद्र सिंह बेशक खुद कभी हरियाणा का CM नहीं बन पाए लेकिन कई नेताओं को उनके शुरुआती करियर में आगे बढ़ाने में उनका अहम रोल रहा। ऐसा ही एक किस्सा भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़ा है। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव के समय बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के उभरते हुए नेता थे। बीरेंद्र सिंह ने सीधे राजीव गांधी से पैरवी करके हुड्डा को रोहतक लोकसभा सीट से टिकट दिलवाया। बीरेंद्र सिंह ने उस समय कांग्रेस हाईकमान से यहां तक कह दिया कि रोहतक से हुड्डा को जितवाने की गारंटी वह खुद लेते है। वो हुड्डा के सियासी करियर का पहला ही बड़ा इलेक्शन था और वह साढ़े 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीते (बीरेंद्र सिंह के ट्रेजेडी किंग के किस्से पढ़ें)