हरियाणा के रेवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण पर कंट्रोल पाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से सख्ती शुरू कर दी गई हैं। ग्रेप-4 का पाबंदियों को सख्ती से लागू कराने के लिए डीसी अभिषेक मीणा की तरफ से तीन फ्लाइंग स्क्वायड बनाई गई हैं। इन तीनों ही फ्लाइंग स्क्वायड ने शुक्रवार से काम भी करना शुरू कर दिया। हालांकि शुक्रवार को शहर के नसियाजी रोड पर पाबंदी के बावजूद कुछ फैक्ट्रियों के चलने की सूचना के बाद फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें मौके पर जरूर पहुंची। लेकिन फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। मीडियाकर्मी जब फ्लाइंग स्क्वायड टीम आने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे तो आनन-फानन में फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। शुक्रवार को रेवाड़ी शहर में 171 और इंडस्ट्रियल एरिया धारूहेड़ा में AQI 183 दर्ज किया गया है। जो हानिकारक की श्रेणी में आता है। ये तीन टीमें बनाई गई डीसी की तरफ से पहली फ्लाइंग स्क्वायड में जिला राजस्व अधिकारी को चेयरमैन बनाया गया है। जबकि सिंचाई विभाग, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ और खोल बीआरसी को सदस्य बनाया गया है। वहीं दूसरी फ्लाइंग स्क्वायड में तहसीलदार रेवाड़ी को चेयरमैन, मार्केटिंग बोर्ड, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ, बीईओ रेवाड़ी को सदस्य बनाया गया है। इसी तरह तीसरी फ्लाइंग स्क्वायड में रेवाड़ी बीडीपी को चेयरमैन, एसडीओ पंचायती राज और एसडीओ डीएचबीवीएन और बीईओ नाहड़ को सदस्य बनाया गया है। ये फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें रेवाड़ी, कोसली, बावल और धारूहेड़ा में ग्रेप-4 के तहत लगाई गई पाबंदियों की सख्ती से पालना कराएगी। ग्रेप-4 के तहत इन पर लगी पाबांदी जिले में ग्रेप-4 के तहत कंस्ट्रक्शन एवं डेमोलिशन से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों के अलावा बोरिंग, ड्रिलिंग, मिट्टी खुदाई और भराई, ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना, ईंट और चिनाई के कार्य, पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य, टाइल्स, पत्थरों और अन्य फ्लोरिंग सामग्री की कटिंग, सड़क निर्माण गतिविधियां और मरम्मत, परियोजना स्थलों के भीतर/बाहर ईंटें, रेत, कंकड़, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग, कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगाई गई है। हरियाणा के रेवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण पर कंट्रोल पाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से सख्ती शुरू कर दी गई हैं। ग्रेप-4 का पाबंदियों को सख्ती से लागू कराने के लिए डीसी अभिषेक मीणा की तरफ से तीन फ्लाइंग स्क्वायड बनाई गई हैं। इन तीनों ही फ्लाइंग स्क्वायड ने शुक्रवार से काम भी करना शुरू कर दिया। हालांकि शुक्रवार को शहर के नसियाजी रोड पर पाबंदी के बावजूद कुछ फैक्ट्रियों के चलने की सूचना के बाद फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें मौके पर जरूर पहुंची। लेकिन फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। मीडियाकर्मी जब फ्लाइंग स्क्वायड टीम आने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे तो आनन-फानन में फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। शुक्रवार को रेवाड़ी शहर में 171 और इंडस्ट्रियल एरिया धारूहेड़ा में AQI 183 दर्ज किया गया है। जो हानिकारक की श्रेणी में आता है। ये तीन टीमें बनाई गई डीसी की तरफ से पहली फ्लाइंग स्क्वायड में जिला राजस्व अधिकारी को चेयरमैन बनाया गया है। जबकि सिंचाई विभाग, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ और खोल बीआरसी को सदस्य बनाया गया है। वहीं दूसरी फ्लाइंग स्क्वायड में तहसीलदार रेवाड़ी को चेयरमैन, मार्केटिंग बोर्ड, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ, बीईओ रेवाड़ी को सदस्य बनाया गया है। इसी तरह तीसरी फ्लाइंग स्क्वायड में रेवाड़ी बीडीपी को चेयरमैन, एसडीओ पंचायती राज और एसडीओ डीएचबीवीएन और बीईओ नाहड़ को सदस्य बनाया गया है। ये फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें रेवाड़ी, कोसली, बावल और धारूहेड़ा में ग्रेप-4 के तहत लगाई गई पाबंदियों की सख्ती से पालना कराएगी। ग्रेप-4 के तहत इन पर लगी पाबांदी जिले में ग्रेप-4 के तहत कंस्ट्रक्शन एवं डेमोलिशन से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों के अलावा बोरिंग, ड्रिलिंग, मिट्टी खुदाई और भराई, ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना, ईंट और चिनाई के कार्य, पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य, टाइल्स, पत्थरों और अन्य फ्लोरिंग सामग्री की कटिंग, सड़क निर्माण गतिविधियां और मरम्मत, परियोजना स्थलों के भीतर/बाहर ईंटें, रेत, कंकड़, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग, कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगाई गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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घरौंडा में पिटबुल कुत्ते ने पड़ोसी को काटा:शिकायत पर मालिक ने पीटा; पत्नी गली में हुई बेसुध, पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई हरियाणा के करनाल के घरौंडा में जैल सिंह कालोनी निवासी संजीव और उसके परिवार पर पिटबुल कुत्ते का आतंक बरपा है। संजीव ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी ने उसे और उसके परिवार को कुत्ते से कटवाया और फिर मारपीट की। पीड़ित का कहना है कि पुलिस और अस्पताल दोनों ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। कुत्ते ने किया हमला, पत्नी और बच्ची को भी नहीं बख्शा घटना 3 अगस्त की है। संजीव, जो दिहाड़ी मजदूरी करता है, ने बताया कि उसका पड़ोसी अक्सर छत से कचरा फैंकता है। कई बार समझाने पर भी पड़ोसी नहीं माने और उल्टा झगड़ा करने लगे। उनके पास एक पिटबुल कुत्ता है, जिसे वे अक्सर खुला छोड़ देते हैं। यह कुत्ता पहले भी संजीव की पांच साल की बच्ची को काट चुका है और दो महीने पहले खुद संजीव को भी काटा था। तीसरी बार हमला, जानलेवा साबित हुआ 4 अगस्त को पिटबुल ने फिर से संजीव पर हमला कर दिया। जब संजीव ने पड़ोसियों से शिकायत की, तो वे गाली-गलौज करने लगे और फिर मारपीट पर उतर आए। संजीव की पत्नी रितू को बुरी तरह पीटा गया और उनकी पांच वर्षीय बेटी जानवी के पैर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। रितू बेहोश हो गई और जानवी दर्द से कराह उठी। पुलिस और अस्पताल ने दिखाई बेरुखी संजीव ने तुरंत डायल-112 पर कॉल किया। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि थाने में जाकर शिकायत करें। संजीव ने बताया कि पहले भी दो बार शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस के रवैये से निराश संजीव अपने परिवार का मेडिकल करवाने घरौंडा के सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, उन्हें करनाल अस्पताल जाना पड़ा, जहां उनका मेडिकल हुआ। वीडियो आया सामने, डीएसपी ने दिया आश्वासन घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें संजीव की पत्नी जमीन पर पड़ी है और उनकी बच्ची दर्द से कराह रही है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए डीएसपी मनोज कुमार ने कहा कि पीड़ित की शिकायत दर्ज की जाएगी और जहां भी लापरवाही हुई है, उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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पानीपत में छत से गिरने पर युवक की मौत:रात को सोते समय अचानक 20 फीट नीचे सड़क पर गिरा; तीन बच्चों का था पिता हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे में एक 35 वर्षीय युवक की छत से गिरकर मौत हो गई। दरअसल, युवक रात को अपने दोस्तों के साथ छत पर सो रहा था। देर रात वह अचानक छत से नीचे गिर गया। धमाका की आवाज सुनकर अन्य लोग भी जाग गए। वे तुरंत नीचे पहुंचे। आनन-फानन में वे उसे तुरंत सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव का पंचनामा भरकर शवगृह में रखवा दिया गया। परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। नीचे किस तरह गिरा, परिजनों को नहीं पता जानकारी देते हुए नंदराज ने बताया कि वह यूपी के झांसी जिले का रहने वाला है। वह अपने साले अनिल अहरवार(35), नंदराज, सानू, देवेंद्र के साथ पानीपत के समालखा के गांव मनाना में करीब 2 माह पहले काम के लिए आया था। यहां वे धान लगाते हैं। अनिल की पत्नी प्रभा भी यही पर रहती है। रोजाना की तरह रविवार की रात भी सभी खाना खाने के बाद छत पर सो गए थे। रात करीब 3 बजे अचानक अनिल छत से नीचे गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। अनिल किन परिस्थितियों में छत से गिरा, इसका कुछ भी पता नहीं लग पाया है। अनिल तीन बच्चों का पिता था। जिसमें दो बेटियां व छोटा बेटा है।
किसान नेता डल्लेवाल को लेकर अस्पताल में हंगामा:मुलाकात से रोकने पर भड़के किसान नेता; पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में लिया
किसान नेता डल्लेवाल को लेकर अस्पताल में हंगामा:मुलाकात से रोकने पर भड़के किसान नेता; पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में लिया हरियाणा और पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए गए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे किसानों ने लुधियाना DMC में हंगामा कर दिया। पुलिस उन्हें डल्लेवाल से मिलने से रोक रही थी। पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिले हैं। इस पर किसानों से काफी देर तक बहस हुई। किसानों ने पूछा कि किसने ऑर्डर दिए हैं? उन्हें मौके पर बुलाया जाए। इसके लिए पुलिसकर्मी तैयार नहीं हुए। इससे किसान भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद माहौल को शांत करने के लिए पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में ले लिया है। पुलिस उन्हें अपने साथ थाने ले गई है। वहीं, कई किसान DMC में ही डटे हुए हैं। वे किसान नेता डल्लेवाल से मिलने की जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। शाम 4 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संघर्ष की अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। अस्पताल में हंगामे के PHOTOS… 58 घंटे से पुलिस की हिरासत में डल्लेवाल
जानकारी के अनुसार, किसान नेता डल्लेवाल 26 नवंबर को मरणव्रत शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस की कस्टडी में उन्हें करीब 58 घंटे बीत चुके हैं। इसके दौरान डल्लेवाल से किसी को न मिलने दिया गया और न ही उनसे किसी को बात करने दी। वहीं, इसी बीच बीते बुधवार को हिरासत के करीब 44 घंटे बाद लुधियाना के DMC अस्पताल से डल्लेवाल की पहली तस्वीर सामने आई थी। इसमें वह DMC के अंदर जाते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ पुलिसवाले भी मौजूद हैं। अस्पताल में भी उनका मरणव्रत जारी है। डल्लेवाल का मरणव्रत तीसरे दिन जारी
बता दें कि फसलों पर MSP समेत 13 मुद्दों को लेकर फरवरी महीने से किसानों का पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर संघर्ष पर चल रहा है। आज 68 वर्षीय बुजुर्ग और कैंसर से पीड़ित किसान डल्लेवाल का DMC लुधियाना और सुखजीत सिंह हरदो झंडे का खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत तीसरे दिन भी जारी है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार किसानों को शांत करने में जुटी है। भले ही बुधवार को हुई मीटिंग में कोई नतीजा न निकला हो, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आज मीटिंग कर किसानों को शांत करेगी। जबकि, किसानों ने साफ किया है कि जब तक सरकार डल्लेवाल को मोर्चे में लेकर नहीं आती, तब तक वह किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। किसान बोले- पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे
27 नवंबर को खन्नौरी बॉर्डर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले किसानों की आपात मीटिंग हुई। मीटिंग में किसान नेता डल्लेवाल को पुलिस हिरासत से छुड़वाने ओर संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बनाई गई। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान नेता शामिल थे। दूसरी तरफ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। अब राज्य सरकार अपनी स्थिति साफ करें। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है। सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी। इसी बीच दोपहर में पंजाब पुलिस के DIG मनजीत सिंह सिद्धू, SSP पटियाला नानक सिंह खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। इनके साथ भी मीटिंग बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे। साथ ही साफ करें कि उन्हें अस्पताल में क्यों ले जाया गया है? सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
26 नवंबर की सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए थे। तब किसान नेता पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। अब किसानों का सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी। डल्लेवाल ने परिवार के नाम की जमीन
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसलिए, उन्होंने अपनी जमीन पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दी है। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे। 13 फरवरी को दिल्ली कूच पर निकले थे
हरियाणा और पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। किसानों को इसके आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इसके बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। अब मामला कोर्ट में है।