रेस्टोरेंट के टैंक में उतरे 3 मजदूरों की मौत:मथुरा में करंट से चाचा को बेहोश होता देख भतीजा उतरा, फिर बचाने गया मजदूर भी चपेट में आया

रेस्टोरेंट के टैंक में उतरे 3 मजदूरों की मौत:मथुरा में करंट से चाचा को बेहोश होता देख भतीजा उतरा, फिर बचाने गया मजदूर भी चपेट में आया

मथुरा के वृंदावन कोतवाली इलाके में बीकानेर रेस्टोरेंट पर शनिवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। यहां टैंक में उतरे 3 मजदूरों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मजदूरों को करंट लगा था। परिवार वालों का कहना है कि रेस्टोरेंट संचालक और उनके साथी उनसे बिना सेफ्टी उपकरण के काम करा रहे थे। प्रेम मंदिर के पास बने रेस्टोरेंट परिसर में एक टैंक में काम करने के लिए प्लम्बर अमित गुप्ता उतरे थे। उसमें कहीं बिजली का तार निकला था। अमित गुप्ता करंट की चपेट में आ गए। चाचा अमित को अंदर बेहोश होता देख भतीजा प्रिंस टैंक में उतरा तो वह भी बेहोश हो गया। इसी बीच वहां काम कर रहा एक अन्य मजदूर दोनों को बचाने के लिए टैंक में गया। लेकिन, वह भी करंट की चपेट में आ गए। डॉक्टर ने चेक किया तो तीनों की सांसें थम चुकी थी
टैंक में 3 मजदूरों की मौत के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन बिजली सप्लाई रोकी गई। इसके बाद तीनों को टैंक से निकालकर जिला संयुक्त चिकित्सालय भेजा गया। यहां डॉक्टर ने तीनों मजदूरों का मेडिकल चेकअप किया तो उनकी सांसें थम चुकी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। 2 मृतक बलिया के रहने वाले, तीसरे की पहचान होना बाकी
मृतक अमित और प्रिंस बलिया के रसड़ा में अतलापुर के रहने वाले थे। उनके परिवार के पंकज गुप्ता पहुंच गए। पंकज गुप्ता ने बताया कि वह लोग यहां काम के लिए डेढ़ साल पहले आए थे। आज हादसे में उनके भाई और भतीजे की मौत हो गई। कोतवाली प्रभारी आनंद शाही ने तीनों शवों का पंचनामा भर इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दी। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश पांडे मौके पर पहुंच गए। फायर बिग्रेड की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। टैंक में नहीं हुई गैस की पुष्टि
हादसे के बाद मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने 10 फीट गहरे टैंक में गैस का पता लगाने के लिए पहले नीम की पत्तियां डाली। इसके बाद माचिस जलाकर फेंकी। लेकिन, दोनों ही तरीके से गैस की पुष्टि नहीं हुई। अगर गैस होती तो नीम की पत्ती जलने लगती, माचिस जलाकर फेंकने पर आग लग जाती। इसके बाद माना जा रहा है कि मजदूर करंट की चपेट में आए, जिसकी वजह से हादसा हुआ। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। अगर कोई लापरवाही हुई है तो जिम्मेदार पर एक्शन लिया जाएगा। SSP शैलेश पांडे ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा कि मजदूरों की मौत किस कारण से हुई है। हादसे से जुड़ी अन्य तस्वीरें- मथुरा के वृंदावन कोतवाली इलाके में बीकानेर रेस्टोरेंट पर शनिवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। यहां टैंक में उतरे 3 मजदूरों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मजदूरों को करंट लगा था। परिवार वालों का कहना है कि रेस्टोरेंट संचालक और उनके साथी उनसे बिना सेफ्टी उपकरण के काम करा रहे थे। प्रेम मंदिर के पास बने रेस्टोरेंट परिसर में एक टैंक में काम करने के लिए प्लम्बर अमित गुप्ता उतरे थे। उसमें कहीं बिजली का तार निकला था। अमित गुप्ता करंट की चपेट में आ गए। चाचा अमित को अंदर बेहोश होता देख भतीजा प्रिंस टैंक में उतरा तो वह भी बेहोश हो गया। इसी बीच वहां काम कर रहा एक अन्य मजदूर दोनों को बचाने के लिए टैंक में गया। लेकिन, वह भी करंट की चपेट में आ गए। डॉक्टर ने चेक किया तो तीनों की सांसें थम चुकी थी
टैंक में 3 मजदूरों की मौत के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन बिजली सप्लाई रोकी गई। इसके बाद तीनों को टैंक से निकालकर जिला संयुक्त चिकित्सालय भेजा गया। यहां डॉक्टर ने तीनों मजदूरों का मेडिकल चेकअप किया तो उनकी सांसें थम चुकी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। 2 मृतक बलिया के रहने वाले, तीसरे की पहचान होना बाकी
मृतक अमित और प्रिंस बलिया के रसड़ा में अतलापुर के रहने वाले थे। उनके परिवार के पंकज गुप्ता पहुंच गए। पंकज गुप्ता ने बताया कि वह लोग यहां काम के लिए डेढ़ साल पहले आए थे। आज हादसे में उनके भाई और भतीजे की मौत हो गई। कोतवाली प्रभारी आनंद शाही ने तीनों शवों का पंचनामा भर इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दी। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश पांडे मौके पर पहुंच गए। फायर बिग्रेड की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। टैंक में नहीं हुई गैस की पुष्टि
हादसे के बाद मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने 10 फीट गहरे टैंक में गैस का पता लगाने के लिए पहले नीम की पत्तियां डाली। इसके बाद माचिस जलाकर फेंकी। लेकिन, दोनों ही तरीके से गैस की पुष्टि नहीं हुई। अगर गैस होती तो नीम की पत्ती जलने लगती, माचिस जलाकर फेंकने पर आग लग जाती। इसके बाद माना जा रहा है कि मजदूर करंट की चपेट में आए, जिसकी वजह से हादसा हुआ। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। अगर कोई लापरवाही हुई है तो जिम्मेदार पर एक्शन लिया जाएगा। SSP शैलेश पांडे ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा कि मजदूरों की मौत किस कारण से हुई है। हादसे से जुड़ी अन्य तस्वीरें-   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर