रोडवेज की 12 हजार 400 बसों पर UPSRTC का नया फैसला लागू होगा। इससे रोजाना सफर करने वाले 16 लाख पैसेंजर प्रभावित होंगे। दरअसल, रोडवेज बस में एक यात्री अपने साथ में 20 किलो तक सामान निःशुल्क लेकर जा सकता है, लेकिन पूरी बस में 5 क्विंटल से अधिक सामान नहीं ले जाए जा सकते हैं। ताकि बस में सफर के दौरान यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। नियमों का उल्लंघन करने पर बिना बुकिंग सामान ले जाने पर नियमित चालक-परिचालकों पर निलंबन और संविदा ड्राइवर कंडक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई है। व्यवसायिक सामान के लिए जारी किया गया निर्देश UPSRTC की अपर प्रबंध निदेशक रामसिंह वर्मा का कहना है कि बस में व्यवसायिक सामानों की बुकिंग को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत पांच कुंटल से कम भार के सामान बुक होने पर सामान के मालिक होना अनिवार्य किया गया है। यहीं नहीं बस के अंदर सामान इस प्रकार नहीं रखा जाएगा, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा। इसकी निगरानी के लिए एटीआई को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 77 हजार किलो सामान पकड़ा गया पिछले महीने में चेकिंग दलों ने रोडवेज बसों में बिना बुकिंग के 77 हजार 425 किलो सामान पकड़े है। इससे यात्रियों को बस में सफर के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा। इस वजह से रोडवेज प्रशासन ने इस बार पांच कुंटल से ज्यादा लगेज बुकिंग पर रोक लगा दी है। रोडवेज की 12 हजार 400 बसों पर UPSRTC का नया फैसला लागू होगा। इससे रोजाना सफर करने वाले 16 लाख पैसेंजर प्रभावित होंगे। दरअसल, रोडवेज बस में एक यात्री अपने साथ में 20 किलो तक सामान निःशुल्क लेकर जा सकता है, लेकिन पूरी बस में 5 क्विंटल से अधिक सामान नहीं ले जाए जा सकते हैं। ताकि बस में सफर के दौरान यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। नियमों का उल्लंघन करने पर बिना बुकिंग सामान ले जाने पर नियमित चालक-परिचालकों पर निलंबन और संविदा ड्राइवर कंडक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई है। व्यवसायिक सामान के लिए जारी किया गया निर्देश UPSRTC की अपर प्रबंध निदेशक रामसिंह वर्मा का कहना है कि बस में व्यवसायिक सामानों की बुकिंग को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत पांच कुंटल से कम भार के सामान बुक होने पर सामान के मालिक होना अनिवार्य किया गया है। यहीं नहीं बस के अंदर सामान इस प्रकार नहीं रखा जाएगा, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा। इसकी निगरानी के लिए एटीआई को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 77 हजार किलो सामान पकड़ा गया पिछले महीने में चेकिंग दलों ने रोडवेज बसों में बिना बुकिंग के 77 हजार 425 किलो सामान पकड़े है। इससे यात्रियों को बस में सफर के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा। इस वजह से रोडवेज प्रशासन ने इस बार पांच कुंटल से ज्यादा लगेज बुकिंग पर रोक लगा दी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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कभी हिमाचल सरकार को देता था कर्ज, आज खुद आर्थिक बदहाली के ‘झटके’ खा रहा बिजली बोर्ड
कभी हिमाचल सरकार को देता था कर्ज, आज खुद आर्थिक बदहाली के ‘झटके’ खा रहा बिजली बोर्ड <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> साल 1971 में बने हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को 53 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. इन दिनों बिजली बोर्ड के कर्मचारी भी परेशान हैं. कभी कर्मचारियों की तनख्वाह देरी से आती है, तो कभी ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ता है. एक वक्त था जब बिजली बोर्ड हिमाचल प्रदेश सरकार को कर्ज देता था, लेकिन आज वही बिजली बोर्ड आर्थिक बदहाली के झटके खा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हाल ही में राज्य सरकार ने बिजली बोर्ड के 51 पदों को खत्म कर दिया. इसके बाद से ही कर्मचारियों में रोष है और सोमवार को बोर्ड कर्मचारी और प्रदेशभर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. बिजली बोर्ड कर्मचारियों की साथ मांगे हैं, जिन पर गौर न करने की स्थिति में ब्लैक आउट की भी चेतावनी दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लगातार घर रही कर्मचारियों की संख्या</strong><br />एक समय था हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 43 हजार कर्मचारी काम करते थे. अब कर्मचारियों की यह संख्या घटकर सिर्फ 16 हजार रह गई है. बोर्ड में तीन हजार आउटसोर्स कर्मचारी भी काम कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, बिजली बोर्ड में फिलहाल नौ हजार पद विभिन्न श्रेणियों में खाली हैं. हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड लंबे वक्त से लगातार घाटा झेल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन हजार करोड़ रुपए के घाटे में है बिजली बोर्ड </strong><br />1990 के दशक में बिजली बोर्ड राज्य सरकार को कर्ज दिया करता था, लेकिन आज बिजली बोर्ड खुद ही तीन हजार करोड़ रुपए के घाटे में है. यह बिजली बोर्ड के लिए खुद ही झटके से कम नहीं है. 31 मार्च, 2015 को बिजली बोर्ड 1813.23 करोड़ रुपए के घाटे में था. साल 2017 में यह बढ़कर 1 हजार 999 करोड़ रुपए हुआ. साल 2020 में यह घाटा 1531.50 करोड़ रुपए और साल 2021 में घाटा बढ़कर 2 हजार 043 करोड़ पर पहुंच गया. मौजूदा वक्त में यह घाटा तीन हजार करोड़ रुपए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या हैं बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मांगें?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1. 16 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड की विभिन्न इकाइयों में पिछले 10-12 सालों से ड्राइवर के पद पर काम कर रहे 81 आउटसोर्स कर्मचारी की छंटनी के आदेश वापस लिए जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>3. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए बिना देरी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>4. हिमाचल प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त संगठन के बीच एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना, 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना हो. संयुक्त मोर्चा के परामर्श के बिना किसी भी परिसंपत्ति जैसे लाइन, सब स्टेशन और पावर हाउस को अन्य इकाई को ट्रांसफर न किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>5. एचपीएसईबीएल-एचपीएसएल की सेवा समिति की के से पहले से अनुमोदित टी-मेट के 1 हजार 030 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो. साथ ही बिजली बोर्ड में खाली पदों पर भर्ती भी की जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>6. सातवें वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>7. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ, भुगतान को और विलंबित रूप से जारी किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संकट में है ऊर्जा राज्य हिमाचल का बिजली बोर्ड </strong><br />देशभर में ऊर्जा राज्य के तौर पर अपनी पहचान स्थापित करने वाले हिमाचल प्रदेश ने हर घर बिजली का लक्ष्य हासिल किया है. राज्य की नदियों में बहने वाला पानी किसी सोने से काम नहीं है. राज्य में यह पानी ‘बहता सोना’ है. हिमाचल प्रदेश में सतलुज जल विद्युत निगम भी एक कमाऊ बेटे के रूप में काम कर रहा है, जो हर साल नया रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए जाना जाता है. हिमाचल प्रदेश में 24 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है. इसमें अब तक 11 हजार 209 मेगावाट का दोहन हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां बनने वाली बिजली पर 7.6 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का है, जबकि शेष केंद्र सरकार के इस्तेमाल में है. मौजूदा वक्त में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 मिनट तक मुक्त बिजली दी जा रही है. आने वाले वक्त में राज्य सरकार जरूरतमंद घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की भी योजना बना रही है. यह मुफ्त बिजली भी बिजली बोर्ड के घाटे के प्रमुख वजहों में से एक है.</p>
पुलिस के मुखबिर संदीप शर्मा को मिली बेल
पुलिस के मुखबिर संदीप शर्मा को मिली बेल भास्कर न्यूज | जालंधर सांसद अमृतपाल सिंह के बड़े भाई हरप्रीत सिंह हैप्पी और उसके साथी लवप्रीत सिंह से 4 ग्राम आइस बरामदगी के केस में नामजद किए गए पुलिस मुखबिर संदीप शर्मा वासी वीनस वैली एक्सटेंशन को एडिशनल सेशन जज की कोर्ट से मंगलवार को बेल मिल गई। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया है और न ही बताया कि वह आइस कहां से लेता था। इसलिए बेल न न दी जाए। दूसरी ओर बचाव पक्ष के एडवोकेट विनय शर्मा ने कहा कि उनके क्लांइट को झूठे के केस में फंसाया गया है। उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है। इसलिए उसे बेल दी जाए। बचाव पक्ष की दलील से सहमत होते हुए संदीप को बेल दे दी गई। बता दें कि 11 जुलाई की शाम फिल्लौर में सड़क किनारे खड़ी क्रेटा कार से हैप्पी और लवप्रीत को गिरफ्तार कर उनसे 4 ग्राम आइस, दो लाइटर, 3 मोबाइल फोन और दो जले हुए 20-20 रुपए के नोट मिले थे। दोनों कार में आइस का नशा करते थे। दोनों के डोप टेस्ट कराए गए तो पॉजिटिव आए। पुलिस ने आइस बेचने वाले आरोपी संदीप अरोड़ा वासी ईटा नगर (लुधियाना) और अरोड़ा के फोटोग्राफर दोस्त मनीष कुमार मरवाहा वासी न्यू आत्म नगर (लुधियाना) को गिरफ्तार लिया था। हैप्पी व लवप्रीत को बेल मिल चुकी है। जांच में यह बात आई थी कि हैप्पी ने पहली आइस की डीलिंग लवली से की थी। लवली का असली नाम संदीप शर्मा है और वह पुलिस का मुखबिर है। पुलिस ने संदीप को केस में नामजद कर लिया था। हैप्पी और उसके साथी लवप्रीत पहले ही बेल हो चुकी है।
करनाल में महिला से चेन स्नेचिंग:रिश्तेदार के घर से जाते समय हुई वारदात, बाइक सवार बदमाशों ने दिया अंजाम
करनाल में महिला से चेन स्नेचिंग:रिश्तेदार के घर से जाते समय हुई वारदात, बाइक सवार बदमाशों ने दिया अंजाम हरियाणा में करनाल के सेक्टर 8 में एक महिला के गले से दो बाइक सवार बदमाशों ने सोने की चैन छीन ली और मौके से फरार हो गए। पीड़िता अपने किसी रिश्तेदार के घर जा रही थी और रास्ते में ही आरोपियों ने स्नेचिंग की घटना को अंजाम दिया। घटना के दौरान सोने की चैन का एक हिस्सा महिला के पास रह गया, जबकि बाकी हिस्सा बदमाश ले गए। पीड़ित महिला ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रिश्तेदार के घर जाते समय हुई चेन स्नेचिंग की वारदात करनाल के सेक्टर-8 निवासी संतोष रानी वीरवार की देर शाम को पैदल अपने रिश्तेदार के घर जा रही थीं। उनके साथ एक अन्य महिला बिमला भी मौजूद थीं। जैसे ही वे सेक्टर 8 में मकान नंबर 355 के पास पहुंचीं, दो अज्ञात युवक मोटरसाइकिल पर उनके पास से गुजरे और वापस मुड़कर उनके पीछे आए। अचानक ही उन दोनों ने संतोष के गले से सोने की चेन खींच ली। इस वारदात में चैन का एक हिस्सा संतोष के पास रह गया, जबकि बाकी चैन बदमाश छीनकर ले गए। पीड़िता का कहना है कि शहर में महिलाओं के साथ स्नेचिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही है और अपराधी खुलेआम ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे है। तीन तोले की थी चैन चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी। घटना के बाद संतोष ने सेक्टर 9 पुलिस चौकी में इसकी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि सोने की चैन का कुल वजन करीब 3 तोले था। जांच अधिकारी सुलतान सिंह ने बताया कि महिला के साथ स्नेचिंग का मामला सामने आया है। शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।