रोहतक स्थित पीटीसी सुनारिया में आज सुबह 8 बजे से पासिंग आउट परेड आयोजित की जा रही है। जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद हैं। कार्यक्रम को लेकर सीएम सैनी ने परेड का निरीक्षण किया है। प्रशिक्षण लेने वाले पुलिस के जवानों को शपथ दिलाई गई है। शपथ के बाद सीएम नायब सैनी से आगे के कार्यक्रम की अनुमति ली गई। राष्ट्रीय ध्वज व पीटीसी सुनारिया के ध्वज को सलामी दी गई है। रोहतक स्थित पीटीसी सुनारिया में आज सुबह 8 बजे से पासिंग आउट परेड आयोजित की जा रही है। जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद हैं। कार्यक्रम को लेकर सीएम सैनी ने परेड का निरीक्षण किया है। प्रशिक्षण लेने वाले पुलिस के जवानों को शपथ दिलाई गई है। शपथ के बाद सीएम नायब सैनी से आगे के कार्यक्रम की अनुमति ली गई। राष्ट्रीय ध्वज व पीटीसी सुनारिया के ध्वज को सलामी दी गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’
हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’ हरियाणा विधानसभा चुनाव में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने दलित वोटरों को रिझाने की मेगा प्लानिंग की है। इसके लिए BJP इसी महीने कुरूक्षेत्र में दलित महासम्मेलन करने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी पूर्व CM और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी गई है। खट्टर इस महासम्मेलन में मुख्य मेहमान होंगे। लोकसभा चुनाव में 21% दलित वोटरों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। जिस वजह से भाजपा राज्य की 10 में से 2 रिजर्व सीट सिरसा और अंबाला हार गई। कुछ सीटों पर दलित वोटरों के जाट वोटरों संग जुड़ने से भाजपा मामूली अंतर से लोकसभा चुनाव हार गई। भाजपा को डर है कि अगर यही स्थिति विधानसभा में भी रही तो फिर तीसरी बार सरकार बननी मुश्किल हो जाएगी। सबसे पहले 2 हिस्सों में BJP की प्लानिंग जानिए 1. 17 रिजर्व सीटों पर फोकस, जिला-विधानसभा स्तर के सम्मेलन हो चुके
भाजपा ने इसके लिए 17 रिजर्व सीटों से शुरुआत की। जहां जिला और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन किए जा चुके हैं। जिसमें दलितों को केंद्र-राज्य की स्कीमें बता उनके सुझाव लेकर नई राज्य सरकार से लागू कराने का भरोसा दिया जा रहा है। चूंकि इसकी अगुआई खट्टर कर रहे हैं, इसलिए उनके करीबी चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कटारिया खुद भी दलित वर्ग से ही संबंधित हैं। उनकी अगुआई में खट्टर की टीम को दलितों के प्रभाव वाली सीटों पर काम करने का टास्क दिया गया है। 2. 15 हजार लोग बुला दलित सम्मेलन, खट्टर को संकल्प लोटा देंगी
भाजपा कुरुक्षेत्र के दलित महासम्मेलन को बड़े स्तर पर करने जा रही है। इसमें 15 हजार से ज्यादा दलित समुदाय के लोग बुलाए जाएंगे। जिनमें 10 हजार पुरुष और 5 हजार महिलाओं को लाने का टारगेट रखा गया है। दलित समुदाय से सीधे कनेक्ट के लिए इसमें महिलाएं लोटा लेकर आएंगी। यह संकल्प लोटा महिलाएं महासम्मेलन के चीफ गेस्ट मनोहर लाल खट्टर को देंगी। भाजपा ने इस मुहिम को ‘मनोहर लाल का परिवार’ नाम दिया है। जिसे चुनाव में भी भुनाया जाएगा। भाजपा को दलितों की याद क्यों आई, 3 पॉइंट में समझें 1. लोकसभा में दोनों रिजर्व सीट हारे
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। इनमें 2 सीटें रिजर्व हैं। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा दोनों सीटें हार गई। सिरसा में कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा के अशोक तंवर को 2 लाख 68 हजार 497 वोटों से हरा दिया। अंबाला में भाजपा की बंतो कटारिया को कांग्रेस के MLA वरूण चौधरी से 49 हजार 36 वोटों हार मिली। 2. कांग्रेस 11 रिजर्व विधानसभा सीटें जीत गई, 2 पर AAP ने चौंकाया
राज्य की 10 लोकसभा सीटों के अधीन आती 90 विधानसभा सीटों में 17 SC वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इसी साल के लोकसभा रिजल्ट को विधानसभा वाइज देखें तो इन 17 में भाजपा सिर्फ 4 ही जीत सकी। 11 पर कांग्रेस जीती तो 2 पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा से बढ़त बनाकर चौंका दिया। 3. वोट शेयर में 5 साल में बड़ी गिरावट
मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06% वोट शेयर मिला। 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट शेयर 58% था। 5 साल में वोट परसेंट में यह 11.06% की गिरावट रही। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में 28.42% के मुकाबले बढ़कर 43.73% हो गया। 5 साल में कांग्रेस का वोट शेयर 15.31% बढ़ा। दलित महासम्मेलन से भाजपा का मकसद क्या? दलित महासम्मेलन के जरिए भाजपा 3 बड़े मकसद को पाना चाहती है। पहला.. प्रदेश में 21% दलित वोटर है। राज्य में 17 सीटें दलित वर्ग के लिए रिजर्व हैं। ऐसे में भाजपा का सीधा निशाना यही सीटें हैं। इसके अलावा 35 सीटें ऐसी हैं, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है। अगर वे किसी एक पार्टी के हक में हो जाएं तो फिर उनकी सीट जीतनी तय है। भाजपा इन्हें अपने पक्ष में या फिर एकजुटता को भी तोड़ना चाहती है। दूसरा.. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आरक्षण छीनने और संविधान बदलने का प्रचार किया। जिसका हरियाणा के दलित वोटरों पर बड़ा असर पड़ा। यही वजह है कि वे भाजपा से दूर हो गए। सम्मेलन के जरिए भाजपा कोशिश करेगी कि कांग्रेस की बातों को झूठा साबित करे। तीसरा.. लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटें हारने के बाद भाजपा की समीक्षा बैठक में सामने आया कि जाट और दलित वोटर उनके खिलाफ एकजुट हो गए। जिस वजह से वह रोहतक और सिरसा जैसी सीटों ढ़ाई से साढ़े 3 लाख वोटों से एकतरफा हार मिली। सोनीपत सीट महज 22 हजार से हार गए। कुरूक्षेत्र, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ हारते-हारते बचे। भाजपा इस एकजुटता को तोड़ना चाहती है। हरियाणा में 10 साल से सत्ता में भाजपा
हरियाणा में भाजपा लगातार 2 टर्म से सरकार चला रही है। 2014 में भाजपा ने विधानसभा की 90 में से 47 सीटें जीतकर अकेले बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा 40 सीटों पर सिमट गई लेकिन JJP के 10 विधायकों का साथ लेकर फिर सरकार बना ली। इस बार भाजपा के पास हैट्रिक लगाने का मौका है। केंद्रीय मंत्री खट्टर को ही जिम्मेदारी क्यों?
दलितों को मनाने का जिम्मा खट्टर को ही क्यों, इसकी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। लगातार 2 टर्म में भाजपा की सरकार ने उनकी अगुआई में कामकाज किया। हालांकि मई महीने में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन्हें सीएम कुर्सी से हटाकर लोकसभा चुनाव लड़ाया। करनाल से पहली बार सांसद बनकर वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए। वहीं उनकी जगह ओबीसी वर्ग से नायब सैनी को सीएम बनाया गया लेकिन वह कार्यकाल के अंत में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। यही वजह है कि चुनाव भले ही भाजपा सैनी की अगुआई में लड़ रही लेकिन सरकार की हैट्रिक में खट्टर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है महेंद्रगढ़, जनता के सहयोग से बदलेंगे इलाके की सूरत : डॉ. मनीष
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है महेंद्रगढ़, जनता के सहयोग से बदलेंगे इलाके की सूरत : डॉ. मनीष महेंद्रगढ़| हरियाणा गठन के बाद से ही महेंद्रगढ़ जिले के साथ भेदभाव होता आया है। महेंद्रगढ़ क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस बार क्षेत्र की जनता बदलाव का मन बना चुकी है। इस चुनाव के बाद महेंद्रगढ़ के इतिहास में बदलाव होगा तथा क्षेत्र में केजरीवाल सरकार द्वारा विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। ये बातें आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. मनीष यादव ने अपने पैतृक गांव बवानियां में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि उनका अधिकांश समय बाहर बीता है। करीब दो वर्ष पहले उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए राजनीति में आने का निर्णय लिया था। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि यह चुनाव एक बड़े बदलाव का चुनाव है। मेरा गांव एक ऐतिहासिक गांव है। हमारे गांव ने हमेशा सकारात्मक बदलाव में अपना बड़ा योगदान दिया है। इस बदलाव की लड़ाई में गांव के लोगों ने जो सहयोग करने का आश्वासन दिया है उससे लग रहा है कि महेंद्रगढ़ की सीट आप पार्टी के खाते में जाएंगी।
करनाल लोकसभा सीट पर 1 बजे तक 35.69% वोटिंग:पानीपत में दिव्याशु बुद्धिराजा ने किया मतदान, उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी
करनाल लोकसभा सीट पर 1 बजे तक 35.69% वोटिंग:पानीपत में दिव्याशु बुद्धिराजा ने किया मतदान, उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक करनाल लोकसभा सीट पर वोटिंग प्रक्रिया सुबह सात बजे से जारी है। यह शाम 6 बजे तक चलेगी। सुबह 9 बजे तक इस सीट पर 9.29 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं 11 बजे तक की वोटिंग प्रतिशत 22.04 फीसदी हुई है। दोपहर 1 बजे तक करनाल लोकसभा सीट पर कुल 35.69 वोटिंग हुई है। दोपहर के समय भी लोग वोटिंग के लिए घरों से निकल रहे हैं। यहां से भाजपा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दी है। इसके अलावा इनेलो के समर्थन से एनसीपी के वीरेंद्र मराठा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि आज, 25 मई को करनाल विधानसभा की सीट पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं। भाजपा से सीएम नायब सैनी मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस ने त्रिलोचन सिंह को उतारा है। विधानसभा सीट की बात करें तो सुबह 11 बजे तक करनाल विधानसभा सीट पर 18 फीसदी वोटिंग हो चुकी है।