रोहतक पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बयान दिया है। धनखड़ ने कहा कि शांति पूर्वक अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। यह अधिकार हमारे संविधान ने दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसानों ने जो दिल्ली बॉर्डर पर जमावड़ा किया, उससे सोनीपत और बहादुरगढ़ के लोग परेशान रहे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के किसानों के आंदोलन को जायज़ बताने पर धनखड़ ने कहा कि आंदोलन जब होता है कोई अपेक्षा होती है। सरकार सब की मां बाप होती है- धनखड़ उन्होंने कि कर्मचारी अपने वेतन और मजदूर अपनी मजदूरी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। सरकार सब की मां बाप होती है, सरकार से अपनी बात मंगवाना होता है। धनखड़ ने कह कि हुड्डा साहेब को अपने नजरिए से बाहर आना चाहिए। हरियाणा में जो भी फसल है। सरकार उसे MSP पर खरीदने का काम करती है। उन्होंने कहा कि गेहूं धान,बाजार,सरसों, सूरजमुखी,तिलहन खरीदने का इंतजाम सरकार ने किया है। यहां तक सब्जियों पर भी भावांतर योजना से लाभ दिया जाता है रोहतक पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बयान दिया है। धनखड़ ने कहा कि शांति पूर्वक अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। यह अधिकार हमारे संविधान ने दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसानों ने जो दिल्ली बॉर्डर पर जमावड़ा किया, उससे सोनीपत और बहादुरगढ़ के लोग परेशान रहे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के किसानों के आंदोलन को जायज़ बताने पर धनखड़ ने कहा कि आंदोलन जब होता है कोई अपेक्षा होती है। सरकार सब की मां बाप होती है- धनखड़ उन्होंने कि कर्मचारी अपने वेतन और मजदूर अपनी मजदूरी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। सरकार सब की मां बाप होती है, सरकार से अपनी बात मंगवाना होता है। धनखड़ ने कह कि हुड्डा साहेब को अपने नजरिए से बाहर आना चाहिए। हरियाणा में जो भी फसल है। सरकार उसे MSP पर खरीदने का काम करती है। उन्होंने कहा कि गेहूं धान,बाजार,सरसों, सूरजमुखी,तिलहन खरीदने का इंतजाम सरकार ने किया है। यहां तक सब्जियों पर भी भावांतर योजना से लाभ दिया जाता है हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा CM करनाल सीट छोड़ेंगे:पंजाबी वोट बैंक समेत 3 वजहें; तीन सीटों का विकल्प, जिसमें लाडवा फेवरेट, सीएम चेहरा इसलिए BJP रिस्क नहीं ले रही
हरियाणा CM करनाल सीट छोड़ेंगे:पंजाबी वोट बैंक समेत 3 वजहें; तीन सीटों का विकल्प, जिसमें लाडवा फेवरेट, सीएम चेहरा इसलिए BJP रिस्क नहीं ले रही हरियाणा के CM नायब सैनी इस विधानसभा चुनाव में करनाल सीट छोड़ सकते हैं। भाजपा के उच्च सूत्रों के मुताबिक पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनके लिए नई सीट की तलाश में है। जिसके लिए 3 सीटों का विकल्प तैयार किया गया है। जिसमें कुरूक्षेत्र की लाडवा सीट को फेवरेट माना जा रहा है। सैनी कुछ महीने पहले लोकसभा के साथ हुए उपचुनाव में करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीते थे। चूंकि भाजपा यह चुनाव सीएम नायब सैनी की अगुआई में ही लड़ रही है। ऐसे में उन्हें किसी कड़े मुकाबले में नहीं फंसाना चाहती। इसी वजह से जातीय समीकरण से लेकर भाजपा के आधार वाली सेफ सीट की तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि CM सैनी खुद भी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे कि वह करनाल से ही लड़ेंगे। 2 दिन पहले पंचकूला में हुई मीटिंग में उन्होंने इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया था। CM सैनी के लिए चुनी 3 सेफ सीट और उसकी वजह… 1. लाडवा: सैनी बिरदारी, OBC वर्ग और लोकसभा का कनेक्शन
लाडवा विधानसभा क्षेत्र कुरूक्षेत्र में है। इस विधानसभा में 1 लाख 95 हजार से ज्यादा वोट है। जिसमें 50 हजार वोट जाट सामाज की है। इसके अलावा सैनी समाज के 47 हजार से ज्यादा वोट है। अगर ओबीसी वोट की करें तो 90 हजार से ज्यादा वोट ओबीसी वर्ग की हैं। ओबीसी वर्ग और खास तौर पर सैनी समुदाय के वोट बैंक की वजह से यह सीएम के लिए फेवरेट सीट मानी जा रही है। हालांकि पिछली बार 2019 में भाजपा के सैनी समुदाय से जुड़े पवन सैनी यहां से कांग्रेस के मेवा सिंह से 12,637 वोटों से चुनाव हार गए थे। राजनीतिक विशेषज्ञ DAV कॉलेज के प्राचार्य RP सैनी के अनुसार लाडवा को लेकर एक और बात अहम है। सीएम नायब सैनी कुरूक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, जिसमें लाडवा भी आता है। उनके सांसद के रूप में किए गए कामों का यहां पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है, जिससे यह सीट उनके लिए सुरक्षित मानी जा रही है। 2. गोहाना: समुदाय और बैकवर्ड क्लास का प्रभाव
गोहाना विधानसभा सीट सोनीपत जिले में है। गोहाना विधानसभा में 2 लाख से ज्यादा वोटर है। जिसमें करीब 50 हजार वोट जाट समाज से है। सैनी समाज से करीब 17 हजार के करीब वोट है। टोटल OBC वोट बैंक की बात करें तो 80 हजार वोट ओबीसी समाज की है। ओबीसी वोट बैंक के चलते ही 2019 राजकुमार सैनी ने इसी विधानसभा से चुनाव लड़ा था। उन्हें 35,379 वोट मिले थे। हालांकि जाट बाहुल्य सीट होने की वजह से वे कांग्रेस के जगबीर मलिक से करीबी मुकाबले में 4152 वोटों से हार गए। मलिक को 39,531 वोट मिले थे। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट संजीव मंगलौरा मानते हैं कि सैनी के पास इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। सैनी खुद ओबीसी वर्ग से हैं। ऐसे में अन्य पिछड़ी जातियों में भी उनको अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। सीएम चेहरा होने के नाते कुछ परसेंट जाट वोट भी उनके पक्ष में आ सकता है। नारायणगढ़: सैनी का गृह क्षेत्र लेकिन यहां रिस्क ज्यादा
अंबाला का नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र सीएम नायब सैनी का गृह क्षेत्र है। राजनीतिक जानकार एडवोकेट संजीव मंगलौरा कहते हैं कि गृह क्षेत्र से चुनाव लड़ने का बड़ा लाभ यह होता है कि स्थानीय मतदाताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध होते हैं। चूंकि सैनी सीएम और आगे भी सीएम बन सकते हैं, ऐसे में स्थानीय मतदाता ज्यादा तरजीह देता है। हालांकि जिला परिषद चुनाव में नायब सैनी यहां से पत्नी सुमन सैनी को जिला परिषद चुनाव नहीं जिता पाए थे। ऐसे में यह रिस्क भी साबित हो सकता है। करनाल सीट छोड़ने के 3 बड़े कारण 1. पंजाबी वोट बैंक की नाराजगी
करनाल सीट पर पंजाबी वोट बैंक का दबदबा है। इस सीट के कुल 2 लाख 66 हजार वोटरों में से पंजाबी समुदाय के सबसे ज्यादा 64 हजार वोट हैं। सैनी समुदाय के यहां सिर्फ 5800 वोट हैं। इसके अलावा अगर कुल OBC वोटरों की बात करें तो करीब 35 हजार वोट है। चूंकि पिछली बार करनाल से मनोहर लाल खट्टर लड़े, वह पंजाबी समुदाय से थे। इसलिए उन्हें पंजाबी वोटरों का समर्थन मिला। सैनी OBC वर्ग से आते हैं। उनके समुदाय और OBC वर्ग की भी बहुत कम वोट हैं। ऐसे में उनको इसका नुकसान हो सकता है। वहीं अब पंजाबी वर्ग भी मुखर रूप से लगातार प्रतिनिधित्व की मांग कर रहा है। इसे भांपते हुए कुछ दिन पहले कांग्रेस भी करनाल में पंजाबी महासम्मेलन कर चुकी है। हुड्डा ने यहां तक वादा किया कि कांग्रेस सरकार बनी तो वह पंजाबी विस्थापित कल्याण बोर्ड बनाएंगे। इससे भी भाजपा को पंजाबी वोट खिसकने का डर है। 2. एंटी इनकंबेंसी का खतरा
करनाल 10 साल से सीएम सिटी है। सीएम का गृह क्षेत्र होने से भाजपा को फायदे की उम्मीद जरूर हो लेकिन इसको लेकर यहां एंटी इनकंबेंसी का खतरा भी ज्यादा है। सीएम सिटी की वजह से धरने-प्रदर्शन के अलावा लोगों की आम विधायक के तौर पर सीएम के साथ सीधी कनेक्टिविटी नहीं हो पाती। चूंकि खट्टर ने पहले ही सबको साध लिया था लेकिन सैनी के लिए अंत के कुछ महीनों में यह संभव नहीं हो रहा। इसकी वजह 3 महीने पहले लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव की वजह से पर्याप्त समय न मिल पाना है। 3. भीतरघात का खतरा, लोकल दावेदारों की बगावत
करनाल सीट पर सैनी को भीतरघात का भी खतरा बना हुआ है। सीएम के करीबी सूत्र बताते हैं कि यहां मनोहर लाल खट्टर के करीबी रही उनकी टीम अभी सीएम सैनी के साथ खुले दिल से नहीं चल रही। इतना अवश्य है कि खट्टर उन्हें मना लेंगे लेकिन चुनाव में वह कितने मन से मदद करेंगे, इसको लेकर सैनी के लिए रिस्क रहेगा। वहीं खट्टर के जाने के बाद लोकल नेताओं को उम्मीद थी कि अब उन्हें मौका मिलेगा लेकिन इस चुनाव में सैनी यहां से जीत गए तो फिर अगले 5 साल के लिए उनका रास्ता बंद हो जाएगा। ऐसे में उनके बगावत करने का खतरा बना रहेगा।
गैंगस्टर सन्नी रिटोली का साथी रोहतक में गिरफ्तार:अपना गैंग बनाने के लिए लाया था हथियार, 24 कारतूस सहित 8 देसी पिस्तौल बरामद
गैंगस्टर सन्नी रिटोली का साथी रोहतक में गिरफ्तार:अपना गैंग बनाने के लिए लाया था हथियार, 24 कारतूस सहित 8 देसी पिस्तौल बरामद रोहतक की सीआईए-2 ने गैंगस्टर सन्नी रिटोली के साथी को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी झज्जर का रहने वाला है, जो अपना गैंग बनाने के लिए भारी मात्रा में हथियार लेकर आया था। पुलिस ने नाकाबंदी करके आरोपी को काबू किया। जिसके कब्जे से 8 देसी पिस्तौल और 24 जिंदा राउंड बरामद हुए। सीआईए-2 के एएसआई कुलदीप सिंह ने बताया कि वे झज्जर रोड पर केंद्रीय विद्यालय के नजदीक गश्त पर मौजूद थे। इसी दौरान सूचना मिली कि झज्जर जिले के गांव डीघल निवासी साहिल आपराधिक प्रवृति का है, जो गैंगस्टर सन्नी रिटोली का साथी है। वहीं अपना अलग गैंग बनाना चाहता है। इसके लिए वह भारी मात्रा में पिस्तौल और कारतूस लेकर आया है। उसने पिस्तौल के साथ सोशल मीडिया पर वीडियो भी डाली हुई है और काले रंग की बिना नंबर प्लेट की फॉर्च्यूनर गाड़ी है। जो रुपया चौक की तरफ आएगा और शहर की तरफ जाएगा। इस सूचना पर पुलिस ने नाकाबंदी की। इसी दौरान काले रंग की फॉर्च्यूनर गाड़ी आती हुई दिखाई दी। 8 देसी पिस्तौल और 24 जिंदा कारतूस बरामद फॉर्च्यूनर गाड़ी को पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो गाड़ी चालक ने गाड़ी मोड़कर भागने का प्रयास किया। लेकिन गाड़ी बंद हो गई। वहीं गाड़ी के ड्राइवर को काबू किया। जिसकी पहचान झज्जर के गांव डीघल निवासी साहिल उर्फ सोनू के रूप में हुई। जिसकी तलाशी ली तो गाड़ी में ड्राइवर की साथ वाली सीट पर एक बैग मिला। जिसकी जांच करने पर उसमें भारी मात्रा में देसी पिस्तौल बरामद हुई। जिनकी संख्या 8 थी और उसके पास से कुल 24 जिंदा कारतूस भी मिले। साहिल के पास इनका कोई लाइसेंस भी नहीं था। जिसके खिलाफ रोहतक के पीजीआईएमएस थाना में केस दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
रेवाड़ी में सड़क के बीच पार्किंग VIDEO:एंबुलैंस फंसने पर पुलिसकर्मी ने भागकर हटाई कार; गाड़ी खड़ी कर सब्जी खरीदने में व्यस्त चालक
रेवाड़ी में सड़क के बीच पार्किंग VIDEO:एंबुलैंस फंसने पर पुलिसकर्मी ने भागकर हटाई कार; गाड़ी खड़ी कर सब्जी खरीदने में व्यस्त चालक हरियाणा के रेवाड़ी शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले सरर्कुलर रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इसका सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण और सड़क पर खड़े होने वाले व्हीकल हैं। शुक्रवार को सोशल मीडिया पर रेवाड़ी शहर के भीड़भाड़ वाले सबसे व्यस्तम नाईवाली चौक का एक VIDEO वायरल हुआ। इस वीडियो में सिल्वर कलर की एक स्विफ्ट कार नाईवाली चौक पर वन-वे के लिए लगाए गए बेरिकेड्स के बिल्कुल पास सड़क के बीचों बीच खड़ी दिखाई दे रही है। जबकि उसके ठीक पीछे बस स्टैंड की तरफ से आ रही एंबुलैंस सायरन बजाती रही, लेकिन कार में कंडक्टर सीट पर महिला बैठी हुई थी, जबकि चालक कार को बीच सड़क पर छोड़ सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने चला गया। कार के कारण फंस गई एंबुलैंस एंबुलैंस में गंभीर रूप से बीमार एक शख्स था। जिसे तत्काल अस्पताल पहुंचाना जरूरी था। ऐसे में एंबुलैंस के चालक सायरन बजाता रहा। पास में ही स्थित पुलिस बूथ से एक पुलिसकर्मी भागकर बेरिकेड्स हटाने पहुंचा। पुलिसकर्मी ने तुरंत बेरिकेड्स तो हटा दिया, लेकिन जब कार की तरफ नजर डाली तो चालक ही नहीं बैठा था। हालांकि कार अनलॉक होने की वजह से पुलिसकर्मी ने ही खुद कार को चलाकर दूसरी साइड में खड़ा किया। सड़कों पर वाहन खड़े होने से परेशानी दरअसल, इस तरह के वाक्या हर दिन शहर के सरर्कुलर रोड पर देखने को मिल जाते हैं। पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी सरर्कुलर रोड की ट्रैफिक व्यवस्था संभल नहीं पा रही है। हर चौक पर ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात होते है, लेकिन सड़क के दोनों तरफ अवैध रूप से पार्क होने वाले वाहनों के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी बावल चौक, बस स्टैंड, अंबेडकर चौक, धारूहेड़ा चुंगी, झज्जर चौक, रेलवे रोड पर बनी हुई है। नाईवाली चौक पर वन-वे ट्रैफिक नाईवाली चौक के जाम को खत्म करने के लिए ही पुलिस की तरफ से करीब एक साल से इस चौक पर ट्रैफिक को वन-वे किया हुआ है। बस स्टैंड की तरफ से आने वाले वाहनों को रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से होकर वापस घुमकर नाईवाली चौक की तरफ आना होता है। इस तरह पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए हुए हैं। जबकि रेलवे चौक की तरफ से आने वाले वाहन असानी से चौक क्रॉस कर निकल सकते है।