रोहतक में कैंटर और मोटरसाइकिल की टक्कर से हादसा होने का मामला सामने आया है। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के एक कारपेंटर की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा इतना दर्दनाक था कि मोटरसाइकिल कैंटर के नीचे जा घुसी। इसकी जानकारी होते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश के शामली निवासी सावेज ने सांपला थाने में हादसे की सूचना दी। उसने शिकायत में बताया कि उसे सूचना मिली थी कि उसके भाई फिरोज की सड़क हादसे में मौत हो गई है। सूचना मिलने के बाद जब वह गांव हसनगढ़ पहुंचा तो उसके भाई की मोटरसाइकिल कैंटर के नीचे फंसी हुई थी। जांच में पता चला कि मोटरसाइकिल मोबिन अंसारी चला रहा था और उसका भाई पीछे बैठा था। कैंटर चालक ने तेज गति व लापरवाही से वाहन चलाते हुए मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस हादसे में लगी चोटों के कारण उसके भाई फिरोज की मौत हो गई। मोबिन को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। कारपेंटर का काम करता था मृतक उन्होंने कैंटर चालक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही बताया कि उसका भाई कारपेंटर का काम करता था। वहीं वीरवार को मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने पिता का हालचाल जानने के लिए जा रहा था। इसी बीच रास्ते में एक्सीडेंट हो गया। सांपला थाना के जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि एक्सीडेंट की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मृतक के परिजनों को सूचना देकर मौके पर बुलाया गया। वहीं मृतक के भाई की शिकायत पर कैंटर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं आगामी कार्रवाई की जा रही है। रोहतक में कैंटर और मोटरसाइकिल की टक्कर से हादसा होने का मामला सामने आया है। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के एक कारपेंटर की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा इतना दर्दनाक था कि मोटरसाइकिल कैंटर के नीचे जा घुसी। इसकी जानकारी होते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश के शामली निवासी सावेज ने सांपला थाने में हादसे की सूचना दी। उसने शिकायत में बताया कि उसे सूचना मिली थी कि उसके भाई फिरोज की सड़क हादसे में मौत हो गई है। सूचना मिलने के बाद जब वह गांव हसनगढ़ पहुंचा तो उसके भाई की मोटरसाइकिल कैंटर के नीचे फंसी हुई थी। जांच में पता चला कि मोटरसाइकिल मोबिन अंसारी चला रहा था और उसका भाई पीछे बैठा था। कैंटर चालक ने तेज गति व लापरवाही से वाहन चलाते हुए मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस हादसे में लगी चोटों के कारण उसके भाई फिरोज की मौत हो गई। मोबिन को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। कारपेंटर का काम करता था मृतक उन्होंने कैंटर चालक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही बताया कि उसका भाई कारपेंटर का काम करता था। वहीं वीरवार को मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने पिता का हालचाल जानने के लिए जा रहा था। इसी बीच रास्ते में एक्सीडेंट हो गया। सांपला थाना के जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि एक्सीडेंट की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मृतक के परिजनों को सूचना देकर मौके पर बुलाया गया। वहीं मृतक के भाई की शिकायत पर कैंटर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं आगामी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में दंपती की स्कूटी को कार ने मारी टक्कर:पति की मौत, पत्नी घायल; दिल्ली रेफर, राजस्थान से लौटते वक्त हुआ हादसा
रेवाड़ी में दंपती की स्कूटी को कार ने मारी टक्कर:पति की मौत, पत्नी घायल; दिल्ली रेफर, राजस्थान से लौटते वक्त हुआ हादसा हरियाणा में रेवाड़ी जिले के दिल्ली-जयपुर हाईवे (NH-48) पर एक तेज रफ्तार अज्ञात कार ने टक्कर मार दी। हादसे में पति-पत्नी दोनों घायल होकर सड़क पर गिर गए। राहगीरों ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने पति को मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद धारूहेड़ा थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तथा घायल पत्नी की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली के शाहदरा स्थित मान सरोवर पार्क रामनगर निवासी कैलाश चंद शर्मा (52) अपनी पत्नी ममता के साथ राजस्थान के कोटपुतली में सास शकुंतला से मिलने के लिए गए थे। दोनों दिल्ली नंबर स्कूटी (एक्टिवा) पर वापस लौट रहे थे। तभी दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गांव निखरी के समीप चौधरी ढाबा के सामने एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी। पति की मौत, पत्नी गंभीर रूप से घायल हादसे के बाद कैलाश चंद काफी दूर आगे जाकर सड़क पर गिरे और ममता के ऊपर स्कूटी गिर गई। दोनों हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। हाईवे से गुजर रहे राहगीरों ने तुरंत एंबुलेंस की सहायता से दोनों को साथ लगते राजस्थान के भिवाड़ी कस्बा के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने कैलाश चंद शर्मा को मृत घोषित कर दिया। जबकि उनकी पत्नी ममता की हालत गंभीर बनी हुई हैं। उन्हें भी दिल्ली रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने दर्ज की FIR सूचना के बाद धारूहेड़ा थाना पुलिस पहले मौके पर पहुंची और उसके बाद भिवाड़ी के प्राइवेट अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात गाड़ी चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस हाईवे पर आसपास ढाबों पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी चेक कर रही है, जिससे आरोपी वाहन चालक की पहचान की जा सके।
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फतेहाबाद में अवैध कब्जा हटाने गई टीम पर पथराव:गाड़ी के शीशे तोड़े, JCB के आगे लेटे लोग; अधिकारी 15 दिन का समय देकर लौटे
फतेहाबाद में अवैध कब्जा हटाने गई टीम पर पथराव:गाड़ी के शीशे तोड़े, JCB के आगे लेटे लोग; अधिकारी 15 दिन का समय देकर लौटे हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में शनिवार को जमकर बवाल हुआ है। प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे को छुड़वाने पहुंची। यहां कच्चे मकान बनाकर रह रहे परिवार इसके विरोध में उतर आए। लोग जेसीबी के आगे लेट गए और लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। एक गाड़ी के शीशे भी टूट गए। लोग नहीं रुके तो पुलिस ने 10-12 लोगों को हिरासत में ले लिया। पथराव में कुछ व्यक्ति व पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। बाद में डीएसपी संजय बिश्नोई मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की। लोगों ने उन्हें 15 दिन का समय देने और दूसरी जगह अलॉट करने की मांग रखी। जिस पर डीएसपी ने प्रशासन तक यह मांग पहुंचने का आश्वासन दिया तो विरोध समाप्त हुआ। फिलहाल कब्जा हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है। जानकारी के अनुसार अग्रवाल धर्मशाला के सामने 3 कनाल 3 मरले नगरपालिका की जमीन पर वर्षों पर पहले कुछ झुग्गी झोपड़ी वाले परिवार आकर रहने लगे। अब यहां पर कच्चे मकान बन गए। 2014 में हुड्डा सरकार के दौरान यह जमीन सरकार द्वारा अरोड़वंश समाज को अलॉट कर दी गई तो समाज की सभा ने कलेक्टर रेट भी भर दिया था। जिसके बाद अब नगर पालिका को यह जमीन खाली करवानी थी। शनिवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अशोक कुमार, सिटी एसएचओ जय सिंह, सदर एसएचओ ओमप्रकाश, नगरपालिका सचिव संदीप कुमार, एमई सुनील लांबा की टीम पुलिस फोर्स व जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। महिलाएं उनके कच्चे मकान न तोड़ने की गुहार लगाने लगी। प्रशासनिक टीमें आगे बढ़ी तो लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस बल कार्रवाई को आगे आया। बताया जा रहा है कि एक दो महिलाओं को हलकी चोटें लगी तो वहीं दो-तीन पुलिस कर्मियों को भी मामूली चोटें लगी हैं। एक गाड़ी के शीशे टूट गए। इसके बाद लोग जेसीबी के आगे लेट कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद डीएसपी संजय बिश्नोई वहां आए और उन्होंने लोगों से बात कर उन्हें समझाया। लोगों ने फिलहाल 15 दिन का समय और उन्हें कहीं ओर जमीन अलॉट करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि उनके परिवार वर्षों से यहां काबिज हैं, उनकी आय के साधन भी नहीं है, इसलिए उन्हें न उजाड़ा जाए, उन्हें यह जमीन दी जाए या फिर कहीं ओर जमीन रहने को दी जाए। फिलहाल आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ है।
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कांग्रेस करेगी सर्वे रिपोर्ट देखकर टिकटों का फैसला:हरियाणा में पार्टी के 2 अलग-अलग सर्वे जारी, प्राइवेट एजेंसियां सीटवाइज सुझाएंगी 3-3 नाम
कांग्रेस करेगी सर्वे रिपोर्ट देखकर टिकटों का फैसला:हरियाणा में पार्टी के 2 अलग-अलग सर्वे जारी, प्राइवेट एजेंसियां सीटवाइज सुझाएंगी 3-3 नाम हरियाणा में लोकसभा की 5 सीटें जीत चुकी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद नजर आने लगी है। 10 साल से सरकार चला रही BJP के प्रति एंटी इन्कंबेंसी और सत्ताविरोधी रूझान को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व को लग रहा है कि बदलाव के इस माहौल में उसका नंबर लग सकता है। इसी क्रम में पार्टी ने हाल में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक अपने नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। कांग्रेस नेतृत्व को 90 सीटों पर 25 सौ से अधिक दावेदारों के आवेदन मिले हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने टिकट दावेदारों की लंबी-चौड़ी फौज के बीच सभी सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों का पता लगाने के लिए दो प्राइवेट एजेंसियों से सर्वे कराने का फैसला लिया है। ये दोनों सर्वे अलग-अलग होंगे और ग्राउंड जीरो पर इनका काम शुरू हो चुका है। दोनों एजेंसियां विधानसभा सीटवाइज सबसे मजबूत तीन-तीन दावेदारों के नाम पार्टी को सौंपेगी। ये नाम कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखे जाएंगे। उसके बाद कमेटी टिकटों पर फाइनल फैसला लेगी। जल्द से जल्द टिकट अनाउंस करने की कोशिश केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम दो दिन हरियाणा का दौरा कर, पुलिस-प्रशासनिक अफसरों और पार्टियों के साथ मीटिंग करके लौट चुकी है। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी समय किया जा सकता है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश है कि जल्द से जल्द टिकटों का ऐलान कर दिया जाए ताकि प्रत्याशियों को अपने-अपने एरिया में प्रचार करने के लिए अधिक से अधिक समय मिल पाए। एक सर्वे पूरा, दो का काम जारी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में टिकटों के ऐलान से पहले एक सर्वे पूरा करवा चुकी है। टिकट आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने और 25 सौ से अधिक दावेदारों के एप्लीकेशन मिलने के बाद पार्टी नेतृत्व किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। इसी वजह से अब दो अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों से दो और सर्वे करवाने का फैसला लिया गया है। इन सर्वे का काम शुरू हो चुका है। पार्टी नेतृत्व ने फैसला लिया है कि दोनों एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट देखने के बाद ही टिकटों के बारे में आगे विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नए सिरे से सर्वे की जानकारी मिलते ही टिकट के लिए अप्लाई करने वाले नेता भी अपने-अपने इलाके में सक्रिय हो गए हैं। निष्पक्ष रिपोर्ट के लिए एजेंसियों के नाम सीक्रेट रखने की रणनीति कांग्रेस हाईकमान ने सर्वे के लिए जिन दो एजेंसियों को हायर किया है, उनसे जुड़ी डिटेल्स गोपनीय रखने पर खास फोकस है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि इन एजेंसियों की रिपोर्ट निष्पक्ष रहनी चाहिए इसलिए एजेंसियों के नाम भी गुप्त रखे गए हैं। जिताऊ उम्मीदवारों की पहचान के लिए एजेंसियां अपने सर्वे में कई प्वाइंट्स पर जानकारियां जुटा रही हैं। इसके बाद वह सीटवाइज तीन-तीन सबसे मजबूत नेताओं के नाम प्रपोज करेंगी। इन नामों पर कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में चर्चा होगी और उसके बाद टिकटों का ऐलान किया जाएगा। पहले सर्वे में पॉजिटिव रिस्पांस से पार्टी उत्साहित सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने हरियाणा में जो पहला सर्वे करवाया, उसमें राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर आम वोटर का मिजाज भांपने की कोशिश की गई। पार्टी नेतृत्व ने यह जानने का प्रयास किया कि आम लोग BJP सरकार के दस साल के कामकाज से कितने संतुष्ट और कितने नाखुश हैं। साथ ही वोटर इस बार के चुनाव को लेकर क्या सोचता है? इस सर्वे में कांग्रेस के प्रति पॉजिटिव रिस्पांस और BJP के खिलाफ बदलाव की लहर का संकेत मिलने से पार्टी नेतृत्व उत्साहित है। शुरुआती सर्वे में कांग्रेस को 55 से 60 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई। पूर्ण बहुमत से 10-15 सीटें अधिक मिलने के संकेतों के बाद कांग्रेस में टिकट के लिए मारामारी बढ़ गई है। 2 चुनाव हारने वालों के नाम कटे तो हुड्डा होंगे कमजोर कांग्रेस में इस बात पर भी गंभीरता से विचार-मंथन चल रहा है कि 2014 और 2019 यानि लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को तीसरी बार टिकट दिया जाए या नहीं? पार्टी सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला समेत एक धड़ा इस पक्ष में है कि जनता की ओर से दो बार खारिज किए जा चुके नेताओं की जगह इस बार नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए। अगर सैलजा कैंप की ये मुहिम सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे बड़ा नुकसान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके खेमे के नेताओं को होगा। लगातार पिछले दो चुनाव हारने वाले दर्जनभर नेता हुड्डा खेमे से ही ताल्लुक रखते हैं। लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने वाले कांग्रेस नेताओं में नारनौल से राव नरेंद्र सिंह, कोसली से राव यादवेंद्र सिंह, पटौदी से सुधीर चौधरी, पृथला से रघुवीर तेवतिया, फतेहाबाद से प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, टोहाना से परमवीर सिंह, बाढ़ड़ा से रणबीर महेंद्रा, बवानीखेड़ा से रामकिशन फौजी, जुलाना से धर्मेंद्र सिंह ढुल, नरवाना से विद्यारानी, रतिया से जरनैल सिंह, गुहला से दिल्लूराम बाजीगर, पेहवा से मनदीप सिंह चट्ठा और लोहारू से सोमवीर सिंह शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर हुड्डा कैंप के हैं। BJP की बंद कमरों में मीटिंग्स जारी राज्य में 10 साल से सरकार चला रही भाजपा को भी ग्राउंड जीरो के हालात की भनक है और वह बदलाव के माहौल का तोड़ निकालने की कोशिश में जुटी है। हालांकि यह बात भी काफी हद तक सही है कि खुद बीजेपी के अंदर इस बार 2014 और 2019 जैसा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा। पार्टी के तमाम रणनीतिकार और बड़े नेता बंद कमरों में मीटिंग्स करने में व्यस्त हैं।