रोहतक में समाजसेवी नवीन जयहिंद ने कहा कि पहरावर धाम को एक मंत्री के इशारे पर बाबा धाम बनाने की साजिश रची गई। राज्य स्तरीय परशुराम जयंती समारोह में जेल में बंद दो बाबाओं के दम पर भीड़ जुटाई गई, जिससे सीएम भी नाराज नजर आए। वहीं समाज के लोगों में भी गलत संदेश गया। नवीन जयहिंद ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि रोहतक जेल में बंद एक बाबा की मुंहबोली बेटी एक मंत्री से मिलकर गई। वहीं, हिसार जेल में बंद एक बाबा का बेटा भी मंत्री से मिला था। इतना ही नहीं, बाबा का बेटा तो कार्यक्रम में सीएम के मंच पर भी देखा गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस बाबा के अनुयायियों की भीड़ कार्यक्रम में पहुंची थी। सुबह से ही पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट
नवीन जयहिंद ने कहा कि सरकार द्वारा मनाए जा रहे परशुराम जयंती समारोह के दौरान उन्हें सुबह ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। पहले 20 पुलिसकर्मी घर के बाहर तैनात किए, उसके बाद एक बस भरकर पुलिसकर्मी पहुंचे और उसे घर में ही नजरबंद करके रखा गया। सीएम ने नहीं की बड़ी घोषणाएं
नवीन जयहिंद ने कहा कि कार्यक्रम में सीएम नायब सैनी ने जो घोषणाएं करके जानी थी, वही नहीं की। सीएम नायब सैनी काफी नाराज नजर आए। मैचिंग ग्रांट का मतलब समझाते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि जब सीएम मनोहरलाल खट्टर थे तो उनसे मुलाकात हुई थी। मनोहर लाल ने कहा था कि गौड़ ब्राह्मण संस्था की ग्रांट के लिए दस करोड़ रुपए इक्कठे कर लो, 11 करोड़ मैं दे दूंगा। उस समय मनीष ग्रोवर, जेपी दलाल, उस समय के डीसी व एसपी भी वहां मौजूद थे। 3 साल से परशुराम धाम घोषित
नवीन जयहिंद ने कहा कि पहरावर की जमीन को आज पहरावर धाम घोषित कर रहे हैं, जबकि 3 साल पहले ही इसे पहरावर परशुराम धाम घोषित किया हुआ है। पहरावर की जमीन पर त्रिशूल और परशुराम का फरसा लगाया हुआ है। फरसाधारियों की वजह से आज पूरी दुनिया पहरावर को जान रही है। जेल में बंद बाबाओं को डराकर जुटाई भीड़
नवीन जयहिंद ने आरोप लगाया कि 30 मई को राज्य स्तरीय परशुराम जयंती कार्यक्रम में जेल में बंद दो बाबाओं को डराकर भीड़ जुटाने का प्रयास किया। जेल में बंद बाबाओं को डराकर उनके अनुयायियों को जन्मोत्सव में बुलाया। जन्मोत्सव में भाड़े की भीड़ बुलाने का क्या मतलब है? अगर 36 बिरादरी नहीं बुलाई गई तो 36 बाबाओं को बुला लेते, मदद सिर्फ दो बाबा से ही क्यों ली गई? 2 आश्रमों में भीड़ लेने गई रोडवेज बस
नवीन जयहिंद ने आरोप लगाया कि हरियाणा रोडवेज की बसें दो बाबाओं के आश्रम में गई और वहां से लोगों को बैठाकर लाया गया। मंत्री से पूछना चाहिए कि क्या जन्मोत्सव में भीड़ बाबाओं के अनुयायियों की नहीं थी। एक वीडियो में मंत्री पुलिसकर्मियों को भंडारा रुकवाने के आदेश देते दिख रहे है। क्या भंडारा शुरू होने के बाद रुकवाया जाता है? मेरे ऊपर ध्यान लगाने से अच्छा अपने कार्यक्रम पर ध्यान देना चाहिए था। रोहतक में समाजसेवी नवीन जयहिंद ने कहा कि पहरावर धाम को एक मंत्री के इशारे पर बाबा धाम बनाने की साजिश रची गई। राज्य स्तरीय परशुराम जयंती समारोह में जेल में बंद दो बाबाओं के दम पर भीड़ जुटाई गई, जिससे सीएम भी नाराज नजर आए। वहीं समाज के लोगों में भी गलत संदेश गया। नवीन जयहिंद ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि रोहतक जेल में बंद एक बाबा की मुंहबोली बेटी एक मंत्री से मिलकर गई। वहीं, हिसार जेल में बंद एक बाबा का बेटा भी मंत्री से मिला था। इतना ही नहीं, बाबा का बेटा तो कार्यक्रम में सीएम के मंच पर भी देखा गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस बाबा के अनुयायियों की भीड़ कार्यक्रम में पहुंची थी। सुबह से ही पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट
नवीन जयहिंद ने कहा कि सरकार द्वारा मनाए जा रहे परशुराम जयंती समारोह के दौरान उन्हें सुबह ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। पहले 20 पुलिसकर्मी घर के बाहर तैनात किए, उसके बाद एक बस भरकर पुलिसकर्मी पहुंचे और उसे घर में ही नजरबंद करके रखा गया। सीएम ने नहीं की बड़ी घोषणाएं
नवीन जयहिंद ने कहा कि कार्यक्रम में सीएम नायब सैनी ने जो घोषणाएं करके जानी थी, वही नहीं की। सीएम नायब सैनी काफी नाराज नजर आए। मैचिंग ग्रांट का मतलब समझाते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि जब सीएम मनोहरलाल खट्टर थे तो उनसे मुलाकात हुई थी। मनोहर लाल ने कहा था कि गौड़ ब्राह्मण संस्था की ग्रांट के लिए दस करोड़ रुपए इक्कठे कर लो, 11 करोड़ मैं दे दूंगा। उस समय मनीष ग्रोवर, जेपी दलाल, उस समय के डीसी व एसपी भी वहां मौजूद थे। 3 साल से परशुराम धाम घोषित
नवीन जयहिंद ने कहा कि पहरावर की जमीन को आज पहरावर धाम घोषित कर रहे हैं, जबकि 3 साल पहले ही इसे पहरावर परशुराम धाम घोषित किया हुआ है। पहरावर की जमीन पर त्रिशूल और परशुराम का फरसा लगाया हुआ है। फरसाधारियों की वजह से आज पूरी दुनिया पहरावर को जान रही है। जेल में बंद बाबाओं को डराकर जुटाई भीड़
नवीन जयहिंद ने आरोप लगाया कि 30 मई को राज्य स्तरीय परशुराम जयंती कार्यक्रम में जेल में बंद दो बाबाओं को डराकर भीड़ जुटाने का प्रयास किया। जेल में बंद बाबाओं को डराकर उनके अनुयायियों को जन्मोत्सव में बुलाया। जन्मोत्सव में भाड़े की भीड़ बुलाने का क्या मतलब है? अगर 36 बिरादरी नहीं बुलाई गई तो 36 बाबाओं को बुला लेते, मदद सिर्फ दो बाबा से ही क्यों ली गई? 2 आश्रमों में भीड़ लेने गई रोडवेज बस
नवीन जयहिंद ने आरोप लगाया कि हरियाणा रोडवेज की बसें दो बाबाओं के आश्रम में गई और वहां से लोगों को बैठाकर लाया गया। मंत्री से पूछना चाहिए कि क्या जन्मोत्सव में भीड़ बाबाओं के अनुयायियों की नहीं थी। एक वीडियो में मंत्री पुलिसकर्मियों को भंडारा रुकवाने के आदेश देते दिख रहे है। क्या भंडारा शुरू होने के बाद रुकवाया जाता है? मेरे ऊपर ध्यान लगाने से अच्छा अपने कार्यक्रम पर ध्यान देना चाहिए था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
