रोहतक के गांव भैणी भैरो निवासी बाइक सवार पुलिसकर्मी को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिसकर्मी अपने खेतों से घर जा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। रोहतक के गांव भैणी भैरो निवासी संजीव कुमार ने महम थाने में हादसे की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उसने बताया कि उसके पिता सुरेश कुमार उम्र करीब 46 साल हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं। वह फिलहाल हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं और उनकी ड्यूटी भिवानी पुलिस लाइन में है। सोमवार को वह और उसके पिता अपने खेतों पर गए थे। रात को दोनों अलग-अलग मोटरसाइकिल पर वापस लौट रहे थे। ट्रैक्टर ने कट मारा और मोटरसाइकिल टकराया संजीव कुमार ने बताया कि उसके पिता सुरेश कुमार आगे मोटरसाइकिल पर चल रहे थे। इसी दौरान बीच रास्ते में गांव भैणी भैरो-जताई रोड पर चले तो उनके आगे एक ट्रैक्टर-ट्राली चल रहा था। ट्रैक्टर को तेज गति में व लापरवाही से चला रहा था। जब उसके पिता सुरेश कुमार ट्रैक्टर को ओवरटेक करने लगे तो ट्रैक्टर चालक ने अचानक कट मार दिया और साइड दबने के कारण मोटरसाइकिल से टकरा गई। सिर के ऊपर से निकाला टायर उन्होंने कहा कि उसके पिता सुरेश कुमार की मोटरसाइकिल संतुलन बिगड़ने के कारण सड़क पर गिर गई। वहीं ट्रैक्टर का पीछे वाला टायर उसके पिता के सिर के ऊपर से निकल गया। वहीं इस हादसे में उसके पिता की मौत हो गई। वहीं ट्रैक्टर चालक अपने ट्रैक्टर को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। ट्रैक्टर चालक के खिलाफ केस महम थाना के जांच अधिकारी एसआई हरबज ने बताया कि उन्हें एक्सीडेंट की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दी। वहीं मृतक पुलिसकर्मी के बेटे की शिकायत के आधार पर ट्रैक्टर चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। रोहतक के गांव भैणी भैरो निवासी बाइक सवार पुलिसकर्मी को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिसकर्मी अपने खेतों से घर जा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। रोहतक के गांव भैणी भैरो निवासी संजीव कुमार ने महम थाने में हादसे की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उसने बताया कि उसके पिता सुरेश कुमार उम्र करीब 46 साल हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं। वह फिलहाल हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं और उनकी ड्यूटी भिवानी पुलिस लाइन में है। सोमवार को वह और उसके पिता अपने खेतों पर गए थे। रात को दोनों अलग-अलग मोटरसाइकिल पर वापस लौट रहे थे। ट्रैक्टर ने कट मारा और मोटरसाइकिल टकराया संजीव कुमार ने बताया कि उसके पिता सुरेश कुमार आगे मोटरसाइकिल पर चल रहे थे। इसी दौरान बीच रास्ते में गांव भैणी भैरो-जताई रोड पर चले तो उनके आगे एक ट्रैक्टर-ट्राली चल रहा था। ट्रैक्टर को तेज गति में व लापरवाही से चला रहा था। जब उसके पिता सुरेश कुमार ट्रैक्टर को ओवरटेक करने लगे तो ट्रैक्टर चालक ने अचानक कट मार दिया और साइड दबने के कारण मोटरसाइकिल से टकरा गई। सिर के ऊपर से निकाला टायर उन्होंने कहा कि उसके पिता सुरेश कुमार की मोटरसाइकिल संतुलन बिगड़ने के कारण सड़क पर गिर गई। वहीं ट्रैक्टर का पीछे वाला टायर उसके पिता के सिर के ऊपर से निकल गया। वहीं इस हादसे में उसके पिता की मौत हो गई। वहीं ट्रैक्टर चालक अपने ट्रैक्टर को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। ट्रैक्टर चालक के खिलाफ केस महम थाना के जांच अधिकारी एसआई हरबज ने बताया कि उन्हें एक्सीडेंट की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दी। वहीं मृतक पुलिसकर्मी के बेटे की शिकायत के आधार पर ट्रैक्टर चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक से नाबालिग घर से लापता:पिता ने मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगाने पर मारी थी डाट, 9वीं कक्षा का छात्र था इकलौता बेटा रोहतक के एक गांव से नाबालिग छात्र के लापता होने का मामला सामने आया है। जिसे मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगाने पर डाट मारी थी। जिसके बाद जब 9वीं का छात्र दुकान से सामान लेने गया तो वह लापता हो गया। जिसके बाद परिवार वालों ने उसकी तलाश आरंभ कर दी। वहीं मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके बच्चे की तलाश आरंभ कर दी। रोहतक के एक गांव निवासी व्यक्ति ने सांपला थाना में नाबालिग बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में बताया कि उसके पास दो बच्चे (एक बड़ा बेटा व एक छोटी बेटी) है। उसका करीब 14 वर्षीय बड़ा लड़का 9वीं कक्षा में पढ़ता है। 13 जुलाई को उसके बेटे ने मोटरसाइकिल में प्रेशर हॉर्न लगवा लिया था। इसक पता लगने के बाद उसके पिता ने डाट लगा दी और कहा कि इसका पुलिस चालान भी काट देगी। तलाश में जुटा परिवार व पुलिस
पिता द्वारा डाट मारने के कारण बेटे ने घर छोड़ दिया। पीड़ित ने बताया कि 14 जुलाई की दोपहर को उसका बेटा घर से दुकान पर सामान लेने के लिए गया था। लेकिन वापस घर पर नहीं लौटा। इसके बाद वे नाबालिग को तलाश करने लगे, लेकिन कहीं पर भी कोई सुराग नहीं लग पाया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। सांपला थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके नाबालिग बच्चे की तलाश आरंभ कर दी। लेकिन अभी तक नाबालिग बच्चा नहीं मिला है।
श्रीमद्भागवत महापुराण के एक-एक अक्षर के उच्चारण से प्राप्त होता है कपिला गोदान का फल : विनय मिश्र
श्रीमद्भागवत महापुराण के एक-एक अक्षर के उच्चारण से प्राप्त होता है कपिला गोदान का फल : विनय मिश्र भास्कर न्यूज| भिवानी पटेल नगर में संपन्न श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन कथा व्यास ने मानव जीवन की महता और दुर्लभता पर प्रकाश डाला। मानव योनि प्राप्त करना अनगनित पुण्यों का फल है। यह जीवन केवल भगवद् कृपा से ही संभव है और इसे पाने के लिए जीव अनगनित जन्मों तक भगवान से प्रार्थना करता है। आचार्य विनय मिश्र ने श्रीमद्भागवत महापुराण के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि भक्ति देवी और उनके दो पुत्रों ज्ञान और वैराग्य का वर्णन इस पवित्र ग्रंथ में किया गया है। भक्ति देवी ने द्रविड़ देश में जन्म लिया, कर्नाटक में उनका विकास हुआ और गुजरात में वृद्धावस्था को प्राप्त कर गई। लेकिन जब वे वृंदावन में प्रवेश कर गईं तो भगवत कृपा से पुनः युवा हो गई। इस प्रसंग का तात्पर्य यह है कि भगवद् भक्ति ही जीवन को नवजीवन प्रदान करती है और इस संसार में सभी कष्टों से मुक्ति दिलाती है। आचार्य ने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि मानव जीवन का परम उद्देश्य ईश्वर की भक्ति और सेवा है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति प्रतिदिन श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ करता है, उसे एक-एक अक्षर के उच्चारण से कपिला गोदान का फल प्राप्त होता है। यह जीवन को पवित्र और धन्य बनाने का सबसे सरल और सर्वोत्तम मार्ग है। इस अवसर पर प्रवीण थेपड़ा, मनोज थेपड़ा, मनीष थेपड़ा, सुरेश सैनी, उषा, कांता, योगिता, निशा, बिट्टू सहित अन्य श्रद्धालु एवं महिलाएं उपस्थित रही।
76KG भारवर्ग की पहली भारतीय ओलिंपियन रीतिका हुड्डा:कॉमनवेल्थ व एशियन में हारी तो छोड़ना चाहती थी कुश्ती, माता-पिता की प्रेरणा से ओलिंपिक में पहुंची
76KG भारवर्ग की पहली भारतीय ओलिंपियन रीतिका हुड्डा:कॉमनवेल्थ व एशियन में हारी तो छोड़ना चाहती थी कुश्ती, माता-पिता की प्रेरणा से ओलिंपिक में पहुंची रोहतक के गांव खरकड़ा हाल अस्थल बोहर की रहने वाली कुश्ती खिलाड़ी रीतिका हुड्डा पेरिस ओलिंपिक के 76 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली खिलाड़ी हैं। जिन्होंने करीब करीब 9 साल पहले कुश्ती खेलना शुरू किया था। वहीं 2022 में ऐसा दौर आया जब कॉमनवेल्थ व एशियन खेलों में चयन नहीं हुआ तो कुश्ती खेल तक छोड़ने का फैसला ले लिया था। लेकिन माता-पिता की प्रेरणा से उन्होंने दोबारा खेलना शुरू किया। कड़ी मेहनत के बल पर वे ओलिंपिक तक का सफर तय करने में सफल रही। वहीं ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के सपने को पूरा करने के लिए वे स्पेशल रणनीति के तहत मैदान में उतरेंगी। जिसके लिए वे पेरिस के समय अनुसार हर रोज करीब 7 घंटे पसीना बहाती हैं। वहीं रीतिका ने इस ओलिंपिक के लिए फैसला लिया है कि वे दिमाग पर किसी का भी बोझ नहीं रखेंगी ओर खुलकर खेलेंगी। स्पीड वर्क व स्मार्ट वर्क पर भी फोकस
रीतिका हुड्डा ने कहा कि ओलिंपिक में चयन से वे काफी खुश हैं। वे पहली महिला हैं, जो ओलिंपिक में 76 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। ओलिंपिक के लिए कड़ा अभ्यास किया है। हार्ड वर्क के साथ-साथ स्पीड वर्क व स्मार्ट वर्क पर भी फोकस रहा है। अब तो यही सपना है कि ओलिंपिक में बेस्ट प्रदर्शन करें। यहां तक पहुंचाने में कोच व माता-पिता का अहम योगदान
रीतिका हुड्डा ने कहा कि यहां तक पहुंचने के लिए उनके कोच व माता-पिता का अहम योगदान रहा है। उनके खाने पीने का सामान व खेल संबंधित सामान है, वह पिता जगबीर हुड्डा लेकर आते हैं। वहीं उनकी मां नीलम खान-पान का ध्यान रखती हैं। मैदान में उनके कोच मंदीप अच्छे से ट्रेनिंग देते हैं। आसपास के लोग भी पूरा सहयोग करते हैं। सभी को उम्मीद है कि बेटी गोल्ड लेकर आएगी। इस पर रीतिका ने कहा कि वे ओलंपिक में अपना बेस्ट देकर आएंगी। बाकी जो भगवान देगा उसमें खुश हूं। 2015 में शुरू की थी कुश्ती
रीतिका हुड्डा ने 2015 में कुश्ती खेल की शुरूआत की थी। रीतिका ने कहा कि उस समय खुद नहीं सोचा था कि कभी ओलिंपिक में क्वालीफाई करुंगी और भारत की पहली महिला बनूंगी। आज इस मुकाम पर पहुंचकर काफी खुश हूं। भगवान ने इतना जल्दी मेहनत का रिजल्ट दिया। आज मेहनत सफल होने जा रही है। बस अब मेडल लेकर आना है। हर खिलाड़ी के लिए अलग रणनीति
रीतिका हुड्डा ने कहा कि ओलिंपिक में कई देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे। उनको हराने के लिए अलग-अलग स्ट्रेटजी रहती है। सभी की बाउट देखी हैं और उन पर काम किया है। किसी के साथ अटैक करना है तो किसी के साथ डिफेंस। सभी के साथ अच्छा प्रदर्शन करने की तैयारी की हुई है। 2022 में कुश्ती छोड़ने का मन बना तो माता-पिता ने बढ़ाया हौसला
उन्होंने बताया कि यहां तक का सफर परेशानियों भरा रहा है। खेल के दौरान इंजरी से भी गुजरी हैं। एक समय था, जब उन्होंने हार मान ली थी। क्योंकि 2022 के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स की ट्रायल, सीनियर वर्ल्ड व एशियन गेम्स इन सभी में हार हो गई थी। इस हार के बाद कुश्ती नहीं करने का फैसला किया था। लेकिन परिवार वालों का पूरा सहयोग था। माता-पिता ने कहा कि अपनी प्रैक्टिस पर लगी रह, खाने-पीने का ध्यान हम रखेंगे। इसके बाद दौबारा से खेलने का मन बनाया और आज यहां तक पहुंची हैं। ओलिंपिक में खुलकर खेलेंगे रीतिका
रीतिका हुड्डा ने बताया कि ओलिंपिक में वे एक बात का विशेष ध्यान रखेंगी कि किसी को भी माइंड (दिमाग) पर हैवी नहीं होने देना। इसलिए वे किसी को भी अपने माइंड पर हैवी नहीं होने देंगी। वहीं ओलिंपिक में खुलकर खेलेंगी। उनका लक्ष्य यह है कि गोल्ड लेकर आना है। ओलिंपिक के हिसाब से उन्होंने यहां पर अभ्यास किया है। जिसके लिए वे सुबह-शाम को साढ़े 3-साढ़े 3 घंटे अभ्यास किया है। मां बोली- बेटी से गोल्ड की उम्मीद
रीतिका हुड्डा की मां नीलम हुड्डा ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी हो, उसके लिए परिवार के सभी लोगों को संघर्ष करना पड़ता है। आज गर्व महसूस कर रहे हैं कि आज बेटी ओलिंपिक में भाग लेने जा रही है। अभी तक 76 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कोई नहीं करता था। बेटी की महनत को देखकर हमें गोल्ड की उम्मीद है, बाकी भगवान के हाथ में हैं। रीतिका प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान दे रही है, इसलिए अब पेरिस में जा रही हैं। अन्यथा इनके साथ की खिलाड़ी दो दिन पहले ही जा चुकी हैं। हमारा घर ज्यादा अमीर तो नहीं हैं, लेकिन रीतिका के पिता ने आर्थित परेशानी झेली। हमें तो रीतिका के पिता ने हर चीज लाकर दी है। अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी थी रीतिका
रीतिका हुड्डा वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंडर-23 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहवान हैं। उन्होंने दिसंबर 2023 में अल्बानिया की राजधानी तिराणा में आयोजित अंडर-23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में बेहतर प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था। जिसकी बदौलत रीतिका भारत की पहली महिला पहलवान बन गई, जिन्होंने अंडर 23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले भारत के केवल एक पुरुष पहलवान ने ही अंडर 23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।